Friday, December 8, 2023
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साल 2020 एक ऐसा साल जिसमें घटने वाले कुछ ऐसी घटनाएं जो हमेशा याद रखी जाएगी

साल 2020 खत्म हो चूका है। और इसी के साथ नए साल 2021 की शुरूआत हो चुकी है। यूं तो ये साल कोरोना वायरस की वजह से हमेशा याद रहेगा ही लेकिन 2020 कुछ और भी ऐसी घटनाएं है जिनकी वजह से ये साल हमेशा याद किया जाएगा। हम आपको साल 2020 में  घटने वाले कुछ ऐसी ही घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस वजह से उत्तर प्रदेश पुरे साल चर्चा में रहा।  

PM नरेंद्र मोदी ने रखी श्रीराम मंदिर की नींव  

सदियों से चल रहा बाबरी मस्जिद और राम मंदिर का विवाद साल 2019 में ही खत्म हो गया था जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया। लेकिन राम मंदिर की नींव साल 2020 में 5 अगस्त के दिन रखी गई। शायद हिंदू धर्मावलंबी राम भक्तों के लिए यह साल कुछ हद तक अच्छा भी रहा। क्योंकि इस साल मंदिर भगवान श्री राम मंदिर निर्माण कार्य की शुरूआत और मंदिर के शिलान्यास करके मंदिर निर्माण करने की नींव रखी गई।

अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सपना सच हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को पुरे विधि विधान के साथ राम मंदिर की नींव रखी । इस मंदिर के भूमि पूजन के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत सब मौजूद थे। मंदिर के पुरोहितों ने व बड़े बड़े विद्वानों ने प्रधानमंत्री से विधिवत पूजा अर्चना कराई। इस दौरान चांदी की नौ शिलाओं का पूजन किया गया। इसके बाद पीएम मोदी ने प्रभु श्रीराम से साक्षात दंडवत कर देश की तरक्की और कोरोना के नाश का वरदान मांगा। भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद हर हर महादेव, जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाए गए।  

अयोध्‍या में भव्य दीपोत्‍सव का आयोजन हुआ 

श्रीराम की नगरी अयोध्‍या में सरयू के तट पर विराट, भव्‍य दीपोत्सव के आयोजन ने विश्‍व कीर्तिमान बना दिया है। इस दीपोत्सव को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया। इस दीपोत्‍सव में 5 मिनट से अधिक समय तक 6 लाख 6 हजार 569 मिट्टी के दीए प्रज्‍जवलित किए गए। इस दीपोत्सव से रामनगरी प्रकाशमान हो उठी। अयोध्या में मनाए गए इस ‘दीपोत्सव’ समारोह ने सरयू नदी के तट पर मिट्टी के दीपक जलाए जाने के बाद ‘तेल के सबसे बड़े प्रदर्शन’ के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का एक अलग रिकॉर्ड बनाया है। 492 साल बाद श्री रामलला विराजमान प्रांगण में दीप जलने के बाद 13 नवंबर साल 2020 का दिन अयोद्धा वासी व देश के सभि राम भक्तो के लिए बेहद यादगार बन गया। 492 साल के लंबे इंतजार के बाद इस बार पहला ऐसा अवसर था जब श्री राम जन्मभूमि स्थल पर दीए जलाए गए।

बिकरू कांड और गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर

कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र स्थित बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात एक दिल दहला देने वाली वारदात हुई। गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुंडों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा के साथ आठ और पुलिसवालों पर गोलीबारी करके उनकी जान ले ली। विकास दुबे ने पूरी तैयारी के साथ चारों ओर से घेर कर पुलिस पर हमला किया था। पुलिस की गाड़ियों का रास्ता रोकने के लिए रास्ते में जेसीबी मशीन खड़ी करवा रखी थी। 

इस घटना ने पुरे देशभर में हंगामा कर दिया। वारदात के बाद फरार हुए विकास दुबे पर पुलिस ने पांच लाख रुपए का जुर्माना रखा। कई पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हुई। धीरे-धीरे पुलिस विकास के गेंग का खात्मा करती गई। उधर, विकास MP में जाकर पकड़ा गया। UP पुलिस जब उसे वापस ला रही थी, तब रास्ते में गाड़ी पलट गई और इस मौके का फायदा उठाकर विकास ने भागने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस की गोली से विकास ढेर हो गया। जिसके बाद पुलिस के इस एनकाउंटर पर काफी सवाल उठे।

हाथरस गैंगरेप 

14 सितंबर साल 2020 को हाथरस में दलित युवती से गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया। हैवानों ने ना सिर्फ गैंगरेप किया, बल्कि उस मासूम युवती के साथ हैवानियत करने की सारी हदें पार कर दीं। इस मामले में यूपी पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए गए। जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही युवती ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके बाद देर रात करीब 2:30 बजे UP पुलिस ने ही पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया। युवती के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जबरदस्ती से उनकी बेटी के शव को जला दिया और युवती के परिवार को पता भी नहीं चला। पुलिस का यह काम सवालों के घेरे में रहा। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया। और बाद में इस मामले की जांच अब CBI कर रही है। 

“लव जिहाद’ का कानून उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार ने विधानसभा उपचुनाव के दौरान ऐलान किया था कि उत्तर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ को लेकर एक कानून लाया जाएगा। 24 नवंबर कैबिनेट बैठक में ‘गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक’ को मंजूरी दी। 28 नवबंर साल 2020 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी। यूपी सरकार ने कहा कि इस कानून का प्रमुख मकसद खासतौर से महिलाओं को सुरक्षा देना है।

साल 2020 एक कयामत

कोरोना वायरस दुनिया के लिए वह कयामत बनकर आया जो दुनिया आने वाले कितने सालों तक नहीं भूल पाएगी। साथ ही आने वाली जनरेशन को भी इस खतरनाक काल के बारे में पता चलने पर उनके भी दिल दहल जाएंगे। भारत में 30 जनवरी साल 2020 को पहला कोरोना वायरस सामने आया था। और 17 मार्च को कर्नाटक में कोरोना वायरस से पहली मौत हुई थी। इसको फैलने से रोकने के लिए तब भारत में पहली बार 25 मार्च से लॉकडाउन लगा दिया गया। फिर जाकर 30 मई साल 2020 के बाद सरकार ने सारे पाबंदियों के साथ लॉकडाउन को हटाया लेकिन उस पीरियड में भी देश ने एक बार फिर उन लम्हों को जिया जो दर्दनाक लम्हें साल 1947 में देश के बंटवारे के दौरान सामने आए थे। देश में कई जगह फैले लोगों के लिए मीलों का सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन गया।

कोरोना का दौर और उसमें लगा लॉकडाउन एक ऐसी स्थिति थी जब भूखे प्यासे मजदूर लोग उम्मीद में शहरों से अपने गांव लौट रहे थे। प्रवासी मजदूरों के दिखने वाले फोटो और वीडियो आम लोगों को झकझोर देने वाले थे। गोद में बच्चों को लेकर सिर पर समान लेकर घर जाने के लिए निकले लोगों की तस्वीर बहुत दर्दनाक थी। साल 2020 में पता नहीं कितने ही लोग दूरी तय करते करते इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। कुछ लोग भूखे प्यासे ही इस दुनिया को अलविदा कह गए और कुछ लोग कोरोना वायरस के संक्रमण में आकर इस दुनिया को छोड़ कर चल दिए। कोरोना से लगा लॉकडाउन एक ऐसा दौर था जब पता नहीं कितने ही लोगों को इस दुनिया को छोड़कर जाना पड़ा।

लॉकडाउन के माहौल में जब महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मजदूर थककर रात में रेल की पटरी पर सोए हुए थे तब मालगाड़ी ने आकर 16 मजदूरों को कुचल दिया। इतिहास कभी भी महामारी के त्रादसी के साथ इन प्रवासी लोगों के घर पहुंचने के लालसा में हुए मौत के त्रासदी को नहीं भूल पाएगा। शायद आज तक किसी ने सोचा नहीं था कि साल 2020 कितने ही लोगों की जान ले लेगा और पता नहीं कितने ही लोगों की जिंदगी को बर्बाद करके चला जाएगा। अब शायद साल 2020 जाने पर कुछ लोगों को कुछ पल के लिए खुशी महसूस हुई होगी। और लोग नई आशा और उम्मीद से नए साल को जीने की तैयारी कर रहे हैं।

GDP की हालत हुई खराब

साल 2020 में कोरोना वायरस के आने से पहले भी इकोनॉमी की हालत कुछ अच्छी नहीं थी। लेकिन कोरोना काल दौरान लगाए गए लॉकडाउन ने इकोनॉमी की कमर तोड़ कर रख दी। देश के सारे मार्केट बंद किए गए, 12 फरवरी से 23 मार्च तक इक्विटी मार्केट में 37 प्रतिशत तक की गिरावट हुई। फरवरी में रेपो रेट 5.15 % से घटकर 4% रह गई। साल 2020 में भारत सहित कई देशों की अर्थव्यवस्था डगमगा कर रह गई। भारत की बात करें तो भारत की GDP में अप्रैल महीने से जून के तिमाही में माइनस 23.9 प्रतिशत की हो गई।

IPL विना दर्शकों की मौजूदगी में ही आयोजित हुई

क्या आपने सोचा था कि बिना दर्शकों के अगर आईपीएल खेला जाए तो स्टेडियम कैसा दिखेगा? जी नहीं। शायद दुनिया में किसी ने कभी यह कल्पना नहीं की होगी कि कभी स्टेडियम में बिना दर्शकों के मैच का आयोजन हो सकता है। लेकिन कोरोना वायरस ने यह भी करके दिखा दिया। कोरोना से जूझते दौर में बीसीसीआई ने आईपीएल का 13 वा सीजन दर्शकों के मौजूदगी बिना ही कराने का फैसला लिया। क्रिकेट के दीवानों ने घरो में रहकर ही TV में आईपीएल देखा जिससे व्यूअरशिप 23% बढ़ गई।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत

लोगों के लिए 2020 का साल मानो कि दुख की लॉटरी या फेस्टिवल्स को साथ लेकर आया था। इस साल पूरे भारत वासियों के दिल पर राज करने वाले इरफान खान की कैंसर से मौत हुई, जिससे प्रशासन को गहरा झटका लगा। करोड़ों भारतीयों के दिलों में राज करने वाले ऋषि कपूर भी कैंसर से लड़ते-लड़ते दुनिया को अलविदा कह गए। शायद इतने तक लोगों के मन माननीय था लेकिन 14 जून साल 2020 को आई एक खबर ने पूरे बॉलीवुड इंडस्ट्री के साथ पूरे देश को हिला कर रख दिया।

पूरे देशवासियों के मन में बॉलीवुड के प्रति हीन भावना आने लगी और वह खबर थी करोड़ों दिलों पर राज करने वाले एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत। जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि यह मामला आत्महत्या है, उसके बाद पता चला कि आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या का केस है। उसके बाद पुरे बॉलिवुड इंडस्ट्री का भेद खुलते ही चला गया। फिल्मी इंडस्ट्री के कई सितारों के नाम सामने आए इसके बाद लोग फिल्म इंडस्ट्री से कतराने लगे। रिया चक्रबर्ती पर सुशांत सिंह के मौत का इलज़ाम आया, जिसके बाद सारे भेद अपने आप खुलने चले गए।

रिया चक्रवर्ती के बाद फिल्म जगत के कई मशहूर अभिनेता और अभिनेत्रियों के ड्रग्स लेने की बात सामने आई। सुशांत सिंह की मौत पूरे देश भर के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां तक कि यह बिहार के चुनावी मुद्दों तक भी पहुंच गई। इसके अलावा बॉलीवुड में इतने सालों तक कभी ना सुनाई देने वाला ड्रक्स की मौजूदगी की खबर भी सामने आई। जिसके बाद कई मशहूर सेलिब्रिटीज पर ड्रग्स लेने के आरोप लगे जो अभी तक चल रहे हैं।

साल 2020 एक ऐसा साल जिसमें घटने वाले कुछ ऐसी घटनाएं जो हमेशा याद रखी जाएगी 

साल 2020 खत्म हो चूका है। और इसी के साथ नए साल 2021 की शुरूआत हो चुकी है। यूं तो ये साल कोरोना वायरस की वजह से हमेशा याद रहेगा ही लेकिन 2020 कुछ और भी ऐसी घटनाएं है जिनकी वजह से ये साल हमेशा याद किया जाएगा। हम आपको साल 2020 में  घटने वाले कुछ ऐसी ही घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस वजह से उत्तर प्रदेश पुरे साल चर्चा में रहा।  

PM नरेंद्र मोदी ने रखी श्रीराम मंदिर की नींव  

सदियों से चल रहा बाबरी मस्जिद और राम मंदिर का विवाद साल 2019 में ही खत्म हो गया था जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया। लेकिन राम मंदिर की नींव साल 2020 में 5 अगस्त के दिन रखी गई। शायद हिंदू धर्मावलंबी राम भक्तों के लिए यह साल कुछ हद तक अच्छा भी रहा। क्योंकि इस साल मंदिर भगवान श्री राम मंदिर निर्माण कार्य की शुरूआत और मंदिर के शिलान्यास करके मंदिर निर्माण करने की नींव रखी गई।

अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सपना सच हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को पुरे विधि विधान के साथ राम मंदिर की नींव रखी । इस मंदिर के भूमि पूजन के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत सब मौजूद थे। मंदिर के पुरोहितों ने व बड़े बड़े विद्वानों ने प्रधानमंत्री से विधिवत पूजा अर्चना कराई। इस दौरान चांदी की नौ शिलाओं का पूजन किया गया। इसके बाद पीएम मोदी ने प्रभु श्रीराम से साक्षात दंडवत कर देश की तरक्की और कोरोना के नाश का वरदान मांगा। भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद हर हर महादेव, जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाए गए।  

अयोध्‍या में भव्य दीपोत्‍सव का आयोजन हुआ 

श्रीराम की नगरी अयोध्‍या में सरयू के तट पर विराट, भव्‍य दीपोत्सव के आयोजन ने विश्‍व कीर्तिमान बना दिया है। इस दीपोत्सव को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया। इस दीपोत्‍सव में 5 मिनट से अधिक समय तक 6 लाख 6 हजार 569 मिट्टी के दीए प्रज्‍जवलित किए गए। इस दीपोत्सव से रामनगरी प्रकाशमान हो उठी। अयोध्या में मनाए गए इस ‘दीपोत्सव’ समारोह ने सरयू नदी के तट पर मिट्टी के दीपक जलाए जाने के बाद ‘तेल के सबसे बड़े प्रदर्शन’ के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का एक अलग रिकॉर्ड बनाया है। 492 साल बाद श्री रामलला विराजमान प्रांगण में दीप जलने के बाद 13 नवंबर साल 2020 का दिन अयोद्धा वासी व देश के सभि राम भक्तो के लिए बेहद यादगार बन गया। 492 साल के लंबे इंतजार के बाद इस बार पहला ऐसा अवसर था जब श्री राम जन्मभूमि स्थल पर दीए जलाए गए।

बिकरू कांड और गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर

कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र स्थित बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात एक दिल दहला देने वाली वारदात हुई। गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुंडों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा के साथ आठ और पुलिसवालों पर गोलीबारी करके उनकी जान ले ली। विकास दुबे ने पूरी तैयारी के साथ चारों ओर से घेर कर पुलिस पर हमला किया था। पुलिस की गाड़ियों का रास्ता रोकने के लिए रास्ते में जेसीबी मशीन खड़ी करवा रखी थी। 

इस घटना ने पुरे देशभर में हंगामा कर दिया। वारदात के बाद फरार हुए विकास दुबे पर पुलिस ने पांच लाख रुपए का जुर्माना रखा। कई पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हुई। धीरे-धीरे पुलिस विकास के गेंग का खात्मा करती गई। उधर, विकास MP में जाकर पकड़ा गया। UP पुलिस जब उसे वापस ला रही थी, तब रास्ते में गाड़ी पलट गई और इस मौके का फायदा उठाकर विकास ने भागने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस की गोली से विकास ढेर हो गया। जिसके बाद पुलिस के इस एनकाउंटर पर काफी सवाल उठे।

हाथरस गैंगरेप 

14 सितंबर साल 2020 को हाथरस में दलित युवती से गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया। हैवानों ने ना सिर्फ गैंगरेप किया, बल्कि उस मासूम युवती के साथ हैवानियत करने की सारी हदें पार कर दीं। इस मामले में यूपी पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए गए। जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही युवती ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके बाद देर रात करीब 2:30 बजे UP पुलिस ने ही पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया। युवती के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जबरदस्ती से उनकी बेटी के शव को जला दिया और युवती के परिवार को पता भी नहीं चला। पुलिस का यह काम सवालों के घेरे में रहा। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया। और बाद में इस मामले की जांच अब CBI कर रही है। 

“लव जिहाद’ का कानून उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार ने विधानसभा उपचुनाव के दौरान ऐलान किया था कि उत्तर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ को लेकर एक कानून लाया जाएगा। 24 नवंबर कैबिनेट बैठक में ‘गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक’ को मंजूरी दी। 28 नवबंर साल 2020 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी। यूपी सरकार ने कहा कि इस कानून का प्रमुख मकसद खासतौर से महिलाओं को सुरक्षा देना है।

साल 2020 एक कयामत

कोरोना वायरस दुनिया के लिए वह कयामत बनकर आया जो दुनिया आने वाले कितने सालों तक नहीं भूल पाएगी। साथ ही आने वाली जनरेशन को भी इस खतरनाक काल के बारे में पता चलने पर उनके भी दिल दहल जाएंगे। भारत में 30 जनवरी साल 2020 को पहला कोरोना वायरस सामने आया था। और 17 मार्च को कर्नाटक में कोरोना वायरस से पहली मौत हुई थी। इसको फैलने से रोकने के लिए तब भारत में पहली बार 25 मार्च से लॉकडाउन लगा दिया गया। फिर जाकर 30 मई साल 2020 के बाद सरकार ने सारे पाबंदियों के साथ लॉकडाउन को हटाया लेकिन उस पीरियड में भी देश ने एक बार फिर उन लम्हों को जिया जो दर्दनाक लम्हें साल 1947 में देश के बंटवारे के दौरान सामने आए थे। देश में कई जगह फैले लोगों के लिए मीलों का सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन गया।

कोरोना का दौर और उसमें लगा लॉकडाउन एक ऐसी स्थिति थी जब भूखे प्यासे मजदूर लोग उम्मीद में शहरों से अपने गांव लौट रहे थे। प्रवासी मजदूरों के दिखने वाले फोटो और वीडियो आम लोगों को झकझोर देने वाले थे। गोद में बच्चों को लेकर सिर पर समान लेकर घर जाने के लिए निकले लोगों की तस्वीर बहुत दर्दनाक थी। साल 2020 में पता नहीं कितने ही लोग दूरी तय करते करते इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। कुछ लोग भूखे प्यासे ही इस दुनिया को अलविदा कह गए और कुछ लोग कोरोना वायरस के संक्रमण में आकर इस दुनिया को छोड़ कर चल दिए। कोरोना से लगा लॉकडाउन एक ऐसा दौर था जब पता नहीं कितने ही लोगों को इस दुनिया को छोड़कर जाना पड़ा।

लॉकडाउन के माहौल में जब महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मजदूर थककर रात में रेल की पटरी पर सोए हुए थे तब मालगाड़ी ने आकर 16 मजदूरों को कुचल दिया। इतिहास कभी भी महामारी के त्रादसी के साथ इन प्रवासी लोगों के घर पहुंचने के लालसा में हुए मौत के त्रासदी को नहीं भूल पाएगा। शायद आज तक किसी ने सोचा नहीं था कि साल 2020 कितने ही लोगों की जान ले लेगा और पता नहीं कितने ही लोगों की जिंदगी को बर्बाद करके चला जाएगा। अब शायद साल 2020 जाने पर कुछ लोगों को कुछ पल के लिए खुशी महसूस हुई होगी। और लोग नई आशा और उम्मीद से नए साल को जीने की तैयारी कर रहे हैं।

GDP की हालत हुई खराब

साल 2020 में कोरोना वायरस के आने से पहले भी इकोनॉमी की हालत कुछ अच्छी नहीं थी। लेकिन कोरोना काल दौरान लगाए गए लॉकडाउन ने इकोनॉमी की कमर तोड़ कर रख दी। देश के सारे मार्केट बंद किए गए, 12 फरवरी से 23 मार्च तक इक्विटी मार्केट में 37 प्रतिशत तक की गिरावट हुई। फरवरी में रेपो रेट 5.15 % से घटकर 4% रह गई। साल 2020 में भारत सहित कई देशों की अर्थव्यवस्था डगमगा कर रह गई। भारत की बात करें तो भारत की GDP में अप्रैल महीने से जून के तिमाही में माइनस 23.9 प्रतिशत की हो गई।

IPL विना दर्शकों की मौजूदगी में ही आयोजित हुई

क्या आपने सोचा था कि बिना दर्शकों के अगर आईपीएल खेला जाए तो स्टेडियम कैसा दिखेगा? जी नहीं। शायद दुनिया में किसी ने कभी यह कल्पना नहीं की होगी कि कभी स्टेडियम में बिना दर्शकों के मैच का आयोजन हो सकता है। लेकिन कोरोना वायरस ने यह भी करके दिखा दिया। कोरोना से जूझते दौर में बीसीसीआई ने आईपीएल का 13 वा सीजन दर्शकों के मौजूदगी बिना ही कराने का फैसला लिया। क्रिकेट के दीवानों ने घरो में रहकर ही TV में आईपीएल देखा जिससे व्यूअरशिप 23% बढ़ गई।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत

लोगों के लिए 2020 का साल मानो कि दुख की लॉटरी या फेस्टिवल्स को साथ लेकर आया था। इस साल पूरे भारत वासियों के दिल पर राज करने वाले इरफान खान की कैंसर से मौत हुई, जिससे प्रशासन को गहरा झटका लगा। करोड़ों भारतीयों के दिलों में राज करने वाले ऋषि कपूर भी कैंसर से लड़ते-लड़ते दुनिया को अलविदा कह गए। शायद इतने तक लोगों के मन माननीय था लेकिन 14 जून साल 2020 को आई एक खबर ने पूरे बॉलीवुड इंडस्ट्री के साथ पूरे देश को हिला कर रख दिया।

पूरे देशवासियों के मन में बॉलीवुड के प्रति हीन भावना आने लगी और वह खबर थी करोड़ों दिलों पर राज करने वाले एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत। जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि यह मामला आत्महत्या है, उसके बाद पता चला कि आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या का केस है। उसके बाद पुरे बॉलिवुड इंडस्ट्री का भेद खुलते ही चला गया। फिल्मी इंडस्ट्री के कई सितारों के नाम सामने आए इसके बाद लोग फिल्म इंडस्ट्री से कतराने लगे। रिया चक्रबर्ती पर सुशांत सिंह के मौत का इलज़ाम आया, जिसके बाद सारे भेद अपने आप खुलने चले गए।

रिया चक्रवर्ती के बाद फिल्म जगत के कई मशहूर अभिनेता और अभिनेत्रियों के ड्रग्स लेने की बात सामने आई। सुशांत सिंह की मौत पूरे देश भर के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां तक कि यह बिहार के चुनावी मुद्दों तक भी पहुंच गई। इसके अलावा बॉलीवुड में इतने सालों तक कभी ना सुनाई देने वाला ड्रक्स की मौजूदगी की खबर भी सामने आई। जिसके बाद कई मशहूर सेलिब्रिटीज पर ड्रग्स लेने के आरोप लगे जो अभी तक चल रहे हैं।

Jhuma Ray
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नमस्कार! मेरा नाम Jhuma Ray है। Writting मेरी Hobby या शौक नही, बल्कि मेरा जुनून है । नए नए विषयों पर Research करना और बेहतर से बेहतर जानकारियां निकालकर, उन्हों शब्दों से सजाना मुझे पसंद है। कृपया, आप लोग मेरे Articles को पढ़े और कोई भी सवाल या सुझाव हो तो निसंकोच मुझसे संपर्क करें। मैं अपने Readers के साथ एक खास रिश्ता बनाना चाहती हूँ। आशा है, आप लोग इसमें मेरा पूरा साथ देंगे।
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