पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखकर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं और व्रत भी रखती है। हरतालिका तीज का यह पर्व वैसे तो सुहागिन महिलाओ के लिए होता है लेकिन मनचाहा वर पाने की इच्छा पूर्ति के लिए कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत का पालन करती है। मान्यता के अनुसार जो भी सुहागिन स्त्रियां हरतालिका तीज का व्रत रखकर विधि विधान से पूजा करती हैं, उन पर मां पार्वती प्रसन्न होती हैं और उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है।
ठीक उसी प्रकार जो भी कुंवारी कन्याएं हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं उन्हें माता पार्वती के आशीर्वाद से योग्य वर की प्राप्ति होती है। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर सम्पूर्ण विधि विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं और अपने सुहाग की लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं। हरतालिका तीज का दिन जिस प्रकार सुहागन महिलाओं के लिए खास होता है उसी तरह कुंवारी कन्याओं के लिए भी यह पर्व उतना ही खास होता है।
इस दिन सुखमयी जीवन और सुखी संसार के लिए कुंवारी कन्याओ और सुहागिन महिलाओ द्वारा कुछ उपायो को करना बेहद फायदेमंद माना जाता है। भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित हरतालिका तीज 30 अगस्त मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। इस व्रत को बहुत कठिन माना जाता है क्योंकि इस व्रत के नियम बहुत कठिन होते हैं। चलिए जानते हैं इस बार हरतालिका तीज व्रत के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
हरतालिका तीज शुभ तिथि:
तृतीया तिथि 29 अगस्त दिन सोमवार को दोपहर 03 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 30 अगस्त मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट रहेगी। उदयातिथि के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत 30 अगस्त को रखा जाएगा।

हरतालिका तीज पूजा शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11ः33 से 12ः24 तक।
विजयी मुहूर्त : दोपहर 02ः05 से 02ः56 तक।
अमृत काल मुहूर्त : शाम 05ः38 से 7:17 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06ः07 से 06ः31 तक।
सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 06ः19 से 07ः27 तक।
निशिथ मुहूर्त : रात्रि 11ः36 से 12ः21 तक।
हरतालिका तीज का व्रत का महत्त्व
सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याए शुभ फल की प्राप्ति के लिए हरतालिका तीज का व्रत करती है। जैसे कि सुहागिन महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए, अपने जीवन साथी के लंबी आयु के लिए, वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने के लिए, हर कदम पर एक दूसरे के साथ खड़े रहने के लिए, पति पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखा भगवान शिव और माता पार्वती से आशीर्वाद लेती है। तो वहीं कुंवारी कन्या सुयोग्य वर प्राप्ति के लिए हरतालिका तीज का व्रत करती है। जिन कन्याओ के विवाह में बाधा विघ्न आ रहे होते हैं वह कन्याए भी हरतालिका तीज का व्रत रखके जल्दी विवाह होने की कामना करती है।
हरतालिका तीज पर कीए जाने वाले कुछ नियम

- यदि पति-पत्नी के बीच हमेशा छोटी-छोटी बातो को लेकर विवाद होता रहता है और पति पत्नी में दूरिया बढ़ती जाती है तो ऐसे में हरतालिका तीज के दिन सुहागिन स्त्रियो को मां पार्वती को 16 श्रंगार के सामान अर्पित करना चाहिए।
- पति और पत्नी में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन सुहागिन महिलाओ को अपने पति से मांग में सिंदूर भरवाना चाहिए और हो सके तो सुहाग की चीजें अपने पति के हाथों से पहनने चाहिए।
- हरतालिका तीज के दिन मां पार्वती और भगवान शिव को खीर का भोग लगाना चाहिए और पति-पत्नी को इस प्रसाद को एक साथ ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है और वैवाहिक जीवन सुखमयी होती है।
- किसी कन्या के विवाह में हो रही देरी के लिए हरतालिका तीज के दिन कुछ नियम किए जाते हैं।यदि किसी लड़की का विवाह समय से नहीं हो पा रहा और घर वाले शादी को लेकर परेशान हैं तो हरतालिका तीज के दिन पार्थिव शिवलिंग बनाकर 21 बेलपत्र चढ़ाएं।
- कुंवारी कन्या इस योग्य वर प्राप्ति के लिए देवी कात्यायनी का विवाह मंत्र – ‘कात्यायिनी महामाये महायोगिनीधीश्वरी नन्द गोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः’ का जाप करें। इसके बाद कुंवारी कन्याओ को मीठा भोजन कराकर वस्त्र का दान करें।
- हरतालिका तीज की पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती को बेलपत्र, तुलसी, जातीपत्र, सेवंतिका, बांस, देवदार पत्र, चंपा, कनेर, अगस्त्य, भृंगराज, धतूरा, आम पत्ते, अशोक पत्ते, पान पत्ते, केले के पत्ते, शमी के पत्ते आदि खास तौर पर चढ़ाना चाहिए।
- वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन पत्नी को अपने हाथो से पान का बीड़ा लगाकर भगवान शिव जी को चढ़ाना चाहिए और फिर पति को भी खिलाना चाहिए।
- वैवाहिक जीवन में प्रेम के अभाव को दूर करने के लिए इस दिन दंपति को एक साथ मिलकर भगवान शिव और माता पार्वती का दूध में हल्दी या केसर डालकर अभिषेक करना चाहिए।
- यदि कुंवारी कन्यायो के विवाह का योग न बन रहा तो इस दिन कन्याओं को देवी पार्वती के समक्ष हल्दी की 11 गांठ अर्पित करनी चाहिए और माता पार्वती से अपने कष्ट निवारण की प्रार्थना करनी चाहिए।
- यदि किसी लड़की के विवाह में बाधांए आ रही हों तो कुंवारी कन्या को गरीबों में या ब्राम्हण को वस्त्र और मिष्ठान का दान करना चाहिए ऐसा करने से विवाह में आने वाला संकट दूर होगा।
- यदि पति-पत्नी के बीच प्रेम न हो तो इस दिन पति पत्नी दोनों को मिलकर शाम को भगवान शिव के मंदिर में एक साथ शुद्ध घी के 11 दीया जलाना चाहिए।
- हरतालिका तीज के दिन गणेश मंदिर में सूखे मालपुए चढ़ाने चाहिए और गरीबों को भी खिलाना चाहिए ऐसा करने से दांपत्य जीवन में कभी प्यार की कमी नहीं होती।