आज हम कवर करने जा रहे हैं, लॉकडाउन का बच्चो पर असर। लॉकडाउन के कारण बच्चे घर पर रह रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप टीवी और मोबाइल फोन के साथ बहुत समय व्यतीत हो रहा है। बहुत सारे बच्चे चुपचाप टीवी और मोबाइल फोन के आदी हो रहे हैं। बच्चों के साथ कोई समस्या नहीं है। हम माता-पिता को ध्यान रखना होगा और स्थिति को सुधारने के लिए समाधान तलाशना होगा।

आज की डेट में अगर कोई ब्रेकिंग न्यूज़ है तो वह है कोरोना वायरस। आज हर न्यूज़ चैनल पर बस एक ही न्यूज़ है, हर जुबान पर बस एक ही बात है, हर दिल में बस एक ही खौफ है और वह है कोरोना वायरस का डर। इस डर न लोगों के दिल में इस तरह से जगह बना लिया है कि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से काफी प्रभावित हो रही है इसकी वजह से। सिर्फ इतना ही नहीं दोस्तों, इस वायरस ने काफी जाने भी ले चुकी है और अभी भी ले रही है। लेकिन इस वायरस के लिए कोई न कोई उपाय तो निकालना ही था।
तो यह वायरस लोगों की जिंदगी को ज्यादा नुकसान ना पहुंचा सके, इस बात को ध्यान में रखते हुए लगभग हर एक देश के सरकार ने एक फैसला लिया और वह फैसला है लॉक डाउन का। मार्च महीने से ही हर एक देश में lockdown लागू कर दिया गया है। बात करें भारत की तो भारत में भी मार्च से ही लॉकडाउन जारी कर दिया गया। लेकिन इस lockdown ने कोरोना वायरस के प्रभाव को हालांकि बहुत कम किया लेकिन लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर इसके नकारात्मक प्रभाव भी कम नहीं थे। आज के इस लेख में हम लोग उसी प्रभाव के बारे में बात करने वाले है। खासकर बच्चों की जिंदगी को किस तरह से lockdown ने प्रभावित किया उस बारे में हम आज बात करने वाले हैं।
लॉकडाउन का बच्चो पर असर
पढ़ाई पर असर
Lockdown के प्रभाव में अगर बच्चों की बात करें तो लॉक डाउन का जितना प्रभाव बड़ो पर पड़ा है उतना ही ज्यादा प्रभाव बच्चों पर भी पड़ा है। सबसे ज्यादा बच्चों की पढ़ाई इस lockdown से प्रभावित हुई है। जैसा कि हम सभी को पता है कि lockdown के वजह से सारे स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए थे। इस वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा पाए और उनकी पढ़ाई को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। सिर्फ इतना ही नहीं कुछ जगह तो lockdown के वजह से प्राइवेट ट्यूशन टीचर ने भी ट्यूशन लेना बंद कर दी है। क्योंकि उनके दिल में खौफ था की कहीं उनको भी कोरोना न पकड़ ले। कुल मिलाकर बच्चे घर पर ही पढ़ाई करने पर मजबूर हो गए और कुछ बच्चे अगर अपने पढ़ाई को मेंटेन करने में सफल भी रहे फिर भी काफी अनुपात में बच्चों की पढ़ाई को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
खेलकूद पर प्रभाव
सिर्फ पढ़ाई ही नहीं इस lockdown ने बच्चों के खेल कूद पर भी काफी असर डाला है। जब यह लागू नहीं हुआ था तब बच्चे खेलकूद के साथ भी काफी जुड़े हुए थे और इन खेलकूद से उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही अच्छे रहते थे। लेकिन लॉकडाउन के वजह से वह बाहर जाकर खेल नहीं पा रहे हैं और जिस वजह से घर पर ही टाइम पास करने पर मजबूर है। और टाइम पास करने के लिए उनके पास कंप्यूटर और मोबाइल गेम्स के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है। और क्योंकि उनके पास पढ़ाई लिखाई भी लॉकडाउन में ज्यादा नहीं है करने को तो इस वजह से ज्यादा बोरियत का अनुभव कर रहे हैं बच्चे। इसके वजह से उनको खेलकूद की कमी भी काफी महसूस हो रही है । तो इसर तरह से लॉकडाउन ने बच्चों की खेलकूद को भी काफी बुरी तरह से प्रभावित किया है।
स्वास्थ्य पर असर
लॉक डाउन का सबसे गहरा असर बच्चों के स्वास्थ्य पर ही पड़ा है। हम सबको पता है कि बड़ों को नहीं लेकिन बच्चों को आए दिन छोटी-मोटी शारीरिक परेशानियां होती रहती है, जिस वजह से आए दिन हमारा डॉक्टर के पास आना जाना हमारा लगा रहता है। लेकिन लॉकडाउन के वजह से हॉस्पिटल और प्राइवेट डॉक्टर के पास जाने के लिए भी काफी सोचना पड़ रहा है। क्योंकि बात बच्चे का है तो उनके लिए बाहर निकलने पर काफी मनाई है। इस वजह से उनकी हेल्थ भी काफी प्रभावित हो रही है। काफी parents तो घरेलू नुस्खों से इलाज करने पर मजबूर हो गए हैं।
मानसिक अवस्था का बुरा हाल
जैसा कि हम सभी को पता है कि लोकडाउन के वजह से बाहर जाकर काम करने वाले लोग वही फस जाने पर मजबूर हो गए हैं। जिस वजह से वह घर नहीं आ पाए और और पूरे फैमिली में तनाव का माहौल सा छा गया और इसका असर बच्चों के मानसिक अवस्था पर भी पड़ा। मानसिक रूप से इस बात से बच्चे काफी ज्यादा प्रभावित हुए कि उनके पेरेंट्स बीमारी की वजह से घर नहीं आ पा रहे हैं । और यह डर जितना बड़ो में है कि कहीं बाहर रहकर उनका कोई फैमिली मेंबर कोरोना से संक्रमित ना हो जाए, उतना ही बच्चों को भी यह बात प्रभावित कर रही हैं। जिसके वजह से वह अपने पढ़ाई लिखाई और खेलकूद भी सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं।
बच्चों के खान-पान पर असर
लगता नहीं है, लेकिन इस लॉकडाउन ने बच्चों के खान-पान को भी काफी प्रभावित किया है। हम सभी को पता है कि लॉकडाउन के वजह से मार्केट बंद हो चुकी है, सारी दुकानें बंद है और इस वजह से उनकी मनपसंद खाने पीने की चीजें भी उपलब्ध होनी बंद हो चुकी है। इस वजह से बच्चे चिड़चिड़े भी हो गए हैं।
आज हमने क्या जाना
आज के इस लेख में हमने जाना कि लॉकडाउन बच्चों की जिंदगी को किस तरह से प्रभावित किया है। कुछ लोगों को शायद इन बातों के बारे में नहीं पता। लेकिन हमें इन बातों को गहराई से समझना चाहिए क्योंकि हम सभी को पता है कि बच्चे हमारे देश का भविष्य है। और उनके ऊपर इस तरह से लॉकडाउन का असर पड़ना काफी निंदनीय है। तो सरकार के साथ हम सभी को इसके प्रति जागरूक होना चाहिए कि लॉक डाउन का असर बच्चों पर कम से कम पढ़े और अपने बचपन को इस महामारी के संकट पूर्ण समय में भी पूरी तरह से enjoy कर सके।
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