हर साल सितंबर महीने के 29 तारीख को वर्ल्ड हेल्थ हाट डे के रूप में मनाया जाता है। दरअसल यह दिवस सामान्य व्यक्ति को उनके सेहत के प्रति ध्यान देने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। वैश्विक स्तर पर मनाए जाने वाले इस दिवस की शुरुआत सबसे पहले साल 2000 में हुई थी। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार यह तय किया गया था कि हर साल सितंबर महीने के आखिरी रविवार के दिन इस दिवस को मनाया जाएगा। लेकिन साल 2014 में इस दिन को एक खास दिन के तौर पर मनाने के लिए 29 सितंबर की तारीख को निश्चित किया गयाा। हालाकि सबसे पहली बार इस दिवस को 24 सितंबर साल 2000 में मनाया गया था।
आजकल लोगो को अपने दिल और सेहत पर काफी ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि हार्टअटैक नामक यह बीमारी कुछ ही क्षणो में व्यक्ति की जान ले सकता है। दिल के अच्छे स्वास्थ्य के लिए ऑक्सीजन युक्त और पोषक तत्वों से भरपूर रक्त की आवश्यकता होती है। दिल का दौरा एक ऐसी परिस्थिति होती है जब अचानक धमनी में रुकावट हो जाती है और हृदय की मांसपेशियो में रक्त का प्रवाह प्रतिबंधित हो जाता है। यह रुकावट कोरोनरी धमनियों में पट्टिका के निर्माण का कारण बनता है मुख्य रूप से यह रुकावट कोरोनरी धमनियों में पट्टिका के निर्माण का कारण है दिल का दौरा तब होता है जब रक्त का थक्का होता है जो रक्त प्रवाह को पूरी तरह से प्रतिबंधित करता है और यह काफी घातक है।
आज के दौर में लोगो में हार्ट से संबंधित बीमारी तेजी से बढ़ रही है और डॉक्टरो ने भी यह कहा है कि आज कोरोना महामारी के दौर में लोगो की सक्रियता में कमी आई है और बड़ी संख्या में लोग हॉट से जुड़ी बीमारियो के शिकार होते चले जा रहे हैं। ऐसे में जरूरी सावधानी और नियमित जांच कराने के साथ ही नियमित जीवनशैली पालन करने की खास आवश्यकता है। आज के दौर में लोगो में तेजी से होने वाले हार्टअटैक की परेशानी को पहचानने के लिए पहले इसके लक्षणो पर ध्यान देकर इस बात से अवगत हो सकते हैं कि आने वाले समय में हमें हार्टअटैक की परेशानी हो सकती है। जब 35 से 50 साल की उम्र में अचानक गैस या एसिडिटी की परेशानी होने लगे तो यह दिल के खतरे की संभावना हो सकती है।
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक पूरी दुनिया में दिल से जुड़ी बीमारियो के कारण साल भर में 18.6 मिलियन लोगो की मौत हो जाती है और यह दिल से जुड़ी बीमारिया ही लोगो की मौत की सबसे बड़ी कारण बनी हुई है। 35 से ज्यादा उम्र के युवाओ में भी अनियमित जीवनशैली और खानपान में होने वाली लापरवाही के कारण दिल की बीमारियो का खतरा काफी बढ़ गया है। पिछले 5 सालो में हार्ट से जुड़ी समस्याओ से जुड़े लोगो की संख्या में काफी तेजी से वृद्धि हुई है। जिसमें ज्यादातर लोग ही 35 से 50 साल के बीच के पुरुष और महिलाएं शामिल है।
आजकल की युवा पीढ़ी की दैनिक जीवनशैली काफी खराब रहती है और इसीलिए उन लोगो में दिल की इस प्रकार की दिक्कतें काफी बढ़ गई हैै। जो कि हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं दरअसल खून में थक्के बनने के कारण हाइट को पंपिंग करने में और शरीर के दूसरे अंगों तक रक्त का संचार करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। और दिल का आकार बदलने लगता है जो की हार्ट अटैक आने का कारण है।
हार्ट अटैक के लक्षण
बहुत ज्यादा नर्वस या एक्साइटेड होने पर व्यक्ति की हार्टबीट कम या ज्यादा होना एक साधारण बात है लेकिन अगर हार्टबीट कुछ सेकंड से ज्यादा देर के लिए अनियंत्रित हो रही हो तो यह दिक्कत की बात होती है ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
हाथ या फिर एड़ी में सूजन होना भी गंभीर विषय हो सकता है। अगर किसी के पैर के पंजे या एड़ी में सूजन की समस्या बढ़ रही है तो डॉक्टर कहते हैं कि अक्सर जब इंसान का दिल खून को ठीक से पंप नहीं कर पाता तो हाथ और पैरो में सूजन बढ़ने लगती है और यह हार्ट अटैक का लक्षण होता है।
शरीर से ज्यादा पसीना निकलना भी हार्टअटैक का लक्षण होता है। खासतौर से अगर कम तापमान यानी कि ठंड में भी पसीना आए तो यह समस्या गंभीर हो सकती है। इसके अलावा लगातार कंधों में या कमर में दर्द हो तो सावधान रहना चाहिए क्योंकि हार्ट अटैक आने से पहले कई रोगियो में यह लक्षण देखने को मिलते हैं।
दांत के जबड़े और सिर में दर्द होना भी हार्ट अटैक से पहले के लक्षण होते हैं। हार्ट अटैक से पहले रोगियों को इसकी शिकायत होती है अगर आपको भी इस प्रकार की समस्या हो रही है तो जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करें।

बार बार उल्टी होना और पेट में दर्द का एहसास होना भी हार्टअटैक के पहले के लक्षण होते हैं। ऐसे लक्षणो को देखने पर गंभीरता से इन्हें समझने की प्रयास करें और जल्द ही डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा सीने में दर्द और ठीक ना होने वाली बदहजमी भी हार्ट अटैक के संकेत होते हैं।
सांस लेने में समस्या हो रही हो या पूरा सांस लेने के बाद भी सांस में कमी महसूस हो तो यह हार्टअटैक का ही संकेत होता है इसके अलावा कुछ लोगो को घबराहट डाइजेशन के भी लक्षण होते हैं।
लगातार होने वाली खांसी भी हार्टअटैक यानी कि दिल से जुड़ी बीमारी होने के संकेत हो सकते हैं। लेकिन अगर आप किसी हार्ट डिसीज से जूझ रहे हैं तो लगातार खांसी होने पर ध्यान देने की जरूरत है।एक्सपर्ट के अनुसार खांसते समय अगर सफेद या गुलाबी रंग का बलगम आ रहा है तो यह हार्ट फेलियर का संकेत होता है।
इसके अलावा सीने में जकड़न होना, सोते समय छींक आना, ठंडा पसीना होना, जी मिचलाना या प्रकाश हीनता होना साथ ही थोड़े समय में थकान का एहसास होना दिल के दौरे के ही लक्षण होते हैं।
अलग अलग व्यक्ति में हार्टअटैक के पहले के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं यानी कि कुछ लोगो में हार्ट अटैक के लक्षण या तो अचानक हार्टअटैक के समय ही देखे जाते हैं या फिर कुछ लोगों में संभव है कि इन लक्षणों को घंटे, दिन या सप्ताह भर पहले देखा जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति में हार्टअटैक होने की संभावना हो तो इसके प्राथमिक लक्षणों में सीने में दर्द, भारीपन, जलन, पसीना आना जैसी समस्याएं हो सकती है।
साथ ही ऐसा महसूस हो सकता है कि कोई गला घोट रहा है। यह दर्द वैसे तो आमतौर पर 30 सेकंड से ज्यादा तक रहता है लेकिन फिर आराम करने पर यह दर्द बंद हो जाता है। जब भी सीने में दर्द के लक्षण हो तो जल्द ही घर में 20 से 30 मीटर चलना चाहिए और फिर 5 से 10 मिनट के लिए बैठ जाना चाहिए। अगर चलते समय यह परेशानी कायम रहे और बैठने आराम करने पर ठिक हो जाए तो आमतौर पर यह इंजाइमा की परेशानी हो सकती है इसमें यह बताना मुश्किल होता है कि आखिर दर्द कहां हो रहा है क्योंकि यह एक बड़े एरिया में होता है।
हार्ट अटैक से बचने के लिए अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करना बेहद आवश्यक होते हैं। जैसे कि हमेशा सकारात्मक रहना, व्यायाम करना, तनाव और चिंता से हमेशा दूर रहना, स्वस्थ शरीर का वजन बनाए रखने के साथ पौष्टिक और कम वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना और धूम्रपान के साथ नशीली चीजें जैसे शराब गुटका इत्यादि का सेवन ना करना।
हार्ट अटैक के कारण
- अनुवांशिकी कारण से दिल की बीमारी हो सकती है यानी की विरासत में मिली बीमारी।
- अत्यधिक मोटापा यानि वजन बड़ने से दिल का दौरा पर सकता है।
- मादक द्रव्य धूम्रपान, शराब इत्यादि के सेवन करने से दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।
- मानसिक तनाव भी दिल के दौरे का एक प्रमुख कारण होता है।
- लंबे समय तक तनाव से गुजरना दिल के दौरे की जोखिम को बढ़ाता है।
- व्यस्त जीवनशैली में लोग अनियमित खानपान और अनियमित जीवनशैली अपना लेते हैं जो बिल्कुल सही नहीं है यह हार्ट अटैक का कारण होता है।
- उच्च रक्तचाप के कारण हृदय पर अनावश्यक तनाव पड़ता है जो कि दिल के दौरे का कारण बनता है।
बदलती जीवन शैली और गलत खानपान की आदतो के कारण आजकल के लोगो में ज्यादा हार्टअटैक की समस्या होने लगी है। हालांकि कुछ सावधानी हैं जिन्हें अपनाकर बहुत हद तक दिल के दौरे से उबरा जा सकता है। चलिए जानते हैं हार्ट अटैक जैसी घातक बिमारी से कैसे बचा जा सकता है
नियमित खानपान और नियमित जीवन शैली
हार्ट से पीड़ित व्यक्ति को अपने आहार में फल, सलाद, हरी सब्जी, साबुत अनाज इत्यादि चीजो को शामिल करना चाहिए। दिन के भोजन में तेल और घी की खपत को कम परिमान में ही खाना चाहिए। हार्ट अटैक से बचने के लिए धूम्रपान से भी दूर रहना चाहिए नियमित रूप से की जाने वाली व्यायाम भी शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण होता है।
नियमित व्यायाम करने से न केवल दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है बल्कि कई रोगो से शरीर को बचाया जा सकता है। रोजाना दिन में 30 मिनट के लिए व्यायाम करना जरूरी होता है ऐसा करने से शरीर में रहने वाले अतिरिक्त वसा कम होता है और कोलेस्ट्रॉल स्तर नियंत्रित होता है।
किसी भी बात को लेकर ज्यादा तनाव ना लें तनाव हमारे शरीर को अंदर ही अंदर खोखला कर देता है। जिससे शरीर और मन पर काफी प्रभाव पड़ता है और हर्ट अटैक होने की संभावना बढ़ती है। इसीलिए कभी भी किसी बात पर ज्यादा ना सोचे और मन में नकारात्मक विचार लाने से बचे।