जैसा कि इन दिनों एप्स को बंद करने का सिलसिला चल रहा है, हालही में भारत सरकार ने कई चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। उनके मद्देनजर किसी भी App को डाउनलोड करने से पहले सतर्क होना अनिवार्य है। कहीं ऐसा ना हो कि जिस App को आप काम का एप्लीकेशन समझ कर डाउनलोड कर रहे हैं, वही आपको मुसीबत में डाल दे। सूत्रों के मुताबिक साइबर हैकर्स, फर्जी Mobile Apps के जरिए लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना रहे हैं। यहां तक कि केंद्र सरकार ने भी अपने साइबर जागरूकता टि्वटर हैंडल ‘Cyber Dost’ पर Advisery जारी की है। केंद्र सरकार ने अपनी एक एडवाइसरी में उपयोगकर्ताओं को अज्ञात URL से ऑक्सीमीटर Apps डाउनलोड करने के खिलाफ सतर्क किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दे, “साइबर दोस्त” ट्विटर हैंडल को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हैंडल किया जाता है, जो समय समय पर किसी भी संभावित साइबर खतरो के खिलाफ लोगों को सतर्क करता है और इस विषय में सलाह जारी करता है।
Advisery में क्या कहा गया
केंद्र सरकार ने अपनी एडवाइजरी में कहा कि ऐसे Apps जो व्यक्ति के शरीर के ऑक्सीजन लेवल को जांच करने का दावा करते हैं वे नकली भी हो सकते हैं। ऐसे Apps के इस्तेमाल से आपके Personal Data और बाकी जानकारी Hack होने का संभावना रहता है। यह लोग उपयोगकर्ताओं के बायोमैट्रिक जानकारी भी चुरा सकते हैं।
इस महीने की शुरुआत में ही हैंडल ने चेतावनी दी थी कि उपयोगकर्ता अपने मोबाइल में वेरीफिकेशन और प्रूफ के बाद ही किसी भी मोबाइल ऐप को डाउनलोड करें। इन सब को केवल और केवल ई-वॉलेट एप को डाउनलोड करने की सलाह दी गई है। इसका मतलब है उपयोगकर्ताओं को केवल Apple के App Store और Google Play Store से ऐप को डाउनलोड करना है। SMS, ईमेल या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्राप्त किसी भी ई-वॉलेट लिंक पर क्लिक नहीं करना है। ऐसा करने से ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की संभावना है।
Cyber Dost ने अपने टि्वटर हैंडल पर सोमवार को उपयोगकर्ताओं को सोशल मीडिया पर UPI App के माध्यम से डिस्काउंट कूपन, कैशबैक या त्योहार कूपन के बारे में किसी भी आकर्षक विज्ञापन के बारे में चेतावनी दी। सरकार के मुताबिक वे धोखाधड़ी कर सकते हैं।
असली और नकली Apps की पहचान कैसे करें
सरकार ने हाल ही में 23 नकली Apps की पहचान की थी। तभी से यह विषय और ज्यादा संवेदनशील हो चुका है। ऐसे में हम सभी के लिए यह जानकर रखना बहुत जरूरी है कि हम असली और नकली Apps की पहचान कैसे कर सकते हैं। चलिए जानते हैं।
★ जब भी हम प्ले स्टोर पर किसी ऐप का नाम लिखकर सर्च करते हैं तो उस नाम के कई एप्स स्क्रीन पर आ जाते हैं। ऐसे में हमें हर एप्स के डिस्क्रिप्शन को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए। उसके बाद ही किसी ऐप को डाउनलोड करना चाहिए।
★ आप जिस ऐप को डाउनलोड करना चाहते हैं उसके आइकॉन पर, नाम के स्पेलिंग पर ध्यान दें। अगर एप नकली होगा तो गौर से देखने पर ही पता चल जाएगा। उसके आईकॉन, Name की Spelling में कुछ गड़बड़ जरूर होगा। और अगर App रियल होगा तो सब कुछ आपको सही लगेगा।
★ एप के डेवलपर का नाम जरूर चेक करें। उसके बारे में जरूर पढ़ ले। अगर एप फर्जी होगा तो डेवलपर के डिटेल्स ठीक से नहीं दिए होंगे। क्योंकि फर्जी डेवलपर्स अपनी डिटेल सामने नहीं आने देते।
★ एप का डाउनलोड काउंट चेक कर ले। अगर एप genuine होगा तो डाउनलोड काउंट बहुत ज्यादा होगा। लेकिन अगर app फर्जी होगा तो डाउनलोड की संख्या काफी कम होगी। डाउनलोड की संख्या कम होने पर उस ऐप को डाउनलोड करने से बचें।
उम्मीद है आप लोग अब किसी भी ऐप को डाउनलोड करने में धोखा नहीं खाएंगे और जांच परख कर सही और जेन्युइन एप को ही डाउनलोड करेंगे। अब तो सरकार ने भी चेतावनी दे दी है। इसीलिए अब से किसी भी एप्लीकेशन को अपने मोबाइल में डाउनलोड करने से पहले एक्स्ट्रा सावधानी बरतें और सुरक्षित रहे।