Facebook क्या है
(Facebook) इंटरनेट का एक फ्री सोशियल नेटवर्किंग साइट है। जिसके जरिए इसके यूज़र अपने दोस्त, परिवार और पहचान वालो के साथ संपर्क में रह सकते हैं। यह फेसबुक इंक नाम की एक निजी कंपनी के द्वारा संचालित होती है। इसके प्रयोक्ता जगह के अनुसार गठित किये हुए नेटवर्कों में शामिल हो सकते हैं जैसे शहर ,स्कूल, ऑफिस इत्यादि। और आपस में विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। फेसबुक एक बहुत लोकप्रिय और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट है फेसबुक अपने रजिस्टर्ड यूजर्स को प्रोफाइल क्रिएट करने के लिए Allow करता है और उसमें फोटोस और वीडियोस अपलोड करने के लिए, मैसेज सेंड करने के लिए, दोस्त बनाने के लिए, फैमिली से हर वक्त टच में रहने के लिए यह बिल्कुल ही फ्री साइट है। इसमें करीब 30 डिफरेंट लैंग्वेजेस में उपलब्ध होता है इस्तेमाल करने के लिए। फेसबुक की शुरुआत होने के टाइम से ही इसके यूज़र्स समय समय से बढ़ते ही जा रहा है। और इसमें ज्यादा से ज्यादा लोग ज्वाइन होते जा रहे हैं। फेसबुक के करीब 2.3 मिलियन से ज्यादा रजिस्टरेड फेसबुक यूजर्स है।
जो लोग फेसबुक का इस्तेमाल करना चाहते है वे यूज़र फेसबुक पर अपना एक प्रोफाइल पृष्ठ तैयार करते हैं और उस पर अपने बारे में जानकारी देते हैं। इसमें उनका नाम, फोटो, Date of birth, ऑफ़िस, स्कूल, कॉलेज इत्यादि सबकी जानकारी दी जाती है। इसके जरिए लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों का नाम, ईमेल आदि डालकर उन्हें ढूंढ़ सकते हैं। इसके साथ ही वे अपने दोस्तों और परिचितों की एक अंतहीन श्रृंखला से भी जुड़ सकते हैं। फेसबुक के उपयोगकर्ता सदस्य यहां पर अपना समूह भी बना सकते हैं। यह समूह उनके स्कूल, कॉलेज या उनकी रुचि, शहर, या किसी आदत और जाति का भी हो सकता है। यह समूह कुछ लोगों का भी हो सकता है और इसमें और लोगों को शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया जा सकता है। इसके जरिए सभी जानने वालों को एक साथ किसी कार्यक्रम या किसी खास अवसर के लिए आमंत्रित भी किया जा सकता है। अगर आप फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं तो आप अच्छे से समझ गए होंगे कि फेसबुक क्या है लेकिन अगर आपने अभी तक फेसबुक Join नहीं किया है तब आपको यह जरूर थोड़ा सा अजीब लगेगा।
Facebook की शुरुआत
फेसबुक की शुरुआत साल 2004 में हार्वर्ड के एक स्टूडेंट मार्क ज़ुकेरबर्ग ने की थी। Mark Zuckerberg, Dustin Moskovitz और Chiris Hughes यह तीनों साल 2004 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट थे। तब उन्होंने एक वेबसाइट डिजाइन किया जिसका इस्तेमाल करके स्टूडेंट्स एक दूसरे के टच में रह सकते थे, अपनी फोटो शेयर कर सकते थे और नए लोगों से फ्रेंडशिप बढ़ा सकते थे। तब इसका नाम The Facebook था। कॉलेज नेटवर्किग के रूप में शुरू होने के बाद The facbook कॉलेज परिसर में बहुत ज्यादा लोकप्रिय होती चली गई। और कुछ ही महीनों में यह नेटवर्क पूरे यूरोप में पहचाना जाने लगा। साल 2005 के अगस्त महीनें में इसका नाम फेसबुक कर दिया गया। फेसबुक में दूसरे भाषाओं के साथ हिन्दी में भी काम करने की सुविधा होती है और यह एक Privately Owned Company है। Facbook का Headquarter Palo Alto, California, USA मैं स्थित है।
साल 2013-14 में फेसबुक ने भारत के साथ ही 40 देशों के मोबाइल सर्विस देने वाली कंपनियों से समझौता किया था। इसके तहत मोबाइल पर फ्री में फेसबुक की एक नई साइट का उपयोग किया जा सकता था। भारत में Reliance Communications (Jio) और Videocon मोबाइल को यह सर्विस देता था। इसके बाद जल्द ही टाटा डोकोमो पर भी यह सर्विस शुरू हो जानी थी। इसमें फोटो और वीडियोस के अलावा फेसबुक के सभी दूसरे मैसेज की सेवाएं भी मिलनी थी। लेकिन साल 2016 के फ़रवरी महीनें में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया(TRAI) ने इस समझौते को खत्म कर दिया।
क्या Facebook अकाउंट Delete होता है
फेसबुक पर अकाउंट बनाने के बाद आप चाहे तो उस अकाउंट को डिलीट भी कर सकते हैं। और अगर आपने एक बार फेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया उसका मतलब होता है कि आपने हमेशा के लिए वह अकाउंट डिलीट कर दिया। फिर बाद में आप कोशिश करके भी उसे वापस नहीं ला सकते और ना उसे कभी खोल पाएंगे। लेकिन अगर आप फेसबुक अकाउंट को डीएक्टिवेट करते हैं तो यह Temporary डिलीट होता है। आप चाहे तो इसे वापस बाद में रिकवर भी कर सकते हैं। तो चलिए अब जानते हैं फेसबुक को बनाने वाले मार्क ज़ुकेरबर्ग के बारे में।
Mark Zuckerberg
मार्क ज़ुकेरबर्ग का पूरा नाम Mark Elliot Zuckerberg है। मार्क ज़ुकेरबर्ग अमेरिका के कंप्यूटर प्रोग्रामर है, और इंटरनेट के उद्यमी माने जाते हैं। क्योंकि उन्होंने इंटरनेट के दुनिया में फेसबुक का आविष्कार करके सोशल मीडिया को बढ़ावा दिया है। मार्क ज़ुकेरबर्ग आज फेसबुक के CEO, मुख्य कार्यकर्ता और को फाउंडर है। साल 2020 के फरवरी महीने में Forbes के अनुसार उनकी निजी संपत्ति 77.8 बिलियन देखा गया। Mark Zuckerberg का जन्म साल 1984 में 14 मई के दिन हुआ था। मार्क ज़ुकेरबर्ग के माता और पिता दोनों डॉक्टर हैं। उनके पिता का नाम एडवर्ड जुकरबर्ग (Edward Zuckerberg) है जो कि एक दंत चिकित्सक है और मां (Karen Kempner) मनो चिकित्सक है। सबसे पहले मार्क जुकरबर्ग ने अपने पिता से कंप्यूटर पर सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग सीखा था। जुकरबर्ग अपने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट को लेकर इतने उत्साहित थे कि उन्होंने उस छोटे से उम्र में ही ZuckNet सॉफ्टवेयर को बनाया था। जिसे उनके परिवार के लोग जैसे कि उनके पिता के दंत चिकित्सालय में उपयोग किया जाता था। और उनके घर में भी उपयोग किया जाता था जैसे एक कमरे से दूसरे कमरे के कंप्यूटर पर बातचीत हो पाती थी या किसी बात के लिए सूचित भी किया जा सकता था।
FaceMash
मार्क जुकरबर्ग और उनके तीन दोस्त Andrew McCollum, Chris Hughes aur Moskovite ने साल 2003 में 28 अक्टूबर को FaceMash नाम से एक Website डिजाइन किया था। जिससे ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के जरिए उसको उपयोग करने वाले छात्र एक से दूसरों को के फोटो के लिए “हॉट” या “नॉट” रैंकिंग कर सकते थे।
Synapse Media Player को डेवलप किया गया
Mark Zukenberg ने अपने स्कूल में पढ़ते दौरान ही एक म्यूजिक प्लेयर बनाया था जिसका नाम था Synapse Media Player .
दिव्य नरेंद्र अमेरिका के कारोबारी हैं। जिन्होंने अपने शिक्षा के समय हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ते समय ज़ुकेरबर्ग को एक सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट बनाने की सलाह दी थी। उन्होंने ही सबसे पहले ज़ुकेरबर्ग के पास सोशल नेटवर्क वेबसाइट बनाने को कहा था। जिसका नाम HavardConnection रखा गया। लेकिन बाद में Zuckerberg को अपना सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट बनाने का विचार आया। जिसे बनाने के बाद उन्होंने उसका डोमिन नाम Facebook.com रखा। जो आज facebook.com या फिर fb के नाम से मशहूर है। कुछ दिनों बाद मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक को दूसरे स्कूली छात्रों तक पहुंचाने का सोचा और Columbia, New York University, Stanford, Dartmouth, Cornell,Penn से शुरू किया।
मार्क जुकरबर्ग बचपन से ही बहुत ज्यादा बुद्धिमान थे। उन्होंने अपने स्कूल से Math, Astro Science, Physics और शास्त्रीय अध्ययन के लिए पुरस्कार भी प्राप्त किया था। यही नहीं मार्क ज़ुकेरबर्ग अपने कॉलेज के अनुसार फ्रेंच, लैटिन, हिब्रू और प्राचीन यूनानी भाषा भी बोल सकते थे और लिख सकते थे। फेसबुक के बनाने के बाद मार्क ज़ुकेरबर्ग फेसबुक के मदद से 30 साल की उम्र में ही करोड़पति बन चुके थे। देखते-देखते फेसबुक इंटरनेट पर ज्यादा से ज्यादा मशहूर होता गया और जुकरबर्ग की कमाई भी बढ़ती गई। साल 2006 में अक्टूबर के महीने में फेसबुक पर 50 करोड़ का ट्रैफिक पूरा हुआ। उसी साल जुकरबर्ग पालो आल्टो कैलिफ़ोर्निया(Palo Alto California) चले गए और वहां उन्होंने एक छोटा सा घर लीज पर लेकर वहीं अपना एक छोटा सा ऑफिस खोला।

उसके बाद साल 2007 में 24 मई के दिन जुकरबर्ग ने पूरी दुनिया में फेसबुक प्लेटफार्म की घोषणा की। घोषणा के बाद विश्वभर से 8 लाख से भी ज्यादा डेवलपर फेसबुक से जुड़े एप्लीकेशन डेवलप करने के लिए बहुत सारे थर्ड पार्टी कंपनियां भी फेसबुक से जुड़ने लगी। उन कंपनियों में जैसे Amazon, Microsoft, RockYou,Box. net, Red Bull, Project Agape, Washington Post, Slide, Prosper, iLike, PicksPal, Digg, Plum . फिर साल 2008 में मई के महीने में मार्क जुकरबर्ग ने “फेसबुक कनेक्ट” की घोषणा की। जिसके तहत फेसबुक के जरिए लोगों को एक दूसरे से फेसबुक पहचान, दोस्त और गोपनीयता को साझा करने में आसानी हो सके। साल 2010 की सूचना युग के सबसे प्रभावशाली लोगों में मार्क जुकरबर्ग को Vanity fair मैगजीन में सबसे पहले स्थान पररखा गया था, जबकि 2009 में उन्हें 23वें स्थान थे। साथ ही New States Man ब्रिटिश राजनीतिक और सांस्कृतिक पत्रिका में ज़ुकरबर्ग को मुख्य 50 प्रभावशाली फिगर के लिस्ट में भी रखा गया था।
साल 2011 में मार्क जुकरबर्ग ने अमेरिकी पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस(PBS) में एक इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने बताया था कि इंटरनेट पर फेसबुक को मजबूत करने और सही प्रबंधन टीम निर्माण करने के लिए उन्हें एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) ने सलाह दीया था। मार्क जुकरबर्ग ने साल 2012 में 19 मई के दिन कैलिफोर्निया की रहने वाली अपनी प्रेमिका Priscilla chan से शादी की। और साल 2015 में 1 दिसंबर के दिन उनकी एक बेटी हुई जिसका नाम है Maxima Chan Zuckerberg और फिर साल 2017 के अगस्त महीने में उनकी दूसरी बेटी का जन्म हुआ जिसका नाम है August Chan Zuckerberg .साल 2013 में ज़ुकरबर्ग ने इंटरनेट की दुनिया में एक नई प्रोजेक्ट Internet.org की शुरुआत की। जिसमें फेसबुक के साथ दूसरे और 6 कंपनियां भी जुड़ें, जिससे इंटरनेट के सुविधाओं को उपयोग न कर पाने वाले लोगों तक पहुंचाया जा सके।
साल 2014, 11 दिसंबर को जुकरबर्ग ने लोगों के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि फेसबुक से लोगों का टाइम ख़राब नहीं होता क्योंकि इससे लोग अपने परिचित व्यक्तियों से, अपने समाज से, अपने रिश्तेदारों से जुड़े रहते हैं। जिसके बाद साल 2014 में फेसबुक ने दुनिया के सबसे पॉपुलर चैटिंग और मैसेजिंग एप WhatsApp को 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर में खरीद लिया। 2015 में सितंबर 27 सितंबर के दिन मार्क जुकरबर्ग भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। जिसमें उनके बीच भारत में सोशल मीडिया इंटरनेट की दुनिया में सोशल मीडिया को बढ़ावा देने के बारे में कई बातचीत हुई जिसमें मोदी ने भी उनकी काफी तारीफ की।
फेसबुक को चलाने के दौरान मार्क जुकरबर्ग को झेलने परे ऐसे चैलेंज
मार्क ज़ुकरबर्ग ने बहुत कम उम्र में ही बहुत तरक्की हासिल की। जिस कारण उनके कम उम्र के देखते हुए कई एक्सपर्ट जल्दी से उन पर भरोसा नहीं करते थे और लोग उन्हें Toddler CEO यानी कि बच्चा CEO कहते थे। मार्क पह यह भी आरोप लगे थे कि उन्होंने फेसबुक का आईडिया Harvardconnectins.com से चुराया है। एंजेल इन्वेस्टिंग पाने के लिए फेसबुक के सामने 2004 के बीतने तक 1.5 Mn यूज़र्स का टारगेट था, जहां वे चूक गए लेकिन आखिरी में उन्हें इन्वेस्टमेंट मिल गया। कम उम्र और कुछ खास अनुभव ना होने के कारण मार्क को फैसले लेने में थोड़ी बहुत परेशानियां होती थी। इसीलिए वह कोई भी फैसला लेने से पहले खुद से यह सवाल करते थे – “Does it help us grow”
Mark Zuckerberg की खास बातें
मार्क जुकरबर्ग जैसे व्यक्ति से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। कम उम्र में ही सफलता प्राप्त करना कोई जादू नहीं है उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है। उन्होंने अपने इंटरेस्ट को अपना उत्साह और जोश बना लिया जिसे अपनाकर वे आगे बढ़ते गए हमें भी उनसे यह सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी यह हम इस लिए कह रहे हैं क्युकी उनकी कंपनी जब बहुत मुश्किलों का सामना कर रही थी तब भी उन्होंने हार नहीं मानी और Yahoo को कंपनी बेचने से मना कर दिया। दुनिया में तो रोजाना हजारों लोग जन्म लेते हैं लेकिन उधर से कुछ लोग ऐसे पैदा होते हैं जो दुनिया बदलने का सोच रखते हैं। मार्क जुकरबर्ग भी एक ऐसा ही नाम है जिसने अपने जीवन में ऊंचाइयों को छूने के लिए जितने भी प्रयास किए वह सब सफल रहा। और जहां पहुंचना एक सामान्य व्यक्ति के लिए पूरी तरह से सपना जैसा होता है उन्होंने यह सपना साकार करके दिखाया। दुनिया में आज करोड़ों बच्चे ऐसे हैं जो फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग की तरह बनना चाहते हैं।
जब फेसबुक ग्रो करने लगी तो बहुत सी कंपनियां चाहती थी कि वह फेसबुक को खरीद ले। एक बार तो यह भी बात फैल गई थी कि याहू फेसबुक कंपनी को खरीद रही है। लेकिन मार्क जुकरबर्ग ने अपनी कंपनी को बिकने नहीं दिया और जिस कारण आज वे इतने बड़े व्यक्ति बने। मार्क जुकरबर्ग कहते थे कि सबसे बड़ा रिस्क होता है कोई रिस्क ना लेना, इस दुनिया में जो सचमुच इतनी तेजी से बदल रही है। जिसका फेल होना तय है वह है रिस्क ना लेना। मार्क जुकरबर्ग ने Giving Pledge पर साइन किए हैं, जिसका मतलब यह है कि वह मरने से पहले अपने नेट कमाई का कम से कम 50% हिस्सा परोपकारी कामों के लिए दान में दे देंगे। साल 2010 में उन्होंने न्यू जर्सी में Newark School System को बचाने के लिए 100 मिलियन से भी अधिक का दान दे दिया। मार्क जुकरबर्ग इतनी छोटी सी उम्र में इतना कुछ हासिल करके हम सभी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं।