कैसे रखे अपने आपको स्ट्रेस से दूर ताकि आत्महत्या जैसे ख्याल मन में कभी भी ना आये : जानिये इससे जुड़े जानकारी
आजकल के भीषण कोरोना वायरस संकटकाल में लॉकडाउन चल रहा है , जिसके कारण लोग घरो में बैठकर डिप्रेशन का शिकार हो रहे है। लॉकडाउन के कारण बहुत से लोगो से उनकी नौकरी और आजीविका छीन ली गयी , जिसके कारण वे बेहद परेशान हो गए और आत्महत्या जैसा गलत कदम उठा रहे है । कुछ दिनों पहले , जाने माने टीवी एक्टर समीर शर्मा का शव पंखे से लटका हुआ पाया गया। कुछ महीनो में आत्महत्या के मामलो में बढ़ोतरी हुयी है, जो की बेहद चिंताजनक है। अभी हाल ही में साउथ के सुपरस्टार थलपति विजय के फैन ने आत्महत्या कर ली , फिर से दुखद समाचार हमे सोशल मीडिया में मिली।
बाला नाम के सख्स के मृत्यु पर सोशल मीडिया में लोगो की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गयी और लोग ट्विटर पर बाला को श्रद्धांजलि दे रहे है । ट्विटर पर रिप नाम का हैसटैग ट्रेंड कर रहा है और लोग यह निवेदन कर रहे है , की इस प्रकार का जानलेवा कदम लोग ना उठाये। देश के लोगो ने इस बात पर अपना दुःख व्यक्त किया है। यहाँ तक की साउथ इंडस्ट्री के स्टार्स भी इस पर भी प्रतिक्रिया दे रहे है और अपने चाहने वालो से यह निवेदन कर रहे है , कि ऐसा कदम उठाना बिलकुल सही नहीं है। बाला ने मरने से पहले अपने पसंदीदा स्टार के लिए एक भावुक सन्देश लिखा था और उसके पश्चात बाला ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
अब वक़्त आ गया है कि लोग अपना आत्मचिंतन करे। बाला ने अपने ट्वीट में कहा था कि वह अपनी जिन्दगी में किसी पारिवारिक समस्या से परेशान है और इसलिए अपनी जान दे रहा है। बाला थलापति विजय का मर मिटने वाला फैन था। श्रद्धांजलि देने के साथ विजय के फैंस ने कहा कि आत्महत्या करना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। हमेशा हमे अपने जीवन में सकारात्मक रहने की भरपूर कोशिश करनी चाहिए और इस संकटकालीन स्थिति में अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए।
हर व्यक्ति के जीवन में जन्म और मृत्यु निश्चित होती है और प्रकृति के विपरीत अगर मनुष्य खुद की जान लेता है , तब इसे आत्महत्या कहा जाता है। ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है , जिसे बिलकुल भी तनाव या टेंशन ना हो। कुछ व्यक्ति इससे भयभीत नहीं होते और इससे लड़ाई करके , परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करते है। कुछ व्यक्ति के दिल और दिमाग पर तनाव का गहरा असर होता है। तनाव पारिवारिक या कार्यक्षेत्र से संबंधित हो सकती है जिसको कुछ व्यक्ति बर्दाश्त नहीं कर पाते है। उन्हें हालातों से लड़ना उन्हें ज़्यादा मुश्किल लगता है और मरना आसान लगता है और ऐसा नाजायज़ कदम उठा लेते है।
आत्महत्या की भावना कैसे उत्तपंन्न होती है
- किसी अपने का असमय और अचानक चले जाना
- निजी रिश्तों और शादी से संबंधित समस्या
- जीवन में मंजिल को हासिल ना कर पाने का दुःख
- किसी का अनियमित और अवैध रूप से परेशान करना
- अपनों से दूरी
- आर्थिक समस्या इत्यादि समस्याएँ आत्महत्या के लिए जिम्मेदार हो सकती है।
अक्सर युवाओं में रिलेशनशिप्स को लेकर ओर नौकरी संबंधित समस्याओं के कारण तनाव बना रहता है। इंजीनियरिंग और मेडिकल स्टूडेंट्स की अवैध रूप से रैगिंग और रिजल्ट्स के टेंशन की वजह से भी सुसाइड जैसे नकारात्मक विचार जन्म लेते है। किसी व्यक्ति का बिज़नेस में घाटा और क़र्ज़ में डूब जाना , पैसो की समस्या , उनसे जीने की उम्मीद छीन लेता है। इस प्रकार के दबाव के कारण वह ज़िन्दगी में सही फैसला नहीं ले पाते और आत्महत्या जैसा कदम उठा बैठते है।
आत्महत्या जैसे विचारो को दूर करने के ज़रूरी उपाय
मनुष्य की भावनाएं हर दिन और सप्ताह भर में बदलती रहती है। आज अगर व्यक्ति निराश है , तो अगले हफ्ते खुश रह सकता है। इसलिए ज़रूरी है व्यक्ति अपने भावनाओ को नियंत्रित करे। अगर कभी व्यक्ति को ऐसा महसूस हो रहा है कि उनका जीवन व्यर्थ है , तो व्यक्ति उन लोगो के बारें में सोचना चाहिए जिनकी ज़िन्दगी में आप से कई ज़्यादा परेशानी है। व्यक्ति को अपने दोस्त और प्रियजनों के बारें में सोचना चाहिए जो उनसे प्यार करते है।
अगर कभी भी आपको यह महसूस हो , कि जीवन में करने के लिए कुछ नहीं है। कुछ देर शांत होकर उन चीज़ों के बारे में सोचे , जिन्हे आप करना चाहते थे। ज़िन्दगी में छोटी छोटी चीज़ों से खुशियों को आप समेट सकते है। जब भी आपके मन में तनाव या नकरात्मक सोच उतपन्न हो , तभी आप ज़िन्दगी में अपने सफल और खुशनुमा पलों को याद करे। कोई भी समस्या हो तो अपनों से बात करे। खासकर उनसे जो आपके करीब हो और जो आपके जज़्बात समझे। अपनों से बात करने पर मन हल्का होता है और वह आपको आपके परेशानी का उचित उपाय बता सकते है इसलिए अपनों से अवश्य बात करे।
डिप्रेशन से मुक्ति पाने के लिए आप अपने ख्वाइशों की एक सूची बनाये। आपको कौन सी चीज़ करने में ज़्यादा ख़ुशी मिलती है , किताबे पढ़ना , संगीत सुनना , नृत्य करना इत्यादि। ऐसी गतिविधियों को करने से आपके मन में नकरात्मक सोच उतपन्न नहीं होगी। आप अपने जीवन में चाहे कितने ही व्यस्त क्यों ना हो , मन के शौक को पूरा करे। इससे मन में उतपन्न हो रही निराशाएँ दूर हो जायेगी और जिन्दगी उमंग से भर जायेगी। जिस किसी सोच से आप परेशान हो जाते है , वह सोच अपने अंदर ना आने दे।
अपने अंदर के गुस्से को नियंत्रण में रखे। खुले वातावरण में बैठे और आत्मचिंतन करे। यह सोचे कि आपसे भी अधिक बहुत से लोगो के जीवन में समस्याएँ है। योगा जैसे एक्सरसाइज को रोज़ाना करे। इससे दिल और दिमाग शांत रहता है। नशीले पदार्थ जैसे शराब इत्यादि से दूर रहे क्यूंकि ऐसे चीज़ें आत्महत्या जैसे गलत चीज़ों की तरफ व्यक्ति को ले जाते है। अगर आप बेहद निराश मह्सूस कर रहे है , तब तुरंत किसी अपने से बात करे और अपने परेशानियों को साझा करे।
अगर आपको रोने का दिल कर रहा है , तब जी भर कर रोये। अपने जज़्बातों को अपने प्रियजनों के समक्ष रखे , इससे आपका मन हल्का होगा और गलत विचार नहीं आएँगे।
अगर कोई व्यक्ति अपने परिवार से बात नहीं कर पा रहा है , तब उसे किसी मनोवैज्ञानिक से सलाह लेना ज़रूरी है। समाज में व्यक्ति मेन्टल हेल्थ के बारें में बात करने से घबराता है। इसकी अनदेखी बिलकुल नहीं करनी चाहिए। अगर आप मनोवैज्ञानिक के समक्ष अपने दिल की बातें साझा करते है , तो वह निश्चित तौर पर आपकी मदद कर सकते है। आप चाहे तो अच्छे संस्थानों से मदद ले सकते है।
निष्कर्ष
अपने साथ कुछ अच्छा समय व्यतीत करे और सुबह उठकर मॉर्निंग वाक पर जाए। आपको जो अच्छा लगता है , उसे करने का प्रयास करे और गरीबो की मदद करे। इससे आपके मन को शान्ति मिलेगी और जिन्दगी जीने की एक नयी चाह उतपन्न होगी। अपने आप से प्यार करे , तभी आप औरो से भी प्यार कर पाएंगे। हर किसी की ज़िन्दगी में उतार चढ़ाव आते है , मगर परिस्थितिओं के समक्ष घुटने टेकना कायरता की निशानी होती है। आत्महत्या किसी भी परेशानी का समाधान नहीं है। अपने आपको खुश रखे और जिन्दगी को प्यार करने के नए बहाने ढूंढे।