हमारे जीवन में शारीरिक स्वास्थ्य जितना जरूरी है, उतना ही हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी जरूरी है। अगर जीवन में मानसिक संतुलन ना हो तो जीवन में सफल होना तो दूर की बात है, चैन से जिंदगी बिताना भी मुश्किल हो जाता है। मानसिक तनाव के शिकार होकर ही काफी लोग आत्महत्या जैसा कठोर कदम तक उठा लेते हैं। अगर आपने मेरा पिछला आर्टिकल पढ़ा होगा तो आपको पता होगा कि मैंने “World suicide prevention day” के ऊपर एक आर्टिकल में लिखा था की “हर 40 सेकंड में एक आदमी आत्महत्या करता है”। अब आप खुद ही अंदाजा लगाइए की कितना अधिक लोग मानसिक तनाव की शिकार है, इस दुनिया में।
हर पेशे का इंसान आज कहीं ना कहीं मानसिक तनाव से पीड़ित है। चाहे नौकरी पेशा हो या कोई कलाकार या फिर कोई खिलाड़ी, हर कोई आज तनाव से पीड़ित है। हाल ही में बॉलीवुड के जाने वाले एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने भी मानसिक तनाव के शिकार होकर आत्महत्या कर ली थी। हालांकि उन्होंने आत्महत्या की थी या उनकी हत्या की गई थी इस बात का खुलासा अभी नहीं हुआ है। खैर जो भी हो लेकिन कहने का मतलब बस इतना है कि हर चीज में संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। उदाहरण के तौर पर क्रिकेट करियर को ही ले लीजिए। देखने में हमें लगता है, जो लोग क्रिकेट खेलते हैं वह लोग बहुत ज्यादा खुश और संतुष्ट रहते हैं। अपने जीवन से उनको सब कुछ मिल गया है। लेकिन क्या सच्चाई वैसी ही है।
इस बारे में पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ की बातें दिलचस्प है, जो उन्होंने एक बहुत ही फेमस क्रिकेट वेबसाइट से अपने एक इंटरव्यू में कहा था। राहुल द्रविड़ का कहना था कि क्रिकेट जैसे कठिन खेल में मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा रखना बहुत बड़ी चुनौती है। व्यस्त कार्यक्रम के तनाव से उभरने के लिए हर चीज में खिलाड़ियो को संतुलन बना कर रखना चाहिए। उन्होंने तो यह भी कहा कि मानसिक तनाव से निपटने के लिए प्रॉफेशनल्स की मदद भी ली जा सकती है अगर जरूरत पड़ जाए।
मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करते हुए नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) के प्रमुख कहते हैं, “यह एक बड़ी चुनौती है और कठिन खेल है। इस खेल में बहुत प्रतिस्पर्धा है, बहुत सारा दबाव है और अब बच्चे पूरा पूरा साल खेल रहे हैं। यह एक ऐसा खेल है, जिसमें कभी-कभी आपको बहुत ज्यादा समय इंतजार करते हुए और सोचते हुए ही निकालना पड़ जाता है। इसी कारण मैदान के अंदर-बाहर आपको अपना देखभाल करने की जरूरत है। खासकरके अपने मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करने की बहुत जरूरत है”। उन्होंने कहा कि, “यह तभी सम्भव सकता है जब हम जितना हो सके इस बारे में लड़कों से बात करेंगे। आप जो कुछ भी करते हैं, उसमें एक स्तर तक संतुलन बनाए रखना बहुत ही जरूरी है”।
मानसिक संतुलन बनाकर रखने के tricks

भावनाओं पर नियंत्रण रखें
हम इंसानों का यह स्वभाव होता है कि हम खुशी में बहुत ज्यादा उत्तेजित हो जाते हैं, सब कुछ भूल जाते हैं और दर्द में एकदम से टूट जाते हैं, जिंदगी से हार मान लेते हैं। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होना चाहिए। भावनाओं पर नियंत्रण रखना जरूरी होता है, मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए।
अगर आपको कोई बड़ी खुशी मिली है तो जरूरी है कि आप उस खुशी को ज्यादा उजागर ना होने दे। वो कहते ना, ज्यादा खुश होने से लोगों की नजर लग जाती है। बिल्कुल इसी तरह आपको सोचना है। आप अंदर से खुश है, बहुत अच्छी बात है लेकिन ज्यादा उछले नहीं। गंभीर होकर अपना कामकाज नॉर्मल रूप से करें। इसी तरह तकलीफ होने पर धीरज रखें। खुद को थोड़ा समय दे और समाधान के बारे में सोचें ना की तकलीफ को बार-बार याद करके रोते रहें। हर प्रॉब्लम का सलूशन है दुनिया में, बस हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, जिंदगी से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए।
अपना हर काम समय से खत्म करें
आजकल ज्यादातर लोग अपने काम की वजह से तनाव की स्थिति में चले जाते हैं। दरसल होता क्या है कि लोग अपना काम समय से पूरा नहीं करते और फिर Pending काम का टेंशन बढ़ते रहता है। फिर अतः में वह डिप्रेशन में चले जाते हैं। उन्हें लगने लगता है की जिंदगी में बस काम ही करना है। इसके अलावा कुछ बचा ही नहीं है जिंदगी में। इस तरह के तरह-तरह के बकवास ख्याल दिल में आने लगते है। तो इतना सबसे बेहतर है कि अपने हर काम को समय से खत्म करें। इस तरह ना आपको काम का प्रेशर रहेगा और ना ही तनाव होगी। साथ ही अगर अब ज्यादा से ज्यादा समय एक्टिविटीस में व्यस्त रहोगे तो तनाव और टेंशन से दूर रहने में आपको काफी मदद मिलेगी।
कुछ भी Parmanent नहीं है
हालांकि यह सुनने और कहने में थोड़ा अटपटा लगता है लेकिन यह 100% सच है कि दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं होता। हर चीज एक दिन खत्म हो जाती है। अगर आप भी इस सोच को अपने मन में बैठा ले तो आपको शायद उतनी तकलीफ नहीं होगी, हारने पर। यह बात गीता में भी लिखी है कि “जो आपका है वो कल किसी और का था और कल फिर किसी और का हो जाएगा”। ऐसे में तनाव लेने का, टेंशन लेने का कोई फायदा नहीं। आप लोग भी दुनिया के इस सत्य को समझे और दर्द में भी मुस्कुराने का प्रयास करें तभी अधिक संतुलित जीवन का आनंद ले पाएंगे।
हमेशा सकारात्मक रहे
आपने दो तरह के इंसान देखें होंगे, एक वो लोग जो हर परिस्थिति में सिर्फ बुराइयां ढूंढते हैं, सिर्फ गलत पॉइंट्स को पकड़ते हैं। लेकिन वही कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो हमेशा पॉजिटिव रहते हैं, सकारात्मक सोचते हैं। वह लोग बुरे से बुरे परिस्थिति में भी अच्छी बात ढूंढ लेते हैं और यही सकारात्मक सोच उनकी ताकत होती है। उस सोच के दम पर ऐसे लोग वह कर दिखाते हैं जो कोई और नहीं कर सकता। आपको भी अगर जीवन में कुछ पाना है, कुछ Achieve करना है तो हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए। परिस्थिति में क्या बुरा है यह सोचने के बजाय क्या अच्छा है इस पर ध्यान देना चाहिए। उसे ताकत के दमपर आपको आगे अपनी कमजोरी को मिटाने का प्रयास करना चाहिए। हमारी सकारात्मक सोच ही तनाव से दूर रहने में हमारी मदद कर सकती है।
शरीर को फिट रखें
आपका शरीर जितता ज्यादा फिट होगा, आपका दिमाग उतना ही तंदुरुस्त होगा और आपका दिमाग जितना ज्यादा तंदरुस्त होगा उतने ही आप किसी भी तरह के तनाव से दूर रहेंगे। इसीलिए अपने शरीर को हमेशा फिट रखने पर ध्यान दे। योगा करें, एक्सरसाइज करें, खान-पान पर ध्यान दें। शरीर के हर सिग्नल पर ध्यान दे, कभी भी कोई परेशानी हो तो उसका इलाज करवाये, शरीर में कोई कमी ना होने दे। शारीरिक रूप से फिट एक व्यक्ति की तुलना में, एक कमजोर व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार जल्दी होता है।
Conclusion
IPL आने वाला है और हर खिलाड़ी प्रैक्टिस में जुटा हुआ है। यही वह समय है जब खिलाड़ियों के मन में तनाव आ सकता है, तरह-तरह की भावनाएं मन में घर बना सकती हैं। यही वह समय है, जब खिलाड़ियों को मानसिक संतुलन बनाकर रखने की सबसे ज्यादा जरूरत है। क्योंकि रिजल्ट क्या होगा यह कोई नहीं जानता, ऐसे में तनाव से बचने के लिए उनको अपने अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए ताकि वह हर हालात में अपनी मानसिक स्थिति को संभाल सके। जरूरत पड़ने पर प्रॉफेशनल्स की मदद लेना भी समझदारी का फैसला है।
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