हिंदू धर्म में कई सारे त्यौहार मनाए जाते हैं और प्रत्येक त्योहार का विशेष महत्व होता है जीनमें नवरात्रि एक खास त्यौहार है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 2 अप्रैल से चुकी है और सभी भक्त माता रानी को खुश करने में जुटे हुए हैं। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होने वाले नवरात्रि का आज सातवां दिन है। भक्तो में नवरात्रि को लेकर बेहद उत्साह रहता है जिसमें सबसे ज्यादा माता रानी के भक्तो को कन्या पूजन का इंतजार रहता है।
कन्या पूजन करने के लिए अष्टमी तिथि तथा नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। चैत्र नवरात्रि के इस अवसर पर चलिए जानते हैं नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि की शुभ मुहूर्त कब रहेगी और किस मुहूर्त में कन्या पूजन के साथ व्रत का पारण करने का शुभ मुहूर्त रहेगा।
नवरात्रि के नौ दिनो तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपो की पूजा उपासना होती है। नवरात्रि के आठवें दिन अष्टमी तिथि होती है जब मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा होती है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस साल 2 अप्रैल से हुई थी और 10 अप्रैल को इसकी समाप्ति होगी। नवरात्रि में अष्टमी तिथि की बात करें, तो अष्टमी तिथि 9 अप्रैल को जबकी नवमी तिथि 10 अप्रैल को होगी।

अष्टमी और नवमी तिथि का महत्व
अष्टमी के दिन महागौरी और नवमी के दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा होती है। अष्टमी और नवमी दोनो दिन कन्या पूजन करने का विधान है और कन्या पूजन करने के बाद ही भक्तो को नवरात्रि व्रत का शुभ फल प्राप्त होता है। कन्या पूजन में 2 से 11 साल की बच्चियो की पूजा होती है, अलग-अलग रूप की कन्याए अलग-अलग देवी के रूप को दर्शाती है।
नवरात्रि के अष्टमी तिथि शुभ मुहूर्त
शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 8 अप्रैल रात 11 बजकर 5 से शुरू होगी जो कि 9 अप्रैल रात 1 बजकर 23 मिनट तक रहेगी, इस मुहूर्त में कन्या पूजन किया जा सकता है। कुछ लोग नवमी तिथि के दिन में कन्या पूजन करते हैं नवमी तिथि की बात करें तो 10 अप्रैल रात्रि 1:30 से नवमी तिथि की शुरुआत होगी और 11 अप्रैल सुबह 3:15 पर नवमी तिथि समाप्ति होगी। माता रानी के सभी भक्त अष्टमी और नवमी तिथि में कन्या पूजन कर माता रानी के व्रत का समापन कर सकते हैं।
अष्टमी और नवमी तिथि के अवसर पर सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ हो लें। अगर आप व्रत नहीं भी कर रहे हैं तो भी सुबह उठकर स्नान कर पूजा जरूर करें। पूजा के लिए साफ कपड़े पहने और शुभ मुहूर्त में ही पूजा करने का प्रयास करें क्योंकि मुहूर्त बीतने के बाद पूजा का महत्व नहीं रहता। संधि काल का समय दुर्गा पूजा के लिए सबसे शुभ होता है संधिकाल के समय 108 दीपक जलाकर माता रानी का ध्यान करें, दुर्गाष्टमी के दिन संधि काल में दीपक जलाना शुभ होता है।

हवन के बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है इसीलिए अष्टमी या नवमी किसी भी दिन माता रानी का हवन जरूर करवाएं। अगर आप नवरात्रि का व्रत रखते हैं, तो आखिरी दिन किसी तरह हरबरी ना करें, कुछ लोग अष्टमी की रात 12:00 बजते ही व्रत का पारण कर लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए पूरे विधि विधान के साथ ही व्रत का पारण करना चाहिए।
इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के बाद पूरे विधि विधान से हवन करें और कन्याओ को भोजन कराने के बाद ही व्रत का समापन करें। अष्टमी के दिन तुलसी जी के पास नौ दिए जलाए उनकी परिक्रमा करने से घर में सुख समृद्धि व परिवार में खुशी आती है।
कन्या पूजन विधि
शास्त्रो के अनुसार कन्या पूजन करवाने से एक दिन पहले ही कन्याओ के घर जाकर निमंत्रण देना चाहिए। गृह प्रवेश करने पर कन्याओ को पूरे परिवार के साथ पुष्प वर्षा से स्वागत करना चाहिए और नवदुर्गा के सभी नामो के जयकारे लगाने चाहिए। सभी कन्याओ को आरामदायक और स्वच्छ जगह पर बिठाकर सभी के पैर धोकर कन्याओ के माथे पर अक्षत, फूल और कुमकुम से टीका करना चाहिए। माता भगवती का ध्यान करके सभी देवी कन्याओ को भोजन कराएं और भोजन कराने के बाद कन्यायो को अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा देकर खुशी खुशी विदा करके अपने व्रत का पारण करें।

कन्याओ को क्या भोजन कराएं
माता रानी को खुश करने के लिए नवरात्रि की अष्टमी या नवमी तिथि पर कन्या भोजन का सबसे ज्यादा महत्व होता है। इस तिथि पर अच्छे से माता रानीके स्वरूप कन्याओ की सेवा करने से माता रानी खुश होती है और हमें शुभ फल मिलता है। ऐसे में आप माता रानी को खुश करने के लिए नौ कन्या और एक बालक को भोजन कराएं। पूजन में हलवा, पूरी, खीर, चना, मिठाई आदि व्यंजन बनवाएं और अपने समर्थ अनुसार सभी कन्याओ को भरपेट भोजन कराकर उन्हें कुछ दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद लें।
चैत्र नवरात्रि अष्टमी तिथि का महत्व
शास्त्रो के अनुसार अष्टमी तिथि के दिन मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा होती है। सुख शांति और समृद्धि के लिए सभी भक्त लोग मां दुर्गा की पूजा करते हैं मां दुर्गा की कृपा से भक्तो को सभी कष्टो से छुटकारा मिलता है और हमारा जीवन सुखी होता है।