महामारी और लॉकडाउन के बीच भी, प्रधान मंत्री ने ग्रामीण भूमि के रिकॉर्ड को Update करने के लिए पंचायती राज दिवस (24 अप्रैल) पर स्वमित्व योजना की घोषणा की। इस योजना का लक्ष्य ड्रोन और नवीनतम सर्वेक्षण विधियों का उपयोग करते हुए ग्रामीण आबाद भूमि का नक्शा बनाना है, और यह योजना इस तथ्य से प्रेरित है कि देश भर के विशाल क्षेत्रों के लिए भूमि रिकॉर्ड, विशेष रूप से नक्शे या तो गलत हैं या मौजूद नहीं हैं। औसत पर्यवेक्षकों की नजर में, यह सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाई क्षेत्र प्रतीत नहीं भी हो सकता है, फिर भी यह वास्तव में बहुत दूरगामी परिणाम है और आवश्यक मूलभूत सुधारों में से एक है।
संकट के समय में सटीक भूमि रिकॉर्ड की कमी को सबसे अधिक तीव्रता से महसूस किया जाता है। चक्रवात Amphan ने तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल के विशाल विस्तार को तबाह कर दिया है और लाखों बेघर हो गए हैं। लोगों को उनके घरों के पुनर्निर्माण में मदद करने के उद्देश्य से किए गए किसी भी राहत प्रयासों को भूमि रिकॉर्ड से बेहद लाभ होगा जो यह पहचानने में मदत करती है कि किसकी भूमि की सीमा कहा तक है। इन रिकार्ड्स के अभाव में, सरकार की ओर से मुआवजे का दावा करने की क्षमता नहीं होने के कारण कमजोर वर्ग के लोगो द्वारा उनकी संपत्ति को खोने का खतरा है।
भूमि रिकॉर्ड भी ग्राम पंचायतों के वित्तीय लचीलापन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ग्राम पंचायतें जो अपने स्वयं के राजस्व उत्पन्न करने में सक्षम हैं, वे अपने स्थानीय समुदायों की जरूरतों में निवेश करने में सक्षम होंगी। हालांकि, ग्राम पंचायतों के पास राजस्व उत्पन्न करने का एक उचित ट्रैक रिकॉर्ड नही है, खासकर संपत्ति कर के माध्यम से। 2018 के आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि ग्राम पंचायतों द्वारा संभावित संपत्ति कर का केवल 19% एकत्र किया जा रहा है। कम संग्रह का एक संभावित कारण सम्पत्ति के बारे में डेटा की कमी होगी, जैसे वे कहाँ रहते हैं, क्या वे आवासीय है या वाणिज्यिक हैं, उचित कर मूल्य क्या होना चाहिए, और किस पर कर लगाया जाना चाहिए इत्यादि।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए Viii सर्वे ऑफ विलेजेस एंड मैपिंग विद इम्प्रोव्ड टेक्नोलॉजी इन विलेज एरियाज ’ (SVAMITVA) योजना के तहत संपत्ति कार्डों का भौतिक वितरण शुरू किया।
प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा, “यह योजना देश के गांवों में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने जा रही है”। आज, एक लाख लोगों को उनके घरों के लिए स्वामित्व पत्र मिले हैं। उन लोगों को बहुत-बहुत बधाई।
प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान के अनुसार, यह लॉन्च एक लाख संपत्ति धारकों को उनके मोबाइल फोन पर दिए गए SMS लिंक के माध्यम से अपने संपत्ति कार्ड डाउनलोड करने में सक्षम करेगा। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ, प्रधानमंत्री ने इस आयोजन के दौरान कुछ लाभार्थियों के साथ बातचीत की।
इस योजना का उद्देश्य
पंचायती राज मंत्रालय द्वारा शुरू की गई इस योजना (ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर तकनीक के साथ गांवों का सर्वेक्षण और मानचित्रण) का उद्देश्य सभी ग्रामीण संपत्तियों के भू-स्थानिक डेटाबेस का निर्माण करके इस अंतर को दूर करना है। आने वाले समय में, यह आशा की जा रही है कि भूमि रिकॉर्ड लोगों को ऋण लेने के लिए एक माध्यम के रूप में संपत्ति का लाभ उठाने में मदद करेगा और समग्र ग्रामीण नियोजन प्रक्रियाओं में भी सहायता करेगा। पिछले दो वर्षों में, पायलट कैडस्ट्राल सर्वेक्षण परियोजनाओं ने हरियाणा और महाराष्ट्र में पायलट स्थानों पर सफल परिणाम प्राप्त किए, जहां संपत्ति कार्ड जारी किए गए थे।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। स्वामित्व योजना मुख्य उद्देश्य ग्रामीण लोगों को उनका अधिकार दिलवाना है। ग्रामीण जमीनों को ऑनलाइन देख रेख मुहैया कराना, जमीनों की मैपिंग तथा जमीन के असली मालिक को उसका हक दिलाना, जमीनी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना इत्यादि इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है। कोरोना महामारी से जहां आज पूरा देश जूझ रहा है और ऐसे में कुछ नया सोचने समझने की हालत में भी नहीं है उसी समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपना ध्यान ग्रामीणों की उन्नति की तरफ आकर्षित किया और कोरोना महामारी के बीच ही उन्होंने इस योजना की शुरुआत की। इस योजना से आने वाले समय में ग्रामीण परिवारों को काफी फायदा पहुंचेगा और धीरे-धीरे पूरे देश में इस योजना के तहत ग्रामीण लोगों को लाभ प्राप्त होने लगेगा। आशा है गांव के लोग इस योजना का संपूर्ण फायदा उठा पाएंगे और इस योजना के महत्व को भी समझ सकेंगे।
SVAMITVA योजना से जुड़े कुछ खास बिंदु —–
1. SVAMITVA, पंचायती राज मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है, जिसे 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधान मंत्री द्वारा शुरू किया गया था।
2. योजना के लाभार्थी उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो सहित 6 राज्यों के 763 गांवों के हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के एक बयान के अनुसार महाराष्ट्र छोड़कर, इन सभी राज्यों के लाभार्थियों को एक दिन के भीतर प्रॉपर्टी कार्ड की भौतिक प्रतियां प्राप्त होंगी – महाराष्ट्र में प्रॉपर्टी कार्ड की मामूली लागत वसूलने की व्यवस्था है, इसलिए इसमें एक महीने का समय लगेगा।
3. इस कदम से ग्रामीणों द्वारा ऋण और अन्य वित्तीय लाभ के लिए संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
4. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण घरों के मालिकों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ प्रदान करना और संपत्ति कार्ड जारी करना है।
5. इस योजना को चार साल (2020-2024) की अवधि में पूरे देश में लागू किया जा रहा है और अंत में यह देश के लगभग 6.62 लाख गांवों को कवर करेगा।
विभिन्न राज्यों में संपत्ति कार्ड के लिए अलग-अलग नामकरण है। हरियाणा में ‘शीर्षक विलेख’, कर्नाटक में ‘ग्रामीण संपत्ति स्वामित्व रिकॉर्ड (आरपीओआर)’, मध्य प्रदेश में ‘अधिकार अभिलेख’, महाराष्ट्र में ‘सनद’, उत्तराखंड में ‘स्वामित्व अभिलेख’, उत्तर प्रदेश में ‘घरौनी’।
उम्मीद करतें हैं, आपको SVAMITVA योजना से जुड़ा यह आर्टिकल पसंद आया होगा और आपको इस योजना के हर एक बिंदु के बारे में अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा। नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार ने हमारे देश और देशवासियों के लिए सीमित समय के अंदर ही वो कर दिखाया जो कोई और नहीं कर सका और यही कारण है कि आज पूरा देश नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त कर रहा हूं। आप नरेंद्र मोदी जी के इस योजना से कितने ज्यादा संतुष्ट और प्रसन्न है हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर इस लेख में दिए गए points को अच्छी तरह से समझ गए तो इस आर्टिकल को एक लाइक करें और इस योजना की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाए, इस आर्टिकल को जितना हो सके शेयर करें और सबकी ज्ञान वृद्धि में अपना छोटा सा योगदान दे। अपना कीमती समय देने के लिए आप सभी का धन्यवाद। हमारी वेबसाइट पर आते हैं रोज नई जानकारियां हासिल करते रहे।
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