2020 का पूरा साल ही दुनिया भर के हर एक देश के लिए निराशाजनक और हताशाजनक रहा। साल के शुरुआत से ही कोरोना वायरस ने कुछ ऐसा कहर मचाया कि हर देश को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अलग अलग तरीके से, हर एक देश ने इस महामारी से लड़ते हुए एक भारी कीमत चुकाई।कोरोना के चलते सबसे ज्यादा देशों की आर्थिक स्थिति बिगरी। बात करें, आम लोगों की तो इस महामारी ने हम सबकी आजादी छीन ली और हम घर में कैद होकर रहने पर मजबूर हो गए।
इस महामारी ने उनका भी दिल तोड़ा, जिन लोगों ने काफी दिनों से किसी पर्यटन स्थल पर जाकर घूमने और मौज मस्ती करने का मन बनाया था। उनका सपना धरा का धरा रह गया। इस महामारी ने बाकी देशों के साथ थाईलैंड के Tourism पर भी काफी असर डाला और ना सिर्फ इस वजह से पर्यटक निराश हुए बल्कि इसका असर थाईलैंड के अर्थव्यवस्था और सामाजिक जीवन पर भी पड़ा। कोरोना और लॉकडाउन के वजह से थाईलैंड में पर्यटको की संख्या में काफी गिरावट आई, जिसके चलते थाईलैंड को काफी Struggle करना पड़ा।

थाईलैंड एक पर्यटन स्थल
थाईलैंड पर्यटन स्थलों से भरा एक अति सुंदर देश है। यह देश दक्षिण पूर्वी एशिया में स्थित है और इसकी सभ्यता और संस्कृति ही इस देश की पहचान है। थाईलैंड शब्द का अर्थ होता है स्वतंत्रभूमि। कुल मिलाकर थाईलैंड यह कहना चाहता है कि यहां के लोग स्वतंत्र निवासी है और वे एक स्वतंत्र भूमि में निवास करते हैं। आपको बता दे की थाईलैंड उन देशों में से एक है, जो कभी किसीका गुलाम नहीं बना। थाईलैंड पर कभी किसी देश का कब्ज़ा नही रहा।
थाईलैंड के लिए पैसे कमाने का एक सबसे बड़ा जड़िया है पर्यटन। आपको बता दें कि 2018 में फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए पर्यटन से पैसे कमाने के मामले में थाईलैंड तीसरा देश बन गया। और हम भारतवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि थाइलैंड के आमदनी का एक बड़ा हिस्सा भारत और भारतीयों पर्यटकों की जेभ से जाता है। कुल मिलाकर कहें तो थाईलैंड काफी ज्यादा भारत पर निर्भरशील है, पर्यटन से पैसे कमाने के मामले में।

भारत के साथ साथ चीन के पर्यटक भी हर साल एक मोटी रकम थाईलैंड के नाम करते हैं। क्योंकि थाईलैंड चीन के पास ही बसा हुआ है, इस वजह से थाईलैंड काफी संख्या में चीनी लोग भी मौजूद हैं। चीन और भारत के अलावा दुनिया के कोने कोने से हर साल काफी ज्यादा संख्या में पर्यटक थाईलैंड की ओर रुख करते हैं। लेकिन 2020 का साल थाईलैंड के पर्यटन उद्योग के लिए काफी निराशाजनक रहा। कोरोना नाम के इस महामारी और लॉकडाउन ने थाईलैंड के पर्यटनस्थलों को काफी प्रभावित किया।
एक पर्यटन निकाय ने कहें अनुसार यह निष्कर्ष निकाला कि थाइलैंड में इस साल 8 मिलियन विदेशी पर्यटकों को देखने की उम्मीद है, जो एक साल पहले से 80% कम है। अब इस बात से आप खुद अंदाजा लगाइए की पर्यटन के क्षेत्र से थाईलैंड की आमदनी कितनी है और इस बार उसको कितना बड़ा घाटा होगा।
थाईलैंड के पर्यटन परिषद के अध्यक्ष, चिरत त्रिरतनजरासन के अनुसार 2021 तक इस क्षेत्र की स्थिति ठीक होने की उम्मीद है।
पिछले साल, थाईलैंड ने 39.8 मिलियन विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया, जिनके खर्च का लगभग 11% थाई जीडीपी था। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक ने हालांकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर कुछ आवश्यकताओं को पूरा करने वाले यात्रियों के लिए प्रतिबंध हटाने कि प्रयास किया लेकिन स्थिति में कुछ खास सुधार नही लाया गया।
साल के शुरुआत से ही थाईलैंड में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई जिससे वहां की अर्थव्यवस्था एकदम मंद पड़ गई। समय के साथ वहां की स्थिति कुछ इस कदर बिगड़ी की उनको अपनी घर की चीजें बेंचकर जिंदगी की जरूरतों को पूरा करना पड़ा। इस संकट के समय में वहां के आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहां के ज्यादातर लोगों की जीविका इस पर्यटन क्षेत्र से ही चलती थी और इसमें रुकावट आने की वजह से वहां के लोग दाने-दाने तक को मोहताज हो गए। यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए थाईलैंड के लोग अपने घर में रखे सोना-चांदी को भी Market तक ले जाने को मजबूर हो गए। महिलाएं अपने गहनें बेचकर अपने बच्चों का पेट भरने पर और अपनी फैमिली को चलाने पर मजबूर है। काफी दिक्कतों से जुंझते हुए आम आदमी दिन गुजार रहें हैं। ऊपर से कोरोना का डर तीव्र होने के कारण उनका मानसिक स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है। लेकिन वहीं एक छोटी सी राहत की खबर यह है कि सोने के भाव में कोई गिरावट नहीं आयी, उल्टा इजाफा हुआ है। जिसके चलते वहां के लोगों को फायदा हुआ।
थाईलैंड में पर्यटन स्थल इतनी सुंदर सुंदर है कि दुनिया भर के लोगों को अपनी और आकर्षित करती है और सबसे ज्यादा लोग भारत से ही जाते हैं। पर्यटन स्थलों के साथ-साथ वहां के सभ्यता और संस्कृति के साथ लोग परिचित होना चाहते हैं, जिस वजह से वहां भारी संख्या में पर्यटकों की भीड़ वंहा पर होती है। थाईलैंड के लोग बड़े ही शांत स्वभाव के होते हैं और अपने अतिथि का हांथ जोड़कर स्वागत करते। किसीको हांथजोड़कर उनका सम्मान देना उनके संस्कार है। थाईलैंड के ज्यादातर या यूं कह लो कि 90% से 95% लोग बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं।

हमारा विचार
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