सुहागिन महिलाओ के लिए करवा चौथ का त्यौहार सबसे विशेष व्रत होता है जो कि देश भर में सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति के लंबी आयु के लिए सच्चे भाव से रखती है। पूरे देश में आज करवा चौथ का त्यौहार बेहद धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है यह त्यौहार पति पत्नी के प्रेम का प्रतीक होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना से पूरा दिन निर्जला व्रत रखती है। मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि जो महिलाएं सच्ची निष्ठा और प्रेम से यह व्रत करती है माता पार्वती हमेशा उन्हें सौभाग्यवती रहने का वरदान देते हैं।
चंद्र दर्शन करने का महत्त्व
इस व्रत में चंद्र दर्शन करके चंद्रमा को अर्घ देने का बेहद महत्व होता है, इस दिन सभी व्रती महिलाए पूर्ण बेसब्री से चंद्रमा का इंतजार करती है। इस दिन चंद्र दर्शन करना जरूरी होता है भारत के सभी राज्यों में इस दिन चंद्रमा अलग-अलग समय पर उदय होते हैंं हालांकि समय में ज्यादा फर्क नहीं होता। चंद्रमा उदित होने के समय में केवल 2 से 3 मिनट का अंतर होता है। तिथि के अनुसार आज के दिन चंद्रमा व्रतियो को ज्यादा इंतजार नहीं करवाने वाले हैं। 8 बजकर 11 मिनट पर देश के लगभग सभी राज्यों में चंद्र दर्शन का मुहूर्त बताया जा रहा है।
करवा चौथ शुभ मुहुर्त
* पूजा का मुहूर्त रहेगा आज शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 51 तक।
* अमृत मुहूर्त में यानि 10 बजकर 40 से 12 बजकर 5 मिनट तक कुल देवता या कुल देवी की पूजन का मुहूर्त है।
* शिव परिवार पूजन का शुभ मुहूर्त 1:29 से 2:54 तक रहेगा।
* शाम को 5 बजकर 43 मिनट से 7 बजकर 18 तक करवा चौथ का कथा पूजन होगा।
* साम 7 बजकर 18 मिनट से 8 बजकर 54 तक इंद्र, इंद्राणी और चंद्र पुजन होगा।
करवा चौथ पर इन बातो का महिलाएं रखें ख्याल ध्यान
करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाओ को कुछ बातो का खास ध्यान रखने की बेहद आवश्यकता होती है। जैसे कि करवा चौथ के दिन व्रतधारी महिलाओ को सुई धागे का उपयोग नहीं करना चाहिए ना ही कैची जैसे अशुभ चीजो का उपयोग करना चाहिए। इस दिन कैची को कहीं छिपा कर रख देना चाहिए ताकि आपका नजर उन पर पड़े। सुहाग की कोई भी सामग्री जैसे कि चूड़ी, बिंदी, सिंदूर जैसे किसी भी सुहाग से जुड़ी सामग्री को खुले में ना फेंके।

करवा चौथ के दिन इस बात का खास ध्यान रखें कि अगर पूजा के लिए तैयार होते समय चूड़ियां टूट जाए तो उन्हें कचरे में ना फेंके। सुहाग की चीजों को बहते जल में प्रवाहित कर दें और अपने सुहाग की रक्षा के लिए पूरा दिन प्रार्थना करते रहे। इस दिन काले, सफेद या नीले रंग के वस्त्र धारण न करें, लाल, पीला, गुलाबी जैसे खिले हुए रंगो के ही कपड़े पहनें। इस दिन पति से या किसी से भी झगड़ा न करें और न ही किसी व्यक्ति को अपशब्द कहें। इस दिन किसी को भी सफेद कपड़े, सफेद मिठाई, दूध, चावल, दही आदि सफेद चीज़े दान ना करें।
पतियों को भी रखना चाहिए करवा चौथ का व्रत
आज के आधुनिक समय में बदलते दिन दुनिया के साथ अब केवल महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी अपने जीवनसाथी के लिए करवा चौथ का व्रत रखने लगे हैं। यह व्रत पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं द्वारा रखा जाता है लेकिन समय बदलने के साथ केवल महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी अपनी पत्नियो के लिए करवा चौथ का व्रत रखते हैं। जब पत्नियां किसी कारणवश करवा चौथ का व्रत ना रख पाए तो पति भी उनकी जगह इस व्रत का पालन करते हैं।
मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इससे व्रत की परंपरा बरकरार रहती है और सबसे अच्छी बात यह है कि इससे पति और पत्नी का प्रेम और गहरा होता है। हालांकि दुनिया भर में यह प्रचलित है कि पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है लेकिन ऐसे गिने-चुनेही पति होते हैं जो अपनी पत्नी के लिए व्रत रखते हैं। और जब कोई पति ऐसा करता है या ऐसा करने की सोचता है तो उसके पत्नी को मानो सब कुछ मिल जाता है।
इससे रिश्ते और भी अटूट बन जाते हैं, जीवन में प्रेम बढ़ता है, वैवाहिक जीवन संपूर्ण खुशहाली से गुजरता है। ऐसे में कुछ पुरुष ऐसे भी होते हैं जो प्यास बर्दाश्त नहीं कर सकते या काफी व्यस्त रहते हैं तो वह सजल व्रत भी रख सकते हैं। क्योंकि पूजा-पाट श्रद्धा से होती है, इस व्रत के लिए आपको अपनी पत्नी की तरह ही सुबह सवेरे सूर्योदय के समय पर उठकर स्नानादि करके शिव और माता पार्वती की पूजा करके व्रत का संकल्प करना चाहिए।
व्रत के दिन सफेद या काले रंग के कपड़े ना पहने, इन रंगों को व्रत, त्यौहार पर पहनना शुभ नहीं माना जाता है। इस व्रत पर महिलाएं हाथों में मेहंदी रचाती है ऐसे में पतिया भी चाहे तो अपने हाथ पर मेहंदी से अपनी पत्नी का नाम लिखा सकते हैं इससे आपके रिश्ते में और व्रत में मधुरता रहेगी। इस दिन पतियों को अपनी पत्नी के साथ बैठकर करवा चौथ माता का कथा सुनना चाहिए। हो सके तो पूजा पाठ के कामों में ही लगे रहना चाहिए और जितना हो सके पत्नी के साथ समय बिताना चाहिए।
जिस प्रकार पत्नियां करवा चौथ करती है उसी प्रकार पतियों को भी व्रत रखने के साथ-साथ करवा चौथ के सभी रस्मों को अदा करना चाहिए। रात को चंद्रमा दिखने पर जिस प्रकार पत्नी चांद देखकर छलनी से अपने पतियों को देखती है ठीक उसी प्रकार पुरुष भी चांद देखकर छलनी से महिलाओं को देखकर अपना व्रत खोलें।