कर्नाटक के उडुपी में कॉलेज से शुरुआत हुए विवाद ने पूरे देश भर में रुख किया है और देश में खलबली मचा दी है। हिजाब को लेकर हुआ यह विवाद अब देश की मुख्यधारा की राजनीति पर हावी हो चुकी है ऐसे में जम्मू कश्मीर के नेताओ के बयान भी आने लगे हैं। कर्नाटक में शुरू हुए जातिवाद का यह विवाद अब तक थमने का नाम नहीं ले रही है कॉलेज से शुरू हुए इस विवाद को देश की मुख्यधारा राजनीति पर हावी होते समय नहीं लगी।
क्या है हिजाब विवाद
दरअसल बात यह हुई कि कर्नाटक के एक कॉलेज में जब कुछ छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज जाना शुरू किया तो उन्हें देख कुछ दूसरे छात्र भगवा गमछा ओढ़कर कॉलेज गए। जिसके बाद यह एक जाति हिंसा का रूप लेने लगा और फिर इसे देखते हुए हिजाब पहनी हुई छात्राओ को कक्षा लेने की अनुमति नहीं मिली। जिसके बाद इस विवाद की शुरूआत हो गई छात्र और छात्राओ ने स्कूल कॉलेज के आसपास आंदोलन करना शुरू कर दिया। बेंगलुरु प्रशासन ने छात्राओ से कहा कि वे स्कूल और कॉलेज के आसपास आंदोलन नहीं कर सकते।
हिजाब विवाद के कारण हिंसक घटना के बाद कर्नाटक में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इस बढ़ते विवाद के बीच उडुपी जिले में धारा 144 भी लगा दी गई है। वहीं उडुपी जिले में 14 फरवरी को 6:00 बजे से 19 फरवरी की शाम 6:00 बजे तक धारा 144 लागू रहेगी। जहां यह बात एक उडुपी के कॉलेजो से शुरू हुई थी वह धीरे-धीरे देश के कई हिस्सो में अब सुनाई दे रही है।

जिसके बाद यह मामला उडुपी से भाजपा विधायक रघुपति भट्ट का बड़ा बयान सामने आया। विधायक ने कहा कि इस मामले की उन्होंने NIA से जांच कराने की मांग की है। क्योंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश बताया जा रहा है कि इस विवाद के बाद उडुपी से भाजपा विधायक रघुपति भट्ट को धमकी भरे फोन कॉल आ रहे हैं। BJP विधायक ने कहा कि उन्हें इंटरनेट कॉल के द्वारा लगातार धमकिया मिल रही है और यह कॉल ज्यादातर विदेशो से ही आ रहे हैं।
रघुपति भट्ट ने कहा कि पाकिस्तान के अलावा कोई भी मुस्लिम देश हमारे खिलाफ नहीं है। हालांकि उडुपी में हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता क्योंकि यह उनका धार्मिक अधिकार है लेकिन स्कूलो में वर्दी का पालन करना भी जरूरी है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा
जिसके बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हिजाब विवाद पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अब मुझे डर है कि BJP हिजाब पर ही नहीं रुकेगी वह मुसलमानों के अन्य प्रतीकों को भी खत्म करने में जुटी हुई है उन्होंने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हम भारतीय मुसलमानो के लिए केवल भारतीय होना ही काफी नहीं है।
लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला
जम्मू कश्मीर के पूर्व CM और लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने पुलवामा में कहा कि हर एक व्यक्ति को अपनी इच्छा अनुसार पहनने खाने का अधिकार है। वह अपनी धार्मिक मान्यताओ को पालन करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन कुछ कट्टरपंथी तत्व है जो लोगो को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करके चुनाव जीतने के प्रयास में एक धर्म पर हमला कर रहे हैं।
तो वही उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी हिजाब विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा “मुझे दो चीजो के बारे में बात करनी है और वह दो चीज़ है धार्मिक भावनाओ का सम्मान और भारतीय संविधान को सर्वोच्च रखना। और देश के हर एक नागरिक को इन दोनो बातो को ध्यान में रखकर चलना चाहिए।
रघुपति भट्ट पीयू कॉलेज के विकास समिति के अध्यक्ष भी हैं और पीयू कॉलेज से ही यह हिजाब विवाद का मामला गर्म हुआ है। बीते 5 फरवरी को राज्य में ड्रेस कोड लागू किया गया था जिसके बाद से ड्रेस कोड का विरोध जारी है। वहीं दूसरी और हिजाब विवाद के कारण कर्नाटक हाई कोर्ट में भी सुनवाई जारी हैै।

वहीं हिजाब पहनने वाली छात्राओ के पक्ष रखने वाले वकील ने कहा कि उन्हें अपने मजहब का पालन करने दिया जाए हिजाब पर विवाद खड़ा करके उन्हें शिक्षा के अधिकार से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके विपरीत कर्नाटक सरकार के अटॉर्नी जनरल ने इस बात का विरोध करते हुए कहा कि स्कूलो और कॉलेजो के नियमो को लेकर स्वायत्ता है और हर एक संस्थान को स्वायत्ता दी जाए और राज्य सरकार स्कूलो में यूनीफॉर्म को लेकर फैसला नहीं ले सकती।
छात्राओ के वकील ने कहा कि जब तक हाई कोर्ट इस मामले में कोई निर्णय नहीं लेती तब तक किसी के हिजाब पहनने के लिए अंतरिम राहत दी जाए। लेकिन इसका विरोध करते हुए और अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जा सकती। साथ ही कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु शहर में किसी भी स्कूल कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान के 200 मीटर के दायरे में किसी प्रकार प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी हैै, प्रशासन में प्रदर्शनो पर रोक के लिए धारा 144 लागू की है।
कर्नाटक हाईकोर्ट की अंतरिम सुनवाई
इसी तरह पूरे देश में हिजाब और कांग्रेस को लेकर बहस छिड़ गई कुछ छात्राए इस मामले को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंच चुकी है। तो वहीं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में कॉमन ड्रेस कोड लागू करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि यह न केवल समानता, सामाजिक न्याय और लोकतंत्र के मूल्यो को बढ़ाने के लिए जरूरी है बल्कि एक न्याय पूर्ण और मानवीय समाज बनाने के लिए भी आवश्यक है।
हालांकि दोनो पक्षो ने कहा कि इस मामले को भले ही ऊपर तक भेजा जाए लेकिन मामले का जल्द ही हल निकालना चाहिए। इसी बीच कर्नाटक में उडुपी शिमोगा, बेंगलुरु के साथ कई शहरो में शांति बनाए रखने के लिए भी कहा गया है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपनी अंतरिम सुनवाई करते हुए कहा है कि ” अंतिम फैसला आने तक शिक्षण संस्थानो में धार्मिक पहनावे की इजाजत नहीं होगी। इस विवाद के कारण बंद हुए राज्य के स्कूल और कॉलेजो को खोला जाए।
हिजाब विवाद पर पहली बार बोले PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओ का जिक्र करते हुए कहा कि BJP सरकार ने मुस्लिम महिलाओ के लिए जो कानून बनाए हैं उससे वोट के ठेकेदार बेचैन हो उठे हैं और इसीलिए वह तरह-तरह के उटपटांग हरकते कर रहे हैं। PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने जिस प्रकार तीन तलाक के प्रति के कानून बनाए हैं उनसे मुस्लिम बहनो को कई प्रकार की सुरक्षा का विश्वास दिया है। जिसके बाद मुस्लिम मां बहने जब हम पर विश्वास करने लगी भाजपा सरकार की तारीफ करने लगी। तो जो वोट के ठेकेदार होते हैं उनकी नींद हराम हो गई और वह कई प्रकार के तिग्रम अपना रहे हैं ताकि मुस्लिम बहने हमेशा की तरह पीछे ही रह जाए।
असदुद्दीन ओवैसी बोले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुस्लिम महिलाओ से मोहब्बत का दावा झूठा है। उन्होंने कहा कि अगर मोदी जी को मुस्लिम महिलाओ से हमदर्दी होती मोहब्बत होती तो वह कर्नाटक में हुए विवाद के बाद वह मुस्लिम बेटियो से कहते कि बेटियो आप पढ़ो चाहे नकाब पहनो या हिजाब पहनो तुम पढ़ो काबिल बनो और इस देश का नाम रौशन करो।
योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी
UP के CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “मुस्लिम महिलाओ पर हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जाता है, कोई भी अपनी मर्जी से हिजाब नहीं पहनती है। इंडिया टुडे टीवी को दिए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि कोई भी महिला पसंद से हिसाब नहीं पहनती है। क्या महिलाओ ने कभी तीन तलाक को पसंद से स्वीकार किया उन बेटियो और बहनो से पूछो”?
योगी आदित्यनाथ ने कहा “मैंने उनके आंसू देखे हैं जब उन्होंने इसके बारे में बात की तो उनके रिश्तेदार आंसू बहा रहे थे। जौनपुर की एक महिला ने तीन तलाक को खत्म करने के लिए PM नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया”। उन्होंने कहा कि “कपड़े पहनना व्यक्ति की अपनी पसंद लेकिन संस्था में अनुशासन जरूरी है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि व्यक्तिगत कपड़े एक व्यक्ति की पसंद तक सीमित होती है”।

उन्होंने कहा “मैंने किसी भी अधिकारी पर अपनी पसंद की पोशाक के लिए मजबूर नहीं किया। क्या मैं अपने कार्यालय में सभी को भगवा पहनने के लिए कह सकता हूं, क्या मैं अपनी पार्टी में सभी को यह कह सकता हूं ? मैं ऐसा नहीं कह सकता।” उन्होंने कहा की “अगर कोई संस्था है तो वहां का एक अनुशासन होना चाहिए उन्होंने कहा हर संगठन को समान नियमो का पालन करना चाहिए। अगर कोई पुलिसकर्मी कहता है कि वह एक विशेष धर्म से है और वह उसके अनुसार तैयार होगा तो संगठन अराजकता में उतर जाएगा”।
कर्नाटक के स्कूल और कॉलेजो में हिजाब पहनने वाली लड़कियो और महिलाओ पर योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी व्यापक विरोध के रूप में सामने आया है। यह मामला एक महीने पहले तब भड़का था जब राज्य के कुछ हिस्सो में हिजाब पहने कुछ मुस्लिम लड़कियो को कॉलेजो में प्रवेश करने से रोका गया जीसके बाद से ही राज्य में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो चूके हैं।