Tuesday, September 26, 2023
Homeहिन्दीजानकारीIndian Army: देश का गौरव भारतीय सेना, आइये जानते हैं भारतीय सेना के...

Indian Army: देश का गौरव भारतीय सेना, आइये जानते हैं भारतीय सेना के बारे में कुछ जानकारी। 

भारत और इसके प्रत्‍येक भाग की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार उत्तरदायी है। भारतीय सशस्‍त्र सेनाओं की सर्वोच्‍च कमान भारत के राष्‍ट्रपति के पास है और राष्‍ट्र की रक्षा का दायित्‍व मंत्री मंडल के पास होता है। जीसका निर्वहन रक्षा मंत्रालय से किया जाता है, जो सशस्‍त्र बलों को देश की रक्षा के बारे में उनके दायित्‍वो का निर्वहन करने के लिए नीतिगत रूपरेखा और जानकारियां प्रदान करता है। भारतीय सशस्‍त्र सेना में तीन प्रधान भाग होते हैं: भारतीय थल सेना(Indian Army), भारतीय नौ सेना(Indian Navy) और भारतीय वायु सेना(Indian Airforce)।  

भारतीय उप महाद्वीप में सेना की ताकत और राज्‍यों के शासन के नियंत्रण की खोज में अनेक साम्राज्‍यों का आसंजक जमाव देखा गया। जैसे जैसे समय बढ़ता गया सामाजिक मानकों को एक झण्‍डे के नीचे कार्य स्‍थल के लोकाचार, अधिकारों और लाभों की प्रणाली तथा सेवाएं प्राप्‍त हुई। जैसा कि आप सब लोग जानते हैं ब्रिटिश उपनिवेशवाद से स्‍वतंत्रता पाने के बाद देश में भारतीय सेना प्रचालनरत हुई। भारतीय थल सेना का मुख्‍यालय नई दिल्‍ली में स्थित है और यह चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ (COAS), जो पूर्ण रूप से सेना की कमान, नियंत्रण और प्रशासन के लिए उत्तरदायी है। सेना को 6 प्रचालन रत कमांडों (क्षेत्र की सेनाएं) और एक प्रशिक्षण कमांड में विभाजित किया गया है, जो एक लेफ्टिनेंट जनरल के नियंत्रण में होती है, जो वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ (BCOAS वीसीओएएस) के समकक्ष होते हैं और नई दिल्‍ली में सेना मुख्‍यालय के नियंत्रण में कार्य करते हैं।

भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ भारत की तथा इसके हर एक  भाग की रक्षा करता हैै और सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी होता हैं। भारतीय सशस्‍त्र सेनाओं की सर्वोच्‍च कमान भारत के राष्‍ट्रपति के पास होती है और भारतीय सेना के प्रमुख कमांडर भी भारत के राष्ट्रपति हैं। राष्‍ट्र की रक्षा का दायित्‍व मंत्रिमंडल के पास होता है। इसका निर्वहन रक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जो सशस्‍त्र बलों को देश की रक्षा के  बारे में उनके दायित्‍व के निर्वहन के लिए नीतिगत रूपरेखा और जरूरी जानकारियां प्रदान करता है। भारतीय सशस्‍त्र सेना में तीन प्रमुख्य भाग होते है। भारतीय सशस्त्र बल भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रबंधन के तहत कार्य कर रहे हैं। 14 लाख से भी ज्यादा सक्रिय कर्मियों की ताकत के साथ यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य बल है। इसके अलावा अन्य कई स्वतंत्र और आनुषांगिक इकाइयाँ भी है जैसे:भारतीय सीमा सुरक्षा बल(BSF), भारत तिब्बत सीमा पुलिस(ITBP), असम राइफल्स (AR), राष्ट्रीय राइफल्स(RR), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड(NSG) इत्यादि।

भारतीय सेना दुनिया के सबसे बड़ी और प्रसिद्ध सेनाओं में से एक है। सँख्या की दृष्टि से देखा जाए तो भारतीय थल सेना के जवानों की सँख्या दुनिया भर में चीन के बाद सबसे ज्यादा है। भारतीय सेना के गठन होने के बाद से भारतीय सेना ने दोनों विश्व युद्ध में भाग लिया है। भारत की आजादी के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन युद्ध साल 1948, साल 1965 और साल 1971 में लड़े हैं ।जबकि एक बार साल 1962 में चीन से भी युद्ध हुआ है। इसके अलावा साल 1999 में पाकिस्तान के साथ दुबारा कारगिल का युद्ध लड़ा गया था ।

भारतीय सेना में दिया जाने वाला भारत का सबसे बड़ा सम्मान

भारतीय सेना की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च बड़ा सम्मान है परमवीर चक्र। परमवीर चक्र सैन्य सेवा तथा उससे जुड़े लोगों को दिया जाने वाला भारत का एकमात्र सर्वोच्च वीरता सम्मान है। यह पदक शत्रु के सामने अद्वितीय साहस, परम शूरता और वीरता का परिचय देने वाले को दिया जाता है। 26 जनवरी साल 1950 से शुरू किया गया यह पदक मरणोपरांत भी दिया जाता है। परम वीर चक्र का अर्थ है “वीरता का चक्र” । संस्कृति का शब्द है “परम” , “वीर” का मतलब होता है वीरता दिखाने वाला व्यक्ति और “चक्र” शब्द को  मिलकर यह शब्द बना है “परमवीर चक्र” . इस सम्मान को अमेरिका के सम्मान पदक तथा यूनाइटेड किंगडम के विक्टोरिया क्रॉस के बराबर का दर्जा हासिल है।

भारतीय सेना में सैन्य-दल (Regiment) प्रणाली  

Indian Army: देश का गौरव भारतीय सेना, आइये जानते हैं भारतीय सेना के बारे में कुछ जानकारी। 

भारतीय सेना में एक सैन्य-दल (Regiment) प्रणाली है, लेकिन यह बुनियादी क्षेत्र के गठन विभाजन के साथ ही संचालन और भौगोलिक रूप से सात कमानो में विभाजित है। यह एक सर्व-स्वयंसेवी सुरक्षा बल है जीसमें देश के सक्रिय रक्षा कर्मियों का 80 प्रतिशत से भी ज्यादा हिस्सा है। यह 1,200,255 सक्रिय सैनिकों और 909,60 आरक्षित सैनिकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना कहलाती है। भारतीय सेना ने सैनिको के आधुनिकीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे “फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सैनिक एक प्रणाली के रूप में” इस नाम से जाना जाता है । इसके साथ ही यह अपने बख़्तरबंद, तोपखाने और उड्डयन शाखाओं के लिए नए संसाधनों का संग्रह एवं सुधार भी कर रहा है।

कमान संरचना क्या है 

सेना की 6 क्रियाशील कमांड होती है और  एक प्रशिक्षण कमांड होता है। प्रत्येक कमान का नेतृत्व जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ होता है जोकि एक लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी होता हैं। प्रत्येक कमांड सेना मुख्यालय नई दिल्ली से सीधे जुड़ा हुआ होता है। इन कमानो को नीचे उनके सही क्रम में दर्शाया गया हैं। अपनी स्थापना के समय, भारतीय सेना को ब्रिटिश सेना की संगठनात्मक संरचना विरासत में प्राप्त हुई जो आज भी कायम है। इसलिए, अपने पूर्ववर्ती की तरह, एक भारतीय Infantry Regiment की ज़िम्मेदारी ना केवल फ़ील्ड ऑपरेशन करने की होती है, बल्कि युद्ध मैदान और बटालियन में अच्छी तरह से प्रशिक्षित किए सैनिक को प्रदान करना भी होता हैं। 

भारतीय सेना के इन्फैंट्री रेजिमेंट्स की नियुक्ति, विशिष्ट चयन मानदंडों के आधार पर की जाती है और अधिकतर रेजिमेंट तो ब्रटिश राज के समय के ही हैं। लेकिन अरुणाचल स्काउट्स, लद्दाख स्काउट, सिक्किम स्काउट्स और सीमा सुरक्षा विशेष दल, भारत के स्वतंत्र होने के बाद बनाये गए हैं। तोपखाना रेजिमेंट (आर्टिलरी रेजिमेंट) को भारतीय सेना का दूसरा सबसे बड़ा हाथ कहा जाता है। जोकि सेना की कुल ताकत का लगभग छठवाँ भाग हैं। भारतीय सेना द्वारा संचालित लगभग हर लड़ाकू अभियानों में तोपखाना रेजिमेंट एक अभिन्न अंग के रूप में भारतीय सेना की सफलता में एक प्रमुख योगदानकर्ता रहा है।कारगिल युद्ध के समय भी भारतीय तोपखाना ने दुश्मनों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाया था।

कब मनाया जाता है और क्यों भारतीय सेना दिवस   

भारतीय सेना दिवस के अवसर पर पूरा देश थल सेना की साहस, वीरता, त्याग और शौर्य की कुर्बानी की दास्तां को बताता है। देश के हर एक जगह जैसे सरकारी,गैर सरकारी जगहो पर विभिन्य प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता हैं। दिल्ली में सेना मुख्यालय केअलावा देश के कोने कोने में शक्ति प्रदर्शन के अन्य कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। भारत में हर साल 15 जनवरी के दिन भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. करियप्पा जो की बाद में फ़ील्ड मार्शल बने उनके भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उन्होंने यह पदभार 15 जनवरी साल 1949 को ब्रिटिश राज के समय भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से ग्रहण किया था। यह दिन सैन्य परेड, सैन्य प्रदर्शनिय व दूसरे आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली व सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी दी जाती है जिन्होंने कभी ना कभी अपने देश व देश के लोगों की सलामती के लिये अपना सर्वोच्च त्याग कर दिया था। 

15 अगस्त 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो देश भर में दंगे-फसाद होने लगे और शरणार्थियों के आना जाना के कारण देश भर में उथल-पुथल का माहौल बन गया था। इस कारण कई तरह के प्रशासनिक समस्याएं पैदा होने लगी और फिर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा। इसके बाद एक विशेष सेना कमांड का गठन किया गया, ताकि विभाजन के दौरान शांति-व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। लेकिन भारतीय सेना के अध्यक्ष तब भी ब्रिटिश मूल के ही हुआ करते थे। 15 जनवरी साल 1949 को फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने। उस समय भारतीय सेना में करीब 2 लाख सैनिक थे। उनसे पहले यह पद कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर का था। उसके बाद से ही हर वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। के एम करिअप्पा पहले ऐसे अधिकारी थे, जिन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी। क्योंकि उन्होंने साल 1947 में भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। 

भारतीय सेना का उद्देश्य 

Indian Army: देश का गौरव भारतीय सेना, आइये जानते हैं भारतीय सेना के बारे में कुछ जानकारी। 
  • बाहरी खतरों से डटकर सामना करना,दुश्मनों के विरुद्ध शक्ति संतुलन के जरिए या युद्ध छेड़ने की स्थिति में राष्ट्रीय हित, संप्रभुता की रक्षा करना। 
  • भारत की अखंडता और भारत की एकता की रक्षा करना।
  • सरकार को छाया युद्ध और आन्तरिक खतरों में मदद करना, जरुरत पड़ने पर नागरिक अधिकारों में सहायता करना।
  • प्राकृतिक संकट जैसे भूकंप, बाढ़, समुद्री तूफान, आग लगने, विस्फोट होने के अवसर पर नागरिक प्रशासन की मदद करना।
  • नागरिक प्रशासन को लाचार होने पर उसकी सहायता व रक्षा करना।

 भारतीय सेना का इतिहास   भारतीय सेना का इतिहास उच्च कोटि का और बहुत गौरवशाली रहा है। भारतीय सेना के शौर्य, साहस, पराक्रम, वीरता व बलिदान की गाथाएँ सदियों से गाई जाती रही हैं। वे गाथाएँ इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हैं। शौर्य व साहस के अलावा भारतीय सेना अपने सैन्य धर्म और साफ़ आचरण के लिए भी जानी जाती है। भारतीय की सेना दुनिया की सबसे बड़ी और बेमिसाल सेना है क्योंकि हमारी सेना साहस, बलिदान और जोश की अद्भुत मिसाल कायम करती है। हमारे भारतीय सेना का इतिहास गौरवशाली परंपराआों की दास्तानों से भरा पड़ा है।   

युद्ध और शांति दोनों में बनाई मिशाल

भारतीय सेना ने युद्ध और शांति दोनों ही स्थितियों में मिसाल कायम की है। आजादी के ठीक बाद साल 1947 में जम्मू-कश्मीर में बिगरे हालातो को संभालने से लेकर युद्धों में हमारे देश के बहादुर जवानों ने बहुत भूमिका निभाई है। 
भारतीय सेना के पास परमाणु लैपटॉप, उन्नत तकनीकि के परमाणु हथियार से बने लेेेस है साथ ही उनके पास उचित ट्रायड मिसाइल के अस्त्र-शस्त्र भी उपलब्ध है। हलांकि यह बात अलग है कि भारत ने इस बात का संकल्प किया है कि वे पहले परमाणु हमला नहीं करेगी।  

Jhuma Ray
Jhuma Ray
नमस्कार! मेरा नाम Jhuma Ray है। Writting मेरी Hobby या शौक नही, बल्कि मेरा जुनून है । नए नए विषयों पर Research करना और बेहतर से बेहतर जानकारियां निकालकर, उन्हों शब्दों से सजाना मुझे पसंद है। कृपया, आप लोग मेरे Articles को पढ़े और कोई भी सवाल या सुझाव हो तो निसंकोच मुझसे संपर्क करें। मैं अपने Readers के साथ एक खास रिश्ता बनाना चाहती हूँ। आशा है, आप लोग इसमें मेरा पूरा साथ देंगे।
RELATED ARTICLES

Leave a Reply

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: