अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि के 70 एकड़ के मास्टर प्लान को लेकर श्री राम जन्मभूमि के तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देशवासियों से सुझाव लेने के लिए देशवासियों को आमंत्रित किया। बुधवार के दिन ट्रस्ट की ओर से राम मंदिर की भव्यता प्लेन के लिए आम देशवासियों से सुझाव मांगा है।
हाल ही में हुए एक बैठक में अयोध्या के सर्किट हाउस में हुए एक बैठक में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट ने सभी देशवासियों से सुझाव मांगने की अपील की थी। गोविंद देव गिरी जो कि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष हैं उन्होंने बताया था कि राम मंदिर के साथ-साथ राम जन्मभूमि के संपूर्ण 70 एकड़ के परिसर की भव्यता के लिए देश के साधु-संतों का आर्किटेक्ट से सुझाव मांगा जाएगा। इसी क्रम में बुधवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से ट्विटर पर ट्वीट करके 70 एकड़ के मास्टर प्लान के लिए देशवासियों का सुझाव आमंत्रित किया।
इस मंदिर के निर्माण होने में लोगों का बहुत बड़ा योगदान है, और इस मंदिर के परिसर के विकास से जुड़े लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करना ट्रस्ट की जिम्मेदारी है। इसीलिए लोगों की अपेक्षाओं को जानने के लिए ट्रस्ट ने यह कदम उठाया है। देशवासियों को सुझाव देने के लिए अंतिम तिथि भी रखी गई है कहा है कि देशवासी 25 नवंबर से पहले परिसर के विकास से जुड़ी अपने अपने सुझाव दे सकते हैं। सभी सुझाव आने के बाद जो स्वीकार करने योग्य होगा, उसे हम प्लान में शामिल करेंगे। सुझाव देने के लिए लोगों को ट्रस्ट में ई-मेल से सुझाव भेजना पड़ेगा।

ट्रस्ट ने लोगों को अपना अपना सुझाव देने के लिए अपने फेसबुक पेज पर व ट्विटर पर ई-मेल की जानकारी साझा की है। कहा जा रहा है कि यह कदम इसलिए भी उठाया गया है ताकि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद कोई भी किसी प्रकार का उंगली ना उठाएं क्योकि इस भव्य मंदिर के निर्माण से कई लोगों की अपेक्षाएं जुड़ी हुई है। लेकिन अगर मंदिर के निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लोग सवाल पूछेंगे तो वह मंदिर का अपमान होगा। साथ ही लोगों की अपेक्षाओं पर खरा न उतरने की भी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी इसलिए ट्रस्ट की तरफ से लोगों से यह अपील की गई है कि वे 25 नवंबर से पहले पहले अपना अपना सुझाव ई-मेल के जरिए हम तक पहुंचा दें। ताकि मंदिर निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद कोई भी किसी प्रकार से उंगली ना उठाएं
हाल ही में मंदिर निर्माण समिति की बैठक हुई थी जिसमें मंदिर निर्माण की गुणवत्ता, मजबूती, आयु को लेकर 2 दिनों तक मंथन किया गया था। इस बैठक में समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के साथ-साथ निर्माण एजेंसी से जुड़े अधिकारी व विशेषज्ञ भी शामिल हुए थे। बैठक के उपरांत अब ट्रस्ट ने आम लोगों से परिसर के विकास में राय मांगी, बैठक में यह कहा गया कि परिसर में जन्म भूमि पर करीब 5 एकड़ में मंदिर बनाया जाएगा, जिसमें गर्भ गृह के साथ ही परिक्रमा पथ इत्यादि भी शामिल होंगे। श्री राम जी का मंदिर वैसे तो पहले ही डिजाइन और फाइनल किया जा चुका है, इसके साथ ही परिसर के 65 एकड़ के क्षेत्रफल में अन्य निर्माण भी किए जाने हैं। इसी क्षेत्र में लाल किला, कुबेर तिलावा, सीता रसोई जैसे प्राचीन स्थल भी बनाए जाएंगे। परिसर में शेष अवतार मंदिर भी था जिसे लक्ष्मण जी का जन्म भूमि माना जाता है, हालांकि अब मंदिर का वजूद नहीं रहा मानो पूरी तरह खत्म भी हो चुका है। पहले 65 एकड़ के परिसर में ऑडिटोरियम, गुरुकुल, रामकथा कुंज, संत निवास व यात्री निवास आदि भी प्रस्तावित था, वहीं अब ट्रस्ट ने परिसर के विकास के लिए लोगों से सुझाव आमंत्रित किया। ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने बताया कि राम जन्मभूमि मंदिर पूरे समाज और देश को समर्पित रहेगा और यही वजह है कि लोगों को सुझाव के लिए आमंत्रित किया गया है।
श्री राम मंदिर निर्माण समिति के बैठक के आखिरी दिन यह फैसला लिया गया था कि राम मंदिर परिसर में निर्माण कार्य के लिए देशवासियों से सुझाव मांगना बहुत जरूरी है। 70 एकड़ के मास्टर प्लान के लिए सभी भक्तजनों विद्वतजनों और वास्तुविदों के लिए सुझाव की अपील की गई है, ऐसा करके ट्रस्ट ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से भगवान श्री राम के भक्तों को एक अनोखा मौका दिया है। इस परिसर में साझेदारी यानी कि अपना सुझाव देकर अपना योगदान देने का सुझाव परिसर के विभिन्न आयामों जैसे कि धार्मिक यात्रा, संस्कृति विज्ञान आदि को समाहित करने हुए होने चाहिए। इससे संबंधित सभी जानकारी ट्रस्ट के वेबसाइट srjbtkshetra.org पर उपलब्ध है सुझाव को स्वीकार व अस्वीकार करने का ट्रस्ट का निर्णय आखिरी होगा।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कहा गया कि जो भी मंदिर परिसर के निर्माण संबंधी कार्य में अपना सुझाव देना चाहते हैं वह 25 नवंबर 2020 तक हमारे दिए गए पते पर ई-मेल के द्वारा भेज दें। इसके लिए बकायदा तीन ई-मेल एड्रेस भी लागू किए गए हैं जिन पर लोगों को अपनी अपनी अपेक्षाओं को बयान करना है। सभी भाई-बंधुओं, वास्तुविदों, विषय के विद्वानों से हमारा यह निवेदन है कि 25 नवंबर 2020 तक मंदिर परिसर से जुड़ा अपना विचार हमारे दिए गए निम्नलिखित ई-मेल पते पर अवश्य ही भेजें।
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