जीवन और मृत्यु जिंदगी का सबसे बड़ा सच और जीवन और मृत्यु का समय निश्चित होता हो। इन दोनो चीजो को कोई नहीं बदल सकता ना ही कोई रोक सकता है। कहा जाता है कि हमारा शरीर मर जाता है लेकिन आत्मा जीवित रहती है और जब एक शरीर खत्म हो जाता है तो वही आत्मा दूसरा शरीर धारण कर लेती है और वापस इसी दुनिया में लौट आती है। लेकिन हमें यह पता नहीं चलता कि हम अगर इस जन्म में इंसान है तो अगले जन्म में क्या बनेंगे या इससे पहले के जन्म में हम क्या थे। फिर भी हिंदू धर्म में मृतक के परिवार के सदस्य अपने परिवार के सदस्य की मृत्यु के बाद अपने मन की तसल्ली के लिए एक सदियों से चली आ रही पुरानी रीत पर विश्वास करते हैं। उनका मानना है कि इस विधि से वह ये पता लगा सकते हैं कि मृत व्यक्ति अगले जन्म में क्या बनेगा। आज हम इसी रीत के बारे में बताने वाले हैं। तो अगर आप लोगों ने भी आज से पहले इस बारे में नहीं सुना या आपके घर या गांव में यह चलन नहीं है तो आज के इस आर्टिकल में आपको पता चलेगा। तो प्लीज इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़िए।
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श्राद्ध की परंपरा
हमारे हिंदू धर्म के अनुसार जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो तुरंत उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाता है। और उसी दिन से लेकर तेरहवीं तक घर में घर का हर एक सदस्य काफी सारे नियम और रीति रिवाज को मानते हैं और काफी ज्यादा सादा और सिंपल जीवन जीते हैं। अंतिम संस्कार के ठीक 13 दिन बाद मृत व्यक्ति के श्राद्ध की विधि संपन्न होती है। कहा जाता है कि श्राद्ध के बाद मरने वाला व्यक्ति इस पार्थिव दुनिया से मुक्त हो जाता है और उसकी आत्मा को शांति मिल जाती है। हिंदू धर्म में तो यहां तक मान्यता है कि श्राद्ध से पहले घर परिवार के सदस्यों को कभी-कभी वह मृत व्यक्ति दिखाई भी दे जाता है। भले ही सपने में हो, भ्रम में हो या हकीकत में।
खैर जो भी हो लेकिन तेरहवीं के दिन श्राद्ध करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है और आगे भी चलती रहेगी। श्राद्ध के दिन बहुत सारे रीति रिवाज होते हैं और बहुत सारे ब्राम्हण पंडित आते हैं और अलग-अलग तरह के पूजा, दान धर्म, भोजन, सब कुछ कराया जाता है। श्राद्ध के दिन होने वाले रीति-रिवाजों में से ही एक ऐसा भी रीत है, जिससे मृत व्यक्ति के परिवार वाले उसके अगले जन्म के बारे में जान सकते हैं।

तेरहवीं की रात
दरअसल जिस दिन श्राद्ध की विधि संपन्न होती है उसी दिन रात को सोने से पहले परिवार वाले मिलकर, जहां पर भगवान का मंदिर है वहीं जमीन पर थाली भर बालू रख देते हैं। उसके बाद उसको अपने हाथ से एक थाली के आकार में फैला देते हैं और उस थाली आकार के बालू को एक टोकरी या फिर गमले से ढक दिया जाता है। टोकरी से ढकने के बाद परिवार का सारा सदस्य मिलकर भगवान के सामने हाथ जोड़ता है और भगवान से प्रार्थना करता है कि भगवान उन पर कृपा करें और यह बताएं कि उनके परिजन की आत्मा को भगवान कौन सा रूप दे रहे हैं।
बालू को रखने से पहले ध्यान रखना चाहिए कि वह बालू एकदम प्लेन होना चाहिए यानी उस बालू पर जरा सा भी कोई निशान नहीं रहना चाहिए। उसके बाद घर का जिस कमरे में वह बालू रखा है, उस कमरे का दरवाजा बंद कर देना चाहिए। अगर आपके घर में भगवान का मंदिर है तो यह काम मंदिर में ही करना चाहिए और अगर किसी कमरे में भगवान की मूर्ति रखकर पूजा करते हैं तो उस मूर्ति के पास बालू ढककर रख देना चाहिए। उसके बाद कमरे का दरवाजा बंद कर देना चाहिए और रात भर ऐसे ही छोड़ दे। एक बार बालू रखने के बाद और दरवाजा बंद करने के बाद दोबारा उस कमरे का दरवाजा भी ना खोलें। बाद दिन सुबह उठकर परिवार का सारा सदस्य एक साथ मिलकर जब टोकरी को उठाता है तो, उस बालू पर एक निशान छप चुका होता है।

जी हां दोस्तों सुनने में यह थोड़ा अजीब जरूर लगता है लेकिन यह एकदम सच है और हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा लोग इस नियम को मानते हैं और करते हैं। उस बालू पर छपे हुए निशान से यह पता चलता है कि हमारा मृत व्यक्ति अगले जन्म में क्या बनेगा या मृत व्यक्ति का नया जन्म किस रूप में हुआ है।
एक बात का रखें खयाल
लेकिन इस काम को करने से पहले ध्यान दीजिए कि जो लोग पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ उस बालू को रखते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं उन्हीं को वह निशान देखने को मिलता है। बाकी अगर आपको विश्वास नहीं होगा और आप ऐसे ही किसी के कहने पर या बेमन से उस बालू को रखेंगे तो कोई फायदा नहीं होगा। इसीलिए अगर आपके घर में ऐसा कुछ चलन नहीं है या इस बात के बारे में आप लोगों को नहीं पता तो आप लोग आगे से अपने मन की शांति के लिए इस नियम को करके देख सकते हैं। आप लोगों को निश्चित तौर पर ही प्रमाण मिलेगा और इससे आपको अपने मरे हुए उस फैमिली मेंबर के साथ होने का एहसास भी होगा।
हमारा विचार
तो दोस्तों कैसी लगी आपको आज की जानकारी आज की पोस्ट बिल्कुल यूनीक है और इसमें जिस टॉपिक के बारे में हमने बताया है वह आपको किसी दूसरे आर्टिकल में नहीं मिलेगा। आज आप लोगों ने निश्चित तौर पर कुछ नया सीखा और अब आप लोगों को चाहिए कि आप लोग अपने फ्रेंड और रिश्तेदारों को भी इस बारे में बताएं। इसीलिए इस आर्टिकल को आप लोग ज्यादा से ज्यादा शेयर कर दीजिए, ताकि सबको इस बात की जानकारी हो सके।
अंत में हम बस यही कहेंगे कि अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई तो इसको लाइक जरूर करें या आपको किसी और ऐसे ही रीत के बारे में पता है तो हमारे साथ उसको जरूर शेयर करें और आपके मन में कोई सवाल है डाउट है तो कमेंट बॉक्स में हमसे जरूर पूछें।