दिवाली को हम एक महा पर्व के रूप में जानते हैं क्योंकि दिवाली अपने साथ कई त्यौहार लेकर आता है दीपावली धनतेरस के दिन से शुरु हो जाता है जो भाई दूज पर जाकर संपन्न होता है। और इसके बीच ही नरक चतुर्दशी छोटी दीपावली भी होती है और दीपावली की तरह ही इन दिनो का भी वैसा ही महत्व होता है।
दीपावली पर माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। माता को प्रसन्न इस दिन माता लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के उपाय किए जाते हैं, जिससे कि लक्ष्मी माता का आशीर्वाद उन पर हमेशा ही बना रहे और इस दिवाली जैसे रोशनी के त्योहार पर माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।दिवाली के इस अवसर पर कुछ और ऐसे खास और आसान उपाए हैं जिन्हें करके मां लक्ष्मी को हमेशा के लिए प्रसन्न किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय के बारे में
दिवाली के दिन एक गन्ना खरीद लें और रात में लक्ष्मी पूजन करने के दौरान उस गन्ने की भी पूजा करें। मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि ऐसा करने से धन संपत्ति में वृद्धि होती है। कहा जाता है कि दीपावली के अवसर पर लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरो में शंख और घंटी बजाई जाए क्योंंकि ऐसा करने से धन-धान्य में बरकत होती है।
कहा जाता है कि लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दीपावली पूजन के समय लक्ष्मी जी को कमल के गट्टे की माला पहनानी चाहिए। दीपावली के दिन जरूरतमंद और गरीबो को खाना, कपड़े, धन इत्यादि जरूर दान करे। ऐसा करने से लक्ष्मी माता उन पर का बहुत प्रसन्न होती है और दिन-रात धन संपत्ति में वृद्धि आती है।

दीपावली की रात पान, सुपारी, हल्दी, 5 कौड़ी को गंगा जल से धो लें और लाल कपड़े में बांधकर लक्ष्मी पूजन के समय चांदी की कटोरी या थाली में रखकर पूजा करें। दीपावली के दूसरे ही दिन इसे धन रखने वाले जगह पर रख दें, ऐसा करने से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती है। मनोकामना पूर्ति करने के लिए दीपावली के दिन शाम को लक्ष्मी पूजन करें और उस समय थोड़ी सी चने की दाल लक्ष्मी जी पर छीड़क कर उसे जमा करके पीपल के पेड़ पर अर्पित करें ऐसा करने से मनोकामना पूर्ति होती है।
दिपावली का महत्त्व
हिंदू धर्म में दीपावली पर्व को मनाने के पीछे कई कारण बताए जाते हैं और इन सबका अलग-अलग अपना-अपना महत्व होता है दीपावली के पीछे बताए जाने वाले कुछ प्रमुख वजह इस प्रकार है।
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर माता लक्ष्मी समुद्र मंथन द्वारा इस धरती पर प्रकट हुई थी। दीपावली के त्योहार को मनाने का सबसे खास कारण यही है कि इस पर्व को मां लक्ष्मी के स्वागत के रूप में मनाते हैं और इस दिन पुरे घर को सजाया और संवारा जाता है ताकि माता का आगमन हो और शास्त्रो में भी इस घटना का उल्लेख मिलता है।
मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से माता लक्ष्मी माता को मुक्त करवाया था जबकि कथा के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन जब भगवान श्री राम ने माता सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास को पूर्ण करके अयोध्या वापस लौटे थे। और उनके स्वागत में संपूर्ण अयोध्या को दीप जलाकर रोशन किया गया था।
मान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध करके 16 हजार कन्याओ को इसी दिन मुक्ति दिलाया था और इसी खुशी में 2 दिन तक दीपावली का यह पर्व मनाया जाता है। इस दीन को विजय दिवस के नाम से भी जाना जाता है।
महाभारत कौरव पांडव के बीच होने वाले चौसर के खेल में पांडव हार गए तो उन्हें अज्ञातवास दिया गया था। और पांडवो ने अपना वनवास समाप्त करके इस दिन अपने घर वापस लौटे थे।और उनके घर लौटने की खुशी में ही दीप जलाकर चारो और खुशी से भरी दीपावली पर्व को मनाया जाता है।
दीपावली के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है जैन धर्म को भगवान महावीर जी के मोक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है मान्यता है कि भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा आर्य समाज की स्थापना की गई थी जीस कारण दीपावली का यह पर्व मनाया जाता है क्योंकि स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की थी।