कल 15 अगस्त के दिन भारत अपना 75 वा स्वतंत्र दिवस मनाएगा और इससे ठीक पहले आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा ऐलान किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज के दिन यानी 14 अगस्त को हुए भारत पाकिस्तान के बंटवारे के समय दंगो में मारे गए उन लाखो निर्दोष लोगो को याद किया और कहा कि इस दिन को कभी भुलाया नहीं जा सकता। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर पर ट्वीट करके यह जानकारी दी कि अब से हर साल 14 अगस्त के दिन विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day) के तौर पर मनाया जाएगा।
14 अगस्त साल 1947 को देश के बटवारे का दिन था जो एक दर्द का विषय है। जहां पाकिस्तान इस दिन को अपनी आजादी के दिन के रूप में मनाता है। वही देश में अभी भी लाखो ऐसे लोग हैं जिनके दिल में बंटवारे को लेकर दर्द है। उस समय जब देश का बंटवारा हुआ तब लगभग 90 लाख शरणार्थी पंजाब से पाकिस्तान गए। लाखो लोग अपना घर, परिवार, रिश्तेदार छोड़कर भारत से पाकिस्तान चले गए और वहां से भारत आए। 14 अगस्त के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बंटवारे को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा बंटवारे केे दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
14 अगस्त यही वह दिन है जब नफरत और हिंसा के कारण हमारे लाखो बहन और भाई को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। और इसीलिए उन लोगो के संघर्ष और बलिदान के याद में हर साल 14 अगस्त को “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के विष को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होगी।
क्यों मनाया जाएगा यह दिवस
जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके लिखा है कि हर साल 14 अगस्त को “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” के तौर पर मनाया जाएगा इसी में उन्होंने इस दिवस को मनाने की बनाने का मुख्य उद्देश्य भी दिया है दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा है कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का यह दिन हमे आपसी भेदभाव, और सभी प्रकार दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए प्रेरित करेगा। साथ ही इससे देश में एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होगी।
भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय बंगाल, बिहार और पंजाब में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। इन दंगो में लगभग 2.5 लाख से 10 लाख निर्दोष लोगो ने अपनी जान गवाई थी। इन सांप्रदायिक दंगो को रोकने के लिए उस समय महात्मा गांधी बंगाल के नोआखली में न केवल अनशन पर बैठ गए थे बल्कि देश के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे।
14 अगस्त साल 1947 को पाकिस्तान और 15 अगस्त साल 1947 को भारत को भारतवर्ष को एक पृथक राज्य घोषित राष्ट्र घोषित कर दिया गया था इस विभाजन में ना केवल भारतीय उपमहाद्वीप के दो टुकड़े हुए बल्कि बंगाल का विभाजन हुआ और इसी विभाजन के दर्द पर पीएम नरेंद्र मोदी अपनी भावनाओं को व्यक्त किए हैं।
Also read- “International lefthanders day 2021” लैफ्ट हैंडर्स से जुड़ी जानकारी