हर एक साल बीतते बीतते अपने कुछ अच्छी यादें तो कुछ बुरी यादे देकर जाता है दरअसल, हम बात कर रहे हैं बीते साल 2021 के बारे में। जैसा कि हम सब जानते हैं कि साल 2021 बीत चुका है और साल 2022 यानि नए साल की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में इस मौके पर दुनिया भर में साल 2021 को सेलिब्रेट करेके विदा कहा गया और आने वाले साल का बेहद धूमधाम से स्वागत किया किया गया।
क्योंकि साल 2021 खत्म होने के साथ भारत वासियो के बीच कई खट्टी मीठी यादे छोड़कर गया है कुछ लोगो के लिए यह साल बेहद खास रहा है तो कुछ लोगो के लिए यह उतना खास नहीं बल्कि बुरी यादे भी देकर गया है। क्योंकि इस साल के बीतने के साथ हूई घटनाओ में जहां देश के लिए यह साल कुछ हद तक अच्छी यादे देकर गया है, क्योंकि यह साल कई लिहाजे से भारत वासियो के लिए खुशी भरा रहा है।
तो वहीं देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर, किसान आंदोलन जैसी घटनाओ के आलवा इसी साल कई लोगो की मौत भी हूई। जिसमें देश के सेना प्रमुख बिपिन रावत के आलावा बॉलिवुड इंडस्ट्री के अभिनेता दिलीप कुमार, सिद्धार्थ की मौत शामिल है और इसी दुखद घटनाओ के कारण बीते साल 2021 को काफी दुख के साथ भी याद किया जाएगा। साथ ही साल 2021 कुछ राजनीतिक घटना कर्मो का भी गवाह रहा है, ऐसे में चलीए जानते हैं बीते साल 2021 में हुए कुछ ऐसी घटनाओ के बारे में जिससे यह साल देश के लिए यादगार रहेगा।
कोविड की दूसरी लहर के साथ ऑक्सीजन संकट
जैसा कि हम सब जानते हैं कि बीते साल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर का दौर काफी मुश्किल भरा रहा है। इस दौरान लोग संक्रमित हुए, मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने के कारण वे अस्पताल में भर्ती हुए और अस्पताल के बाहर भी मरीजों की कतार रही है। हालांकि केंद्र के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से एक भी जान नहीं गई। लेकिन इस दौरान अस्पतालो में मरीजो की भरमार हो गई और कई राज्य बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य उपकरणो के भारी संकट से जूझ रहे थे। महाराष्ट्र और दिल्ली के जैसे कई राज्य सरकारो में आपसी टकराव भी देखने को मिले हालांकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के साथ और केंद्र सरकार के सहयोग के बाद स्थिति कुछ हद तक काबू में आई।
कृषि कानूनो के खिलाफ धरना प्रदर्शन
26 जनवरी पर जब हर साल गणतंत्र दिवस का माहौल रहता है गणतंत्र दिवस के दिन पिछले साल 2021 में कृषि कानूनो के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे किसानो ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस को ट्रैक्टर मार्च निकाला था। लेकिन इस मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई इस प्रदर्शन के दौरान मार्च कर रहे प्रदर्शनकारी इतने हिंसक भाव में आ चूके थे कि उन्होंने पुलिस की पाबंदी तोड़ दी और लाल किले के प्राचीर पर चढ़कर धार्मिक झंडा फहरा दिया।
दरअसल यह घटना तीन कृषि कानूनो का विरोध कर रहे हजारो किसानो ने अपनी मांगो को लेकर नई दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस से भिड़ गए। जिसके बाद वह ट्रैक्टर चलाकर लाल किले में पहुंच गए और किले पर धार्मिक ध्वजा फहराया। इस घटना में 500 से भी अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए जिसके बाद भारत भर में इस घटना की निंदा हूई।
मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार का निधन
मशहूर बॉलीवुड एक्टर दिलीप कुमार ने इस दुनिया को अलविदा कहा इस साल के जुलाई महीने में बीते साल 2021 के जुलाई महीने की शुरुआत में 7 जुलाई को बॉलीवुड के जाने-माने मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार ने इस दुनिया को अलविदा कहा। दिलीप कुमार अपने 98 साल की उम्र में कई बीमारियो से पीड़ित हुए थे और उनकी पत्नी सायरा बानो ने कई सालो तक दिलीप कुमार का ख्याल भी रखा था लेकिन साल 2021 में जुलाई महीने के 7 तारीख को दिलीप कुमार ने इस दुनिया को अलविदा कहा।
CDS बिपिन रावत का निधन
बीते साल 2021 को याद करने के साथ ही और दुख की खबर कोई नहीं बोल सकता कि इस साल देश के बेटे और जवान सेना प्रमुख बिपिन रावत का निधन हुआ दरअसल साल के आखिरी में जाते-जाते 8 दिसंबर को एकदम भारी दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई। जिसमें भारत के पहले CDS बिपिन रावत का निधन हो गया यह देश के लिए काफी दर्दनाक और हानिकारक है। वह इस घटना में भारत ने पहले सीडीएस उनकी पत्नी पहले CDS बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी सहित 14 जवानो ने शहीद हो गए और यह खबर भारत के लिए बेहद दुख भरी रही।
TV एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का निधन
टीवी इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला के निधन के कारण साल 2021 को दुख से याद किया जाएगा। क्योंकि टीवी सिरियल और बिग बॉस से सब के दिलो में जगह बनाने वाले एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। इसीलिए यह साल उनके फैंस के लिए काफी दुख भरा रहा है बिग बॉस 13 के विनर रह चुके सिद्धार्थ शुक्ला का 2 सितंबर साल 2021 को केवल 40 साल की उम्र में ही हार्ट अटैक होने के कारण निधन हो गया जिसके बाद उनके फैंस को इस बात का काफी झटका लगा।
टोक्यो ओलंपिक में भारत ने जीते पदक
साल 2021 में हुई सबसे अच्छी बात यह है कि इस साल टोक्यो में हुए ओलंपिक में भारत ने एक गोल्ड मेडल, दो रजत और चार कांस्य पदक हासिल किए। स्पोर्ट्स के लिहाज से यह साल ऐतिहासिक रहा है, क्योंकी इस साल ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियो ने अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। जिस कारण इस साल ओलंपिक खेल में भारत ने गोल्ड पर कब्जा जमाने के साथ ही सबसे ज्यादा मेडल जीते हैं। इस प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचते हुए जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर पूरे देश को गौरवान्वित किया और इस देश का नाम रोशन किया। इसके अलावा भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने भी 48 साल बाद हॉकी में मेडल जीतकर इतिहास रचा है।
भारत ने जीता मिस यूनिवर्स का खिताब
इस साल हुए अच्छे घटना में एक और यह घटना है कि यह साल जाते-जाते दो दशक के बाद यानि 21 साल बाद भारत को मिस यूनिवर्स का खिताब दिलाता गया। दरअसल इस साल 21 साल की हरनाज सिंधु ने मिस यूनिवर्स का ताज अपने नाम करके भारत का नाम रोशन किया। इससे पहले साल 2000 में लारा दत्ता मिस यूनिवर्स बनी थी और उससे पहले साल 1994 में सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स का खिताब अपने नाम किया था। साल 2021 में यह प्रतियोगिता इजराइल में हुआ था और इसके प्रीलिमिनरी स्टेज में 79 से भी ज्यादा कंटेस्टेंट ने भाग लिया था। पैराग्वे की नाडिया फेरीरा और दक्षिण अफ्रीका की लालेला मस्वाने को पीछे छोड़कर भारत की हरनाज सिंधु ने यह ताज अपने नाम किया।
ड्रग्स केस में आर्यन खान की गिरफ्तारी
बीते साल 2021 में ड्रग्स मामले में NCB द्वारा बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी ने पूरे बॉलीवुड इंडस्ट्री के साथ भारतीय राजनीति में भी भूचाल ला दिया। खास करके महाराष्ट्र की राजनीति में इस घटना से उठापटक देखने को मिली, हालांकि फिलहाल अभी आर्यन खान जमानत पर बाहर हो चुके हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकस आघाडी ने इस मामले में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर घटिया राजनीति के तहत NCB का गलत उपयोग करने का भी आरोप लगाया। आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद 22 दिनो तक उन्हें ऑर्थल रोड के जेल में बंद करके रखा गया, जिसके बाद मुंबई उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए उन्हें जमानत दी कि पहली पेशी में उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिल पाया जिससे यह साबित नहीं हुआ कि इस अपराध में वह शामिल है।
UP के लखीमपुर जिले में एसयूवी की चपेट में 8 लोगों की मौत
साल 2021 में हुए दुखद घटनाओ में 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानो पर एक थार गाड़ी चढ़ गई इस हिंसा में 4 किसानो सहित आठ लोग मारे गए। इस कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी करार दिया गया है। हाल ही में आशीष मिश्रा ने कोर्ट में जमानत याचिका भी दायर की थी जिस पर होने वाली सुनवाई को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियो के खिलाफ निष्क्रियता के लिए UP के योगी आदित्यनाथ सरकार को फटकार भी लगाई थी, जिसके बाद आशीष मिश्रा के साथ 12 अन्य लोगो को गिरफ्तार किया गया।
एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा को मिला
टाटा संस ने साल 2021 में एयर इंडिया की बोली जीती जिस एयरलाइंस की स्थापना उसने करीब 90 साल पहले की थी। इस साल सरकार ने एयर इंडिया के लिए टाटा की तरफ से 18000 करोड रुपए की बोली स्वीकार करके टाटा को कंपनी का शत प्रतिशत अधिग्रहण दे दिया है। एयर इंडिया की स्थापना साल 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से परिवार के वंशज और विमानन उत्साही जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा द्वारा की गई थी।

पांच राज्यो के विधानसभा चुनाव राजनीति के क्षेत्र में देखा जाए तो इस साल पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव काफी चर्चा में थी जहां भाजपा ममता बनर्जी के गढ़ में बढ़त बनाने में सफल रही। लेकिन लाख प्रयास करने के बावजूद ममता बनर्जी की TMC पार्टी ने 294 में से 213 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की। चुनाव में ममता बनर्जी को नंदीग्राम में मिली हार भी भारतीय राजनीति में चर्चा का विषय बनी रही। जिसके बाद ममता बनर्जी ने बंगाल सत्ता जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करने की दिशा में काम शुरू किया।
तो वहीं तमिलनाडु में MK स्टालिन के नेतृत्व में DMK ने भाजपा गठबंधन को हराकर 10 साल बाद सत्ता वापसी की और इसीलिए तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव इस बार अहम रही। केरल में भी सत्ता विरोधी लहर होने के बावजूद मौजूदा LDF 99 सीटो से सत्ता में बनी रही और केरल में पहली बार सत्ताधारी दल ने वापसी की थी। क्योंकि साल 1980 के बाद से अब तक कोई भी पार्टी या गठबंधन दूसरी बार सत्ता में नहीं आया था। साथ ही असम और पुडुचेरी में भी भाजपा सत्ता वापसी करने में सफल रही।
भाजपा ने बदले 4 राज्यों के मुख्यमंत्री
केंद्रीय नेतृत्व में ने चार भाजपा शासित राज्य गुजरात, उत्तराखंड, कर्नाटक और असम में अपने मुख्यमंत्रियो को बदला। दरअसल इन राज्यो में पार्टी की कार्यो के अंदरूनी कहर और विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता विरोधी लहर को रोकने के लिए भाजपा ने यह कदम उठाया था।