दिवाली जैसे पावन त्योहार पर लोग बम पटाके फोड़ कर खुशियां मनाते हैं आतिशबाजी करते हैं। लेकिन कुछ लोगों के साथ आतिशबाजी करने के दौरान छोटे-मोटे हादसे हो जाते हैं जो हमारी ही गलतियों के कारण बड़े गांव का रूप ले लेते हैं। दिवाली में पटाके फोड़ते समय पटाको की तेज आग से हाथ, पैर जैसे कोई अंग जल जाना तो आम बात है और आपको तो पता ही होगा कि पटाको से कोई अंग जलने पर उसका दर्द असहनीय हो जाता है। क्योंकि पटाको से जलने पर होने वाली तकलीफ बाकी किसी चीज से जलने से होने वाली तकलीफ से बहुत ज्यादा होता है। क्योंकि पटाको में हानिकारक केमिकल होते हैं साथ ही इसमें बारूद होने के कारण छोटी सी चलन बड़ी तकलीफ देती है। कभी-कभी तो पटाको से जले घाव को नजरअंदाज कर देने से जख्म जानलेवा हो जाती है। ऐसे में कभी भी हमें पटाको से जलने वालो घावो को ऐसे ही नहीं छोड़ना चाहिए। हम यह नहीं कह रहें हैं कि हमें हर छोटी सी प्रॉब्लम के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। लेकिन ऐसे कई घरेलू उपचार होते हैं जिसे करके हम उन घावो को आसानी से हमेशा के लिए भर सकते हैं। हम छोटी मोटी घरेलू उपचारों को अपनाकर बड़े बड़े हादसे होने से रोक सकते हैं।

कभी कभार ऐसा भी होता है कि पटाको से जल जाने पर जलन को कम करने के लिए हम कुछ ऐसे काम कर बैठते हैं। जिससे हमारी प्रॉब्लम और ज्यादा बढ़ जाती है। आज हम आपको इसी बारे में बताएंगे कि पटाको से जलने पर आपको कौन सी गलती नहीं करनी चाहिए और कौन से उपचार करने चाहिए।
पटाको से जलने पर कौन कौन सी गलती नहीं करनी चाहिए
जब भी लोग पटाके से जलाते हैं तो उस पर बर्फ लगाकर उसके जलन को कम करने की कोशिश करते हैं। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि पटाको से जलने पर कभी भी बर्फ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि पटाको से जले घाव पर बर्फ का इस्तेमाल करने से रक्त संचार पर असर पड़ता है। इसीलिए कभी भी पटाको से जलने पर बर्फ का इस्तेमाल ना करें।
पटाको से जल जाने पर जलने वाले जगह के त्वचा पर फफोले से पर जाते हैं। और जब वह फूट जाते हैं तो वह बड़ा घाव का रूप ले लेता हैं घाव होने के बाद हमारी लापरवाही के कारण ही इंफेक्शन होने का खतरा बनता है ऐसे में हमें घाव पर कभी भी रई या नहीं लगाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से गांव पर जरूरी और कॉटन चिपक जाते हैं जिसके बाद जलन और ज्यादा बढ़ जाता है।
पटाको से जलने पर घरेलु उपचार करना चाहिए। लेकिन अगर ज्यादा सीरियस मामला हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। क्योंकि घरेलू उपचार सिचुएशन को कंट्रोल में करने के लिए होता है और छोटे-मोटे घावो को भरने के लिए होते हैं। इसीलिए घरेलू उपचार को तभी करें जब पटाको से चलने वाली जगह ज्यादा गहरी ना हो।
जले हुए हिस्से को कम से कम 15, 20 मिनट तक ठंडे पानी में डाल कर रखना चाहिए। अगर जलने वाला जगह पानी में डालना संभव ना हो तो किसी साफ मुलायम कपड़े को ठंडे पानी में भिगोकर घाव वाले हिस्से पर रखना चाहिए।
जले हुए स्थान पर फफोले पड़ जाते हैं उन्हें कभी भी फोड़ना नहीं चाहिए। वह अपने आप उठ जाएंगे घाव ठीक होने पर फुट जाते हैं। इसीलिए कभी भी जलने पर परने वाले फोड़ो को फ़ोड़ना नहीं चाहिए।
पटाको से जलने की स्थिति में अगर जली हुई त्वचा कपड़े के साथ चिपक जाए तो जल्दी से डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ऐसे समय में कभी भी घरेलू उपचार नहीं बल्कि डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक होता है।
आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपचारों के बारे में जिसे आपको पटाको के द्वारा जल जाने पर करने चाहिए।

पानी के बजाए ORS का प्रयोग करें
जब भी पटाखों से जल जाए तो फिर इसको ओआरएस का घोल देना चाहिए। क्योंकि पानी देने से सांस की नली में पानी आ जाता है इसीलिए ओ आर एस का इस्तेमाल करना चाहिए।
जले हुए जगह पर ठंडा पानी डाले
पटाको से जलने पर जल्द से जल्द पर ठंडा पानी डालना चाहिए। अगर हाथ या पैर जैसे अंग जले तो उस अंग को पानी में डालकर रखना चाहिए उसके बाद डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
नारियल तेल का इस्तेमाल करें
पटाको से जलने के बाद घाव पर नारियल का तेल लगाना अच्छा होता है। क्योंकी किसी भी तरह की जलन पर नारियल का तेल लगाने से काफी आराम मिलता है। पटाखों से ज्यादा हद तक जलने पर नारियल का तेल लगाकर डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
तुलसी के पत्ते का रस डालें
घाव पर तुलसी के पत्तों का रस लगाना बहुत अच्छा होता है। अगर पटाको से त्वचा जल जाए तो उस पर तुलसी के पत्तों को पीसकर लगाना चाहिए तुलसी के पत्ते से कई प्रॉब्लम्स दूर हो जाती है। जैसे कि जले हुए त्वचा पर तुलसी के पत्तों का पेस्ट लगाने से जली हुई जगह पर दाग नहीं होती इससे घाव में होने वाली जलन भी बहुत हद तक कम हो जाती है और घाव बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।