जैसा कि सभी को पता है, रिपब्लिकन सत्ताधारी डोनाल्ड ट्रम्प और उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन white house के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, अब तक, जो बिडेन ने 238 टोटल वोट और डोनाल्ड ट्रम्प ने 213 वोट हासिल किए हैं।
कई मीडिया आउटलेट्स ने कहा है कि ट्रम्प के 23 राज्यों को जीतने के आसार हैं, जिनमें फ्लोरिडा और टेक्सास, इंडियाना, केंटकी, मिसौरी और ओहियो शामिल हैं। तो दूसरी तरफ बिडेन ने डेलावेयर, कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क सहित 20 राज्यों को शामिल किया है, साथ ही साथ अमेरिका की राजधानी में भी बिडेन का बोल बाला है।
White house पर कब्जा करने के लिए, एक उम्मीदवार को कुल 538 चुनावी वोटों में से 270 जीतने होते हैं। एक रिकॉर्ड 100 मिलियन अमेरिकियों ने 3 नवंबर को चुनाव के दिन से पहले शुरुआती मतदान में अपने मतपत्र डाले।
सात राज्यों के परिणाम अभी भी प्रतीक्षित हैं, जिनमें प्रमुख पुरस्कार पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन शामिल हैं।
पहले ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया था कि उन्होंने अमेरिकी चुनाव जीत लिया है, इस तथ्य के बावजूद कि अंतिम परिणाम अभी तक निकला नहीं हैं। उन्होंने आगे घोषणा की थी कि वह मतगणना के विवाद के लिए सर्वोच्च न्यायालय भी जाएंगे।
खैर जो भी हो, मतदाताओं के एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, मतदाताओं ने देश के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों के रूप में कोविद-19 महामारी और अर्थव्यवस्था को स्थान दिया।
एपी अनुमानों के आधार पर, डोनाल्ड ट्रम्प और जो बिडेन द्वारा जीते गए राज्यों की संख्या और चुनावी वोटों की सूची निम्नलिखित है।
डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा प्राप्त कुल वोट — 213
शहर वोट की संख्या
नेब्रास्का — 5
लुइसियाना – 8
नॉर्थ डकोटा — 3
दक्षिण डकोटा — 3
व्योमिंग — 3
इंडियाना –11
कैनसस — 6
दक्षिण कैरोलिना — 9
अलबामा — 9
ओक्लाहोमा — 7
अरकंसास — 6
मिसिसिपी — 6
टेनेसी — 11
केंटकी — 8
वेस्ट वर्जीनिया — 5
मिसौरी — 10
इडाहो — 4
यूटा — 6
ओहियो — 18
मोंटाना — 3
आयोवा — 6
फ्लोरिडा — 29
टेक्सास — 38
जो बिडेन द्वारा प्राप्त कुल वोट — 238
शहर वोट की संख्या
कोलोराडो — 9
कोलंबिया जिला — 3
न्यू मैक्सिको — 5
न्यूयॉर्क — 29
वर्जीनिया — 13
इलिनोइस — 20
न्यू जर्सी — 14
वरमोंट — 3
कनेक्टिकट — 7
मैसाचुसेट्स — 11
रोड आइलैंड — 4
डेलावेयर — 3
मैरीलैंड — 10
न्यू हैम्पशायर — 4
वाशिंगटन — 12
ओरेगन — 7
कैलिफोर्निया — 55
मिनेसोटा — 10
हवाई — 4
एरिज़ोना — 11
मेन — 4
अमेरिका में इलेक्शन का मामला अगर टाइ हो जाए तो क्या होगा
अमेरिका के चुनाव में जो बिडेन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अभी कांटे का चक्कर चल रही है। भले ही जो बिडेन ने काउंटिंग की शुरुआती समय में काफी ज्यादा की बढ़त हासिल की है लेकिन फिर भी दोनों के बीच टक्कर कांटे की लगी है। कई लोगों के मन में तो यह भी सवाल उठ रहा है कि अगर दोनों उम्मीदवारों को बराबर के वोट प्राप्त होंगे तो रिजल्ट टाई भी हो सकता है और अगर रिजल्ट टाई हो गया तो क्या होगा। एक्चुअली में अमेरिका में कुल 538 इलेक्टोरल वोट है जिसमें से किसी को भी जीतने के लिए आधे से ज्यादा वोटों की आवश्यकता होगी यानी कि बिडेन या डोनाल्ड ट्रंप को अगर राष्ट्रपति बनना है तो उन्हें कम से कम 270 वोटों की जरूरत होगी। लेकिन अगर दोनों को ही 269 – 269 इलेक्टोरल वोट मिलते हैं तो मुकाबला टाई हो सकता है। तो ऐसे में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव(अमेरिकी संसद का निचला संसद) उप-राष्ट्रपति को चुनेगी, यहां पर राज्यों के हिसाब से वोटिंग होती है। पहले उप-राष्ट्रपति को चुना जाएगा और फिर बाद में वोटिंग के जरिए राष्ट्रपति को चुना जाएगा।
कैसे तय होगी जीत और हार
अमेरिका में हर स्टेट को उसकी आबादी के आधार पर इलेक्टोरल कॉलेज यानि की कुछ तय किए हुए इलेक्टोरल वोटो का अधिकार मिलता है। इनकी कुल संख्या होती है 538 और जीतने वाले कैंडिडेट को कम से कम 270 या ज्यादा वोट जीतने की जरूरत होती है। अमेरिका में जिस उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिलता हैं उसकी जीत हो जाती है| जीत तय नहीं होती बल्कि उम्मीदवार इलेक्टोरल कॉलेज के वोट को जीतने की कोशिश करता है। और अगर उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिलता है, तो उसकी जीत हो जाती है।
राष्ट्रपति चाहे कोई भी बने भारत से अमेरिका के साथ रिश्ते मजबूत ही रहने चाहिए
अमीरीका के राष्ट्रपति चुनाव का फैसला चाहे जो भी आए भारत के साथ रहने वाले अमेरिका के राजनीतिक संबंधों की वर्तमान गति आगे भी बरकरार रहने की उम्मीद बनी रहेगी। ऐसा संकेत नीतिगत दस्तावेजों और राष्ट्रपति पद के लिए दोनों प्रत्याशियों के प्रचार के दौरान किए गए कॉमेंट्स से मिलता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के सबसे अच्छे दोस्त के रूप में उभरे हैं साथ ही दोनों देशो के इस संबंध को एक नए स्तर पर भी ले गए हैं।
सबसे अच्छी बात तो यह है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी डोनाल्ड ट्रंप की मित्रता जाहिर है। यही नहीं दोनों देशो, दोनों नेताओं की यह मित्रता रैलियों में भी दिखाई दी थी, जिन्हें इन्होंने 1 वर्ष से भी कम समय में अमेरिका और भारत में संबोधित किया था। वहीं बिडेन ने पिछले जुलाई के महीने में एक फंडरेजर में कहा था कि “भारत और अमेरिका स्वाभाविक साझेदार है। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत अमेरिका के सुरक्षा के लिए भूमिका रखती है ? तो उन्होंने कहा था कि “यह साझेदारी एक राजनीतिक साझेदारी है, जो हमारी सुरक्षा में आवश्यक और काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में विश्लेषकों का यह मानना है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते आने वाले समय में भी वर्तमान की तरह ही मजबूत रहेंगे। फिर चाहे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बने या फिर बिडेन।
चारों ओर महामारी फैले रहने के बावजूद भी लोगों ने किया रिकॉर्ड तोड़ मतदान
अमेरिका के चुनाव में एक बार फिर साबित हो गया कि बीते लोकतंत्र पिछले 2 शताब्दियों से लेकर इस देश की जान बना रहा है। चारों ओर महामारी रहने के बावजूद भी इस बार ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी लोगो ने अपने घरों से निकलकर अपना अपना मतदान डाला और इतिहास रचा है।