आधुनिकता के इस दौर में सभी देश अपने आपको एक दूसरे से बेहतर साबित करने में लगे हैं और इसके लिए सभी देशो के बीच अपनी ताकत को बढ़ाने की होड़ मची है इस वजह से दुनिया को कई खतरनाक दौर से गुजरना पड़ा। भविष्य में इसे रोकने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओ का गठन किया गया। आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे दुनिया के ऐसे कौन से देश हैं जो जो ताकतवर होने का दावा करते हैं और सही में ताकतवर है।
अमेरिका (United states)
जैसा कि आप जानते हैं कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका और और सोवियत यूनियन दो शक्तियो के रूप में उभरे, यही नहीं पूरा देश दो भागो में बंट गया था। लेकिन तभी भी सबसे बड़ा डॉन बनने की लड़ाई जारी थी और इस लड़ाई ने कोल्ड वॉर (Cold war) को जन्म दिया इस कॉल्ड वॉर ने कई आतंकी संगठन को जन्म दिया।
दुनिया में हथियारो की सप्लाई करने के मामले में अमेरिका काफी आगे है। रशिया और चाइना जैसे देशो में अपना धोस जमाए रखने के लिए अमेरिका किसी भी हद तक जा सकता है। इसीलिए अमेरिका के मिलिट्री पावर शुरुआत से ही काफी पावरफुल रही है और जिस देश की मिलिट्री पावर जितनी ही मजबूत होती है वह देश उतना ही पावरफुल होता है। अमेरिका के मिलिट्री पावर को दुनिया भर में बेहतरीन माना जाता है और ऐसा इसीलिए क्योंकि अमेरिका अपने मिलिट्री पर काफी ज्यादा पैसे खर्च करता है। अमेरिका हथियारो की डिलीवरी करके काफी ज्यादा पैसे कमाता है इसके अलावा अमेरिका कंपनीया सबसे बेहतरीन कंपनीया हैं।
अमेरिका के पावरफुल होने के वजह में नाटो का भी बड़ा हाथ है। साल 1949 में अमेरिका के अध्यक्षता में नाटो का गठन हुआ “Naruto Jani North Atlantic treaty organisation” दरअसल रशिया के प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका ने इसका गठन किया था। जिसमें अमेरिका का काफ़ी फायदा हुआ इस दौरान कई पश्चिमी देश अमेरिका पर आर्थिक रूप से निर्भर थे।

जब विश्व युद्ध से पूरी दुनिया संकट में थी तब विश्व शांति के लिए अमेरिका ने लीग ऑफ नेशंस का की स्थापना की। अमेरिका की खास बात यह है कि इस देश के पास हार्ड पावर के साथ-साथ सॉफ्ट पावर भी है। वही CDP के मामले में भी अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा देश है और तकनीकी रूप से भी काफी ज्यादा शक्तिशाली है। अमेरिका के पास दुनिया का सबसे बड़ा कोयला भंडार है और आर्थिक रूप से मजबूत होने के कारण ही दुनिया की भरी-भरकम संस्थाओ में इसका प्रभाव रहता है। तो वही दुनिया के कई देशो की सुरक्षा का जिम्मा भी अमेरिका के पास है।
रशिया (Russiya)
हम सभी जानते हैं कि अमेरिका को इस वक्त दुनिया का सबसे ताकतवर देश माना जाता है और रूस की ताकत का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं, कि रूस दुनिया का एक ऐसा देश है जो अमेरिका को सीधी टक्कर देने का ताकत रखता है। आज रूस को ही अमेरिका को टक्कर देने वाला माना जाता है और यह दौर अभी नहीं बल्कि विश्व युद्ध के समय से ही चला आ रहा है। आज रूस के पास दुनिया की सबसे बेहतरीन हथियार मौजूद है। रशिया आज भारत, वियतनाम, तुर्की, मिश्र, साउदी अरब जैसे 80 से भी ज्यादा देशाे को हथियार बेचने वाला देश बन चुका है।
रशिया ने तेल उत्पादन के क्षेत्र में भी अपने आपको आगे किया है और रशिया तेल प्रोडक्शन में दूसरे नंबर पर हैं। टेक्नोलॉजी के हिसाब से रशिया जापान और अमेरिका से आगे निकल सकता है। स्पेस में पहला इंसान भेजने का मिशन रशिया का ही था रशिया के पास अमेरिका से काफी ज्यादा टेंक्स मौजूद हैै। और फोर्स की बात करेंतो शुरुआती समय से ही रशिया का “Naval force” मजबूत रहा है।
चाइना (Chaina)
चाइना को टेक्नोलॉजी मिलिट्री के साथ ही भारी जनसंख्या के लिए भी जाना जाता है। आज वर्ल्ड में सबसे ज्यादा पॉपुलेशन चाइना का है लेकिन फिर भी चाइना सबसे आगे और एक विकसित देश है क्योंकि चाइना के लोग काफी ज्यादा मेहनती देश रहा है। मेहनत के दम पर ही हैं चाइना ने इकोनोमिक रेवोल्यूशन में खुद को इस मुकाम पर पहुंचाया है।
केंद्रीय नियंत्रण वाली स्थानीय सरकार आर्थिक सुधार कार्य, स्किल लेबर जिसे ह्यूमन कैपिटल भी कहा जाता है। विदेशी निवेशको के लिए बेहतर माहौल जैसे कई मजबूत कदम चाइना को पावरफुल बनाते हैं।GDP के मामले में चाइना अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है और अगर भारत से तुलना किया जाए तो चाइना की अर्थव्यवस्था भारत से 4 गुनी अच्छी है।
भारत (Bharat)

दुनिया के ताकतवर देशो की सूची में भारत भी एक अहम पोजीशन रखता है जनसंख्या की दृष्टि से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। हालाकि जनसंख्या का बढ़ना परेशानी का कारण बन सकता हैं लेकिन अगर इसका पॉजिटिव साइड देखें तो हम इसे ह्यूमन कैपिटल के तौर पर देख सकते हैं। जिसे तरीके से यूज करके यूजफुल बनाया जा सकता है।
दुनिया के कई देशो ने अपने आपको महाशक्ति बनाने के लिए आर्थिक सुधार पर जोर दिया और इंडिया भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। पिछले चार दशक में भारत जबरदस्त ताकत के रूप में उभरकर सामने आया है। पॉलिटिक्स में इंडिया की बढ़ती भूमिका का एक कारण आर्थिक क्षेत्र में उसकी सफलता है। दोस्तो साल 1990 से लेकर अब तक करीब 6.5 एवरेज ग्रोथ रेट बनाए रखने का कारण भारत के लगातार विकास की गति जापान, जर्मनी और रूस जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशो से भी आगे बढ़ रही है।
एक रिसर्च के अनुसार आने वाले 20 वर्षो में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की दूसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। रिसर्चस के मामले में इंडिया के पास विशाल लगातार बढ़ती मिलिट्री पावर है इस तरह अमेरिका, चाइना, सऊदी अरेबिया और रूस के बाद अब इंडिया वर्ल्ड लेवल पर मिलिट्री पर खर्च करने वाला पांचवा देश है। मिलिट्री पावर को मजबूत करने के लिए इंडिया पिछले तीन दशको में सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाला देश बन गया है।
माना जाता है कि आने वाले साल 2030 तक इंडिया तीसरा सबसे बड़ा मिलिट्री पावर वाला देश बन जाएगा। लेकिन कोई भी देश केवल मिलिट्री और हथियारो से ही शक्तिशाली नहीं बनता बल्कि शक्तिशाली होने के लिए सॉफ्ट पावर भी जरूरी है और भारत देश में इस शक्ति का भी खजाना है लिटरेचर आर्ट और कल्चर इंडिया की सबसे बड़ी शक्ति है। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री, इंडियन फूड, क्रिकेट और योगा के लिए पूरी दुनिया में भारत की पहचान बढ़ती जा रही है।
जापान (Japan)
पावरफुल देशो की सूची में जापान को भला कोई कैसे भूल सकता है जापान हमेशा से दुनिया का एक अनोखा ही देश रहा है। अक्सर लोग जापान को दो खास वजह के लिए याद रखते हैं एक परमाणु हमला और दूसरा टेक्नोलॉजी के लिए। अगर बात करें साल 1850 के पहले के जापान की तो उस समय जापान अपने आपको दुनिया से अलग रखता था लेकिन टेक्नोलॉजी के नए मॉडन दुनिया में जब जापान को मॉडर्न दुनिया की खूबियों का एहसास हुआ तो उसने चीन और रूस जैसे देशो से युद्ध भी किए।
जापान की एक खास बात यह है कि यहां के लोगो में देशभक्ति कूट-कूट कर भरी है। उदाहरण के तौर पर अमेरिका ने जब जापानी मिलिट्री को कंट्रोल करने की पूरी कोशिश की तब जापान मिलिट्री ने अपनी पूरी ताकत टेक्नोलॉजी में लगा दी और आज देखिए जापान टेक्नोलॉजी के लिए भी जाना जाता है। आज बुलेट ट्रेन से लेकर कार, कैमरा तक सभी में जापान के चेहरे हैं। हालांकि जापान की सेना दुनिया के कई देशो की सेना से छोटी है लेकिन पावर में किसी से भी कम नहीं है।
साउथ कोरिया (South Korea)
चाइना और जापान के बीच मौजूद साउथ कोरिया नाम का यह देश एशिया के अमीर देशो में से एक है जो खास तौर से अपनी मिलिट्री पावर के लिए जानि जाती है। साउथ कोरिया के तरक्की को दुनिया भर में एक मिसाल माना जाता है इस देश ने अपने आपको काफी तेजी से डेवलप करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। साउथ कोरिया और नॉर्थ कोरिया के बीच अक्सर विवाद होते रहते हैं और लड़ाई के परिस्थिति से जल्दी उबरने करने के लिए साउथ कोरिया ने अपनी एक बड़ी सेना भी तैनात कर रखी है।

इस देश की खास बात यह है कि इस देश के पास विश्व की 6th सबसे बड़ी एयर फोर्स है। साउथ कोरिया की गवर्नमेंट शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करती है और इस देश ने बिजनेस पर भी काफी ज्यादा ध्यान दिया जाता है। हालांकि यह देश छोटा है लेकिन इस देश की पावर बहुत जाता है।
फ्रांस (France)
फ्रांस एक बड़ा देश है जो जर्मनी, इटली और स्पेन जैसे देशो के साथ अपनी सीमा शेयर करती है। क्या आप लोग यह बात जानते हैं कि दुनिया के कई हिस्सो में अभी भी फ्रांस का कबजा है जीसे हम फ्रांस टेरिटरी (France territory) के नाम से जानते हैं। ऐसे में फ्रांस अपने सेना को इन जगहो पर तैनात रखता है एक्चुअली फ्रांस इन टेरिटरीज से पूरी दुनिया में व्यापार करता है।
अगर फ्रांस के आर्थिक इकनोमिक शक्ति की बात करें तो Machinery, Chemical, Automobiles, Metallurgy, Aircraft, Textiles फ्रांस की इकोकॉमिक पावर है।मिलिट्री कैपेसिटी के अनुसार 138 देशो में फ्रांस का सातवां स्थान है। तो वहीं फ्रांस में 290 से भी अधिक न्यूक्लियर बोम्स है और सेना में जवानो की संख्या 450000 है। लेकिन फ्रांस नेभी को ही ज्यादा इंपोर्टेंस देता है ताकि समुद्री सीमा पर उसकी धोस जमी रहे।
यूके (United Kingdom)
एक समय था जब आधी से ज्यादा दुनिया पर सिर्फ अंग्रेजी हुकूमत थी और UK वास्तव में एक सुपर पावर था। लेकिन समय के साथ-साथ दुनिया में दुसरी ताकतो का जन्म होता गया और UK बिछड़ता गया। लेकिन आज भी UK सबसे ज्यादा ताकतवर देशों में गिना जाता है। मॉडर्न टेक्नोलॉजी की दुनिया में तो UK का शामना कोई नहीं कर सकता। हालांकि सेना में जवानो की संख्या दूसरे देशों की तुलना में कम है लेकिन UK के यह सेना इतने ट्रेन होते हैं की इनका मुकाबला करना कठिन हो जाता है और इस देश की सबसे बड़ी शक्ति इस देश की रॉयल नेभी हैं जो पूरी दुनिया में फेमस है।
जर्मनी (Germany)
दुनिया के पावरफुल और विकसित देशो में से एक है जर्मनी जो 9 देशों के साथ अपना बॉर्डर शेयर करता है। इसके अलावा जर्मनी में काफी जरुरी नदिया है जिसका देश की आर्थिक स्थिति पर काफी असर पड़ता है। जर्मनी की सरकार इन नदियो का इस्तेमाल करती हैै यूरोपियन यूनियन में जर्मनी की जनसंख्या सबसे ज्यादा है। तो वहीं अगर इकोनामि की बात करें तो यूरोपियन यूनियन में जर्मनी सबसे बड़ा देश है। जर्मनी अपनी मैन्युफैक्चरिंग स्पीड पर विशेष ध्यान देता है और यही वजह है कि मैन्युफैक्चरिंग के मामले में विश्व भर में जर्मनी का बहुत प्रभाव है, इससे भी जर्मनी को आर्थिक मदद मिलती है।

आप जर्मनी के मैन्युफैक्चरिंग का अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि जर्मनी के सड़को पर कोई लिमिट नहीं होती है। जर्मनी के कुछ सड़को पर स्पीड लिमिट नहीं होती है इन सड़कों पर बिना रोक टोक के ही गाड़ियां चलती है। तो ऐसे में तो आप अंदाजा लगा ही सकते हैं कि जर्मनी के ट्रैफिक सिस्टम, रोड क्वालिटी, कितनी ज्यादा विकसित होगी।
तुर्की (Turkey)
दुनिया के ताकतवर देशो की सूची में तुर्की का नाम होना तो बनता है। तुर्की यूरोप और एशिया का गेटवे है और इसीलिए अमेरिका और रूस हमेशा चाहते हैं कि तुर्की उनके अंडर में रहे। और कई बार इस बात से तुर्की को लाभ मिलता है तो कई बार तुर्की के लिए यह मुसीबत बन जाती हैं। क्योंकि बॉर्डर का पार करने वाले कई लोग तुर्की के रास्ते ही यूरोप जाना चाहते हैं इन लाखो लोगो को संभाल पाना तुर्की के लिए काफी मुश्किल होता है।
सैन्य ताकत के हिसाब से तुर्की के पास दुनिया की आठवीं सबसे मजबूत सेना है तुर्की की शक्ति को इस बात से भी जान सकते हैं कि नाटो में अमेरिका के बाद तुर्की की सेना ही सबसे बड़ी है। यानि की फौजी ताकत के लिहाज से दुनिया के बड़े देशो में इनकी गिनती की जाती है।