Wednesday, June 7, 2023
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15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है साल 2021 में भारत का 73 वा सेना दिवस मनाया गया। इस साल भारत का 73वा सेना दिवस मनाया जा रहा है।

सेना दिवस के दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य कई कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली व सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है। सेना दिवस के मौके पर पूरा देश सेना के वीरता, कुर्बानी और उनके शवों को याद करता है। इस पोस्ट में हम आपको सेना दिवस से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं इसलिए आप इस पोस्ट को पूरा पढ़े।

सेना में दो स्थल पर मेडल दिए जाते हैं एक युद्ध के दौरान बहादुरी दिखाने पर और दूसरा शांति के दौरान वीरता दिखाने पर। यह वीरता पुरस्कार साल में दो बार घोषित किए जाते हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर और स्वाधीनता दिवस के अवसर पर। इन पुरस्कारों का वरीयता क्रम है परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र।

क्यों मनाया जाता है भारतीय सेना दिवस

15 जनवरी यानी आज के दिन ही साल 1949 में फील्ड मार्शल के.एम करिअप्पा(Field Marshal KM) ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। फील्ड मार्शल के.एम करिअप्पा भारतीय आर्मी के पहले ब्रिटिश कमांडर इन चीफ बने थे।

करिअप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष में हर साल यह दिन मनाया जाता है। करिअप्पा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी। आर्मी डे पर पूरा देश थल सेना के अदम्य साहस, वीरता, शौर्य और उनकी कुर्बानियों को याद करता है।

आजादी के बाद देश में कई प्रशासनिक समस्याएं पैदा होने लगी थी और फिर इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा था। भारतीय सेना के अध्यक्ष तब भी ब्रिटिश मूल के ही हुआ करते थे। 15 जनवरी साल 1949 को फील्ड मार्शल के.एम करिअप्पा स्वतंत्र भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे। उस समय सेना में करीब 2 लाख सैनिक थे के एम करिअप्पा के सेना प्रमुख बनाए जाने के बाद से ही हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाने लगा।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत

आर्मी दिवस के अवसर पर पूरी दुनिया में आर्मी के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने अपना संदेश देते हुए कहा कि हम उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं, जिनकी कर्तव्य के प्रति वीरता और सर्वोच्च बलिदान हमें नए सिरे से दृढ़ता के साथ खुद को समर्पित करने के लिए प्रेरित करता है।

भारतीय सेना का गठन साल 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था। इंडियन आर्मी चीन और अमेरिका के साथ दुनिया के 3 सबसे बड़े आर्मी में शामिल है। साल 2013 में उत्तराखंड की बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए चलाया जाने वाला “ऑपरेशन राहत” दुनिया का सबसे बड़ा सिविलियन रेस्क्यू ऑपरेशन था।

शहीदों को श्रद्धांजलि

15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है साल 2021 में भारत का 73 वा सेना दिवस मनाया गया। इस साल भारत का 73वा सेना दिवस मनाया जा रहा है।

इस दिन दिल्ली के इंडिया गेट पर बने अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। साथ ही शहीदों की विधवाओं या परिवार वालों को सेना मेडल और अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जाता है। भारतीय आर्मी का गठन साल 1776 में इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था। आज भारतीय आर्मी के 53 कैंटोनमेंट और 9 आर्मी बेस हैं।

भारतीय सेना जो दिन रात देश के सीमा पर चौकसी करते हैं ये लोग भारत के गौरवशाली इतिहास है और इतिहास इस बात का गवाह है कि भारतीय सेना ने हर कदम पर भारत को रक्षा करके अपने साहस, वीरता व बलिदान कर का परिचय दिया है। अपना बलिदान देकर साहस, वीरता और शौर्य की परिचय दिया है। इस दिन सेना के प्रमुख दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले जवानों और जंग के दौरान देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों की विधवाओं को सेना मेडल और अन्य कई तरह के पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है।

क्या होता है भारतीय सेना दिवस के दिन 

15 जनवरी यानि आर्मी डे पर दिल्ली के परेड ग्राउंड पर परेड, प्रदर्शनी जैसे कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी दी जाती है, झांकियां निकाली जाती है, इस सब के साथ भारतीय सेना दिवस को हर साल बेहद ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। जिन्होंने कभी ना कभी अपने देश और लोगों की सलामती के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था। इस अवसर पर सेना के मुख्यालयों में भी तरह तरह के कार्यक्रम मनाया जाता है। आर्मी के जवानों के दस्ते और अलग-अलग रेजीमेंट की परेड आयोजित होती है।

जनरल ऑफिसर कमांडिंग, हेडक्वार्टर दिल्ली की अगुवाई में परेड निकाली जाती है। आर्मी चीफ सलामी देते हुए परेड का निरीक्षण करते हैं यह परेड भी गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा होता है। इस बार तीनों सेनाओं के प्रमुखों के अलावा भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत भी इस परेड में शामिल हुए।

हर साल जनवरी महीने में थल सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है और इस दौरान सेना अपने साहस, वीरता का परिचय देते हुए अच्छे अच्छे प्रदर्शन करते हैं। इसके अलावा इस दिन को श्रद्धा के साथ भी देखा जाता है जब सीमा पर दिन-रात तैनात होकर सभी देशवासियों के साथ ही देश की रक्षा करते हैं।

दिल्ली में आयोजित परेड के दौरान अन्य देशों के सैन्य अतिथियों और सैनिकों के परिवार वालों को बुलाया जाता है। सेना इस दिन जंग का एक नमूना भी पेश करते हैं और अपनी प्रतिक्रिया कौशल व रणनीति के बारे में बताते हैं। इस परेड और हथियारों के प्रदर्शन का उद्देश्य यही होता है कि दुनिया को अपनी ताकत का एहसास

कराया जा सके। साथ ही देश के युवा पीढ़ी को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करने का भी लक्ष्य रखा जाता है। थल सेना दिवस पर सेना प्रमुख शाम को चाय पार्टी का आयोजन करते हैं जिसमें तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर, भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य सभी शामिल होते हैं।

भारतीय थल सेना से जुड़ी जानकारी 

भारतीय थल सेना के प्रशासनिक और सामरिक कार्य संचालन का नियंत्रण थल सेनाध्यक्ष करता है। सेना को अधिकतर थल सेना ही समझा जाता है, यह चीज भी है क्योंकि रक्षा-पंक्ति में थल सेना का ही प्रथम और प्रधान स्थान होता है। इस समय लगभग 13 लाख सैनिक -असैनिक थल सेना में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं। जबकि साल 1948 में सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे, थल सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है साल 2021 में भारत का 73 वा सेना दिवस मनाया गया। इस साल भारत का 73वा सेना दिवस मनाया जा रहा है।

थल सेना दिवस देश के जाबाज़ जवानों की शहादत पर गर्व करने का भी एक विशेष से मौका होता है। 15 जनवरी साल 1949 के बाद से ही भारत की सेना ब्रिटिश सेना से पूर्ण रूप से मुक्त हुई थी, इसीलिए 15 जनवरी को थल सेना दिवस घोषित किया गया। यह दिन देश की एकता और अखंडता के प्रति संकल्प लेने का दिन है यह दिवस भारतीय सेना के आजादी का जश्न होता है।

यह वही आजादी है जो साल 1949 में 15 जनवरी के दिन भारतीय सेना को मिली थी। इस दिन के.एम करिअप्पा को भारतीय सेना का कमांडर इन चीफ बताया गया था। इस तरह लेफ्टिनेंट करिअप्पा लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बन गए थे। इसके पहले यह अधिकार ब्रिटिश मूल के फ्राँसिस बुचर के पास था और वह इस पद पर थे। साल 1948 में सेना में करीब 2 लाख सैनिक थे। लेकिन अब 11 लाख 30 हज़ार भारतीय सैनिक थल सेना में अलग-अलग पदों पर कार्य कर रहे हैं।

के.एम करिअप्पा

साल 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में जन्म हुए फील्ड मार्शल करिअप्पा ने केवल 20 वर्ष की आयु में ही ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी शुरू की थी। करिअप्पा ने साल 1947 के भारत-पाक युद्ध में भी पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्व किया था। भारत-पाक आजादी के समय उन्हें दोनों देशों की सेनाओं के बंटवारे की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

साल 1953 करिअप्पा सेना से रिटायर हो गए थे। भारतीय सेना में फील्ड मार्शल का पद ही सर्वोच्च होता है। यह पद सम्मान स्वरूप दिया जाता है। भारतीय इतिहास में अभी तक यह रैंक केवल दो अधिकारियों को दिया गया है। देश के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ है उन्हें जनवरी 1973 में राष्ट्रपति ने फील्ड मार्शल के पद से सम्मानित किया था। के एम करिअप्पा देश के दूसरे फील्ड मार्शल थे, उन्हें साल 1986 में फील्ड मार्शल बनाया गया था।

भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना भारत के दुश्मनों से हमें सुरक्षित रखती हैं। लेकिन हम में से कुछ लोगों को ही इनके बारे में व उनके बलिदानों के बारे में जानकारी होगी। आइए जानते हैं भारतीय सेना के कुछ महत्वपूर्ण तत्वों के बारे में।

भारतीय सेना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण जानकारी —

  •  भारतीय सेना साल 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा गठित की गयी थी। 
  • भारतीय सेना दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना है। भारतीय सेना में लगभग 1,129, 900 सक्रिय सैनिक और 960,000 आरक्षित सैनिक मौजूद हैं।
  • भारत ने अपने आखिरी 100000 वर्षों के इतिहास में किसी भी देश पर हमला नहीं किया है।
  • साल 1982 के अगस्त महीने में भारतीय सेना ने भारत के सबसे ऊंचे पुल का भी निर्माण किया। यह पुल लद्दाख वैली में द्रास और सुरू नदियों के बीच बना हुआ है।
  • साल 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में भारत 120 सेना के जवानों ने 2000 पाकिस्तानी सेना के जवानों को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था।
  • भारतीय सेना “सियाचिन ग्लेशियर” में काम करती है जो समुद्र तल से लगभग 5000 मीटर ऊपर है यह दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र माना जाता है।
  • साल 1835 में गठित हुई असम राइफल्स, भारत की सबसे पुराणी अर्धसैनिक बल है।
  • हर साल सेना दिवस के उपलक्ष में दिल्ली छावनी के करिअप्पा परेड ग्राउंड में परेड आयोजन किया जाता है।
  • भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी “स्वैच्छिक” सेना है।
  • भारतीय सेना में किसी भी व्यक्ति की जाती या धर्म नहीं देखा जाता।
Jhuma Ray
Jhuma Ray
नमस्कार! मेरा नाम Jhuma Ray है। Writting मेरी Hobby या शौक नही, बल्कि मेरा जुनून है । नए नए विषयों पर Research करना और बेहतर से बेहतर जानकारियां निकालकर, उन्हों शब्दों से सजाना मुझे पसंद है। कृपया, आप लोग मेरे Articles को पढ़े और कोई भी सवाल या सुझाव हो तो निसंकोच मुझसे संपर्क करें। मैं अपने Readers के साथ एक खास रिश्ता बनाना चाहती हूँ। आशा है, आप लोग इसमें मेरा पूरा साथ देंगे।
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