कुछ लोग गुस्सा करना और दूसरो को प्रताड़ित करना अधिकार समझते हैं। रिसर्च के अनुसार गुस्से पर काबू न पाने से गुस्सा और बढ़ाता चला जाता है। रिसर्च के अनुसार कहा जाता है कि अगर गुस्से को काबू न किया जाए तो गुस्सा बढ़ता चला जाता है और ऐसा करने से गुस्सा करने वाले या गुस्सा सहने वाले किसी का भी भला नहीं होता।
किसी चीज को नापसंद करने पर स्वाभाविक रूप से क्रोध या गुस्सा आता है और यह एक संभावित प्रतिक्रिया होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञो के अनुसार लोगो में क्रोध और गुस्से की भावना के कारण भिन्न भिन्न हो सकते हैं। विशेषज्ञो के अनुसार क्रोध केवल भावना या शक्ति का शारीरिक प्रदर्शन नहीं है बल्कि इसके कई रूप हो सकते हैं यानि कि लोग अपनी आक्रामकता को अलग-अलग तरीके से व्यक्त कर सकते हैं।
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन क्रोध या गुस्से की भावना को मानसिक शांति के लिए अच्छा मानते हैं। दरअसल स्वास्थ्य विशेषज्ञो के अनुसार यह नकारात्मक भावनाओ को व्यक्त करने का एक तरीका होता है। लेकिन अगर आपको बार-बार ज्यादा गुस्सा आता है जो आपके नियंत्रण से बाहर हो जाता है, तो ये गुस्सा आने वाले और उस व्यक्ति के के संपर्क में आने वाले हर किसी के लिए नुकसानदायक हो जाता है।
मनोचिकित्सक के अनुसार क्रोध का प्रभाव
मनोचिकित्सक के अनुसार क्रोध केे कारण ब्लड प्रेशर बड़ सकता है साथ ही इससे जुड़े अन्य शारीरिक परिवर्तन जैसे सोचने की क्षमता प्रभावित हो सकती है और कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन आप लोग जरूर जानना चाहते होंगे कि लोगो को बार-बार गुस्सा क्यों आता है और मस्तिष्क में ऐसे कौन से परिवर्तन होते हैं जो लोगो को गुस्सैल बना देते हैं तो आइए जानते हैं।
मनोवैज्ञानिको के अनुसार गुस्सेल लोगो का लक्ष्य होता है कि हर चीज उनके हिसाब से हो, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो वे नैतिकता और न्याय पर उतारू हो जाते हैं और उन्हें लगता है कि वह नैतिकता न्याय पर चल रहे हैं। इसीलिए यह सही है और वह दृढ़ता से सा मानते हैं लेकिन जब उनके कहे अनुसार ऐसा नहीं होता तो उन्हें असहनीय तिरस्कार या अपमान महसूस होता है उन्हें लगता है कि वह ये सब क्यों सहे।
ज्यादा गुस्सा करने वाले व्यक्ति के लक्षण
जिन लोगो को ज्यादा गुस्सा आता है उसमें चिल्लाना, तोड़फोड़ करना, गाली गलौज करना, हिंसा पर उतारू हो जाना, डराना, धमकाना, धोस जमाना, दोषारोपण करना, सामने वाले की कमजोरी का बखान करना। खुद की गलती का दोष दूसरे पर डालना, अविश्वास करना, सामने वाले की बात ना सुनना, सामने वाले की फीलिंग की कदर ना करना, जोर से दरवाजा बंद करना, दूसरो को बिना वजह सजा देना आदि शामिल है।
क्या गुस्सा करने से गुस्सा कम होता है
कुछ लोगो में यह गलत भावना होती है कि गुस्से को दबाना नहीं चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है गुस्से को दबाना ही सही होता है। जब आप गुस्से में चिल्लाते या गाली गलौज करते हैं तो गुस्से की आग कम नहीं होती बल्कि और बढ़ती है कुछ लोग समझते हैं कि गुस्सा विरोध या धमकी का उपयोग करने से इज्जत बढ़ती है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। हो सकता है कि आपके गुस्से से लोग कुछ हद तक डर जाएं लेकिन वह आपको इज्जत कभी नहीं देंगे।
वहीं दूसरी ओर अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन ने क्रोध या गुस्से की भावना को मानसिक शांति के लिए अच्छा माना है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं गुस्सा करने से व्यक्ति के मन की नकारात्मक भावनाए व्यक्त होती है। लेकिन अगर आपको बार-बार बहुत अधिक गुस्सा आता है जो आपके नियंत्रण की सीमा से बाहर हो जाता है तो यह काफी हानिकारक हो जाता है।
कुछ लोगो के जीवन में अतीत की कुछ घटनाएं कुछ दर्दनाक अनुभव का स्थाई प्रभाव हो सकता है भले ही उन्हें लगता है कि वह घटना से आगे बढ़ चुके हैं और उस आघात की चिंता उन्हें नहीं है। लेकिन वह यादे चिंता, हताशा और क्रोध के प्रकोप के रूप में बाहर आ ही जाती है।
ज्यादा गुस्सा करने वालो के लक्षण
गुस्सा करने वाले ज्यादातर बढ़ा चढ़ाकर बोलते हैं और उनकी शिकायत कुछ इस प्रकार रहती है। जैसे कि तुम हमेशा मुझे टोकते रहते हो तुम कभी भी मेरी जरूरत के बारे में नहीं सोचते। कोई मेरी कदर नहीं करता, मुझे कभी वह श्रेय नहीं मिलता जो मुझे मिलना चाहिए।

गुस्सैल व्यक्ति सोचता है कि कोई जानबूझकर उसे परेशान करने के लिए और उन्हे बेइज्जत करने के लिए ऐसा कर रहा है। यानी कि अच्छी बातो के बजाय वह नकारात्मक बातो पर ज्यादा ध्यान देता है और उन्ही बातो को याद किए जाता है। ऐसे लोग छोटी-छोटी बातो को इकट्ठे करते जाते हैं और आखिरी में फट पड़ता है।
मनोचिकित्सक के अनुसार गुस्सा किसी को भी कभी भी किसी भी बात पर किसी के भी खिलाफ आ सकता है। हर किसी में इसका कारण अलग-अलग होता है कुछ लोगो में पारिवारिक समस्याए, वित्तीय संकट, काम से संबंधित तनाव या रिश्तो में चल रही मुश्किले भी गुस्से का कारण बनती है। जबकि कुछ लोगो में कई प्रकार के मानसिक विकार के कारण अक्सर गुस्से की भावना आ जाती है।
बिना वजह गुस्सा आने का कारण
कभी कभार ऐसा भी होता है जब कोई व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी समस्या से पीड़ित होता हैं और उससे निपटने के लिए निराश रहता है तो उसे गुस्सा आने की समस्या होती है। ऐसे में उस व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में जानने और इसके साथ कैसे पेश आए, इसके साथ कैसे रहे इसके तरीके खोजने पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही अपमानजनक स्थिति से निजात पाने के तरीको को खोजने का प्रयास करना चाहिए, लेकिन ऐसे में व्यक्ति ऐसा करने के बजाय गुस्सा करता है।
* दुख या शोक
दुख या किसी प्रकार शोक भी गुस्से का एक सामान्य कारण है। दुख एक भारी भावना हो सकती है जो अक्सर कठिनाई, दर्द, व्यक्तिगत नुकसान से जुड़ी होती है। प्रियजनो, परिवार के सदस्य, यहां तक कि एक पलतू जानवर के मृत्यू से भी दुख हो सकता है।
नौकरी की हानि, व्यक्तिगत निराशा, शारीरिक चोट या वर्तमान घटनाओ के साथ कुछ कठिनाइयो के कारण शौक होता है जिस कारण वह गुस्से में परिवर्तित हो जाता है।
कुछ लोगो के जीवन में ऐसा होता है जब वह अपने आपको शक्तिहीन महसूस करते हैं तो भी उन्हें गुस्सा आता है। उस समय उन्हें खुद को यह याद दिलाना चाहिए कि मैं अपने जीवन के लिए खुद जिम्मेदार हूं मैं जैसी या जैसा हूं वैसे ही सम्मान के योग्य हूं। मेरे कौशल क्षमताए मुझे यहां तक लाई है और मैं उन्हें इस नकारात्मक स्थिति से निपटने के लिए उपयोग कर सकता या सकती हूं।
क्रोध या गुस्से का प्रकार
अगर बात करें शास्त्रो की तो शास्त्रो के अनुसार गुस्सा दो प्रकार का होता है जिनमें से एक बुरा क्रोध होता है तो वही दूसरे को मन्यू क्रोध के नाम से जाना जाता है। क्रोध अपने आप में बुरा नहीं है जब तक यह आपको अंदर से क्रोधित ना करें। एक क्रोध वह होता है जो आपके अंदर की मनोस्थिति को बिगाड़ देता है जिससे आपके निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे क्रोध के प्रभाव में आप कुछ ऐसा कर बैठते हैं जो आपको नहीं करना चाहिए था।
ऐसा क्रोध आपको अंदर से खोखला कर देती है आप किसी भी काम को बेहतर तरह से नहीं कर पाते जिसके प्रभाव से आपके रिश्ते खराब होने लगते हैं।दूसरे प्रकार का क्रोध वह होता है जिसमें आप किसी काम को पूरा करवाने के लिए बाहर से क्रोधित नजर आते हैं पर अंदर से आपकी मनो स्थिति पूरी तरह शांत होती है। आप चाहकर ये क्रोध करते हैं और ऐसा आप अपने आप में रहकर करते हैं। इस तरह के क्रोध को सिर्फ उस समय तक ही देखा जाता है और एक ही पल बाद मन पूरी तरह शांत हो जाता है।
ऐसा करने से काम निकलवाने में आसानी होती है बुराइयो के प्रति जो हमारा क्रोध होता है वह भी इसी प्रकार का होता है। इस तरह का क्रोध किसी भगत सिंह को ताकत देता है अंग्रेजो से लड़ने की शक्ति देती है। इस तरह का क्रोध नेल्सन मंडेला, गांधी, मार्टिन लूथर जैसे लोगो को अपने अंदर आग जलाए रखने का मौका देता है।
गुस्से और क्रोध को कम करने के उपाय

उल्टी गिनती करना शुरू कर दें
ध्यान रखें जब आपको ज्यादा क्रोध आने लगे तब आप उल्टी गिनती गिनना स्टार्ट कर दें। उल्टी गिनती गिनने से आपको अपने गुस्से पर नियंत्रन आता है और आप अपने गुस्से पर नियंत्रण पा सकेंगे। आपकी सांस पर ध्यान केंद्रित करने से 10 से 1 तक उल्टी गिनती करने से आपके स्वभाव और भाषा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
जब आपको ज्यादा गुस्सा आए तो आप थोड़ा बहुत टहल कर अपने क्रोध पर अंकुश लगा सकते हैं। इसके लिए आप चलते समय अपने कदमो पर ध्यान दें और मन को शांत करके क्रोध पर नियंत्रण पाने का प्रयास करें। ध्यान स्थान बदलने से स्थिति प्रभावित हो सकती है जो क्रोध की तीव्रता को कम करने में मदद करती है। जब भी आपको गुस्सा आए तो आप बिना ज्यादा बात किए वहां से उठ जाए और थोड़ा-बहुत टहलना चालू कर दें।
चुप हो जाए
गुस्से में कुछ गलत बोलने से अच्छा है कि आप कुछ ना कहें और जब भी आपको गुस्सा आए तो आप खुद को शांत करने के लिए आप कुछ समय के लिए बोलने से बचे रहें। अगर आप ऐसा करते हैं तो यह आपको दूसरो को सुनने और समझने की क्षमता देती है। इसके अलावा यह क्रोध को नियंत्रित करता है और बेहतर व स्पष्ट प्रतिक्रिया देने में मदद करता है।
गहरी सांस भरें
असल में धीमी और गहरी सांस लेने से क्रोध पर नियंत्रण पाया जा सकता है। जब भी आपको ज्यादा गुस्सा आए तो इसके लिए अच्छा होगा कि आप उल्टी गिनती करते हुए गहरी सांस भरे ऐसा करने से गुस्सा शांत होने में आपको बहुत मदद मिलेगी।
गाना सुने
जब भी आप कोई संगीत सुनते हैं तब आपको चारो तरफ का माहौल एंटरटेनिंग और अच्छा लगता है। मधुर संगीत गुस्से को कम कर सकता है मधुर संगीत सुनने से गुस्से को खुद पर हावी होने से रोका जा सकता है। म्यूजिक थेरेपी मन में पनपने वाले नकारात्मक विचारो को रोकता है और मन को शांत करता है इसीलिए जब भी आपको गुस्सा आए तो आप म्यूजिक सुने।
अच्छी नींद लें
स्वस्थ जीवन के लिए सभी को पर्याप्त नींद लेना चाहिए ह्रदय रोगियो पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार पर्याप्त नींद ना मिलने पर लोगो को गुस्सा आता है। और अपर्याप्त नींद के कारण लोग अपने क्रोध को नियंत्रण में करने में असमर्थ हो जाते हैं इसीलिए रोजाना पर्याप्त नींद लेना जरूरी होता है।