योग सिर्फ आपकी कैलोरी जलाने और आपकी मांसपेशियों को टोन करने से ज्यादा है। यह एक माइंड बॉडी वर्कआउट है जहाँ आप अपने मन और शरीर को आराम देने के लिए गहरी सांस लेने की तकनीक के साथ-साथ मजबूत और स्ट्रेचिंग करते हैं। योगा एक ऐसा अनोखा माध्यम है जिसका उपयोग करके हम मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रह सकते है।
योगा का हमारे जीवन में एहमियत
आज आपको एक कहानी के माध्यम से योगा की हमारे ज़िन्दगी में कितनी एहमियत है , वह हम बताने जा रहे है । अनिल एक कामयाब बिज़नेस मैन है और इस व्यस्त भरे जीवन में किसी भी प्रकार की फिटनेस पर वह ध्यान नहीं देता है। पैसे की कमी नहीं थी लेकिन अनिल ने फिटनेस पर कुछ ज़्यादा ध्यान नहीं दिया । उसके परिवारवाले हमेशा उसको फिट रहने के लिए कहते थे। लेकिन अनिल को इन सब के लिए फुर्सत कहाँ। एक दिन आधी रात के बाद अनिल की तबियत अचानक ख़राब होने लगी और डॉक्टर को बुलवाया गया। डॉक्टर ने कहा लगातार काम और तनाव के कारण उनकी तबीयत बिगड़ी है। फिर परिवार वालों ने अनिल के स्वास्थ्य का बीड़ा उठाया। सही आहार के साथ मानसिक और शारीरिक विकास के लिए योगा पर ज़ोर दिया गया। अनिल रोज़ अपने व्यस्त काम से थोड़ा समय निकालकर योगा करने लगा। 4 महीनो में अनिल की जीवन शैली में सुधार आया और यह योगा का वरदान था जिसने अनिल को ठीक किया। अनिल अपने व्यस्त जीवन में योगा को महत्व देने लेगा और इससे उसे मन और तन को शान्ति मिली।

पौराणिक काल से चला आ रहा योग
योग प्राचीन भारतीय परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर की एकता का प्रतीक है। योग एक वैश्विक त्योहार के अनुरूप मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है और 2015 को पहला योग दिवस मनाया गया। 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री ने योग दिवस का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा के समक्ष रखा। तब से हर साल योग दिवस मनाया जाता है। योगा भारतीय संस्कृति का अमूल्य वरदान है। सौ से भी ज़्यादा योगा के प्रकार है।
योगा अमूल्य उपहार
योग हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण तरीका है जिससे हम अपने दिमाग और मन को शांत रख सकते है । जबकि अन्य सभी व्यायाम आपकी शारीरिक स्थितियों का ध्यान रखते हैं, योग आपको अपने मन और शरीर को नियंत्रित करने में मदद करता है। प्राणायाम या साँस लेने का व्यायाम आपको अपने मन और आत्मा को फिर से जीवंत करने में मदद करता है। यह कहा जाता है कि आपको अपने दिन की शुरुआत प्राणायाम से करनी चाहिए और यह आपको बेहतर सोचने और शांत रहने में मदद करता है। योग आपको व्यायाम के माध्यम से आपके चिंतन मनन को नियंत्रित करता है। खाने के पश्चात वज्रासन ज़रूर करना चाहिए। इससे हमारी पाचन शक्ति और बेहतर होती है।

विनयसा योग लोकप्रिय है और अधिकांश स्टूडियो और जिम में पढ़ाया जाता है। अष्टांग का अर्थ है “आठ अंग” और एक योगिक जीवन शैली शामिल है।
ज्यादातर लोग अष्टांग की पहचान पारंपरिक भारतीय योग के रूप में करते हैं। अयंगर योग के आठ अंगों पर आधारित, अयंगर योग का नाम B.K.S. अयंगर, भारत के एक प्रसिद्ध योगी के नाम पर आसन का नाम रखा गया था।
जीवमुक्ति योगा को 1984 में New York City में शेरोन गैनन और डेविड लाइफ द्वारा बनाया गया था। यह आध्यात्मिक और शारीरिक व्यायाम का एक अच्छा मिश्रण है। इसमें जप और प्राणायाम का मिश्रण होता है। पावर योगा में अष्टांग योग मुद्राएं अधिक तेजी से और अतिरिक्त कोर अभ्यास और ऊपरी शरीर के काम के साथ की जाती हैं।
शिवानंद योग को 1957 में स्वामी विष्णुदेवानंद द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका में लाया गया था। यह एक योग प्रणाली है जो पांच योग प्राचार्यों पर आधारित है: उचित श्वास, विश्राम, आहार, व्यायाम और सकारात्मक सोच के साथ किया जाता है । ये स्वस्थ योगी जीवन शैली बनाने के लिए एक साथ बेहतरीन काम करते हैं। इस आसन का अभ्यास आमतौर पर सूर्य नमस्कार और सावासन के साथ आसन के बारह मूल आसन और पोस्चर के साथ किया जाता है।
योग क्लास में अवश्य भाग ले
दुनिया भर के लोग योग आसनो का अभ्यास करने के लिए पार्कों, सामुदायिक हॉलों और विभिन्न स्थानों पर इकट्ठा होते हैं। योग सीखाने प्रशिक्षक लोगों को स्वेच्छा से इन योग सत्रों को सफल बनाने के लिए उचित मार्गदर्शन करते हैं। न केवल महानगरों में रहने वाले लोग बल्कि छोटे शहरों और गांवों में रहने वाले लोग संगठित होकर योग में भाग लेते हैं। यह एक अच्छा दृश्य है ,जब बड़ी संख्या में लोगों को एक साथ योग करते देखा जाता है।
आपको मन की शान्ति पाने के लिए योगा कक्षाओं में अवश्य भाग लेना चाहिए। आज कल सोशल मीडिया के कई माध्यम है जिसकी मदद से हमे यह योगा आसन मिल जाते है। इस योगा आसनो को हम घर पर शांत माहौल में वीडियोस देखकर कर सकते है। बस आपको यह रोज़ाना करना होगा तभी आपकी जीवन सैली में सुधार आएगा।
निष्कर्ष
योग मनुष्य को स्वस्थ नयी जीवन शैली की ओर बढ़ने में मदद करता है। यह दुनिया भर के कई लोगों के लिए एक बिल्कुल नया अनुभव है । उन्होंने खुद को धन्य महसूस किया, जो इस तरह की योग कला से परिचित हो गए है। यह भारतीयों के लिए गर्व की बात है कि हमारे मन और शरीर के संतुलन को बनाए रखने की हमारी प्राचीन कला को दुनिया भर में स्वीकार किया गया और सराहा भी गया है। अत: भारत के लिए यह गर्व की बात है कि योगा जैसी प्राचीन कला आज विश्व में शांति स्थापित कर रही है और इसमें भली भाँती कामयाब हुयी है।
Read a very interesting article on the year 2020 so far “kya 2020 game over“