माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के बारे में तो आप लोग जानते ही होंगे जो विश्व की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है। माइक्रोसॉफ्ट विश्व की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी है जो 100 से भी ज्यादा देशों में काम करती है और इसकी शाखाओं में 7 हज़ार से भी ज्यादा लोग काम करते हैं। Microsoft कंपनी का मुख्यालय अमेरिका में रेडमंड, वॉशिंगटन में स्थित है। Microsoft Corporation एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी है जीसकी स्थापना बिल गेट्स ने 4 अप्रैल 1975 को की थी। व्यापार की बात करें तो इसका व्यापार लगभग 20 खरब (45 बिलियन डॉलर) रुपए का है। इसका मुख्य उत्पाद Windows ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसके अलावा भी माइक्रोसॉफ्ट कई प्रकार के सॉफ्टवेयर बनाती है साथ ही यह कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, व्यक्तिगत कंप्यूटर से जुड़ी सेवाओं का विकास, निर्माण, लाइसेंस और बिक्री करता है।
माइक्रोसॉफ्ट है ही वो कंपनी है जिसके दम पर बिल गेट्स दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। चलिए जानते हैं माइक्रोसाफ्ट कंपनी के बारे में कुछ रोचक बातों के बारे में।
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की सबसे बड़ी डील साल 1980 में IBM के साथ हुई थी, जो कि $ 50,000 की थी। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का नाम पहले Micro – Soft रखा गया था। लेकिन बाद में इसे बदल दिया गया और इसकी शुरुआत न्यू मैक्सिको से की गई थी। आपको भी 1 दिन के अंदर बिल गेट्स और पौल एलेन ने कंपनी का लोगो डिज़ाइन किया था। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने बिल गेट्स को दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनाया। दो व्यक्तियों को खरबपति बनाया और 12 हज़ार लोगों को अरबपति बनाया। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने टाइमैक्स के साथ मिलकर सबसे पहली स्टार्ट वॉच तैयार की जो कि साल 1994 में पेश हुई। माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल भी पूरी तरह सफल रही और वर्तमान यह हर जगह है।

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के कर्मचारी
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के कर्मचारियों को फ्री में ड्रिंक्स दिया जाता हैं और कंपनी में काम करने वालो को “Softi” कहा जाता है। माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल होने के बावजूद भी साल 1993 तक माइक्रोसॉफ्ट के पास एक भी ऑफिशियल वेबसाइट नहीं था।
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का हेड क्वार्टर अब तक दिन तीन बार चेंज हो चुका है। पहले माइक्रोसॉफ्ट का ऑफिस मेक्सिको में था, उसके बाद साल 1979 में यह वाशिंगटन में हुआ और फिर साल 1986 में या हेड क्वार्टर रेडमंड में आ गया। वही सर्विस की बात करें तो माइक्रोसॉफ्ट की एक Hotmail Microsoft की एक ईमेल सर्विस है जिसको माइक्रोसॉफ्ट ने साल 1997 में 30 दिसंबर को $ 500 में खरीदा था।
साल 1997 में जब Apple कंपनी डूबने के कगार पर थी तब माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने Apple में 150 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया जिस कारण Apple कंपनी डूबने से बच गई थी। आपने नोटिस किया होगा जब आप माइक्रोसॉफ्ट वाले कंप्यूटर स्टार्ट करते हैं तो पहले में 6 सेकंड में एक आवाज होती है इस अवाज को Brian Emo ने बनाया था। माइक्रोसॉफ्ट को आगे बढ़ाने के लिए खुद बिल गेट्स ने टीवी पर विंडोज के ऐड किए थे। आज के डेट में माइक्रोसॉफ्ट के 88,180 कर्मचारी काम करते हैं। जिनमें 76% पुरुष हैं और बाकी महिलाएं हैं जिसमें से 50 हज़ार से भी ज्यादा अमेरिकी नागरिक है।
Bill Gates माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के Founder
बिल गेट्स माइक्रोसॉफ्ट नाम की कंपनी के संस्थापक और अध्यक्ष है। बिल गेट्स का जन्म 28 अक्टूबर साल 1955 को वाशिंगटन के एक उच्च मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। बिल गेट्स के पिता का नाम है विलियम एच. गेट्स और उनकी माता का नाम है मैक्सवेल। उनके पिता एक प्रतिष्ठित वकील थे और उनकी माता मैक्सवेल बैंक के व्यवस्थापक मंडल की सदस्य थी। बिल गेट्स की रूचि कंप्यूटर छोटी उम्र से ही कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में रही जिस कारण वे टेक्नोलॉजी के जरिए नए बिजनेस के योजना और बिजनेस की रणनीति बनाने लगे। कुछ समय बाद वे उनके पार्टनर पॉल एलन से मिलकर दुनिया का सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर बिजनेस Microsoft शुरू किए और उसी माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के बदौलत आज गेट्स दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति कहलाते हैं।
बिल गेट्स की माता को बच्चों को पढ़ाना बहुत पसंद था। उनकी माता ज्यादातर समय बच्चों की पढ़ाई और उनके कैरियर बनाने में देती थी। बच्चों को पढ़ाने, प्रोत्साहन करने के साथ ही बिल गेट्स की माता सामाजिक मतभेदों को दूर करने यानी कि समाज सेविका के रूप में दान पूण करती थी। इसीलिए बिल गेट्स भी अपनी माँ के साथ कभी-कभी समाज सेवा के कार्यों में अलग-अलग जगहों व संस्थाओं में ले जाया करते थे। बिल गेट्स पढ़ाई में बहुत अच्छे थे वह हर विषयों में अच्छे तो थे ही लेकिन उनकी गणित और विज्ञान को समझने की काबिलियत और भी अच्छी थी। साथ ही वे स्कूलों में होने वाले नाटकों में भी भाग लिया करते थे। बिल गेट्स स्कूल में रहते दौरान कंप्यूटर सीखने और कंप्यूटर को जानने में ज्यादा रुचि रखते थे। इसीलिए वे कंप्यूटर में ही अधिक से अधिक समय देते थे और इस कंप्यूटर को सीखते सीखते ही उन्होंने बेसिक कंप्यूटर भाषा में “tic-tac-tow” नाम का प्रोग्राम बनाया। जिसे कंप्यूटर चलाने वाले उपयोगकर्ता कंप्यूटर से खेल खेल सकते थे।

बिल गेट्स ने साल 1975 में पॉल एलन के साथ विश्व की दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की। बिल गेट्स पर्सनल कंप्यूटर क्रांति के अग्रिम श्रेणी के उद्यमी माने जाते हैं। तभी बिल गेट्स की आलोचना उनके व्यापार रणनीतियों के लिए की जाती रही है।
एकाधिकार वादी व्यापारिक रणनीति अपनाने की आलोचना कपितय न्यायालयों द्वारा भी की गई है। आपको बता दें कि बिल गेट्स के 32 साल पूरे होने से पहले ही साल 1987 में उनका नाम अरबपतियों की फ़ोर्ब्स की सूची में शामिल हो गई। और कई सालों तक इस सूची में पहले स्थान पर रहे हैं।
बिल गेट्स एक समृद्ध सम्पन्य घर से हैं। बिल गेट्स को उनके स्कूल में 1600 नंबरों में से 1590 नंबर हांसिल किए। उन्होंने पढ़ाई करने के दौरान ही कंप्यूटर प्रोग्राम बनाकर $ 4,200 डॉलर कमा लिए। और तब गेट्स ने अपने टीचर्स से कहा था कि मैं 30 वर्ष की उम्र में करोड़पति बन कर दिखाऊंगा, और 31 वर्ष में वह अरबपति बन गए।
बिल गेट्स का रहन सहन
बिल गेट्स विलासिता पूर्वक जीवन नहीं जीते लेकिन व्यवस्थित जीवन जीते हैं। उनका बंगला डेढ़ एकड़ जमीन में है, जिसमें 7 बैडरूम, जिम स्विमिंग पूल, थिएटर इत्यादि सब है। उन्होंने इस बंगले को करीब 15 साल पहले $ 60 लाख डॉलर में खरीदा था। बिल गेट्स का कहना है की वह अपने तीन बच्चों के लिए पूरी जायदाद छोड़कर नहीं जाना चाहते। वह मानते हैं कि अगर वह अपनी संपत्ति का 1 प्रतिशत भी उनके लिए छोड़ देंगे तो वह उनके लिए काफी होगा। उन्होंने दो किताबें भी लिखी है The Road Ahead, Business @ The Speed of Thought .
बिल गेट्स अपने कामयाबी के सूत्र इस तरह बताएं
जब 13 साल के थे तब उनको लेकसाइड स्कूल में डाला गया था जो कि एक बहुत प्रचलित प्राइवेट स्कूल था। जब वे आठवीं कक्षा में थे तब उनको बेसिक प्रोग्रामिंग भाषा (जी. ई) सिस्टम की प्रोग्रामिंग में रुचि थी। इसलिए उन्हें मैथ के कक्षाओं से छुट्टी भी दी गई। उन्होंने अपना पहला कंप्यूटर प्रोग्राम स्कुल की इसी मशीन पर लिखा। जो “tic-tac-toe” का उपयोगकर्ता को कंप्यूटर से खेल खेलने का अवसर प्रदान करता था।
बिल गेट्स डेट जनवरी साल 2000 में माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद छोड़ दिया फिर अध्यक्ष और मुख्य सॉफ्टवेयर वास्तुकार के पद पर ही बने रहे। साल 2006 के जून महीने में बिल गेट्स कहा की वे माइक्रोसॉफ्ट में अंशकालिक कार्य करेंगे और “बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन” में पूर्णकालिक कार्यक्रम करेंगे।
साल 1973 में बिल गेट्स लेकसाइड स्कुल से स्नातक हुए, जिसके बाद साल वे 1973 में हारवर्ड कॉलेज(Harvard College) में पढ़ने गए। और वहां उनको अपने भविष्य के व्यापारिक साझीदार स्टीव बल्ल्मेर मिले। जो बाद में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ के रूप में नियुक्त किए गए। हारवर्ड में पढ़ाई के दौरान उनका कुछ निश्चित योजना नहीं था जिसके बाद साल 1975 में उन्होंने उस कॉलेज से विदा ले लिया।
इंटेल के 8080 (Intel 8080) CPU जारी करने के बाद बिल गेट्स ने जाना कि यही प्रथम कंप्यूटर चिप है। जिसका कीमत $200 से कम है और उस समय के व्यक्तिगत कंप्यूटर के अंदर चलने वाला सबसे बड़ा योग्य चिप है। तब उन्होंने सोचा कि यही एक अच्छा मौका है इस समय का फायदा उठाने का यानी कि कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनी का शुभारंभ करने का। यही सोचकर उन्होंने फैसला लिया और अपने माता-पिता से इस निर्णय के संबंध में बात की, जो कि गेट्स के सॉफ्टवेयर कंपनी प्रारंभ करने के लिए बहुत बड़े समर्थक साबित हुए।
Bill Gates और Paul Alllen
लेकसाइड स्कूल में बिल गेट्स की मुलाकात पॉल एलन से हुई थी जो गेट्स से 2 साल बड़े सीनियर थे। कंप्यूटर में दोनों की मिलते धारणा और विचारों के कारण दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन चुके थे। जबकि उनकी दूसरी बातों में उनके विचार ज्यादातर नहीं मिलते थे और स्वभाव भी दोनों के विपरीत तरह के थे। जिस तरह पॉल एलन शर्मीले और शांत स्वभाव के थे उसके विपरीत बिल गेट्स उनके स्वभाव के बिल्कुल विपरीत थे। लेकिन दोनों अपना ज्यादातर समय प्रोग्रामिंग में ही गुजारते थे। बिल गेट्स और पॉल एलन को स्कूल में कंप्यूटर की जो सुविधा उपलब्ध मिली थी उस पर कंपनी ने रोक लगवा दी। क्योंकि वे दोनों कंप्यूटर सीखते समय अपना ज्यादातर समय लैब में बिताते थे और कंपनी के सॉफ्टवेयर के साथ छेड़खानी करते थे।
कुछ समय बीतने के बाद उन दोनों को फिर से एक शर्त पर लैब में आने की इजाजत दी गई, कि वे प्रोग्राम से Error को निकालेंगे। इसी समय काल में बिल गेट्स ने एक और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम बनाया जो विद्यालय के समय सूचीका में काम आता था। साल 1970 में बिल गेट्स सिर्फ 15 साल की उम्र के थे तभी बिल गेट्स अपने मित्र पॉल एलन के साथ बिजनेस की ओर कदम बढ़ाए। उन्होंने Traf-O-data प्रोग्राम बनाया जो कि Seattle City के ट्रैफिक पैटर्न पर नजर रखता था और उसे बेहतर करने की कोशिश करता था। इस काम के लिए उनको भी सर $20,000 मिले जो कि बिल गेट्स की पहली कमाई थी।
बिल गेट्स के माता-पिता चाहते हैं थे कि वह अपने पिता की तरह ही वकालती करके एक बड़ा वकील बने। इसीलिए उन्होंने बिल गेट्स का दाखिला हारवर्ड यूनिवर्सिटी में कराया। जिसमें दाखिला लेने के लिए विदेश के लोग लाइन में लगे रहते हैं और काफी मेहनत करने के बाद भी दाखिला नहीं हो पाता। लेकिन बिल गेट्स को तो बचपन से ही कुछ और में रुचि था। भले ही उन्होंने माता पिता के कहने पर हारवर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया वो बस माता पिता के कहने पर लॉ की पढ़ाई कर रहे थे।

बिल गेट्स और उनके फ्रेंड एलन का पूरा ध्यान सॉफ्टवेयर के काम में था। जिस कारण साल 1975 में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की शुरुआत हुई। शुरुआत में तो माइक्रो-सॉफ्ट के नाम से जानी जाती थी बिल और एलन ने पहले इस कंपनी में बेसिक नाम के प्रोग्राम को बनाया जो कि माइक्रो कंप्यूटर की प्रसिद्ध प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। उनकी पहली कोशिश सफल रही फिर उन्होंने दूसरे सिस्टम
पर काम किए, तब बिल और गेट्स की माइक्रोसॉफ्ट आसमान छूने लगी लगभग 5 सालों में माइक्रोसॉफ्ट दुनिया के नजर में आने लगी।
साल 1980 में इंटरनेशनल बिजनेस मशीन(IBM) को एक ऑफर मिला जिसमें माइक्रोसॉफ्ट से कहा गया था कि वे उनके आने वाले पर्सनल कंप्यूटर के लिए “बेसिक इंटरप्रेटर” लिखें। माइक्रोसॉफ्ट के जरिए IBM के लिए PC DOS नामक एक ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किया जिसकी फीस IBM के द्वारा $ 50,000 दी गई थी जो कि उस समय के हिसाब से बहुत ज्यादा होते थे।
तो चलिए जानते हैं अब बिल गेट्स के निजी जीवन के बारे में।
बिल गेट्स की शादी साल 1994 में फ्रांस में रहने वाली मिलिंडा से हुआ। बिल और मेलिंडा के तीन बच्चे हैं उनके दो बेटियां और एक बेटे हैं। साल 1996 में उनकी पहली बेटी का जन्म हुआ जिसका नाम है Jennifer Gates साल 1999 में बेटे Rory John Gates का जन्म हुआ। फिर साल 2002 में छोटी बेटी Phoebe Adele .
माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft) का इतिहास
देखा जाए तो रातों-रात माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग लोगों के नजरों में आ गई माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग पूरी दुनिया में फेमस होने लगी। जिस कारण साल 1985 में 20 नवंबर को माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विंडोज नामक एक ऑपरेटिंग सिस्टम पूरी दुनिया के सामने लांच किया गया। यह ऑपरेटिंग सिस्टम माइक्रोसॉफ्ट डोस(DOS) सेल की तरह काम करता था। माइक्रोसॉफ्ट के लिए Windows का काम इतना अच्छा था कि Windows ने पूरी दुनिया के पर्सनल कंप्यूटर मार्केट में अपना टैलेंट दिखा कर कब्जा कर लिया।
माइक्रोसॉफ्ट की कामयाबी की कहानी
माइक्रोसॉफ्ट ने कुछ ही दिनों के अंदर बहुत प्रतिष्ठा हासिल कर ली, पर्सनल कंप्यूटर के 90 प्रतिशत शेयर Windows के नाम हो गए क्योंकि विंडोस के काम में इतनी ताकत थी। माइक्रोसॉफ्ट का एक बहुत बड़ा शेयर बिल गेट्स का था जिस कारण उन्होंने बहुत आय अर्जित कर ली। इसी कारन पहली बार उनको साल 1987 में दुनिया का सबसे अमीर आदमी माना गया था। अपने 11 साल के अनुभव के कारण बिल गेट्स दुनिया में सबसे अमीर आदमी बन गए। साल 1989 में माइक्रोसॉफ्ट ने अपना ऑफिस (माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस) खोला इसमें एक पैकेज था। उस पैकेज में बहुत सारे एप्लीकेशन जैसे कि माइक्रोसॉफ्ट वर्ड और एक्सेल एक साथ एक सिस्टम में चलाया जा सकता था। माइक्रोसॉफ्ट की क्वालिटी इतनी फेमस हुई की पर्सनल कंप्यूटर पर अपना एकाधिकार कर लिया। फिर साल 1990 में इंटरनेट का प्रचलन हुआ उस समय बिल गेट्स माइक्रोसॉफ्ट में लगे हुए थे और माइक्रोसाफ्ट के विकास में पूरा ध्यान दिए थे ताकि वे अपने उपभोक्ताओं को इंटरनेट द्वारा अच्छा समाधान उपलब्ध करा सके।
साल 2000 में बिल गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के CEO के पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन आज भी वे चेयरमैन के पद पर उपस्थित हैं।
बिल गेट्स दिल से भी बहुत अमीर है
बिल गेट्स ने बहुत से दान भी किए हैं। अपनी माइक्रोसॉफ्ट के सिवा वह कई परोपकारी काम काम में भी ध्यान दिया करते थे। “Bill And Melinda Gates Foundation” साल 2000 में बिल गेट्स ने अपनी पत्नी मेलिंडा के साथ मिलकर “बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन” की नींव रखी। जो की पारदर्शिता से संचालित होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा चैरिटेबल फाउंडेशन है। इस फाउंडेशन का पूरी दुनिया के सबसे बड़े प्राइवेट फाउंडेशन के नाम आता है। इस फाउंडेशन का उद्देश्य समाज के लोगों के स्वास्थ्य में वृद्धि और दुनिया भर में अत्याधिक गरीबों को कम करना है। यह फाउंडेशन ऐसी समस्याओं के लिए को दान करता है जो कि सरकार द्वारा नजरअंदाज किए जाते हैं। जैसे कि कृषि, कम प्रतिनिधित्व बाला अल्पसंख्यक समुदायों के लिए कॉलेज की छात्रवृत्तियां, एड्स जैसी भयानक बीमारियों के निवारण इत्यादि।
Bill Gates के कुछ महत्वपूर्ण काम
साल 2007 में बिल गेट्स ने 40 अरब डॉलर यानी कि लगभग 1760 अरब रुपए दान में दे दिए। साल 1994 में उन्होंने अपने कुछ शेयर्स बेच दिए और एक ट्रस्ट बना लिया। जबकि उन्होंने साल 2000 में अपने तीन ट्रस्ट को एक कर दिया और दुनिया भर में जरूरतमंद लोगों की मदद करने लगे। बिल गेट्स की कमी यह है की अधिकारी जरूरतमंद लोगों व्यवसायिक नीति और प्रतिस्पर्धा उन्हें हर बार विवादों में भी डाल देती है। बिल गेट्स 16 साल तक अरबपतियों की सूची में एक नंबर पर रहे थे हालांकि अब वह नंबर एक पर नहीं है लेकिन अभी भी वह फ़ोर्ब्स की सूचि में शामिल है।
बिल गेट्स के माता पिता बहुत ही दयालु स्वभाव के थे। जिस कारण बिल गेट्स भी बहुत दानी स्वभाव के हैं उन्होंने बहुत सारे दान पून किए है। साथ ही उनकी पत्नी मेलिंडा भी उनके इस काम में बहुत सहयोग करती है साल 1999 में बिल गेट्स ने एम.आई.टी (MIT) कॉलेज को कंप्यूटर लैब बनाने के लिए 20 मिलियन डॉलर दान में दे दिए। जिस लैब का नाम “विलियम एच गेट्स बिल्डिंग” रखा गया। बिल गेट्स केवल अपने देश ही नहीं बल्कि भारतवर्ष में भी आकर हर साल गरीबों के लिए महत्वपूर्ण कार्य करते हैं।
साल 2010 में बिल गेट्स ने दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक “वॉरेन बफेट” और फेसबुक के फाउंडर, CEO मार्क जुकरबर्ग के साथ एक समझौता किए। इस समझौते के मुताबिक वे अपनी कमाई का आधा हिस्सा दान में दिया करेंगे।
बिल गेट्स की खास बात यह है की वह कभी भी रुके नहीं। एक सफलता के बाद आगे कम लोग ही बढ़ पाते हैं। वह हमेशा मेहनत करते रहे वे हमेशा अच्छा करने की कोशिश करते रहे जिस कारण वे कामयाबी की सीढ़ी चढ़ते रहे। आज माइक्रोसॉफ्ट बहुराष्ट्रीय कंपनी बन गई है जो खासतौर से कंप्यूटर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम करती है .

माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस पैकेज के सॉफ्ट्वेयर (Microsoft Software)
- माइक्रोसॉफ़्ट वर्ड Microsoft Word
- माइक्रोसॉफ़्ट ऍक्सल Microsoft Excel
- माइक्रोसॉफ़्ट पावरप्वाइण्ट Microsoft PowerPoint
- माइक्रोसॉफ़्ट आउटलुक Microsoft Outlook
- माइक्रोसॉफ़्ट इंफ़ोपाथ डिज़ानर Microsoft Infopath designer
- माइक्रोसॉफ़्ट स्काइड्राइव प्रो 2019 Microsoft SkyDrive Pro
- माइक्रोसॉफ़्ट वननोट Microsoft onenote
- माइक्रोसॉफ़्ट लिंक Microsoft Lync
- माइक्रोसॉफ़्ट पब्लिशर Microsoft publisher
- माइक्रोसॉफ़्ट एक्सेस Microsoft Access
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के वर्तमान CEO
वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के CEO के पद पर सत्य नडेला कार्यरत हैं। जो कि भारतीय अमेरिकी मूल के एक सख्स है जिन्होंने हमारे देश भारतवर्ष का नाम पूरे विश्व में रोशन किया। किसी भी भारतीय के द्वारा माइक्रोसॉफ्ट जैसी मल्टीनेशनल कंपनी का कार्यकारी अधिकारी के पद पर रहकर पद संभालना बहुत बड़ी उपलब्धि की बात है। यह केवल व्यक्तिगत ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय गौरव की बात है। हालांकि सत्य नडेला अमेरिका के नागरिकता रखते हैं लेकिन सत्या नडेला एक भारतीय व्यक्ति हैं। इनसे पहले स्टीव बामर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के सीईओ के पद पर कार्यरत थे। स्टीव बामर के बाद अब टेक्नॉलोजी क्षेत्र के दिग्गज सत्य नडेला को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के CEO बनाया गया। और सबसे पहले माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संस्थापक बिल गेट्स इस कंपनी के CEO रहे हैं।