गिलोय क्या है
गिलोय एक पेड़ है, जो आमतौर पर खाली मैदान, सड़क के किनारे, जंगल, पार्क, किसी भी बाग-बगीचे, दीवार इत्यादि पर आसानी से उगता है। गिलोय को अंग्रेजी में Tinospora Cordifolia (टीनोस्पोरा कार्डिफोलिया) के नाम से जाना जाता है। गिलोय के पत्ते पान के आकार के चिकने और हरे रंग के होते हैं। गिलोय के पत्ते लगभग 2 से 4 इंच तक व्यास के होते हैं जिसमें 7 से 9 नारियां होती है। लंबाई की बात करे तो यह, लगभग 1 से 3 इंच लंबे होते हैं। गिलोय के पेड़ में फूल भी आते हैं, जो छोटे-छोटे पीले रंग के गुटों में होते है और यह ग्रीष्म ऋतु में मिलते हैं। गिलोय के पेड़ में फल भी लगते हैं और यह फल मटर के आकार के छोटे छोटे होते हैं। जब यह फल पकते हैं तो वे रक्त के सामान लाल हो जाते हैं और बीज सफेद चिकने और कुछ हरी मिर्ची के दाने के समान होते हैं। गिलोय को पानी युक्त जगह पर लगाया जाए तो पत्तों का आकार बड़ा हो जाता है।
आयुर्वेद में गिलोय को कई नामों से जाना जाता है जैसे अमृता, छिन्यरूहा, चक्रांगी, गुडूची इत्यादि। आयुर्वेद साहित्य में इसे बुखार की महान औषधि बताई जाती है और इसलिए इसे जीवंतिका नाम भी दिया गया है। गिलोय सभी वृक्ष को अपना आधार बनाती है और उनमें गिलोय के गुण भी समाहित रहते हैं। गिलोय अगर नीम के पेड़ पर चढ़ जाता है तो गिलोय को सबसे श्रेष्ठ औषधि मानी जाती है। आयुर्वेद में गिलोय के लता, पत्ता और जड़ तीनों का उपयोग औषधि के रूप में होता है। लेकिन इसका सबसे गुणकारी भाग गिलोय का तना होता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं।
गिलोय के व्यवहार व फायदे

Diabetics में फायदेमंद
डायबिटीज के लिए गिलोय बहुत फायदेमंद है। डायबिटीज के जिन मरीजों को डायबिटीज टाइप 2 की समस्या होती है, उन्हें गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय में प्रचुर मात्रा में हाइपोग्लाइकैमिक एजेंट पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं। Doctors भी ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए गिलोय के जूस पीने की सलाह देते हैं। अगर किसी व्यक्ति को टाइप 2 डायबिटीज है तो वे इसका सेवन कर सकते हैं।
Immune System को करेें मजबूत
कुछ लोगो को हमेशा कुछ ना कुछ होते रहता है और ऐसा खासकर बच्चों में होता है। आपको बता दें, ऐसा उनके इम्यून सिस्टम यानी की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम होने के कारण होता है। इस समस्या को गिलोय के द्वारा ठीक किया जा सकता है। ऐसी समस्या तो आय दिन बहुत परिमाण में देखने को मिलती है। ऐसे में समय और पैसे बर्बाद करने की जगह आप गिलोय का सेवन करे। समस्याओं को जितनी जल्दी ठीक कर लेंगे उतना अच्छा है।
पीलिया को करता है ठीक
अगर कोई पीलिया की बीमारी से परेशान है तो उन्हें गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय के पेड़ से 30 पत्ते लेकर पहले उन्हें पीस लें और एक ग्लास में ताजी छांछ लेकर पत्ते को उसमें मिला दें और पीलिया मरीज को पिला दे।
कान में होने वाली परेशानी से बचाता है
कान में जमे हुए मैल भी कभी-कभी बहुत परेशानी का कारण बनते हैं। कान के अंदर का मैल अगर बाहर नहीं निकल रहें हैं तो ऐसे में गिलोय को आप कान के ड्रॉप के जैसे इस्तेमाल कर सकते हैं। आप उसे पीस लें, और उसमें पानी मिला कर पतला कर ले और फिर गुनगुना कर ले और दिन भर में 2 बार उसकी चार-पांच बुंदे कान में डालें। ऐसा करने पर कान के मैल अपने आप बाहर निकल आएँगे।
बात रोग को दूर करे
गिलोय, बात रोगों को दूर करने की Best दवाई है। वात रोग की समस्या से स्थाई रूप से निजाद पाने के लिए गिलोय के साथ अरंडी का तेल मिलाएं और रोग के जगह पर लगाए। कुछ दिनों लगाने के पश्चात आपका बात रोग ठीक होने लगेगा।
एनीमिया की समस्या को ठीक करे
एनीमिया के बारे में तो आप लोगों ने सुना ही होगा। जब शरीर में लाल रक्त कणिकाएं कम हो जाती है तो एनीमिया की समस्या होने लगती है। इसके लक्षणों की बात करें तो एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति को सुखी ख़ासी, आलस, सांस उखड़ना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन लक्षणों से छुटकारा लेने के लिए गिलोय के पाउडर से बने काढ़े का सेवन करना चाहिए।
मूत्र विकार को दूर करे
कभी-कभार लोगों में मूत्र विकार यानी की पेशाब की नली में होने वाली समस्या जैसे जलन या फिर पेशाब करने में दर्द जैसी और भी कई समस्याएं देखने को मिलती है। अगर ऐसे में गिलोय का सेवन किया जाये तो यह सारी परेशानीओ को ठीक कर देती है। ऐसे में गिलोय बहुत फायदेमंद है। अगर किसी को मूत्र विकार का समस्या हो तो, गिलोय के बीज को 30 ग्राम की मात्रा में लेकर उसका काढ़ा बना ले। फिर उस काढ़े का दिन में 2 बार सेवन करें।
सांस लेने में समस्या
सांस लेने से जुड़ी कुछ समस्या जैसे सर्दी, जुकाम, टॉन्सिल का फूलना, कफ इत्यादि जैसी काफी सारी परेशानियां गिलोय के सेवन से आसानी से ठीक हो जाती है। गिलोय में एंटी इन्फ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं। यह गुण सांस की समस्याओं को कंट्रोल करने में मदद करती है।
बुुढ़ापे में भी दिखे जवान
बढ़ती उम्र के लक्षण जैसे लाइने बन जाना, झुरिया पढ़ना, डार्क स्पॉट आदि जैसे कुछ लक्षण बुढ़ापे में दिखाई देते हैं। गिलोय में एंटी एजिंग के गुण पाए जाते हैं और यह डार्क स्पॉट, झुरियां, पिंपल्स, मुंहासे और महिलाओं से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है। अगर किसी व्यक्ति की उम्र ज्यादा हो गई है और चेहरे पर झुर्रियां पड़ रही है तो उस व्यक्ति को गिलोय का सेवन करना चाहिए। इससे चेहरा क्लीन रहता है।
Liver को रखें दुरुस्त
लीवर के डिसऑर्डर को भी आप गिलोय से बनाई गई दवाई द्वारा ठीक कर सकते हैं। इस दवा को बनाने के लिए आपको 2 ग्राम धनिया के बीज, काली मिर्च के दो बीज, नीम के दो पत्ते और 18 ग्राम ताजी गिलोय की जरूरत पड़ेगी। इन सारी चीजों को एक साथ पीसकर 250 ML पानी के साथ मिट्टी के बर्तन में भरकर रख दें और इस मिश्रण को रात भर के लिए छोड़ दें। अगली सुबह इस मिश्रण को फिर से एक बार पीस लें और फिर छान कर इस मिश्रण को केवल 20,25 दिन इस्तेमाल करें। आपकी लीवर की समस्या दूर हो जायेगी।
आँखों के लिए है फायदेमंद
जिनको आंखों की समस्या है, वह भी गिलोय का इस्तेमाल कर सकते हैं। 11.5 ग्राम गिलोय के जूस में 1 ग्राम शहद और 1 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर पीसकर मिश्रण तैयार कर लें। उस मिश्रण को आँखों के ऊपर लगाए ऐसा करने से आपको अचानक से सकारात्मक फायदे देखने को मिलेंगे।
पाचन व पेट की समस्या का इलाज
पेट के किसी भी तरह की समस्या में गिलोय का सेवन कर सकते हैं। पेट की समस्या होने पर गिलोय, अतीश या अतिविषा और अदरक की जड़ को एक समान परिमान में लेकर, उन्हें उबालकर काढ़ा तैयार कर लें। फिर हर रोज़ 20 से 30 ग्राम की मात्रा में उस काढ़े को सेवन करें। आपके पेट और पाचन संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
आस्थमा के लिए भी गिलोय है उपकारी
अगर किसी व्यक्ति को अस्थमा की समस्या हो तो ऐसे में उस व्यक्ति को गिलोय की जड़ को चबाने की सलाह दि जाती है। इससे सीने का जो कड़वापन होता है, वह दूर होता है और साथ ही गले का घर-घर आहट, कफ आना और सांस से जुड़ी कई सारी समस्याएं दूर होती हैं।
बवासीर में लाभकारी
बवासीर जिसे पाइल्स के नाम से भी जाना जाता है, बेहद ही दर्दनाक होता है। ऐसे तो बवासीर विभिन्न तरह के होते हैं और किसी भी प्रकार के बवासीर को ठीक करने की दवाई भी गिलोय से बनाई जाती है लेकिन बवासीर वाले व्यक्ति को कुछ चीजों का परहेज करके चलना होता है। बवासीर की दवाई बनाने के लिए धनिया के पत्ते, आंवला और गिलोय को एक साथ मिलाएं। तीनों को अब पीस लें। अच्छी तरह से पीसने के बाद मिश्रण का 20 ग्राम मात्रा आधा लीटर पानी में डालकर अच्छी तरह से उबाल ले। उबालने के बाद थोड़ा सा गुड़ मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें।

गिलोय का सेवन डॉक्टर या किसी भी वैध के सलाह के बिना नहीं लेनी चाहिए। आयुर्वेद यह मानता है, कि स्वस्थ मनुष्य 1 दिन में 20 ग्राम से अधिक मात्रा में गिलोय का सेवन कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति गिलोय के जूस का सेवन कर रहा है। तो उसकी मात्रा 20ml से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अगर आप गिलोय का ज्यादा मात्रा में सेवन करते हैं। तो यह नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। हालांकि यह बहुत फायदेमंद है।
मूत्र विकार को दूर करे
गिलोय से जुड़ी ये जानकारी आपको कैसी लगी, हमे कमेंट करके जरूर से जरूर बताएं।
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