पहले के जमाने में अगर हमें रेडियो सुनना होता था तो हमे रेडियो के डब्बे को साथ लेकर घूमना पड़ता था। हम गाड़ी में रेडियो सुन तो सकते थे लेकिन वहीं कई गिने-चुने रेडियो स्टेशन होते थे। लेकिन आज की Date में आप मोबाइल या लैपटॉप PC में जाकर ऑनलाइन रेडियो सुन सकते हैं। और यही नहीं अपने शहर अपने कंट्री के अलावा हम दूसरे कंट्री जैसे कि मान लीजिए अगर आप पहले किसी दूसरे शहर में रहते थे लेकिन अब आप किसी दूसरे शहर या कंट्री में आ गए हैं तो आप चाहे तो ऑनलाइन जहां है वहीं अपने कंट्री या शहर का स्टेशन लगाकर रेडियो सुन सकते हैं।
अगर आप इंटरनेट स्ट्रीम से रेडियो सुन रहे हैं तो आपको दो बातों का ध्यान रखना पड़ेगा।
- इंटरनेट की स्पीड अच्छी होनी चाहिए अगर इंटरनेट Slow होगा तो ऑडियो ठीक से नहीं चल पाएगा।
- इसके अलावा अगर आप अपने मोबाइल फ़ोन से ऑनलाइन रेडियो सुनना चाहते हैं तो, आपके मोबाइल में 3G कनेक्शन होना पड़ेगा। या फिर आप अच्छे अपने मोबाइल को किसी अच्छे WiFi से कनेक्ट करें।
PC से ऑनलाइन रेडियो कैसे सुने
आपके पास ऑडियो सुनने के लिए स्पीकर या हैंडसेट होना चाहिए। अब आइए जानते हैं कि PC में ऑनलाइन रेडियो कैसे खोजें।
सबसे पहले आपको गूगल पर रेडियो ऑनलाइन लिखके सर्च करना हैं। ऐसा करते ही आप देख सकेंगे उसमें बहुत सारे रेडियो स्टेशन आएंगे। आपको किसी एक को खोलना है और आप उसमें ऊपर संख्याओं में लिखा हुआ देख भी सकते हैं कि कितने रेडियो स्टेशन है फिर ऊपर आप एक छोटा सा सर्च बॉक्स देख सकेंगे। वहां पर अगर आप India Radio लिखकर सर्च करेंगे तो आपको इंडिया के कई रेडियो स्टेशंस मिल जाएंगे। जैसे की कॉमेडी रेडियो स्टेशन, हिंदी गाने का रेडियो स्टेशन, और भी बहुत सारे रेडियो स्टेशन वहां पर आप देख सकते हैं। फिर किसी पर भी क्लिक करके आप अपने पसंदीदा रेडियो स्टेशन को सुन सकते हैं। यह पूर्ण रूप से ऑनलाइन रेडियो स्ट्रीम है और इसके लिए आपको कोई एप्लीकेशन डाउनलोड करना नहीं होता है। यह डायरेक्ट ऑनलाइन स्ट्रीम करता है।
चलिए अब यह जानते हैं इस बारे में की कैसे आप अपने लैपटॉप के PC में इंडिया के FM चैनल को सुनने के लिए यूज कर सकते हैं। इसके लिए एक साइट है जिसका नाम है Onlineradios.in हैं। अगर आप इस साइट पर जाते हैं तो आपको इंडिया के प्रसारण करने वाले अलग-अलग रेडियो स्टेशन दिख जाएंगे। आप इस साइट पर बहुत सी भाषाएं भी देख पाएंगे जैसे कि बेंगोली, गुजराती, हिंदी, मलयालम, पंजाबी, तमिल, तेलुगू इत्यादि। साथ ही आपको Frequencies भी देखने को मिलेगी। अगर आपको अलग-अलग Frequency से चैनल सिलेक्ट करना है तो आप वो भी कर सकते हैं।
उसके बाद उन चैनल्स में से आपको जो भी चैनल अच्छा लगे आप उस पर क्लिक करें। आप जिस चैनल पर क्लिक करेंगे, उसका आईकॉन बीच में आ जाएगा। फिर ऑडियो स्ट्रीम होना स्टार्ट होगा अगर ऑडियो स्ट्रीम ना हो तो आप वहां नोटिफिकेशन देख सकते हैं। जिसमें दिया हुआ होगा कि आप इस चैनल के ऑडियो को कैसे सुन सकते हैं। फिर किसी दूसरे चैनल को देखें। इस तरह चैनल में क्लिक करते गाना चलने लगेगा और इस तरह आप साइट पर जाकर अलग-अलग रेडियो स्टेशन सुन सकते हैं।
अब आप लोग यह सोच रहे होंगे कि रेडियो सुनने के लिए आपको गूगल में बार-बार URL टाइप करके साइट पर जाना होगा। तो आपको इसके लिए भी टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। हम आपको एक अच्छा रास्ता बताएंगे जिससे आप सीधे रेडियो स्टेशन को ओपन कर सकते हैं।
इसके लिए आपको आपके क्रोम ब्राउज़र में crom.google.com/webstore लिखना है उसके बाद Chrome webstore खुल जायेगा। आपको उस पर लिखना है इंडिया रेडियो। अगर आप किसी दूसरे देश से हैं तो आप अपने देश का नाम डाल दीजिए। वहां पर Apps भी होंगे और एक्सटेंशन भी। आप कुछ भी सेलेक्ट करके Enter करें। उसके बाद आप चाहे तो उस एक्सटेंशन को अपने क्रोम ब्राउजर के साथ जोड़ सकते हैं जो आपको ऊपर शो करेगा आपको उसमें क्लिक करना है। और फिर एड एक्सटेंशन पर क्लिक करके उसे आप क्रोम ब्राउज़र में ऐड कर सकते हैं। जिसके बाद आपको कोई URL याद करने की जरूरत नहीं है। फिर आप राइट साइड में ऊपर एक छोटा सा मार्क देख पाएंगे उस पर क्लिक करके आप आसानी से रेडियो सुनने वाली साइट को खोल सकते हैं।

cc से ऑनलाइन रेडियो कैसे सुने
आइए अब यह जानते हैं कि मोबाइल से ऑनलाइन रेडियो कैसे सुन सकते हैं। मोबाइल में रेडियो सुनने के लिए आपको एक ऐप डाउनलोड करना पड़ेगा। आप FM india या कोई दूसरा रेडियो का ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। लेकिन अगर आप खास हिंदी गाने सुनना चाहते हैं तो ऐसे में यह एक बहुत अच्छा ऐप है आप इसे ही डाउनलोड करें इस ऐप में इंडिया के बहुत से FM स्टेशन आते हैं। आपको वहां पर बहुत सारे अलग-अलग FM के चैनल दिख जाएंगे जहां पर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता इत्यादि जगहों के नाम लिखा हुआ होगा। आप उस पर क्लिक करके उन जगह के रेडियो स्टेशंस को सुन सकते हैं। साथ ही वहां पर हिंदी लिखा हुआ आता है आप चाहे तो उस पर क्लिक करके अच्छे-अच्छे हिंदी गाने के चैनल देख सकते हैं। वहां पर आप नए नए भाषा जैसे तमिल, पंजाबी, मलयालम यहां तक कि ऐराबिक भाषा तक के गानों के चैनल देख सकते हैं। वहां आप जो भी चाहे वह रेडियो स्टेशन सुन सकते हैं।
इंटरनेट रेडियो, ऑनलाइन के माध्यम से प्रसारित होने वाला एक साउंड सर्विस है। जहां इंटरनेट के जरिए गाने की स्ट्रीमिंग की जाती है। क्योंकि इसे मोटे तौर पर बेतार की मदद से प्रसारित नहीं किया जाता है। इंटरनेट रेडियो में मीडिया की स्ट्रीमिंग होती है, यानी कि सुनने वालों को ध्वनि का प्रवाह मिलता है। और इसे रोका या फिर चलाया भी नहीं जाता है। एग्जांपल के तौर पर एक व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया के स्टेशन को अमेरिका या यूरोप से सुन सकता है। कुछ प्रमुख नेटवर्क है जैसे अमेरिका के क्लियर चैनल और सीबीएस रेडियो ब्रिटेन में ही सीमित है। क्योंकि बाहर के देशों में उन्हें संगीत के लाइसेंस और विज्ञापन की समस्या होती है। इंटरनेट सेवाएं न्यूज़, खेल, गाने और हर वह स्वरूप उपलब्ध कराता है जो पारंपरिक रेडियो स्टेशनों पर उपलब्ध होना चाहिए।
रेडियो स्टेशन का इतिहास
पहले कानूनी तौर पर रेडियो स्टेशन खोलने की अनुमति नहीं थी। जिस कारण 1918 में ली द फॉरेस्ट ने न्यू यॉर्क के हाईब्रिज इलाके में दुनिया का सबसे पहला रेडियो स्टेशन शुरू किया था। लेकिन कुछ दिनों बाद पुलिस ने उसे बंद करा दिया। इसके 1 साल बाद ली द फॉरेस्ट ने 1919 में सैन फ्रांसिस्को में एक और रेडियो स्टेशन शुरू किया।
फिर साल 1920 में नौसेना के रेडियो विभाग में काम कर चुके फ्रेंक कॉनार्ड को दुनिया में पहली बार कानूनी तौर पर रेडियो स्टेशन शुरू करने की अनुमति मिली। उसके कुछ ही सालों में देखते देखते दुनिया भर में सैकड़ो रेडियो स्टेशनों ने काम करना शुरू कर दिया। उसके बाद रेडियो में ऐड दिखाने की शुरुआत साल 1923 में हुई। इसके बाद ब्रिटेन में बीबीसी और अमेरिका ने सीबीएस और एनबीसी जैसे सरकारी रेडियो स्टेशनों की शुरुआत हुई थी। उसके बाद नवंबर 1941 को नवंबर महीने में सुभाष चंद्र बोस ने रेडियो जर्मनी से भारत वासियों को संबोधित किया।
इंडिया में रेडियो स्टेशन
साल 1927 तक भारत में ढेरों रेडियो क्लब की स्थापना हो चुकी थी। फिर 1936 में भारत में सरकारी “इम्पेरियल रेडियो ऑफ इंडिया” की शुरुआत हुई जो कि आजादी के बाद ऑल इंडिया रेडियो या आकाशवाणी बन गया।
साल 1939 में भारत में सारे रेडियो स्टेशन के सारे लाइसेंस को रद्द करा दिए गए थे और ट्रांसमिटरों को सरकार के पास जमा कराने का आदेश दिया गया। उन दिनों बॉम्बे टेक्निकल इंस्टीट्यूट बायकोला के प्रिंसिपल थे “नरीमन प्रिंटर”। उन्होंने रेडियो इंजीनियरिंग की शिक्षा ली थी। जब लाइसेंस रद्द करा दिए गए तो यह खबर सुनकर उन्होंने अपने रेडियो ट्रांसमीटर को खोल दिया और उनके पुर्जे को अलग-अलग जगहों पर छुपा दिया। इस बीच गांधी जी ने “अंग्रेजों भारत छोड़ो” का नारा दिया था। गांधीजी के समेत तमाम नेता 9 अगस्त 1942 को गिरफ्तार किए गए और प्रेस पर भी पाबंदी लगा दी गई।
फिर कांग्रेस के कुछ नेताओं के अनुरोध पर नरीमन प्रिंटर ने अपने ट्रांसमीटर के पुर्जे फिर से एकजुट किया। माइक जैसे कुछ सामान की कमी थी जो शिकागो रेडियो के मालिक नानक मोटवानी के पास से मिल गए। और मुंबई की चौपाटी इलाके के बिल्डिंग से साल 1942 के 27 अगस्त के दिन नेशनल कांग्रेस रेडियो का प्रसारण शुरू हो गया।
पहला प्रसारण
अपने पहले प्रसारण में उद्घोषक उषा मेहता ने कहा, कि 41.78 मीटर पर एक अंजान जगह से यह नेशनल कांग्रेस रेडियो है। उसके बाद कुछ ऐसे समाचार जिसे समाचार पत्रों में सेंसर के कारण प्रकाशित नहीं किया गया था, जैसे गांधीजी का भारत छोड़ो का संदेश, मेरठ में 300 सैनिकों के मारे जाने की खबर, कुछ महिलाओं के साथ अंग्रेजों द्वारा हुए दुराचार, उन समाचारों का प्रसारण किया गया।
पहला ट्रांसमीटर 10 किलो वाट का था। जिसे जल्द ही नरीमन प्रिंटर ने और समान जोड़कर 100 किलो वाट का कर दिया। यही नहीं ट्रांसमीटर को 3 महीने के अंदर ही सात अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया। ताकि अंग्रेज पुलिस की नजर से बचा जा सके।
इसके बाद कि 12 नवंबर साल 1942 को नरीमन प्रिंटर और उषा मेहता को गिरफ्तार कर लिया गया और नेशनल कांग्रेस रेडियो की कहानी यहीं खत्म हो गई। भारत के लिए रेडियो के इतिहास में एक और प्रसिद्ध दिन रहा जब साल 1941 के नवंबर महीने में रेडियो जर्मनी से नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कहा था “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा” इसके बाद साल 1942 में आजाद हिंद रेडियो की स्थापना हुई। जो जर्मनी सिंगापुर और रंगून से भारतीयों के लिए समाचार प्रसारित करता था।
स्वतंत्रता के बाद
भारत स्वतंत्र होने के बाद से साल 2006 में 16 नवंबर तक रेडियो सिर्फ सरकार के अधिकार में था। उसके बाद धीरे-धीरे आम नागरिकों के पास रेडियो की पहुंच के साथ इतना विकास हुआ। वही सरकारी संरक्षण में रेडियो का काफी प्रसार हुआ। और 1947 में आकाशवाणी के पास 6 रेडियो स्टेशन थे और उसकी पहुंच 11% लोगों तक ही थी।
धीरे-धीरे समय के साथ हर एक चीज के साथ-साथ टेलीविजन के आगमन के बाद शहरों में रेडियो सुनने वाले कम होते गए। लेकिन FM रेडियो के आने से के बाद से अब शहरों में भी रेडियो सुनने वाले लोगों की संख्या बढ़ने लगी है। लेकिन गैर सरकारी रेडियो में अभी भी समाचार या समसामयिक विषयों पर चर्चा करने पर अंकुश है।
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