राष्ट्रीय मतदाता दिवस(National Voters Day)वोट देना हर एक नागरिक का अधिकार होता है, क्योंकि देश के नागरिक के वोट से ही यह तय होता है। कि आने वाली सरकार किसकी होगी पूरे देश भर में आज के दिन ही राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है जो कि हमें लोकतंत्र में आम आदमी की के ताकत का एहसास कराता है।
आज के इस पोस्ट में हम आपको राष्ट्रीय मतदाता दिवस से जुड़ी सारी जानकारी देंगे जैसे कि यह दिवस क्यों मनाया जाता है, इस दिवस की शुरुआत कैसे हुई और अन्य कई जानकारी हम इस पोस्ट में आपको देने वाले हैं इसीलिए आप इस पोस्ट को अवश्य पूरा पढ़ें।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआत in राष्ट्रीय मतदाता दिवस(National Voters Day)
भारत निर्वाचन आयोग पूरे देश में इस बार 11 वा राष्ट्रीय मतदाता दिवस होगा। 25 जनवरी साल 2021 को पूरा देश 11 वा राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाएगी . साल 1950 से स्थापित चुनाव आयोग के 61 वें स्थापना वर्ष पर 25 जनवरी साल 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस का शुभारंभ किया। इस आयोजन के दो प्रमुख विषय थे एक “समावेशी और गुणात्मक भागीदारी” और दूसरा “कोई मतदाता पीछे ना छूटे” .
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के दिन देश के हर एक नागरिक को अपने राष्ट्र के हर एक के चुनाव में भागीदारी के लिए शपथ लेनी चाहिए। क्योंकि भारत के हर एक व्यक्ति का वोट ही देश के आने वाले भविष्य की नींव रखता है। इसीलिए हर एक व्यक्ति को राष्ट्र के निर्माण में अपना सफल भागीदारी देना जरूरी होता है। और सफल भागीदारी तब कायम होती है जब व्यक्ति यह तय करें कि इस देश के आने वाले भविष्य के लिए कौन से नेता आपके वोट के अधिकारी हैं। इसीलिए आपको लालच, भेदभाव को त्याग कर जान समझ कर ही वोट देना चाहिए।
भारत में मतदान की नुन्यतम आयु पहले किस वर्ष थी। in राष्ट्रीय मतदाता दिवस(National Voters Day)
दरअसल पहले मतदाता के राष्ट्रीयकरण के लिए आयु 21 साल थी। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, साल 1950 को संशोधित करने वाले साल 1989 के अधिनियम 21 के साथ गठित संविधान के 61 वें संशोधन अधिनियम, साल 1988 के द्वारा मतदाता के पंजीकरण की न्यूनतम आयु को 18 साल तक कम कर दी गई है। इसे 28 मार्च साल 1989 से लागू किया गया था।
भारत निर्वाचन आयोग in राष्ट्रीय मतदाता दिवस(National Voters Day)
भारत में जितने भी चुनाव होते हैं उनको निष्पक्षता से संपन्न कराने की जिम्मेदारी “भारत निर्वाचन आयोग” की होती है। “भारत निर्वाचन आयोग” का गठन भारतीय संविधान के लागू होने से एक दिन पहले यानी 25 जनवरी साल 1950 को हुआ था। क्योंकि 26 जनवरी सन 1950 को भारत एक गणतांत्रिक देश बनने वाला था और भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओ से चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग का गठन होना बेहद जरूरी था। इसीलिए 25 जनवरी साल 1950 को “भारत निर्वाचन आयोग” का गठन हुआ।

कैसे मनाया जाता है “राष्ट्रीय मतदाता दिवस” in राष्ट्रीय मतदाता दिवस(National Voters Day)
भारत सरकार ने साल 2011 से हर चुनाव में देश के हर एक व्यक्ति की भागीदारी बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग की स्थापना दिवस “25 जनवरी” को ही “राष्ट्रीय मतदाता दिवस” के रूप में मनाने की शुरुआत की गयी थी। साल 2011 से ही हर साल 25 जनवरी को “राष्ट्रीय मतदाता दिवस” मनाने की शुरुआत हुई। इस दिन देश में सरकारो और विभिन्न सामाजिक संस्थाओ द्वारा लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने की कोशिश की जाती है, जिसके लिए अनेक तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है। जिससे कि देश की राजनीतिक प्रक्रियाओ में लोगों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
25 जनवरी को भारत के हर एक नागरिक को लोकतंत्र में विश्वास रखते हुए यह शपथ लेनी चाहिए। कि वे देश की स्वतंत्रता निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने की लोकतांत्रिक परंपरा को हमेशा बरकरार रखेंगे। और प्रत्येक चुनाव में धर्म, नस्ल, जाति, भाषा, समुदाय के आधार पर प्रभावित ना होकर निडर व निष्पक्षता से मतदान करेंगे। हर साल 25 जनवरी को लाखों लोग ऐसी शपथ लेते हैं।
लेकिन आज भी कुछ लोग इस शपथ पर अमल नहीं होते। क्योंकि आज भी लोग जाति-भेद, भाषाई भेद-भाव व सांप्रदायिक भेदभाव के आधार पर ही वोट देते हैं। इससे ज्यादातर अपराधी प्रवृत्ति के लोग ही देश की संसद व विधान सभाओं में प्रतिनिधि चुनकर देश की नींव उनके हाथों में थमा देते हैं। इसीलिए भारत के हर एक नागरिक को सांप्रदायिक और जातीय आधार से ऊपर उठकर एक सफल देश के नागरिक के तौर पर सही प्रतिनिधि चुनना चाहिए।
मतदाता दिवस के दिन भाषण प्रतियोगिता नए वोटर्स को वोटर आईडी विवरण, हस्ताक्षर अभियान, वोटर्स की फोटोग्राफी आयोजन होते हैं। देश में मतदान योग्य वयस्कों का पता लगाने, वोटर्स को चिन्हित करने के लिए, वोटर संख्या पता करने के लिए, वोटिंग को बढ़ावा देने के लिए भी मतदान दिवस मनाया जाता है।
“राष्ट्रीय मतदाता दिवस” का उद्देश्य in राष्ट्रीय मतदाता दिवस(National Voters Day)
“राष्ट्रीय मतदाता दिवस” का उद्देश्य लोगों की मतदान में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ मतदाताओं को एक अच्छा साफ, सुथरा, छवि चुनने के लिए मतदान करने के लिए जागरूक करना भी है। हमारे लोकतंत्र को पूरे विश्व में इतना मजबूत बनाने के लिए मतदाताओं के साथ-साथ भारत के निर्वाचन आयोग का भी एक अहम योगदान है। हमारे निर्वाचन आयोग के वजह से ही देश में निष्पक्ष चुनाव संभव हो पाते हैं। इसीलिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर देश के हर एक मतदाता को अपने सक्रिय भागीदारी के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करने का संकल्प लेना चाहिए।
भारत में हर साल 25 जनवरी के दिन “राष्ट्रीय मतदाता दिवस” के तौर पर मनाया जाता है। पूरे विश्व में भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान को लेकर कम होते रुझान को देखते हुए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाने लगा है।

इसे मनाए जाने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य था कि पूरे देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में हर साल उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जाएगी। जिनकी उम्र 1 जनवरी को 18 वर्ष हो चुके हो ऐसे में 18 वर्ष या इससे भी अधिक उम्र के नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज किए जाएंगे। और उन्हें निर्वाचन के लिए नए मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में दर्ज किए जाएंगे और उन्हें निर्वाचन फोटो पहचान पत्र भी सोपे जाएंगे। पहचान पत्र बांटने का काम शैक्षणिक, सामाजिक व गैर राजनीतिक व्यक्ति ही करेंगे। इस मौके पर हैं मतदाताओं को एक बैज भी दिया जाएगा, जिसमें लोगों के साथ नारा अंकित होगा “मतदाता बनने पर गर्व है, मतदान को तैयार हैं”।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी in राष्ट्रीय मतदाता दिवस(National Voters Day)
- “राष्ट्रीय मतदाता दिवस” का आयोजन 25 जनवरी साल 2011 से शुरू हुआ।
- साल 2011 से पहले राष्ट्रीय मतदाता दिवस का दिन अस्तित्व में नहीं था।
- भारत में वोटिंग के लिए 18 साल की आयु निर्धारित की गई है।
- पूरे विश्व में सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत देश का है।
- मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना एक स्वैच्छिक प्रक्रिया होती है।
- मतदान केंद्र वाले हर क्षेत्र में हर साल उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जाती है, जिनकी उम्र 1 जनवरी को 18 साल हो चुके होते हैं।
- “राष्ट्रीय मतदाता दिवस” की शुरुआत साल 1950 में चुनाव आयोग के 61 वें स्थापना दिवस पर हुआ था।
देश के लिए देश के प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य in राष्ट्रीय मतदाता दिवस(National Voters Day)
हर साल देश में राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन भारत के नागरिकों को अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्य को याद दिलाता है। यही नहीं राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन होने के द्वारा लोगों को यह भी बताया जाता है कि देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए मतदान करना बेहद जरूरी है। भारत के आने वाले भविष्य के निर्माण में देश के हर एक नागरिक का मतदान प्रक्रिया में भागीदारी बहुत जरूरी है। क्योंकि आम आदमी का एक वोट ही सरकार बदल देती है हम सब का एक वोट ही पल भर में एक अच्छा प्रतिनिधि चुन सकती है और एक बेकार प्रतिनिधि भी चुन सकती है। इसीलिए भारत के हर एक नागरिक को अपने मत का प्रयोग समझ बूझ कर ही करना चाहिए।
और ऐसी सरकारि प्रतिनिधि चुनने के लिए भी करनी चाहिए जो कि देश को विकास व तरक्की के पथ पर ले जा सके। भारत देश की 65% आबादी युवाओं की है इसीलिए देश के हर एक चुनाव में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी करनी चाहिए। और ऐसी सरकारें चुननी चाहिए जो कि सांप्रदायिकता, जातिवाद से ऊपर उठकर देश के विकास के बारे में सोचें, देश के विकास व कल्याण के कार्य करें। जिस दिन देश के हर एक युवा जाग जाएगा उस दिन इस देश से जातिभेद, ऊंच-नीच, सांप्रदायिक जैसे भेदभाव, सभी प्रकार के अवैध कार्य बंद हो जाएंगे। यह सिर्फ और सिर्फ तभी संभव हो पाएगा, जब देश के हर एक नागरिक अपनी ताकत का सफल प्रयोग करें।
हमें उम्मीद है मतदाता दिवस से जुड़ी यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। इस पोस्ट में हमने आपको मतदाता दिवस से जुड़ी हर एक जानकारी के बारे में बताया है। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई तो इसे पोस्ट को लाइक करें और ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। ताकि आने वाले मतदाता दिवस के साथ ही जो व्यक्ति अपनी नागरिकता के जिम्मेदारी को, अपने कर्तव्य व ताकत को नहीं पहचानते नहीं समझते हैं उन सबको उनके ताकत व कर्तव्य का एहसास हो सके।
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