आज के दौर में लोगों की सबसे बड़ी परेशानी है सिर दर्द। जीवन में हर एक व्यक्ति को किसी ना किसी समय पर तनावग्रस्त होना पड़ता है और ऐसे में व्यक्ति का तनाव खुद को एक दर्द के रूप में पेश करता है। वह दर्द ही धीरे-धीरे समय के साथ बढ़ जाता है और ऐसा लगता है कि आपके सिर पर बहुत सारे दबाव डाल रहे हैं जैसे कोई आपके सिर को नीचोर रहा है। इस पोस्ट में हम आपको सिर दर्द होने के कारण और उन से छुटकारा पाने के उपाय के बारे में बताएंगे। अगर आप भी सर दर्द की बीमारी से परेशान है तो आप इस पोस्ट को जरूर पढ़े। अगर आपको भी अपने सिर दर्द का कारण समझ नहीं आ रहा है, तो इस पोस्ट पूरा पढ़े फिर आपको समझ आ जाएगा कि आपको क्यों और कारण से सिर दर्द की समस्या हो रही है। और जब आप सिर दर्द के कारण को जान जाएंगे तो आप उस पर ध्यान देकर अपने सिर दर्द को ठीक कर सकते हैं।
कुछ सिर दर्द अपने आप में ही एक बीमारी होते हैं, जो कि प्राइमरी सिरदर्द कहलाता है। ऐसे सिर दर्द खुद अपने आप में ही एक बीमारी है। ऐसे दर्द किसी और बीमारी का लक्षण नहीं होते इनकी अपनी ही एक हस्ती होती है। जैसे माइग्रेन, टेंशन, क्लस्टर यह सब फेमस सिरदर्द के प्रकार है। सिर दर्द के प्रकारों में जिस दर्द का वजह पता नहीं चलता या जो दर्द ठीक नहीं होता उस सिर दर्द को प्राय डॉक्टर भी माइग्रेन के खाते में ही डाल देते हैं। सिर दर्द खास तौर पर डेंगू या किसी तेज बुखार का भी लक्षण हो सकता है। खांसी, ज़ुखाम से लेकर बुखार होने पर सिर दर्द होना अनिवार्य होता है। इसके अलावा कभी कभार इस दर्द के पीछे भारी बीमारी होने की भी आशंका हो सकती है जैसे कि दिमाग में ट्यूमर, मस्तिष्क में अचानक खून उतर जाना ये सब कारण भी सिरदर्द का कारन होते हैं।
लेकिन ऐसे दर्द अचानक कुछ दिनों में शुरू होते हैं और ज्यादा बढ़ जाते हैं। लेकिन आजकल के दौर में सर दर्द एक आम बीमारी हो गई है बच्चों से लेकर बूढ़े तक हर एक आदमी को सिर दर्द की पीड़ा से गुजरना पड़ता है। क्योंकि अब हमारे खान-पान से लेकर वातावरण तक किसी भी चीज में शांति और शुद्धता नहीं बची है और आप लोग तो जानते ही होंगे कि हमारे शरीर में एक बीमारी से दूसरे बीमारी पैदा होती है जिसे पकड़ने के लिए एक सतर्क डॉक्टर की आवश्यकता पड़ती है। पहले जमाने में जब एमआरआई, सीटी स्कैन जैसे महंगे टेस्ट नहीं होते थे तब भी सिर दर्द का निदान करना डॉक्टर के लिए उतना ही बड़ा काम होता था और आज भी यह उतनी ही बड़ी चुनौती है। तो आइए जानते हैं सिर दर्द होने के कारण और उसके निदान के बारे में।
तनाव के कारण होने वाले सर दर्द
तनाव के कारण होने वाले दर्द में आपके सिर के दोनों तरफ का हिस्सा ही ज्यादा प्रभावित होता है। यहां तक कि आपके अगली गर्दन की मांसपेशियों को भी दर्द का महसूस होने लगता है। ऐसा दर्द आपके पूरे सिर पर हो सकती है या फिर केवल एक तरफ हो सकती है। इसके अलावा आपके सिर के पीछे वाले हिस्से में भी दर्द का एहसास हो सकता है। तनाव के कारण सिर में होने वाले दर्द अगर ज्यादा बड़े तो आपके गर्दन में भी दर्द का प्रभाव होता है। ऐसे दर्द थोड़ी देर के लिए ही आपके साथ रहते हैं। लेकिन कभी कभार यह दर्द कई घंटों के लिए हो सकते हैं। तनाव के कारण होने वाले सिर दर्द गंभीर रूप नहीं लेते और अधिकतर आप जो कुछ पहले से कर रहे होते हैं वह दर्द के साथ भी कर सकते हैं।
तनाव के कारण होने वाले सिर दर्द के बच्चा मैं आपके आपका तनाव और चिंता आपको पूरी तरह से चिंता ग्रस्त कर देते हैं और आपकी मांसपेशियों को कष्ट देते हैं जिस कारण आपके सिर में दर्द होने लगता है। इसके अलावा कंप्यूटर स्क्रीन पर लगातार देखने के कारण भी आपके चेहरे, गर्दन और आपके सिर के मांसपेशियों में तनाव हो सकते हैं। जब आप पूरी तरह से थक जाते हैं तो भी आपके सर के मांसपेशियों में दर्द और तनाव हो सकते हैं। कुछ लोगों को ज्यादा शोर होने, किसी प्रकार के बदबू आने से और निर्जलीकरण होने से भी तनाव की स्थिति पैदा होती है। जिस कारण सर में भारी दर्द होने लगता है।
माइग्रेन सिरदर्द
सिरदर्द के एक प्रकार को माइग्रेन भी कहा जाता है यह सिरदर्द का आम रूप है। माइग्रेन के दर्द में आपके सिर के सामने या किनारों पर गंभीर थ्रोबिंग के रूप में दर्द अनुभव होता है। आमतौर पर यह आपके सिर के एक तरफ को प्रभावित करता है लेकिन कुछ लोगों के लिए आखिर में और उसके आसपास दर्द माइग्रेन के कारण होने वाले सिर दर्द में प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशील होना शामिल है माइग्रेन या माइग्रेन से पीड़ित व्यक्तियों को विषाक्त में सोच कर सकते हैं माइग्रेन से होने वाले सिर दर्द में आप उनकी भी महसूस कर सकते हैं।
माइग्रेन के कारण होने वाले दर्द के कारण की बात करें तो कुछ प्रकार के खाद्य उत्पाद, पर्याप्त मात्रा में नींद ना लेना या हार्मोनल परिवर्तन भी माइग्रेन के वजह हो सकते हैं। माइग्रेन के तकलीफ को दूर करने के लिए दर्द निवारक दवा काम आ सकती है। लेकिन अगर दवा को दर्द शुरू होने से पहले ही लिया जाए यानि जैसे कि व्यक्ति को लगे कि उनका माइग्रेन शुरू होने वाला है ऐसे में व्यक्ति उसी समय दवा ले ले तो उनका माइग्रेन दूर हो सकता है। और ध्यान रखें कि कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की अनुमति जरूर ले माइग्रेन की तकलीफ होने वाले लोगों को रोग प्रतिरोधक की दवा भी लेनी आवश्यक होती है।
क्लस्टर सिरदर्द
क्लस्टर सिरदर्द बहुत दुर्लभ होता है करीब 1000 लोगों में से केवल एक या दो को ही इस दर्द का अनुभव हो सकता है। यह दर्द माइग्रेन की तुलना में बहुत दर्दनाक और खतरनाक होता है। महिलाओं की तुलना में ज्यादातर पुरुष क्लस्टर सिरदर्द से पीड़ित होते हैं और यह धूम्रपान करने वाले पुरुषों में ही देखा जाता है। यह दर्द ज्यादातर समूह या समूहों में अनुभव होता है। कई हफ्तों या महीनों में प्रत्येक 1 से 8 बार सिरदर्द होता है। यह दर्द आम तौर पर रात के दौरान शुरू होता है और यह दर्द ज्यादातर एक या दो घंटे तक होता है।

क्लस्टर दर्द में व्यक्ति के आँखों के चारों ओर और पीछे की ओर दर्द का एहसास होता है और हमेशा यह दर्द एक तरफ (दाएं या बाएं) ही देखा जाता है। क्लस्टर सिरदर्द का दर्द बहुत जल्द ही आता है यह करीब 5 से 10 मिनट के भीतर चोटी पर होता है उसी स्तर पर आधा या एक घंटा रहता है। ज्यादातर यह तीन चार घंटों के लिए नहीं होता और यह दर्द अचानक बंद भी हो जाता है। क्लस्टर सिरदर्द में पीड़िता को दर्द होने से पहले और होने के दौरान काफी उत्तेजित हो चिंतित महसूस होता है। इससे दर्द बहुत गहरा होता है जिस कारण व्यक्ति इसमें होने पर सोच नहीं पाते कि वे क्या करें।
क्लस्टर सिरदर्द का कारण
क्लस्टर सिरदर्द हाइपोथैलेमस नामक मस्तिष्क के हिस्से से काफी हद तक जुड़ा हुआ है। जो शरीर के तंत्रिका तंत्र को शरीर के अन्य कार्यों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। इसमें कुछ अनुवांशिक लिंक भी है, क्लस्टर सर दर्द के दौरान व्यक्ति को अल्कोहल का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा क्लस्टर सिरदर्द में पेट्रोल और पेंट के धुँए, गंध आदि शामिल होती है। इसके अलावा धूम्रपान भी क्लस्टर सिरदर्द का कारण हो सकता है इसीलिए सिर दर्द की समस्या होने पर धूम्रपान बंद करने की या कम से कम धुम्रपान करने की सलाह दी जाती है। क्लस्टर सर दर्द के समय सर को दबाने से कुछ हद तक राहत मिलती है।
साइनस सिरदर्द
साइनस के कारण होने वाले सिर दर्द में आपके आंखें और नाक के पीछे मौजूद गुहा होता है वहीं दर्द होता है। साइनस का दर्द सूजन साइनस और श्लेष्म के निर्माण का परिणाम है। इससे गुहाओं में दबाव होता है जो दर्द में बदल जाता है जो लोग इससे पीड़ित है उनके लिए सुबह के समय गंभीर सिरदर्द होता है।
साइनस से होने वाले सिर दर्द में व्यक्ति को चेहरे के आसपास के क्षेत्र में कोमलता और उनकी आंखों के ऊपर माथे में काफी सिर दर्द महसूस होता है। यह आमतौर पर पल्सिंग दर्द के साथ मिलकर होता है। आप जितना ज्यादा घूमते हैं यह दर्द और खराब होता जाता है। इस दर्द में आपके चेहरे में सूजन की समस्या भी हो जाती हैं इससे आपकी दृष्टि भी धुंधली हो सकती है और आप अस्वस्थ महसूस कर सकते हैं। और आपके नाक से अत्याधिक बलगम निकलता है।
दरअसल साइनस संक्रमण पर केंद्रित होता है यह एंटीबायोटिक्स की मदत से हासिल किया जा सकता है हालांकि वे वायरल संक्रमण के खिलाफ उपयोगी नहीं है। साइनस के दर्द में डॉक्टर की सलाह पर दर्द से राहत के लिए दर्द निवारक दवा लिया जा सकता है।
हार्मोन सिर दर्द
हार्मोनल सिर दर्द से खासतौर पर महिलाओं को गुजारना पड़ता है। और यह हार्मोन से संबंधित सिर दर्द होता हैं इनमें मासिक धर्म के दौरान होने वाले माइग्रेन शामिल हो सकते हैं। दरअसल 50% से अधिक महिलाओं को माइग्रेन के दर्द से गुजारना पड़ता है उन्होंने अपने इस माइग्रेन के दर्द को अपने अवधि के साथ कनेक्शन में देखा है।
एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में गिरावट के परिणाम स्वरुप महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल सिर दर्द हो सकता है। जो महिलाए गर्भनिरोधक गोली लेती है उन महिलाओं को भी हार्मोनल सिर दर्द की समस्या होती है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान भी अक्सर महिलाओं में सिर दर्द देखा जाता है। हार्मोनल सिरदर्द में आहार पर ध्यान देकर, नियमित रूप से नींद पूरी करके और तनाव से दूर रहकर बचा जा सकता है।
सिर दर्द के अन्य प्रकार और कारण क्या हो सकते हैं
अत्यधिक शराब का सेवन करने या फ्लू और सर्दी से संबंधित समस्या होने पर सिर दर्द का अनुभव होता है। अगर आप के जबड़े में चबाने वाली हिस्से मांसपेशियों में कोई दिक्कत है और आपको अपने दर्द का अनुभव हो रहा है तो आपके सिर में भी दर्द हो सकता है।
इसके अलावा सिर दर्द के कई कारण हो सकते हैं
मुख्य रूप से अत्यधिक शारीरिक और मानसिक परेशानी व परिश्रम होने पर, तनाव लेने पर, पर्याप्त मात्रा में नींद ना लेने पर, भूखे रहने पर, अत्यधिक शोरगुल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के करीब आने पर हो सकता है। कभी कभार ज्यादा मात्रा में सोचने और पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीना भी सिर दर्द का कारण होता है।
रोजाना ध्यान करें
जब शरीर और मन में तनाव को संभालना मुश्किल हो जाता है। तब यह सिरदर्द का रूप ले लेता है ऐसे में ध्यान करने से तनाव कम होता है। आप जितना ज्यादा और जितनी बार ध्यान करते हैं आपका तनाव दूर होता है। यानी कि रोजाना आपको 10 से 20 मिनट ध्यान जरूर करना चाहिए। इसके अलावा पेट में भी कोई समस्या होती है तो यह विभिन्न अंगों में उपस्थित विष का रूप ले लेती है और इससे भी भारी सिर दर्द होते हैं।
ऐसे में ध्यान करने से शरीर के विभिन्न अंगों में उपस्थित विष दूर होती है और तनाव को दूर करने में भी रोज़ किया जाने वाला ध्यान अहम भूमिका रखता है। रोज़ाना ध्यान शरीर में संतुलन को स्थापित करता है। ध्यान करने से आपके पाचन तंत्र को भी संतुलित रखने में सहयोग होता है। जब आप हर दिन एक या दो बार 10 से 20 मिनट का ध्यान करते हैं तो यह केवल आपके शरीर को ही नहीं बल्कि आपके दिमाग शांत करके मन को भी तरोताजा करता है। इस क्षेत्र में बढ़ा हुआ रक्त प्रवाह भी सर दर्द की संभावना को कम करता है, ध्यान के अलावा आप कुछ योगासन भी कर सकते हैं जो रक्त संचार को बढ़ाते हैं। जैसे कि हलासन, सर्वंगासन और हस्तपादासन।
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