पूरी दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली इंटरनेशनल मैगज़ीन टाइम्स(Time Magazine) ने बीते साल 2020 में दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची बिल्कीस दादी शहीन बाग आंदोलन में सबसे आगे रहने वाली बिल्कीस दादी को भी शामिल किया है। खास बात यह है कि टाइम मैगजीन ने शहीन बाग आंदोलन के दौरान दादी के नाम से मशहूर हुई बिल्कीस को भी दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया 82 वर्ष की बिल्कीस दादी
उस वक्त सुर्खियों में मशहूर हुई थी जब उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग आंदोलन में धरना पर बैठ कर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया।
नागरिकता संशोधन कानून CAA के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन में 82 वर्ष की बिलकिस दादी का नाम खूब सुर्खियों में छाया हुआ था। बिल्किस दादी ने धरना प्रदर्शन में अपनी अच्छी खासी उपस्थिति दर्ज करा कर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा था और इसीलिए उन्हें शाहीन बाग की दादी का नाम भी दिया गया। फिर जाकर एक बार फिर से बिल्किस दादी का नाम सुर्खियों में आया। क्योंकि बीते साल 2020 में टाइम मैगजीन ने बिल्कीस दादी को साल 2020 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया है।
सब दुनिया के प्रभावशाली लोगों में नाम आने के बाद बिल्किस दादी ने कहा —
साल 2020 के सितंबर महीने में जारी किए गए 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद बिल्किस दादी ने कहा था कि मैं बहुत खुश हूं कि मुझे इस तरह से सम्मानित किया गया, हालांकि मुझे इसकी उम्मीद भी नहीं थी। दुनिया के सबसे प्रभावशाली 100 लोगों में बिल्किस दादी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अभिनेता आयुष्मान खुराना, जीव वैज्ञानिक रविंद्र गुप्ता और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई भी सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल है।
दुनिया के एक सौ प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में जारी हुए हैं इन हस्तियों के नाम
इस लिस्ट में वह सभी अग्रणी कलाकार नेता आइकन और सर्वमान्य लोग शामिल है, जिनका साल 2020 में अधिक प्रभाव पड़ा है। बिल्किस बानो ने कहा कि मैंने सिर्फ कुरान शरीफ ही पढ़ि है और मैं कभी स्कूल भी नहीं गई। लेकिन आज मैं बहुत उत्साहित और खुश हूं और मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस सूची में शामिल करने के लिए बधाई देती हूं। यह भी मेरे बेटे जैसे हैं अगर मैंने उन्हें जन नहीं दिया तो क्या हुआ मेरी बहन ने उन्हें जन्म दिया है इसीलिए मैं उनके लंबी उम्र और खुशी के लिए प्रार्थना भी करती हूं।

मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि प्रदर्शन का चेहरा बन कर उभरी थी बिल्किस दादी जो कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली है। इनके पति करीब 10, 11 साल पहले ही गुजर चुके हैं और बिल्कीस वर्तमान अपने घर यूपी के बुलंदशहर में नहीं बल्कि दिल्ली में अपने बहू बेटों के साथ रहती है।
कौन है बिल्कीस दादी
बिल्कीस दादी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के दौरान सिर्फ खास मौके पर ही नजर आई थी। वह सुबह से लेकर रात तक धरना देती दिखाई दी थी उन्होंने इस विरोध में आखिरी समय तक इस विरोध में बने रहने की बात भी कही थी। बिल्किस दादी दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड में प्रदर्शन स्थल पर मौजूद रही और शाहीन बाग के प्रदर्शन में लोगों का आवाज बन गई। बिल्किस दादी के तेवर भी कुछ कम नहीं थे बिल्किस दादी के बयान लेते समय जब उनसे पूछा गया कि उनका नाम क्या है तो उन्होंने अपना नाम भी नहीं बताया प्रदर्शन के दौरान उनका नाम पूछा गया तो उन्होंने कह दिया कि हम नाम नहीं बताएंगे क्योंकि हमारे पास दस्तावेज नहीं है।
कहां की रहने वाली हैं बिल्कीस दादी
मशहूर बिलकिस बानो उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली है। लेकिन वे वर्तमान अपने बच्चों के साथ दिल्ली में ही रहती है उनके पति खेती मजदूरी करते थे जो अब इस दुनिया में नहीं है। प्रदर्शन के दौरान बिल्किस दादी ने बताया कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी किसी राजनीतिक आंदोलन में भाग नहीं लिया था। इससे पहले वे सिर्फ एक घरेलू महिला ही हुआ करती थी। उन्होंने पहले कभी अपना घर नहीं छोड़ा था लेकिन इस प्रदर्शन में उनका खाना सोना सब कुछ धरना स्थल पर ही होता था। और वे कुछ समय के लिए कपड़े बदलने व नहाने के लिए ही अपने घर जाती थी।
शाहीन बाग के CAA आंदोलन में क्यों शामिल हुई बिल्किस दादी
बिल्किस दादी से प्रदर्शन के दौरान जब पूछा गया कि आखिर इस उम्र में उन्हें धरने पर बैठने की क्या जरूरत है। तो उनका जवाब था कि यह जानने के बाद कि मेरे बच्चों को इस देश से बाहर निकाल दिया जा सकता है। तो वह घर में कैसे आराम से बैठ सकती है। उनका कहना था कि जब तक उनके बच्चों का जीवन सुरक्षित होगा तब तक वे धरना स्थल को नहीं छोड़ेंगे।
किसानों के आंदोलन में भी समर्थन देने पहुंची बिल्कीस दादी
किसानों के चल रहे आंदोलन के समर्थन में भी बीते साल बिल्कीस दादी सिंधु बॉर्डर पर पहुंची थी। फिर पुलिस ने उन्हें वहां से वापस भेज दिया इससे पहले उन्होंने कहा था कि हम किसानों की बेटियां है, आज हम किसानों के प्रदर्शन के स्थल पर जाकर उनका समर्थन करेंगे। हम जरूर आवाज उठाएंगे और सरकार को हमारी बात सुननी ही पड़ेगी। पुलिस ने कहा कि हम एक वरिष्ठ नागरिक है और कोरोना महामारी के कारण हमने उन्हें सिंधु बॉर्डर पर ही रोक दिया और उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें वापस जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी तरह की असुविधा ना हो इसीलिए पुलिस के एक दलके साथ उन्हें दक्षिण पूर्वी दिल्ली में स्थित उनके घर पहुंचा दिया गया।
यानी कि नए कृषि कानून के विरोध प्रदर्शन में किसानों को शहीन बाग की दादी का भी साथ मिला दादी ने कहा कि किसान जो आवाज उठा रहे हैं सरकार को यह आवाज सुननी चाहिए। जानकारी के अनुसार बताया गया था कि बिल्किस शादी ने बिना कोई सूचना दीए ही यूपी गेट पर किसान नेताओं से मुलाकात करके उन्हें अपने समर्थन का आश्वासन देने पहुंचे थे।
किसान हाल ही में बताए गए नए कृषि कानून द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स एक्ट, द फार्रर्स (एंपावरमेंट एंड प्रोटेक्शन ) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एंड फॉर्म सर्विसेस एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज(एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।