बीते 5 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या जाकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के भव्य मन्दिर के निर्माण कार्य को शिलान्यास करके शुरू कीया था। जिसके बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Tirth Kshetra Trust) के अंडर में अभी नींव खुदाई और नींव निर्माण का काम चल रहा है। ऐसे में ट्रस्ट ने देश के सभी श्रद्धालुओं से राम मंदिर के निर्माण कार्य के लिए दान देने का आग्रह किया है।
भगवान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है की अयोध्या में मंदिर निर्माण में सहयोग देने वाले राम भक्तों को ऑनलाइन रसीद (Online Receipt) देने की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
देशवासी सभी राम भक्त चाहे तो विभिन्न माध्यम से राम मंदिर निर्माण कार्य में अपना सहयोग दे सकते हैं। वर्तमान कई श्रद्धालु ऑनलाइन ट्रांजैक्शन (RTGS) और नकद भुगतान की प्रक्रिया के जरिए राम मंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग दें रहे हैं।
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर करीब 1100 करोड़ का खर्च आने का अनुमान लगाया गया है। जीसमें मुख्य ढांचे का खर्च भी शामिल है। मंदिर के पूरा होने की बात करें तो करीब साढ़े तीन सालो में इस मंदिर के पूरा हो जाने की उम्मीद है।
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के लिए देश के सब राम भक्तो का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता संतों व शेष समाज के लोगों के साथ घर-घर जाएंगे।
विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महा-सचिव चंपत राय ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान की घोषणा की, और कहा कि आगामी मकर संक्रांति यानि 15 जनवरी से माघ-पूर्णिमा 27 फ़रवरी तक चलने वाले इस सघन अभियान में विहिप कार्यकर्ता देश के चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों से संपर्क करके श्री राम जन्मभूमि से रामत्व का प्रसार करेंगे । उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि वास्तव में राम मंदिर एक राष्ट्र मंदिर का रूप तब लेगा जब देश की हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र, भाषा के लोग इसमें सहयोग करें। असंख्य रामभक्तों के संघर्ष व बलिदान को नमन करते हुए उन्होंने देश के हर एक राम भक्त से इस राम काज के लिए बढ़-चढ़ कर आगे आने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें सिर्फ निधि-दानी ही नहीं बल्कि समय-दानी भी होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को फिरसे प्राप्त करने के लिए व देश के सम्मान की रक्षा करने के लिए हिन्दू समाज ने करीब पांच सदियों तक संघर्ष किया।
समाज की भावनाए व मंदिर से जुड़ी इतिहास की सच्चाइयों को देखते हुए सर्वोच्च अदालत ने भारत सरकार को एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया। सरकार ने “श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” नाम से एक ट्रस्ट की घोषणा की। प्रधान मंत्री मोदी ने 5 अगस्त को अयोध्या में पूजन करके मंदिर के निर्माण कार्य को गति प्रदान की।
जानकारी के मुताबिक बताया गया है की अभी मंदिर के निर्माण की तैयारी चल रही है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, तथा गुवाहाटी के IRT(इंस्टिट्यूट ऑफ़ रोड ट्रांसपोर्ट), CBRI (सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट) रुड़की, लार्सन एंड टूब्रो(L&T) तथा टाटा के विशेषज्ञ इंजीनियर मंदिर निर्माण के मजबूत नींव की ड्राइंग पर परामर्श कर रहे हैं। अब बहुत जल्द नींव का प्रारूप सामने आ जाएगा। यह पूरा मंदिर पत्थरों का है, और हर एक मंज़िल की ऊँचाई 20 फ़ीट, लंबाई 360 फ़ीट तथा चौड़ाई 235 फ़ीट है।
चंपत राय ने कहा कि देश की वर्तमान पीढ़ी को इस मंदिर के इतिहास से अवगत कराने की योजना बनाई गई है। कम से कम देश की आधी जनसंख्या को घर-घर जाकर श्रीराम जन्मभूमि की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराया जाएगा। इस कार्य में हम कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश का कोई कोना खाली नहीं छोड़ेंगे। अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, अंडमान, निकोबार तथा कच्छ के रण से पर्वतीय क्षेत्रों तक सम्पूर्ण भारत में विहिप कार्यकर्ता पहुंचकर राम मंदिर का परिचय देंगे और लोगो का सहयोग लेंगे। क्योंकि लोगों की प्रबल इच्छा है कि भगवान की जन्मभूमि पर जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण हो।
उन्होंने कहा कि इस जन-संपर्क अभियान में लाखों कार्यकर्ता जुटेंगे तथा समाज स्वेच्छा से सहयोग करेगा क्योंकि काम भगवान का है व मन्दिर भी राम का है। भगवान के कार्य में धन बाधा नहीं हो सकता. आर्थिक विषय में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए न्यास ने 10, 100 तथा 1000 रुपए के कूपन व रसीदें छापी हैं. समाज जैसा देगा उसी के अनुरूप कार्यकर्ता कूपन या रसीद देंगे. करोड़ों घरों में भगवान के मंदिर का चित्र भी पहुंचाएंगे
उन्होंने यह भी कहा कि इस जनसंपर्क के अभियान में लाखों कार्यकर्ता जुटेंगे और समाज के लोगों से सहयोग मांगेंगे। क्योंकि यह पुरुषोत्तम श्री राम जी का मंदिर बनने का काम है काम भगवान का है और मंदिर भी भगवान श्री राम का है। भगवान के किसी भी कार्य में किसी भी राम भक्तों का धन बाधा नहीं हो सकता, कम चाहे ज्यादा हर एक राम भक्त को इस ऐतिहासिक निर्माण के लिए सहयोग करना होगा। आर्थिक विषय में सभी राम भक्तों की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ट्रस्ट ने ₹10 रुपए, 100 रूपए और ₹1000 के कूपन छापी गई है। जिस तरह समाज अपना सहयोग देगा उसी के अनुरूप कार्यकर्ता रसीद देंगे और करोड़ों घरों में भगवान के मंदिर का चित्र पहुंचाएंगे।

दोस्तों हम यही कहेंगे कि हमारे भगवान श्री राम जी का जो पावन मंदिर तैयार होने वाला है जो अब से कितने ही वर्षों तक उसकी न्यूज़ पर बनी रहेगी हम कल चलकर भले ही ना रहे लेकिन उस मंदिर में के लिए हमारा किया हुआ आर्थिक सहयोग व श्रद्धा जरूर उस मंदिर के साथ बरकरार रहेगा। आप भी मंदिर निर्माण में अपना सहयोग अवश्य करें हमें उम्मीद है की मंदिर निर्माण से जुड़ी यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। जिस तरह आज लाखों की तादाद में नेता सहित कार्यकर्ता व ट्रस्ट के लोग सभी इस पावन स्थल पर मंदिर निर्माण करने में जोरों शोरों से जुटे हुए हैं। ऐसे में हमें भी इस कार्य में उनका पूरी श्रद्धा के साथ सहयोग करना चाहिए तभी चलकर हमारे हिंदू धर्म के भगवान श्री राम जी का मंदिर भगवान के जन्म लेने वाले पावन धरती पर बन पाएगा। हमें उम्मीद है कि आप इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करेंगे और सभी राम भक्तों तक पहुंचाएंगे।
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के लिए देश के सब राम भक्तो का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता संतों व शेष समाज के लोगों के साथ घर-घर जाएंगे।
विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महा-सचिव चंपत राय ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान की घोषणा की, और कहा कि आगामी मकर संक्रांति यानि 15 जनवरी से माघ-पूर्णिमा 27 फ़रवरी तक चलने वाले इस सघन अभियान में विहिप कार्यकर्ता देश के चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों से संपर्क करके श्री राम जन्मभूमि से रामत्व का प्रसार करेंगे . उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि वास्तव में राम मंदिर एक राष्ट्र मंदिर का रूप तब लेगा जब देश की हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र, भाषा के लोग इसमें सहयोग करें। असंख्य रामभक्तों के संघर्ष व बलिदान को नमन करते हुए उन्होंने देश के हर एक राम भक्त से इस राम काज के लिए बढ़-चढ़ कर आगे आने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें सिर्फ निधि-दानी ही नहीं बल्कि समय-दानी भी होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को फिरसे प्राप्त करने के लिए व देश के सम्मान की रक्षा करने के लिए हिन्दू समाज ने करीब पांच सदियों तक संघर्ष किया।
समाज की भावनाए व मंदिर से जुड़ी इतिहास की सच्चाइयों को देखते हुए सर्वोच्च अदालत ने भारत सरकार को एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया। सरकार ने “श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” नाम से एक ट्रस्ट की घोषणा की। प्रधान मंत्री मोदी ने 5 अगस्त को अयोध्या में पूजन करके मंदिर के निर्माण कार्य को गति प्रदान की।
जानकारी के मुताबिक बताया गया है की अभी मंदिर के निर्माण की तैयारी चल रही है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, तथा गुवाहाटी के IRT(इंस्टिट्यूट ऑफ़ रोड ट्रांसपोर्ट), CBRI (सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट) रुड़की, लार्सन एंड टूब्रो(L&T) तथा टाटा के विशेषज्ञ इंजीनियर मंदिर निर्माण के मजबूत नींव की ड्राइंग पर परामर्श कर रहे हैं। अब बहुत जल्द नींव का प्रारूप सामने आ जाएगा। यह पूरा मंदिर पत्थरों का है, और हर एक मंज़िल की ऊँचाई 20 फ़ीट, लंबाई 360 फ़ीट तथा चौड़ाई 235 फ़ीट है।
चंपत राय ने कहा कि देश की वर्तमान पीढ़ी को इस मंदिर के इतिहास से अवगत कराने की योजना बनाई गई है। कम से कम देश की आधी जनसंख्या को घर-घर जाकर श्रीराम जन्मभूमि की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराया जाएगा। इस कार्य में हम कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश का कोई कोना खाली नहीं छोड़ेंगे। अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, अंडमान, निकोबार तथा कच्छ के रण से पर्वतीय क्षेत्रों तक सम्पूर्ण भारत में विहिप कार्यकर्ता पहुंचकर राम मंदिर का परिचय देंगे और लोगो का सहयोग लेंगे। क्योंकि लोगों की प्रबल इच्छा है कि भगवान की जन्मभूमि पर जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण हो।
उन्होंने कहा कि इस जन-संपर्क अभियान में लाखों कार्यकर्ता जुटेंगे तथा समाज स्वेच्छा से सहयोग करेगा क्योंकि काम भगवान का है व मन्दिर भी राम का है। भगवान के कार्य में धन बाधा नहीं हो सकता. आर्थिक विषय में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए न्यास ने 10, 100 तथा 1000 रुपए के कूपन व रसीदें छापी हैं. समाज जैसा देगा उसी के अनुरूप कार्यकर्ता कूपन या रसीद देंगे. करोड़ों घरों में भगवान के मंदिर का चित्र भी पहुंचाएंगे
उन्होंने यह भी कहा कि इस जनसंपर्क के अभियान में लाखों कार्यकर्ता जुटेंगे और समाज के लोगों से सहयोग मांगेंगे। क्योंकि यह पुरुषोत्तम श्री राम जी का मंदिर बनने का काम है काम भगवान का है और मंदिर भी भगवान श्री राम का है। भगवान के किसी भी कार्य में किसी भी राम भक्तों का धन बाधा नहीं हो सकता, कम चाहे ज्यादा हर एक राम भक्त को इस ऐतिहासिक निर्माण के लिए सहयोग करना होगा। आर्थिक विषय में सभी राम भक्तों की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ट्रस्ट ने ₹10 रुपए, 100 रूपए और ₹1000 के कूपन छापी गई है। जिस तरह समाज अपना सहयोग देगा उसी के अनुरूप कार्यकर्ता रसीद देंगे और करोड़ों घरों में भगवान के मंदिर का चित्र पहुंचाएंगे।
दोस्तों हम यही कहेंगे कि हमारे भगवान श्री राम जी का जो पावन मंदिर तैयार होने वाला है जो अब से कितने ही वर्षों तक उसकी न्यूज़ पर बनी रहेगी हम कल चलकर भले ही ना रहे लेकिन उस मंदिर में के लिए हमारा किया हुआ आर्थिक सहयोग व श्रद्धा जरूर उस मंदिर के साथ बरकरार रहेगा। आप भी मंदिर निर्माण में अपना सहयोग अवश्य करें हमें उम्मीद है की मंदिर निर्माण से जुड़ी यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। जिस तरह आज लाखों की तादाद में नेता सहित कार्यकर्ता व ट्रस्ट के लोग सभी इस पावन स्थल पर मंदिर निर्माण करने में जोरों शोरों से जुटे हुए हैं। ऐसे में हमें भी इस कार्य में उनका पूरी श्रद्धा के साथ सहयोग करना चाहिए तभी चलकर हमारे हिंदू धर्म के भगवान श्री राम जी का मंदिर भगवान के जन्म लेने वाले पावन धरती पर बन पाएगा। हमें उम्मीद है कि आप इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करेंगे और सभी राम भक्तों तक पहुंचाएंगे।