पिछले तीन साल से 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाई जाती है। यह राज्य जनसंख्या, संस्कृति, धार्मिक स्थल और साहित्य के अलावा राजनीतिको को लेकर भी चर्चा में रहती है। आज के इस पोस्ट में हम उत्तर प्रदेश राज्य के बारे में जानेंगे साथ ही इस दिवस का इतिहास, इस दिवस से जुड़ी और भी कई जानकारीयो को देखेंगे।
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के स्थापना होने के 70 साल पूरे हो चुके हैं। ऐसे में इस 24 जनवरी से लेकर 3 दिनों तक लखनऊ में उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस का समारोह मनाया जाएगा। जिसमें पूर्व राज्यपाल राम नाईक की पहल पर साल 2018 से उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस मनाया जाता है। यह तीसरा मौका है जब उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश एक सदियों पुराना ऐतिहासिक स्थल है, जिसका 4 हज़ार साल का समृद्ध इतिहास रहा है। यह राज्य गंगा, जमुना, तहजीब के लिए भी प्रचलित मानी जाती है। यह राज्य गंगा, जमुना और सरस्वती के संगम के लिए भी बहुत प्रचलित है। साथ ही यह राज्य खेती के लिए भी एक महत्वपूर्ण जगह है।
इसके अलावा यह राज्य राजनीतियों के लिए भी जाना जाता है। इतिहास में कई साम्राज्य के बनने बिगड़ने का महत्वपूर्ण कहानी यार आज का इतिहास में कई साम्राज्य के बनने बिगड़ने का महत्वपूर्ण कहानी बयान करता है। 24 जनवरी साल 2021 में इस राज्य के स्थापना होने के 70 साल पूरे हो चुके हैं। आज के इस पोस्ट में हम इस राज्य से सभी दिलचस्प बातों के बारे में जानेंगे —
उत्तर प्रदेश राज्य इतिहास
इस राज्य में 2 हज़ार से पूर्व में जब आर्य आए थे, तब से इस राज्य में हिंदू संस्कृति की नींव पड़ी। 400 ईसापूर्व के काल से नंद और मौर्य वंश ने जिस साम्राज्य की परिधि बनाई, उसके ह्रदय में शुंग, कुषाण, गुप्त, पाल, राष्ट्रकूट और फिर मुगलों ने इस भू-भाग को सुरक्षित करके रखा। यह राज्य केवल हिंदू संस्कृति ही नहीं बल्कि बौद्ध धर्म के प्रेरणादायक अतीत के गाथा की भूमि भी रही है।
24 जनवरी को उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस क्यों मनाई जाती है
दरअसल यूपी का स्थापना दिवस 24 जनवरी को दिन मनाए जाने के पीछे एक कारण है। 24 जनवरी साल 1950 से पहले यार आज यूनाइटेड प्रॉविंग के नाम से जाना जाता था। साल 1950 के 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश को उसका नाम मिला था। यह 1 अप्रैल साल 1937 को ब्रिटिश शासन के दौरान इसे संयुक्त प्रांत आगरा और अवध के रूप में स्थापित किया गया था। ब्रिटिश शासनकाल में इसे यूनाइटेड प्रोविंस कहां जाता था, जिसे साल 1950 में 24 जनवरी के दिन बदलकर उत्तर प्रदेश किया गया था।
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा राज्य
जनसंख्या के आधार पर उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। इस राज्य की जनसंख्या लगभग 22 करोड़ है, इस राज्य की जनसंख्या इतनी बड़ी है, कि अगर उत्तर प्रदेश एक राज्य ना होकर स्वतंत्र देश होता तो कई आबादी के आधार पर यूपी चीन, भारत, अमेरिका, इंडोनेशिया और ब्राजील के बाद छठा सबसे बड़ा देश होता। ईस राज्य के जनसंख्या अनुपात की बात करें, तो साल 2011 के जनगणना के अनुसार 1 हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 908 थी।
वर्तमान में सबसे ज्यादा जिलों वाला राज्य भी उत्तर प्रदेश ही है। यहां कुल 75 जिले हैं, दायरे के आधार पर लखामपुर खीरी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। यूपी के बाद 52 जिले वाले मध्यप्रदेश का नाम आता है। केवल 2 जिलों के साथ गोवा सबसे कम जिलों वाला प्रदेश है, इस राज्य की राजधानी लखनऊ है।
75 जिलों के अलावा राज्यों को 18 मंडलों में बांटा गया है। यह अलीगढ़ मंडल, आजमगढ़ मंडल, प्रयागराज मंडल, कानपुर मंडल, गोरखपुर मंडल, झांसी मंडल, बस्ती मंडल, चित्रकूट मंडल, अयोध्या मंडल, बरेली मंडल, देवीपाटन मंडल, आगरा मंडल, मुरादाबाद मंडल, मिरजापुर मंडल, मेरठ मंडल, वाराणसी मंडल, लखनऊ मंडल, सहारनपुर मंडल है।
उत्तर प्रदेश राज्य कितने वर्ग किलोमीटर में फैला है
उत्तर प्रदेश राज्य 243,290 वर्ग किलोमीटर यानि (93,933 वर्ग मील) को कवर करता है, जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 7.33% प्रतिशत के बराबर है।
उत्तर प्रदेश राज्य की भाषा
वैसे तो उत्तर प्रदेश इतना बड़ा राज्य है कि यहां आपको कुछ दूरी पर विभिन्न भाषा के लोग मिल जाएंगे। इस राज्य की भाषा की बात करें तो इस राज्य की भाषा हिंदी है। उत्तर प्रदेश की आबादी में 94.08% प्रतिशत लोग हिंदी बोलते हैं। हिंदी भाषा के अलावा इस राज्य में कई तरह की अन्य भाषाएं भी बोली जाती है। जैसे कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है अवधि, पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है भोजपुरी और ब्रज क्षेत्र के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली भाषा है ब्रज भाषा। उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा भी दिया जाता है।
यूपी उत्तर प्रदेश राज्य में किस धर्म के लोग सबसे ज्यादा है
उत्तर प्रदेश में हिंदू धर्म के लोग सबसे ज्यादा हैं। राज्य की तीन चौथाई से भी अधिक आबादी द्वारा हिंदू धर्म का अभ्यास किया जाता है। इसके बाद इस्लाम दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समूह है।
उत्तर प्रदेश की खासियत
उत्तर प्रदेश धर्मों व संस्कृति का एक महान केंद्र माना जाता है। वास्तुशिल्प, संगीत, नृत्यकला, चित्रकारी के लिए यह राज्य हिंदुओं की प्राचीन सभ्यता का धरोहर है। यहां के कई आश्रमों में मनुस्मृति, महाकाव्य, महाभारत, वाल्मीकि रामायण, मंत्र मनुस्मृति वैदिक साहित्य के मंत्र उल्लेखनीय से जीवंत विराजमान है। इस राज्य का संगीत से भी एक गहरा संबंध है। तानसेन और बैजू बावरा जैसे संगीतज्ञ मुगल शहंशाह अकबर के दरबार में थे। जो राज्य के पूरे देश में आज भी बिकवा विख्यात है।

भारतीय संगीत के 2 सर्वाधिक प्रसिद्ध वाद्य सीतार(वीणा परिवार का तंतु वाद्य) और तबले का विकास इसी काल के दौरान इस क्षेत्र में हुआ था। इसके अलावा भारतीय डांस ऑर्म की बात करें तो 18वीं शताब्दी में उत्तर प्रदेश के वृंदावन और मथुरा के मंदिरों में भक्ति पूर्ण नृत्य के तौर पर विकसित शास्त्रीय नृत्य शैली कथक उत्तर भारत की शास्त्रीय नृत्य शैलियों में सर्वाधिक प्रसिद्ध है।
लेखक और कवि
इस राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लोकगीत भी बहुत प्रचलित है। साहित्य की बात करें तो उत्तर प्रदेश की धरती पर एक से बढ़कर एक लेखक और कवि पैदा हुए हैं। जिनमें भारत इंदु हरीश चंद्र, गोस्वामी तुलसीदास, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, कबीर दास, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, तुलसीदास, मुंशी प्रेमचंद्र, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, “निराला” सूर्यकांत त्रिपाठी, सुमित्रानंदन पन्त, मैथलीशरण गुप्त, हरिवंश राय बच्चन,सोहन लाल द्विवेदी, महादेवी वर्मा, राही मासूम रजा, हजारी प्रसाद द्विवेदी, अज्ञेय इत्यादि कुछ ऐसे बड़े नाम है।
यही नहीं इस राज्य में केवल हिंदी या संस्कृत साहित्य ही समृद्ध नहीं है, उत्तर प्रदेश के साथ उर्दू साहित्य के एक से बढ़कर एक नाम भी जुड़े हुए हैं। अकबर इलाहाबादी, जोश मलीहाबादी, नजीर, फ़िराक, चकबस्त, वसीम बरेलवी, जैसे अनगिनत शायर केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं आज पूरे देश के शान बने हुए हैं।
साल 1989 में 24 जनवरी से महाराष्ट्र में रह रहे लोग हर साल इस तारीख को उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाते थे। इस बात को लेकर काफी विवाद भी हुआ, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने इस दिन को महाराष्ट्र में मनाने को लेकर विरोध किया था। महाराष्ट्र में 24 जनवरी को यूपी के स्थापना दिवस कार्यक्रम का श्रेय अमरजीत मिश्र करते थे। उनकी ख्वाहिश थी कि इस दिन को उत्तर प्रदेश में भी मनाया जाए।
जब राम नाईक यूपी के राज्यपाल बने तो अमरजीत ने राज्यपाल के सामने इस प्रस्ताव को रखा। जिस पर राज्यपाल ने निर्णय लेते हुए तत्कालीन समाजवादी सरकार के पास प्रस्ताव भेजा। लेकिन किसी कारण से वह सफल नहीं हो पाया। बाद में राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई, तो फिर से राज्यपाल राम नाईक के द्वारा प्रस्ताव भेजा गया। जिसके बाद योगी आदित्यनाथ के सरकार के द्वारा प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए हर साल उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। साल 2018 से ही इस दिन को उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस को मनाया जाता है।
हर साल 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश की स्थापना दिवस होती है। साल 2021 में 24 जनवरी के दिन उत्तर प्रदेश के स्थापना स्थापना होने के 70 साल पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अन्य सभी नेताओं ने मिलकर यूपी के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी।
20 जनवरी साल 1950 से उत्तर प्रदेश को यह नाम दिया गया था। वहीं पूर्व राज्यपाल राम नाईक की पहल पर यूपी का पहला स्थापना दिवस मनाया गया था। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के स्थापना दिवस के समारोह में हिस्सा लिया। तो आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न नेताओं ने किस तरह से इस दिवस की शुभकामनाएं दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य के सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दी। त्याग, तप, परंपरा और संस्कृति के पावन भूमि रहने वाला यह राज्य आज पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने UP के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी —
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य के सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दी। त्याग, तप, परंपरा और संस्कृति के लिए प्रचलित पावन भूमि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरी यह कामना है कि चौतरफा विकास की ओर अग्रसर रहने वाला उत्तर प्रदेश इस तरह ही नई ऊंचाइयों को छूता रहे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी के स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मेरे सभी भाइयों और बहनों को मैं उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। इस प्रदेश के विकास की अपार संभावनाएं हैं, जिन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर काम हो रहा है। ईश्वर से मेरी यही कामना है की उत्तर प्रदेश लगातार समृद्ध और विकसित होती रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश वासियों को उत्तर प्रदेश की स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने सुबह कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम और लीलाधर श्री कृष्ण की पावन जन्म भूमि का यह प्रदेश भारत के ह्रदय प्रवेश, भारतीय संस्कृति का उद्गम स्थल है। उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस पर सभी निवासियों को इस दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। ओम बीड़ला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बीड़ला ने भी इस दिवस पर उत्तर प्रदेश वासियों को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करके लिखा कि भारत के इतिहास आध्यात्मिक संस्कृति, कला, साहित्य, स्थापत्य, पर्यटन के साथ ही सभी क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश का हमेशा अद्भुत योगदान और विशेष स्थान रहा है। आज उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश को इस गौरव यात्रा पर गतिमान रहने और प्रदेश वासियों की उन्नति व खुशहाली की कामना है।
यूपी के स्थापना दिवस का उद्घाटन रविवार 24 जनवरी के दिन अवध शिल्पग्राम में किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने की जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके मुख्य अतिथि रहे।
यह यूपी दिवस के का चौथा संस्करण था जो 24 जनवरी से 26 जनवरी तक चलेगा। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस बार लखनऊ के साथ-साथ नोएडा में भी यह दिवस मनाया जाएगा। इसके तहत गौतम बुद्ध नगर में स्थित नोएडा हाट में 24 जनवरी से लेकर 10 फरवरी तक एक जिला एक उत्पाद योजना पर आधारित प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है। औपचारिक उद्घाटन के लिए कल सीएम योगी आदित्यनाथ नोएडा भी जाएंगे।
साल 2021 में यूपी के स्थापना दिवस का थीम
इस साल उत्तर प्रदेश दिवस का थीम “आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश, महिला युवा किसान, सबका विकास सबका सम्मान है”। उद्घाटन समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को सम्मानित किया जाएगा। जिसके तहत खेल जगत में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले पुरुष एवं महिला खिलाड़ियों को लक्ष्मण पुरस्कार और रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार दिए जाएंगे। दूध उत्पादकों को गोकुल पुरस्कार और नंदबाबा पुरस्कार दिए जाएंगे। कृषि विभाग द्वारा 3 किसानों को भी पुरस्कृत किया जाएगा।
इस मौके पर तरह-तरह के विभागों की योजनाओं में पात्र रहने वाले व्यक्तियों को लाभान्वित किया जाएगा। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत उन्नत टूल किट का वितरण किया जाएगा। विभागीय योजनाओं के तहत लाभार्थियों को ऋण भी दिया जाएगा ।
खादी ग्रामोद्योग विभाग के जरिए सोलर चरखा, दोना पत्तल का मशीन, इलेक्ट्रॉनिक चाक का वितरण किया जाएगा। इसके अलावा हर एक जिले में एमएसएमई(MSME) विभाग के जरिए प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है।
एमएसएमई विभाग का एप भी इस मौके पर लांच किया जाएगा। यूपी के स्थापना दिवस के अवसर पर ODOP प्रदर्शनी, हुनर हाट प्रदर्शनी उत्तर प्रदेश सरकार के 4 साल की उपलब्धियों की प्रदर्शनी, पर्यटन विभाग की प्रदर्शनी, महिला एवं बाल विकास कल्याण विभाग की मशीन शक्ति पर आधारित प्रदर्शनी, संस्कृति विभाग की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
उत्तर प्रदेश पर्यटन के दृष्टि से भी बेहद प्रचलित है
इस राज्य में एक से बढ़कर एक चीज़े देखने को मिलती है। पर्यटकों के लिए उत्तर प्रदेश में कई धार्मिक स्थल है तो वही मोहब्बत की सबसे खूबसूरत निशानी ताजमहल भी इसी राज्य में स्थित है। तीर्थ स्थानों में वाराणसी, अयोध्या, विंध्याचल, प्रयाग, मथुरा, चित्रकूट, शाकम्भरीदेवी सहारनपुर, नैमिषारण्य, देवा शरीफ, सोरों इत्यादि सभी धार्मिक जगह इसी राज्य में स्थित है।