नवरात्रि माता दुर्गा का त्यौहार होता है। नवरात्रि के समय लोग पूरे धूमधाम से मैया रानी का स्वागत करते हैं। उन दिनों पूरी दुनिया में रौनक छा जाती है। नवरात्रि के 10 दिनों में हर व्यक्ति के मन में विश्वास रहता है कि मैया दुर्गा धरती पर आई है। वे मन को शांत रखकर माता की सेवा में लीन रहते हैं। हर समय माता को प्रणाम करते हैं माता का ध्यान करते हैं जिससे माता रानी प्रसन्न हो सके और जाते वक्त उनको आशीर्वाद देते जाए। लेकिन क्या यह सच में ऐसा होता है कि माता रानी इस दुनिया में 10 दिन के लिए आ कर चली जाती है? जी नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं। यह बस एक तिथि होती है। जब माता रानी सारे भक्तों के बीच रहने का उनको आभास कराती है। लेकिन वैसे तो माता रानी हमेशा ही इस दुनिया में अपने बच्चो की देखभाल करते रहती है।
लोग नवरात्रि के 10 दिन भले ही धार्मिक और सात्विक भाव से जीते हैं लेकिन क्या वे हमेशा इस भाव से रहते हैं ?
नहीं , नवरात्रि के 10 दिन ही लोगों को यह बात नजर आती है कि हर कन्या माता रानी का स्वरूप होती है उनमें माता का वास होता है। लेकिन यह सोच लोग हमेशा नहीं रखते हैं। लोग माता को प्रसन्न करने के लिए कन्याओं की पूजा करते हैं ताकि माता रानी से आशीर्वाद प्राप्त कर सके। लेकिन यह सच है कि लोगो के मन में माता रानी के प्रति थोड़ा भी सम्मान नहीं है। इसका प्रमाण हैं इस दुनिया में आए दिन हो रहे लड़कियों पर अत्याचार। हम यह तो नहीं कह सकते कि बेटियों को आगे बढ़ने नहीं दिया जाता,अब बेटियां भी बेटों से कदम मिलाकर चलती है। उन्हें अवसर मौका दिया जाता है दुनिया के कदम से कदम मिलाकर चलने का। लेकिन इन लोगों में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो बेटियों के प्रति ईर्ष्या भाव रखते हैं, उन पर गलत नजर डालते हैं। क्या लोगों को सिर्फ 10 दिनों के लिए ही कन्याओं में माता नजर आती है क्यों लोग हमेशा कन्याओं और महिलाओं में माता का रूप नहीं देखते हैं, यहां तक की इंसान भी नहीं समझते हैं। यह सब हम ऐसे ही नहीं कह रहे हैं यह बात आप भी अच्छे से जानते हैं कि हर साल कितनी ही तादाद में लड़कियों के साथ शोषण होने की खबरें सामने आती है, साथ ही कितने ही महिलाओं को घर में दहेज के कारण उन पर जुल्म किया जाता है उन पर अत्याचार होता है। क्यों उन लोगों को यह नहीं दिखता कि वह भी महिला औरत किसी की मां है, किसी की बेटी है, किसी की बहन है और सबसे बड़ा वो माता का अंश है।
आप मंत्री को ही ले लीजिए योगी आदित्यनाथ मंदिरों में कन्या पूजन करते हैं, मोदी जी भी नवरात्रि का व्रत रखते हैं। हम उनका उपहास नहीं कर रहे हैं हम आप लोगों को आइना दिखा रहे हैं। सोचिए जहां एक तरफ मंत्री लोग कन्या पूजन करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनके ही राज्य में जिला में आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती है। यूपी के योगी आदित्यनाथ जी को ही ले लीजिए जहां वे कन्या पूजन जैसे शुभ कार्य करते हैं तो वहीं उनके ही राज्य यूपी में हुए हाथरस की घटना पर चुप है। वह बेटी भी तो माता रानी का स्वरूप ही थी क्यों उसके साथ ऐसा हुआ। आए दिन हमारे सामने ऐसी दर्द भरी घटनाए सामने आती हैं। सिर्फ यही नहीं इसके अलावा कन्याओ के साथ कितने प्रकार केअत्याचार होते हैं जो घटनाएं हमसे छुपी हुई ही रह जाती है। घर के अंदर ही कितने ही बेटियों के साथ गलत व्यवहार होता है जिसकी जानकारी लोगों तक पहुंचती भी नहीं।
सिर्फ यही नहीं! एक तो लड़कियों के साथ अपराध होता है, ऊपर से उनके अपराधियों को सजा दिलाते वक्त भी हर कोई पीछे हटता है। कहीं पैसों की लालच में तो कहीं डर की वजह से कहीं ना कहीं बेटियों को इंसाफ नहीं मिल पाता है। क्या ऐसे में माता रानी लोगों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाएंगी? एक तो बेटियों के ऊपर अत्याचार होता है और ऊपर से उनके अपराधियों को भी पूरी की पूरी छूट दे दी जाती है। भले ही इसके वजह अलग-अलग होते हैं। अगर हम यह मान भी लेते हैं कि दुनिया में कुछ लोग बुरे होते हैं जो बेटियों पर अत्याचार करते हैं उन पर जुल्म करते हैं तो उन लोगों का क्या जो अपराधियों को सरेआम छोड़ देते हैं।
यह सिर्फ इसलिए क्योंकि लोगों की गंदी सोच उनका साथ नहीं छोड़ती है। वह भले ही माता रानी को पूजते हैं लेकिन अगर वे सच में माता रानी को पूजते तो आज देश में शायद कन्याओं का महिलाओं का सम्मान होता और ऐसी घटनाए हमें देखने को न मिलते। ऐसे में यह कैसे कहा जा सकता है कि बेटियों को हमारे भारत में हमारी संस्कृति में बेटियों को देवी का दर्जा दिया जाता है। जब उन्हें एक इंसान होने का ही सम्मान नहीं दिया जाता है।
देश के पुलिसकर्मियों को, नेताओं को बेटियों पर हो रहे अत्याचारों को रोककर उनके अपराधियों को सजा दिलवानी चाहिए। तो वही वह पुलिसकर्मी, विधायक सब अप आरोपियों को आजाद छोड़ देते हैं ऐसे में हम लोगों से यही कह सकते हैं कि कन्या पूजन बाद में करें या फिर ना भी करे तो चलेगा। पहले बेटियों को इंसान होने का दर्जा दिया जाए, उन्हें दुनिया में सम्मान दिया जाए, उनका अधिकार दिया जाए, उनपर हो रहे अपराधो को रोका जाए। हर किसी को बेटी का सम्मान करना चाहिए उनका आदर करना चाहिए।
यह नवरात्रि संकल्प वाली
बहुत कुछ बदल गया है इस साल नवरात्रि पर। जहां हर साल लोग धूमधाम से नवरात्रि मनाते हुए बड़ी भीड़ का हिस्सा बनते थे वही इस साल सब कुछ सादगी से होगा। अब क्या करें! कोरोना वाइरस ने परिस्थिति ही ऐसी बना दी है की सब कुछ एकदम से बदल गया है। तो जब सब कुछ बदल ही चुका है तो क्यों ना हम अपने अंदर भी बदलाव लाए। क्यों ना यह नवरात्रि हम भी थोड़े अलग अंदाज में मनाए, क्यों ना इस नवरात्रि हम माता रानी के सामने संकल्प ले कि अब से हम किसी भी लड़की के साथ बुरा नहीं करेंगे और ना ही उनके साथ कुछ गलत होता हुआ चुप चाप खड़े होकर देखेंगे।

लड़कियों के साथ गलत इसलिए होता है क्योंकि आसपास खरे शरीफ लोग भी उनके साथ गलत होते वह देख अपनी आंखें मूंद लेते हैं और उन लड़कियों के लिए कुछ नहीं करते। जब लड़कियों को इंसाफ दिलाने की बारी आती है तो कोई भी अपनी आवाज नहीं उठाना चाहता। ऐसा करके कहीं ना कहीं भद्र समाज के लोग भी उन अपराधियों की भांति अपराधी बन जाते हैं जिन्होंने लड़की के साथ गलत किया होता है। तो इस तरह बिना कुछ किए अपराधी बनने से तो अच्छा है कि हम लड़कियों के हित में आवाज़ उठाएं और उन्हें इंसाफ दिलाने का प्रयास करें। जिस दिन हम इंसान दूसरे इंसान की कदर करने लगेंगे उस दिन भगवान को धरती पर आने से और धरती वासियो को दर्शन देने से कोई नहीं रोक सकता। यह मां दुर्गा के प्रति हम सभी की सबसे बड़ी आराधना और श्रद्धांजलि होगी। हम एक बार और दोहरा रहे हैं इस इस नवरात्रि हमे मैया रानी की चौखट पर खड़े होकर यह संकल्प लेना है कि आगे से हम किसी भी लड़की के साथ ना गलत करेंगे ना गलत होने देंगे।
बेटी ही हमारे लिए सृष्टि है अगर बेटी नहीं होती तो दुनिया का अस्तित्व भी नहीं होता। हम सभी को बेटियों की सुरक्षा को लेकर लोगों को जाकरूक करना चाहिए। बेटियों का सम्मान हर सम्मान से बढ़के है। अगर बेटियां नहीं रहेगी तो पूरा दुनिया नहीं चल पाएगा। इसीलिए बेटियों से हमेसा प्यार करें और हमेशा बेटियो की इज्जत करें।