बीते सात दिनो से यूक्रेन की स्थिति काफी खराब है रूसी सेना यूक्रेन में पूरी तरह तबाही मचा रखी है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चौतरफा से होने वाले आलोचनाओ के बावजूद वह अपने फैसले पर अटल हैं और यूक्रेन पर अटैक कर रहे हैं। रूस ने स्पष्ट कर दिया है कि यूक्रेन को आत्मसमर्पण ही करना पड़ेगा, इसके अलावा युद्ध को खत्म करने का दूसरा कोई रास्ता नहीं है।
तो वहीं यूक्रेन ने भी साफ कर दिया है कि वह रूस के आगे कभी नहीं झुकेगा। इस विनाशकारी युद्ध को लेकर रूस के कई जगहो पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। चौतरफा के विरोध प्रदर्शन के कारण अब पुतिन के प्रशासन ने विरोध में शामिल मासूम बच्चो को भी सलाखो के पीछे डाल दिया है।
रूसी सैनिको ने कई जगहो पर किया है कब्जा
रूसी सैनिको ने खेरसॉन में बंदरगाह और रेलवे स्टेशन पर कब्जा कर लिया है और कीव-खारकीव में बमबारी तेज कर दी है। CNN के अनुसार, रूसी सैन्य वाहन भारी गोलाबारी के बाद खेरसॉन में दाखिल हुए और शहर के कई प्रमुख जगहो पर कब्जा कर लिया।
यूक्रेन और रूस की जंग हर दिन और भयानक होती जा रही है वर्तमान यह जंग थमने वाली नहीं है। शुरुआत में यही कहा जा रहा है कि रूस अब यूक्रेन की सेना को दो दिनो के भीतर ही निपटा देगा। लेकिन इतने दिनो के बाद भी रूसी सेना यूक्रेन पर हावी नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि इस जंग में रूसी के वायु सेना को भी भारी नुकसान हो रहा है, लेकिन रूस की ओर से यूक्रेन में नुकसान की कई खबरें आ रही हैं।
क्या रूस और यूक्रेन संकट से प्रभावित होगी भारत में “S-400” की डिलीवरी
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस लड़ाई के बीच क्या रूस से भारत को “S-400” एयर डिफेंस सिस्टम (S-400 Air Defence System) की डिलीवरी प्रभावित हो सकती है। भारत में मौजूद रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव (Denis Alipov) ने “Zee News” के सहयोगी चैनल WION से बात करते हुए कहा, ‘मुझे भारत को “S-400” एयर डिफेंस सिस्टम (S-400 Air Defence System) की आपूर्ति के संबंध में कोई बाधा नहीं दिखती है। हमारे पास इस सौदे को जारी रखने के लिए तंत्र है उन्होंने आगे कहा कि, ‘रूस हमेशा राख से उठ खड़ा हुआ है और यह फिर से उठेगा। हमने पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए है और हमारी अर्थव्यवस्था दबाव से बाहर निकलेगी।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा
बाइडेन ने कहा कि पुतिन इस समय दुनिया से इतने अलग हो चुके हैं जितना वह पहले कभी नहीं हुए। हम रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा रहे हैं और अब रूस की आर्थिक व्यवस्था तबाह है। उन्होंने कहा कि इस समय यूक्रेन के साथ यूरोपियन यूनियन के करीब 27 देश हैं और हम यूक्रेन को एक अरब डॉलर देकर उनकी मदत भी करेंगे। रूस ने दुनिया की नींव हिलाने का प्रयास किया है और रूस को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी ये जंग लोकतंत्र के नाम पर तानाशाही की है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका की सेना रूस के साथ नहीं भिड़ेगी, लेकिन रूस को मनमानी भी नहीं करने दी जाएगी। बाइडेन ने कहा कि अमेरिका रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा रहा है हमने रूस के झूठो का मुकाबला सच के साथ किया है। जो बाइडेन ने कहा कि तानाशाहो को हमेशा कीमत चुकानी पड़ती है और अब तानाशाह को उसके किए की सजा देना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और हमारे सहयोगी हमारी सामूहिक शक्ति के साथ नाटो की एक-एक इंच जमीन की रक्षा करेंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संसद को संबोधित करते हुए अमेरिकी हवाई क्षेत्र को रूसी विमानों के लिए बंद करने का भी ऐलान कर दिया है।बाइडेन ने कहा है कि रूस ने यूक्रेन में जंग छेड़ कर बड़ी गलती की है। हम यूक्रेन के साथ है क्योंकि रूस ने यूक्रेन पर जो यह हमला किया है वह बिना किसी उकसावे के अपनी मनमानी से किया है।
बाइडेन ने कहा चुकानी पड़ेगी कीमत
अमेरिका के मीडिया रिपोर्ट से आई खबर के अनुसार अमेरिका अपनी वायु सीमा बंद कर देगा और यह कदम कभी भी उठाया जा सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने एक संदेश में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर हमला बोला है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि तानाशाह को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
बाइडेन ने कहा कि अपने पूरे इतिहास में हमने यह सबक सीखा है कि जब तानाशाह अपनी आक्रामकता की कीमत नहीं चुकाते हैं तो वह और ज्यादा अराजकता फैलाने लगते हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि पुतिन का युद्ध पूर्व नियोजित और अकारण है उन्होंने कूटनीति के प्रयासो को खारिज कर दिया है।
सांसद ने कीए युक्रेन के लोगो के जज्बे को सलाम
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने पहले “स्टेट ऑफ द यूनियन” संबोधन में रूस की आक्रामकता का सामना करने व मुद्रास्फीति को नियंत्रण करने का संकल्प लिया। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बीच बाइडेन के इस भाषण के मायने और बढ़ गए हैं, राष्ट्रपति ने अपने भाषण की शुरुआत भी इसी मुद्दे से कि। उन्होंने सदन के कक्ष में उपस्थित सांसदो से खड़े होकर युक्रेन के लोगो के जज्बे को सलाम करने को कहा इसके बाद सभी सांसद खड़े हो गए।

इस युद्ध के बीच कई देश यूक्रेन को सैन्य मदद भेज रहे हैं कनाडा यूक्रेन को एंटी टैंक वेपन सिस्टम और गोला-बारूद भेज रहा है। तो वहीं ऑस्ट्रेलिया भी यूक्रेन को घातक हथियारो के लिए फंड देने वाली है।अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ ने रूस और बेलारूस की टीमों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ आशिक डेविस कप को नियंत्रित करता है।
यूरोप हो सकता है प्रभावित
इन सभी प्रतिबंधो के कारण होने वाला एक लंबा संकट ना केवल रूस बल्कि यूरोप को भी प्रभावित कर सकता है। यूरोप व्यापार और गैस सप्लाई के लिए रूस पर ही निर्भर करता है। यूक्रेन और रूस के इस जंग के कारण एसिया भी प्रभावित हो सकता है और कोविड के बाद आर्थिक सुधार की जो रफ्तार चल रही है उस पर भी ब्रेक लग सकता है।
यूक्रेन संकट से हो सकता है भारत प्रभावित
यूक्रेन संकट को देखते हुए अमेरिका और रूस के बीच चल रहे तनाव पूर्ण स्थिति भारत को भी प्रभावित कर सकती है। भारत का अमेरिका और रूस दोनो देशो के साथ संबंध अच्छे हैं रूस ना केवल भारत का प्रमुख डिफेंस सप्लायर है। बल्कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में कोयला, गैस और तेल खरीदना है इसके अलावा भारत ने रूस में ऊर्जा क्षेत्रो में भी निवेश किया है।