कार्तिक का महिना कई त्योहारो से भरा होता है धनतेरस और दिवाली के साथ कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार इसी महीने में मनाए जाते हैं। कार्तिक माह में ही सुहागिनो का सबसे बड़ा पावन वा पवित्र त्योहार मानाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। ज्यादातर यह त्योहार उत्तर भारत के राज्यो जैसे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बहुत ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है।
इस साल 2022 करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा। जो महिलाए करवा चौथ का व्रत करती है और उद्यापन करना चाहती हैं वे महिलाए उसी दिन इस व्रत का उद्यापन कर सकती हैं। तो आईए जानते हैं करवा चौथ व्रत विधि, शुभ मुहूर्त के साथ इस व्रत के उद्यापन से जुड़ी सभी जानकारी।
हिंदू धर्म में करवा चौथ साल की सबसे बड़ी चतुर्थी और महत्वपूर्ण तिथि होती है इस साल करवा चौथ पर बेहद शुभ संयोग बन रहा है। क्योंकि इस साल करवा चौथ पर रोहिणी और कृतिका नक्षत्र के साथ सिद्धि योग बन रहे हैं। इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे इस शुभ संयोग में सुहागिनो के लिए पूजा और उद्यापन का महत्व बेहद ख़ास बताया जा रहा है।
करवा चौथ का व्रत वैसे एक बार शुरू करने के बाद पति के जीवित रहने तक किया जाता है लेकिन अगर किसी कारणवश आप यह व्रत नही कर पाते हैं तो इसका उद्यापन कर देना चाहिए। करवा चौथ का उद्यापन करवा चौथ वाले दिन ही किया जाता है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय के साथ माता करवा की पूजा की जाती है।
कड़वा चौथ पूजन सामग्री
नारियल, रोली, अक्षत, थाली, सिक्का, पान, सुपारी फल, पकवान, सुहाग का सामान – कुमकुम, सिंदूर, मेहंदी, बिछिया, वस्त्र, महावर, चूड़ी, हल्दी, बिंदी, कंधा, काजल, शीशा आदि।

करवाचौथ उद्यापन विधि
करवा चौथ पर उद्यापन करने के लिए 13 सुहागि औरतो को एक एक सुपारी देकर भोजन के लिए आमंत्रित करें। ध्यान रखें कि यह 13 स्त्रिया वही हो जो करवा चौथ का व्रत करती है। करवा चौथ वाले दिन सुबह जल्दी उठकर साफ सफाई होकर नई साड़ी पहनें। सरगी का सेवन करके व्रत करने का संकल्प लें और दिनभर निर्जला व्रत रखें।
करवा चौथ के दिन उद्यापन में हलवा और पूड़ी का भोजन जरूर बनाए। इसके अलावा आप अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ पकवान बना सकते हैं, लेकिन इस बात का खास ध्यान रखें कि इस दिन के खाने में लहसून-प्याज बिल्कुल भी ना डाले।
संध्या काल के समय शुभ मुहूर्त में व्रती और सभी 13 सुहागिन महिलाए एक साथ पूजा करें, कथा सुनें और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पानी पीकर अपने व्रत का पारण करें। अब एक थाली में 13 जगह 4 पूड़ी पर हलवा रखें थाली पर रोली से टीका करें, अक्षत रखे और गणेश जी को चढ़ाएं।

भोजन से पहले 13 महिलाओ को इस हलवा पूड़ी का प्रसाद खिलाएं, अब सबसे पहले भोजन की थाली सास को परोसे, इसके साथ उन्हें सुहाग का सामान भेंट करें। अगर सास सुहागिन नहीं है तो घर की दूसरी वृद्ध महिला को यह थाली दें और सामान भेंट करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
आमंत्रित सभी 13 महिलाओ को भोजन कराएं और उन्हें टीका करके एक थाली या प्लेट में सुहाग की सामग्री और कुछ रुपये रखकर भेंट करें। साथ ही देवर या जेठ के एक लड़के को साक्षी बनाकर उसे भी भोजन करवाएं और नारियल व कुछ रुपये भेंट स्वरूप दें।
करवा चौथ शुभ तिथि और पूजा मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस बार करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर, गुरुवार रात 1 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी और 14 अक्टूबर रात 3 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगी। क्योंकि उदयातिथि 13 अक्टूबर को पड़ रही है इसलिए करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को ही रखा जाना चाहिए।
करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त होगा 13 अक्टूबर शाम 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 31 मिनट तक। यानि 1 घण्टा 13 मिनट के अवधि के दौरान आपको पूजा कर लेनी है।करवा चौथ व्रत रखने का समय – सुबह 6 बजकर 32 मिनट से रात 8 बजकर 48 मिनट तक और इस दिन चन्द्रोदय का समय है – 8:48 pm
करवा चौथ का व्रत का महत्त्व
करवा चौथ के व्रत का सुहागिन महिलाओ के जीवन के लिए बहुत शुभ होता है, क्योंकि इस दिन सभी सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए व्रत रखती है। इस दिन व्रत रखकर महिलाए भगवान से अपने पति की लंबी आयु और सुखमयी जीवन के लिए प्रार्थना करती है। केवल सुहागिन महिलाए ही नहीं करवा चौथ के दिन कई कन्याए भी यह व्रत रखती है।
दरअसल कन्याए सुयोग्य वर पाने की कामना लेकर करवा चौथ का व्रत करती है। इस व्रत में महिलाएं दिन-भर निर्जला व्रत रखती हैं, और रात में चंद्रोदय के बाद चांद की पूजा करके अपना व्रत खोलती है। ज्यादातर यह व्रत सुहागिन महिलाओ द्वारा उत्तर भारत में की जाती है।

करवा चौथ पर अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए जरूर करें इन उपायो को
- करवा चौथ के दिन महिलाओ को गणेश जी को गुड़ चढ़ाने का शुभ फल प्राप्त होता है। ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम संबंध बेहतर होती है और दाम्पत्य जीवन में मिठास घुलती है।
- घर में सुख-शांति लाने के लिए करवाचौथ के समय देवी दुर्गा को पीले व लाल वस्त्र पहनाएं और “ओम उमामहेश्वराभ्याम नम:” मंत्र का जाप करें। इस मंत्रोचारण के साथ देवी मां को चढ़ाएं गए वस्त्र में गांठ लगा दें। करवाचौथ के अगले दिन वो चढ़ाएं गए वस्त्र को कहीं सुरक्षित स्थान पर रख दें ऐसा करने से परिवार में खुशहाली आएगी।
- अगर आप चाहते हैं कि आपके पति को नौकरी व बिजनेस में सफलता मिले तो करवाचौथ के दिन साबुत हल्दी की पांच गांठ लगाए और उन सब में “ओम श्री गणधिपतये नम:” मंत्र का जाप करते हुए घर के मंदिर में रखें, इससे आपकी मनोकामनाए पूरी होगी।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर पति-पत्नी के बीच हमेशा लड़ाई होती रहती है दोनो के बीच का रिश्ता ठीक नहीं है। तो ऐसे में करवा चौथ के दिन बरगद के पेड़ का पत्ता लेकर उस पर लाल रंग से वह चीजे लिख दें, जो आप अपने पति में देखना चाहते हैं। इसके बाद उस पत्ते को मोड़ कर अपने सिर से 7 बार घुमाले और शाम को किसी बहती नदी या जल में प्रवाहित कर दें।
- सौभाग्य प्राप्ति के लिए करवाचौथ पर पान के पत्ते में सिंदूर रखकर गणेश जी को अर्पित करे। इस दौरान “ओम ऋधि सिद्धि विनायकाय नम:” मंत्र का जाप करें। चढ़ाए गए सिंदूर को अपने पास सुरक्षित रख लें और रोजाना नहाने के बाद अपनी मांग में इसी सिंदूर को भरे।
- पति और पत्नी के रिश्ते में जब अविश्वास आ जाता है तब पति-पत्नी का रिश्ता ठीक से नहीं चल पाता। विश्वास की मजबूती के लिए करवा चौथ के दिन लाल रंग के रेशमी कपड़े में दो गोमती चक्र और 50 ग्राम पीली सरसो बांधकर, एक कागज पर अपने पति का नाम लिखे और बांधकर किसी ऐसी जगह पर रखें जहां एक साल तक कोई इसे देख ना सके और अगले साल करवा चौथ के दिन इसे खोलें। ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच का संबंध मजबूत होता है।
- पति-पत्नी के संबंधो में प्रेम होना बहुत जरूरी है। जब पति-पत्नी के प्रेम संबंधो में मधुरता नहीं होती तो ऐसे में करवा चौथ के दिन पांच बेसन के लड्डू, पांच पेड़े और पांच केले अपने हांथो से किसी गाय को खिलाए और गाय की पीठ सहलाते हुए अपनी समस्या दूर करने की प्रार्थना करें।
- अगर आप भी अपने पति के साथ प्रेम संबंध अच्छा बनाए रखना चाहते हैं तो इसके लिए आप करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार करते समय अपनी मांग में अपने पति के हाथ से सिंदुर भरवाए। लेकिन ध्यान रखें कि ऐसा करते समय वहां पति-पत्नी के सिवाय कोई दूसरा ना हो। कहा जाता है कि ऐसा करने से पति की उम्र बढ़ती है और पति-पत्नी के बीच का प्यार कभी कम नहीं होता।

करवा चौथ के दिन भुलके भी ना करें ये काम
- करवा चौथ के दिन व्रती को उजला कपड़ा नहीं पहनना चाहिए। इस दिन लाल और पीले रंग का वस्त्र पहनना अच्छा होता है।
- इस दिन पूजा के समय भगवान श्री गणेश जी के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए कहा जाता है कि ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन गणेश जी को पीले रंग के वस्त्र और हल्दी की गांठ अर्पित करें।
- महिलाएं सुहाग सामग्री जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर आदि जैसी सुहाग की चीजो को दान करना बेहद शुभ होता है। ध्यान रखें कि इस दिन भूलकर भी सुहाग व श्रृंगार की चीजो को कचड़े में न फेकें।
- हिंदू धर्म में किसी भी व्रत के दौरान शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए और करवा चौथ के दिन तो और भी नहीं। केवल शास्त्र ही नहीं वैज्ञानिक तौर पर भी इस बात की पुष्टि की गई है।
- दरअसल व्रत के दौरान शरीर में बिल्कुल भी ताकत नहीं बचती और शारीरिक संबंध बनाने के लिए ताकत की जरूरत होती है। ऐसे में किसी भी व्रत के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए।