विश्वभर में सबसे पहले इस दिवस को मनाने की विचार इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम(International council of museum) के द्वारा किया गया था और साल 1977 से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई। संग्रहालयो में हमारे पूर्वजो के अनमोल यादे हमेशा के लिए संजो कर रखा जाता है भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के तहत देश में 40 से भी ज्यादा संग्रहालय उपलब्ध है।
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का थीम
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस को मनाने के लिए हर साल इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम के द्वारा अलग-अलग थीम रखा जाता है। इस प्रकार विषयो को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग देश अपने यहां के संग्रहालयो के लिए साल भर काम करते हैं ताकि लोगो को उनके प्रति रुचि आ सके। इस साल 2021 में इस दिवस का थीम रखा गया है संग्रहालय का भविष्य – पुनर्कल्पना और संरक्षण। और पिछले साल यानि साल 2020 में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का थीम रखा गया था “समानता विविधता और समावेश” (Museums as Cultural Hubs: The Future of tradition)
संग्रहालयो के ऑनलाइन टूर
आजकल तो कई सारे संग्रहालयो के ऑनलाइन दूर करवाए जाते हैं ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर आप चाहे तो यह भी कर सकते हैं। वैसे भी पिछले कुछ सालो से इस दिन पर्यटक कहीं भी जाए तो संग्रहालयो को देख कर आए इसके लिए कई देशो में संग्रहालय देखने के लिए टिकट भी नहीं लगती। आज कोरोना संक्रमण के कारण देश-विदेश कहीं भी संग्रहालय जाना संभव नहीं है लेकिन अगर कोई चाहे तो घर बैठे संग्रहालय देखने का मौका मिल सकता है। ऑनलाइन म्यूजियम टूर में भारत के किसी भी सरकार की देखरेख में आने वाले संग्रहालय का टिकट नहीं लगता।
गूगल पर इस संग्रहालय की अलग अलग दीर्घाओ के वर्चुअल टूर करने की पूरी व्यवस्था भी है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य समाज को संग्रहालय के महत्व से अवगत कराना है किसी भी संग्रहालय के पास भले ही राजनीतिक शक्ति नहीं होती लेकिन उसके पास राजनीतिक प्रक्रियाओ को प्रभावित करने की संभावना होती है। संग्रहालयो द्वारा संग्रहित की गई चीजें दुनिया के लिए एक आर्काइव के तौर पर उपयोग किया जाता है।
भारत का पहला संग्रहालय
भारत में सबसे पहला संग्रहालय एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल के द्वारा स्थापित किया गया भारत का सबसे पहला भारतीय संग्रहालय है और केवल भारतीय उपमहाद्वीप में ही नहीं बल्कि विश्व भर में एशिया प्रशांत क्षेत्र का सबसे बड़ा संग्रहालय है।
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का महत्व
दुनिया भर के संग्रहालय अपने अपने देशो के अंदर इसका आयोजन करते हैं। संग्रहालय के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साल 2009 में 90 से ज्यादा देशो के 20,000 संग्रहालयो ने अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस में हिस्सा लिया। साल 2010 में 98 देशो ने हिस्सा लिया, साल 2011 में 100 देशो ने और साल 2012 में 129 देशो के लगभग 30,000 संग्रहालयो ने हिस्सा लिया था। ICOM ने साल 1977 में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया इस दिवस को मनाने के द्वारा समाज को संग्रहालय के महत्व से अवगत कराया जाता है।
इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम(ICOM) क्या है
इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम(ICOM) ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की चीजों को संयोजन करने वाला एक मुख्य संगठन है। दुनिया भर में ICOM की 31 अंतरराष्ट्रीय कमिटिया हैं यह सभी कमिटिया संग्रहालय से जुड़े अलग-अलग मैदानो में विशिष्टता रखती है। इसके साथ ही ICOM इन चीजो की अवैध तस्करी को भी रोकने के लिए काम करती है साथ ही आपातकालीन परिस्थिति में संग्रहालयो को आवश्यकता अनुसार विभिन्न प्रकार मदद भी मुहैया कराती है।

संस्कृति और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए ICOM की प्रतिबद्धता अपनी 31 अंतर्राष्ट्रीय समितियो के जरिए समर्पित है जो अपने सम्बंधित क्षेत्रो में संग्रहालय व समुदाय के लाभ के लिए उन्नत शोध करते हैं। यह संगठन अवैध तस्करी से लड़ने के लिए, आपातकालीन स्थितियो में संग्रहालयो की सहायता करने के साथ ही अन्य कार्यकलापो में शामिल है। संग्रहालय के पास भले ही राजनीतिक शक्ति ना हो लेकिन उसके पास राजनीतिक प्रक्रियाओ को प्रभावित करने की संभावना रहती हैै।
संग्रहालय क्या है
हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरो को सुरक्षित करने के लिए और उनके प्रचार प्रसार में संग्रहालय अहम भूमिका निभाता है। यह हमारे आसपास की धार्मिक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के चीजो को इकट्ठा करके उन्हें सुरक्षित बनाए रखता है। जब भी हम किसी संग्रहालय की रचना करते हैं तो उसके पीछे का उद्देश्य यह है कि लोगो को उस युग में ले जाया जाए जहां वह इतिहास से रूबरू हो सके। हमें तब के मानव समाज के विभिन्न पक्षो जैसे की राजनीति, धर्म, समाज, विज्ञान आदि से दर्शन कराता है। भले ही लोग चले जा लोग तो चले जाते हैं लेकिन यह संग्रहालय हमेशा व्यक्ति को जोड़ें रखता है। हम संग्रहालय में मौजूद पत्थर के मूर्ति, नमूने, पांडुलिपिया, शिलालेख, चित्र इत्यादि से जान पाते हैं कि उस समय मानव का जीवन कैसा था।
आज से करीब 35 साल पहले तक संग्रहालय केवल एक पुस्तकालय की भूमिका निभाने तक ही सीमित था। जिसमें केवल शिलालेख और कुछ पांडुलिपिया मौजूद थी जिसे लोग देखते और पढ़ते थे लेकिन आज यह संग्रहालय रंगमंच में परिवर्तित हो गया है। जहां लोग स्थिर चीजो को केवल देखते ही नहीं है बल्कि उन्हें महसूस भी करके उन्हें जीते हैं। पहले संग्रहालय की भूमिका महत्वपूर्ण चीजो को संग्रह करने तक ही सिमित था लेकिन अब संग्रहालयो द्वारा बदलती दुनिया के संग्रहो को एक आइकन के तौर उपयोग किया जाता है। संग्रहालय में ऐसे अनेक चीजे सुरक्षित रखी जाती है जो मानव सभ्यता को राष्ट्र के इतिहास की छवि याद दिलाती है, हमेशा के लिए कैद करके रखती है। संग्रहालय में रखी गई वस्तु प्रकृति और सांस्कृतिक ऐतिहासिक धरोहरो को प्रदर्शित कर सकती है इस दिन भारत सरकार के सभी संग्रहालय में निशुल्क प्रवेश कर दिया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाने का उदेश्य
संग्रहालयो के महत्व और उनके विशेषता को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र ने साल 1983 में 18 मई के दिन अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया जिसका उद्देश्य यह है कि आम जनता को संग्रहालयो के प्रति जागरूक किया जाए और उन्हें संग्रहालय में जाकर अपने इतिहास को जानने के प्रति जागरूक किया जाए। विश्व के पूर्वी एशियाई और यूरोपियन देश जैसे कि जापान, चीन और उत्तर कोरिया आदि संग्रहालयो को सुरक्षित रखने में एक बड़ी रकम का निवेश करते हैं। ताकि लोग उनके अपने पूर्वजो के बारे में जानकर गर्व महसूस कर सके भारत में भी संग्रहालयो के संरक्षण के लिए कई प्रकार के कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता है।
इन कार्यक्रमो का मुख्य उद्देश्य होता है आम जनता, छात्रो और शोधार्थियो को विभिन्न शहरो में रहने वाले समृद्ध सांस्कृतिक विरासतो के ऐतिहासिक छवि की जानकारी उपलब्ध कराई जाए। जिसके द्वारा दुनिया में किसी भी देश के हित के बारे में पता लगाया जा सकता है इसीलिए इन्हें हमेशा के लिए संजोकर रखना हर राष्ट्र की जिम्मेदारी है। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद संग्रहालयो और संग्रहालय पेशेवरो का एक वैश्विक क्षेत्र है जो कि प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत, वर्तमान और भविष्य के प्रचार और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।