महिलाए जब किसी बच्चे को जन्म देती है उनकी सारी शक्तिया टूट सी जाती है उनका शरीर पूरी तरह से बेजान हो जाता है। मांसपेशिया हड्डियो से लेकर शरीर के हर एक अंग में दर्द और कमजोरी का एहसास होता है और यही कारण है कि डिलीवरी होने के बाद महिलाओ को अपना खास ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि जब महिलाएं खुद कमजोर रहेगी तो वह बच्चो का क्या ध्यान रखेगी इसीलिए डिलीवरी होने के बाद महिलाओ को अपना खास ध्यान रखना चाहिए। ताकि बच्चा भी स्वस्थ रहे आयुर्वेद के अनुसार महिलाओ की डिलीवरी होने के बाद उनकी त्वचा में रूखापन कब्ज पेट फूलने जोड़ो में दर्द शरीर में सूजन और कमजोरी जैसे समस्या आ जाती है।
ऐसे में शरीर को संतुलित और पुष्ट रखने के लिए कुछ जरूरी उपाय किए जा सकते हैं आज हम उन्हें इसी बारे में बात करने वाले हैं कि महिलाओ की डिलीवरी होने के बाद ऐसे कौन से जरूरी बातो का ध्यान रखना चाहिए और देसी दवाइयो का उपयोग करना चाहिए कि समय खाना पीना और क्या खाना पीना करना चाहिए ताकि आने वाले समय में शरीर पहले की तरह बना रहे।
गर्म पानी का ही प्रयोग करें
अगर बच्चे का जन्म ठंडी के मौसम में हुआ है तो ध्यान रखें कि डिलीवरी के बाद महिला को पानी बिल्कुल भी नहीं छूना है। कम से कम मात्रा में पानी छूना है और हमेशा गर्म पानी का ही प्रयोग करना है, अगर गर्मी का भी मौसम है तो भी नहाने से लेकर हांथ धोने तक गर्म पानी का प्रयोग करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आप को इस दौरान रोजाना गर्म पानी से नहाना चाहिए कुछ महिलाएं ना पानी ना छूने के चक्कर में नहा नहीं नहाती है लेकिन इस समय गर्म पानी से हल्का स्नान करना अच्छा होता है इन दिनों नहीं नहाने से शरीर में इंफेक्शन फैल सकता है और यह इंफेक्शन महिमा एवं महिला के साथ जन्म लेने वाले बच्चों में भी फैल सकता है इसीलिए इन दिनों खासतौर पर साफ-सुथरे कपड़े पहने और एक दिन छोड़कर एक दिन दूसरे दिन जरूर साफ-सुथरे से नहा धो कर रहे एक a
नहाने से पहले तेल लगाएं
नहाने से पहले आपको संपूर्ण शरीर पर तेल लगाकर बाद में गर्म पानी से नहाना चाहिए। इससे मांसपेशियो और हड्डियो को आराम मिलता है मुरझाई त्वचा में निखार आती है शरीर को पोषण मिलता है। पूरे शरीर पर अच्छे से तेल से मालिश करने के बाद गर्म पानी से नहाकर शरीर को ताकत मिलती है। इसके अलावा तेल से मसाज करने से स्ट्रेच मार्क्स भी गायब हो जाते हैं और रूखी त्वचा को पोषण मिलता है।
जितना मन हो उतना आराम करें
ध्यान रखें कि डिलीवरी के बाद महिलाओ का शरीर इतना कमजोर हो जाता है कि उन्हें खास आराम और देखभाल की जरूरत होती है और इस हालत में उन्हें बच्चे को दूध पिलाना होता है। इसीलिए डिलीवरी होने के बाद शुरुआती महीनो में महिलाओ को चैन भरी नींद आवश्यकता होती है। नींद की कमी होने से महिलाओ में तनाव, चिड़चिड़ापन बढ़ने लगता है, इसीलिए महिलाओ को अपना खास ध्यान रखना चाहिए और खूब आराम करना चाहिए।
डाइट में शामिल करें इन चीज़ो को
डिलीवरी होने के बाद महिलाओ को अपनी डाइट में हल्दी, अदरक, धनिया, जीरा और सौंफ जैसे मसालो को शामिल करना चाहिए। इस समय दाल कम खाना चाहिए क्योंकि इससे गैस बनने की समस्या हो सकती है लेकिन इन दिनो दूध का खूब सेवन करना चाहिए रोजाना 2 से 3 ग्लास गर्म दूध पिए।
इस दौरान महिला के साथ बच्चे को भी कैल्शियम की खास जरूरत होती है इसीलिए दिन में दो से तीन गिलास दूध पीने के साथ ही हरी पत्तेदार सब्जिया खाना चाहिए। इस दौरान ऐसी ही सादी रोटी न खा कर उसमें घी लगाकर खाना काफी फायदेमंद होता है, क्योंकि डिलीवरी के बाद महिलाओ की खोई हुई ताकत वापस लाने के लिए संतुलित आहार काफी मददगार होता है।
डिलीवरी के तुरन्त बाद करें इसका सेवन
डिलीवरी के बाद सबसे पहले महिलाओ को एक-दो घंटे या 3 घंटे बाद एक गिलास पानी में एक चम्मच अजवाइन, एक चम्मच हल्दी पाउडर और गुड़ डालकर उबालकर उसे आधा ग्लास करना है और उसे डिलीवरी होने के बाद महिला को पिलानी है इससे महिला के पेट में जमी सभी गंदगी साफ हो जाती है प्रसव के बाद होने वाले दर्द से भी आराम मिलता है इस उपाय को डिलीवरी के 2 दिन बाद तक सुबह 5 या 6 बजे करना चाहिए।
अजवाइन का प्रयोग
आप लोग यह तो जानते ही होंगे अजवाइन के प्रयोग से पेट दर्द से राहत मिलता है लेकिन क्या आप लोग यह जानते हैं कि यह स्थान दूध के उत्पादन बढ़ाने में और गर्भाशय को संकुचित होने में भी काफी मददगार होती है। आयुर्वेद के अनुसार अजवाइन को स्तंभ पर आने के लिए जाना जाता है अजवाइन में एंटीऑक्सीडेंट एंटी बैक्टीरियल एंटी फंगल और एंटीसेप्टिक तत्व पाए जाते हैं आप अजवाइन को पराठे यहां वे किसी भी रूप में प्रयोग करके व्यंजन बनाकर सेवन कर सकती है। या आप चाहे तो अजवाइन का पानी भी पी सकते हैं यानी कि आपको डिलीवरी होने के बाद 5 दिन तक या फिर 7 दिन तक नाश्ता करने से दो-तीन घंटे पहले थोड़ी सी मात्रा में अजवाइन का हलवा खाना है। इससे मां को तो फायदा होता ही है साथ ही बच्चे के पेट में भी कभी किसी प्रकार दर्द नहीं होगा, अजवाइन के हलवे के साथ आप थोड़ी सी मात्रा में दूध भी ले सकती हैं।
सौंठ का उपयोग करें
सौंठ में फाइबर, विटामिन B6, आईरन, विटामिन E, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सेलेनियम और मैंगनीज पाए जाते हैं जो कि काफी आसानी से आपको मिल जाता है यह जलन दूर करने के साथ ही कई और फायदे देती है। प्रसव के बाद महिलाओ की जलन दूर करने के बाद कई और फायदे देती है।

सोंठ के लड्डू खाने से आपके हाथ पैर में किसी प्रकार की झनझनाहट नहीं होगी इससे आपको सर दर्द जैसी समस्या भी नहीं होगी। डिलीवरी होने के बाद कुछ महिलाओ के कान भी सुन होने जैसी होती हैं तो वह समस्या भी खत्म हो जाएगी। ध्यान रखें कि सोंठ के लड्डू बनाने के बाद आप उसे आधे घंटे के लिए खुली हवा में छोड़ दें और उसके बाद एक डब्बे में भरकर रखें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि सोंठ खाने के बाद कभी ठंडे पानी में हाथ न डाले हमेशा गर्म पानी का ही प्रयोग करें नहीं तो हाथ में झनझनाहट की समस्या हो सकती है।
बादाम का प्रयोग करें
बादाम में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन B12, विटामिन ई और कई खनिज पदार्थ जैसे कि मैग्निशियम, मैंगनीज कैल्शियम, पोटेशियम आदि पाए जाते हैं। इतने सारे पोषक तत्व होने के कारण यह प्रसव से उबरने के लिए महिलाओ को उनके प्रस्ताव के बाद होने वाले सभी प्रकार परेशानियो से उबरने के लिए एक महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ होता है। बादाम को कई सारे व्यंजनो में उपयोग किया जा सकता है बादाम वाला दूध, शीरा, बदाम का हलवा, बनाकर आप थोड़ा करके सेवन कर सकते हैं।
कमरकस का प्रयोग करें
कमरकस को लाल बूंद के नाम से भी जानते हैं और इसका लड्डू डिलीवरी के बाद शार्ट बादाम का उपयोग करने के बाद इसको भी खाना महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है इससे आपको यह फायदा होता है कि इससे आपके कमर में सोते-सोते किसी प्रकार का जो दर्द होता है वह आपको नहीं होता यह खाने में थोड़ा कड़वा होता है इसीलिए इसमें आधा चीनी और गुड़ डालता है और इससे आप खाने से चार-पांच दिन पहले ही बना कर रख दें इससे कड़वापन थोड़ा कम हो जाता है कि आपको खाने का बिल्कुल भी मन नहीं करता लेकिन यह डिलीवरी के बाद खाना बहुत जरूरी होता है या खाने से शरीर में काफी शक्ति आती है इसे खाने के बाद एहसास ही नहीं होता कि आपकी कोई डिलीवरी हुई है इसीलिए इस बात का खास ध्यान रखते हुए इसे दवाई की तरह निकल कर जरूर खा ले।
हल्दी का प्रयोग
हल्दी में विटामिन B6, विटामिन C, फाइबर, पोटेशियम, मैग्नीशियम और मैंगनीज होता है यानी कि यह महिलाओ को जरूरत अनुसार विटामिनो की पूर्ति करता है। डिलीवरी होने के बाद महिलाओ को होने वाली जलन दर्द को कम करने के लिए यह फिर प्रसव होने के बाद होने वाले घाव और पेट की गड़बड़ी के समस्या को ठीक करने में मदद कर सकती है। इसीलिए आप एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर रोज सेवन करें। इससे पेट में जमी गंदगी भी साफ होती है और आपको छोटे-मोटे गांव से आराम मिलता है।
मेथी दाना का प्रयोग
मेथी दाना में आयरन, कैल्शियम, विटामिन, मिनरल्स के अच्छे स्रोत पाए जाते हैं आमतौर पर जोड़ो के दर्द से बचने के लिए इसे जाना जाता है। आप मेथी दाने का प्रयोग दाल सब्जी पूरी इत्यादि पकाने के दौरान प्रयोग कर सकते हैं।
खट्टा बिल्कुल भी न खाएं
इस समय आपको खट्टी चीजें बिल्कुल भी नहीं खानी चाहिए जैसे कि इमली, आम का अचार जैसे चीजो से आपको पूरी तरह से दूर रहना चाहिए, आप टमाटर और नींबू खा सकते हैं। हालाकि इस समय खट्टा खाने का मन नहीं करता लेकिन कुछ महिलाओ को मन करता भी है लेकिन इस समय थोड़े से थोड़े परिमाण में भी खट्टा नहीं खाना चाहिए। इस समय खट्टी चीज़ों को खाना आपके शरीर के लिए जहर बन सकता है जो आपके शरीर को अंदर से तोड़ देगा।
एक महिन तक इलेक्ट्रोनिक डिवाइसियो से दूरी बनाए प्रसव होने के बाद एक महीने तक TV, मोबाइल, AC और कूलर जैसे चीजो से दूरी बनाकर रखें क्योंकि इस समय इन चीजो पर ध्यान देने से सर पर और आंखो पर असर पड़ता है जिस कारण सिरदर्द जैसी समस्या होती है। अगर गर्मी का मौसम है तभी भी आप AC, कूलर से एक महीने तक दूरी बनाकर रखें इस समय महिला का शरीर पूरी तरह से कमजोर होता है और इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसो को देखने पर स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
दाल और हरी सब्जियो का सेवन करें
सब्जियो में आपको गोभी, भिंडी जैसे सब्जिया नहीं खानी है लेकिन बाकी लौकी, पालक, जैसी सब्जिया प्रचुर मात्रा में खाएं। साथ ही मूंग की दाल, पापड़, दलिया आदि खाएं लेकिन ध्यान रखें जब तक पूरी तरह से भूख ना लगे तब तक कुछ भी ना खाएं। दाल में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं दालो में आप मूंग मसूर का उपयोग कर सकते हैं, जो आसानी से पचता है। आप चाहे तो दाल का खिचड़ी और हलवा बनाकर हल्के भोजन के रूप में खा सकते हैं।
बाहर की कोई भी चीज न खाएं
डिलीवरी होने के बाद महिलाओ को किसी प्रकार के बाहर की चीजे जैसे कि मैगी वगैरह नहीं खाने चाहिए इससे पेट में गैस बनने के साथ ही यह बच्चो के लिए भी अच्छा नहीं होता। इससे बच्चे और मां दोनो को खाना खाने के बाद उल्टी की समस्या हो सकती है, इसीलिए बाहर की किसी भी खाने की चीजो से दूर रहे।
इस पोस्ट में हमने आपको जो भी जानकारी दी है अगर डिलीवरी होने के बाद महिलाएं उन बातो पर ध्यान देकर नियमित रूप से हमारे बताए गए खान-पान व चीजो का सेवन करें तो महिला जल्द ही अपनी खोई हुई ताकत वापस पा लेगी।