बॉलीवुड के मशहूर गायक एसपीबाला सुब्रमण्यम का 25 सितम्बर 2020 शुक्रवार के दिन निधन हो गया। पिछले वे कोरोना से संक्रमित हॉस्पिटल में वे एडमिट थे वहां से स्टेटमेंट जारी किया गया था कि एसपी बाला सुब्रमण्यम नाजुक है। 5 अगस्त के दिन उनको अस्पताल में एडमिट किए जाने की खबर मिली थी। उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनमें कुछ खास लक्षण नहीं है। चेन्नई के एमजीएम हेल्थ केयर में बालासुब्रह्मण्यम का इलाज चल रहा था। आपको बता दें, एसपी बाला सुब्रमण्यम को सलमान की आवाज के रूप में भी जाना जाता था।
उन्होंने सलमान खान के कई हिट गाने गाए हैं। 74 साल की उम्र में एसपी बाला सुब्रमण्यम का निधन हो गया। जो कि बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ी क्षति है। बॉलिवुड में ऐसे कम गायक है जिनकी आवाज सीधे दिल में उतरती है। 90 के दशक में एसपी बाला सुब्रमण्यम को सलमान खान की आवाज के रूप में जाना जाता था। सुब्रमण्यम ऐसे गायक है जो किशोर कुमार के साथ गाने की काबिलियत रखते थे। SP बाला सुब्रमण्यम को सलमान खान की आवाज कहे जाने का कारण यह है कि सलमान खान ने जब नया नया फिल्मों की दुनिया में कदम रखा तो “मैंने प्यार किया” फिल्म के सारे गाने एसपी बाला सुब्रमण्यम से गवाया गया। तब लोगों ने शक किया कि सलमान खान जैसे नए हीरो की आवाज बाला सुब्रमण्यम जैसे भारी अनुभवी आवाज से कैसे मैच हो पाएगा। लेकिन “मैंने प्यार किया” फिल्म के सारे गाने पूरी दुनिया में धूम मचा दिए। एसपी बाला सुब्रमण्यम भारतीय पार्श्वगायक, अभिनेता, संगीत निर्देशक, गायक व फिल्म निर्माता थे। बाला सुब्रमण्यम ने 16 भाषाओं में 40000 से ज्यादा गाने गाए हैं।
बाला सुब्रमण्यम का जीवन और करियर
एसपी बाला सुब्रमण्यम का जन्म 4 जून 1946 को आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिला में हुआ था। एसपी बाला सुब्रमण्यम के पिताजी “हरि कथा” के कलाकार थे। “हरिकथा” पारंपरिक कला शैली होती है। एसपी बाला सुब्रमण्यम इंजीनियर बनना चाहते थे। इसीलिए उन्होंने आंध्र प्रदेश के जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करके वह अपने घर की जिम्मेदारी उठाना चाहते थे। लेकिन कहते हैं ना हर चीज हम जैसा सोचे वैसा हो ये जरूरी नहीं।
कभी-कभी हमारी जिंदगी में कुछ ऐसा हो जाता है जिसके कारण हमें हमारी जिंदगी से बहुत शिकायतें होने लगती है और हम अपनी नियति को कोसने लगते हैं। लेकिन कभी कभार हमारे साथ ऐसा होने का कारण यह भी होता है कि हमारे लिए कुछ अच्छा होने वाला होता है। एसपी बाला सुब्रमण्यम के साथ भी यही हुआ। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही उनको एक भारी बीमारी ने जकड़ लिया। बीमारी कुछ गंभीर नहीं थी। लेकिन कुछ ज्यादा ही दिन उनको बीमारी से जूझना पड़ा जिस कारण उनकी पढ़ाई भी अधूरी ही छूट गई। इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ने के बाद भी एसपी बाला सुब्रमण्यम संगीत की शिक्षा लेते रहे। दक्षिण भारत के दिग्गज कलाकारों के साथ काम करते करते पहली बार उन्हें 20 साल की उम्र में फिल्म में गाने का मौका भी मिल गया। यह गाना उनके मात्री भाषा तेलुगु में गानी थी। और उसके करीब 8 दिन बाद उन्होंने कन्नड़ में गाना गाया।
बाद में उन्होंने हिंदी गाने भी गाना शुरू किए। जिसमें उनकी खूब प्रगति हुई। उन्होंने कमल हसन जैसे मशहूर कलाकारों के लिए डबिंग भी किए हैं। एसपी बाला सुब्रमण्यम ने उसी दौरान सावित्री से शादी की थी। उनके दो बच्चे हुए बेटी का नाम पल्लवी और बेटे का नाम पीवी चरण है, जो कि प्लेबैक सिंगर और फिल्म निर्माता है। उसके बाद एसपी बाला सुब्रमण्यम ने हिंदी गानों को गंभीरता से लेना शुरू किया। जो गाना उन्हें कठिन लगता था वह उन गानों को कुछ दिनों का टाइम लेकर गाते थे और वही जिन प्रोडूसरो को जल्दी होती थी, वे उन्हें सहजता के साथ मना कर देते थे। बाद में एसपी बाला सुब्रमण्यम राजश्री फिल्मों के लिए सलमान खान की आवाज बने।
उसके बाद उन्होंने हिंदी फिल्मों से दूरी बना ली। करीब डेढ़ दशक के बाद 2013 में आई फिल्म “चेन्नई एक्सप्रेस” जिसमें शाहरुख खान ने एक्टिंग की थी, उस फिल्म का टाइटल सॉन्ग एसपी बाला सुब्रमण्यम ने गाया था। एसपी बाला सुब्रमण्यम ने बहुत सहजता से स्वीकार किया कि वे सिगरेट पीते हैं, शराब पीते हैं और वे दही चावल, आइसक्रीम जैसी ठंडी चीजें खाते हैं, जो कि एक गायक के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सब चीजों के बिना वे नहीं रह सकते और ऐसे में नए गायक जो है, वे उन्हें अपना आदर्श ना माने। क्युकी यह सब आदत एक अच्छे व आदर्श गायक में नहीं होने चाहिए। उनको देश का तीसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्मभूषण से भी नवाजा गया है। उनको 6 बार राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इस महान गायक की मौत की खबर हम सभी के लिए बहुत ही दुखद है और अब हम यही प्रार्थना कर सकते हैं कि भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को शक्ति दे इस कष्ट को सहने की।