इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स द्वारा हर साल अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का आयोजन किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पूरी दुनिया में सामाजिक योगदान के लिए मनाया जाता है। हर किसी के जीवन में इंटरनेशनल नर्सेस डे का बहुत महत्व होता है इस दिन दुनिया के सबसे प्रसिद्ध नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्मदिवस है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ(WHO) ने साल 2020 में द ईयर ऑफ द नर्स एंड मिडवाइफ के रूप में नामित किया है। क्योंकि साल 2020 फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म की 200वीं वर्षगांठ थी।
अंतर्राष्ट्रीय नर्से दिवस
हर साल 6 मई से 12 मई को फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस पर खत्म होता है। राष्ट्रीय नर्स सप्ताह एक मान्यता प्राप्त घटना के रूप में स्थाई तिथियो का नियोजन और स्थिति को स्थापित करती है। साल 1998 तक 8 मई को राष्ट्रीय छात्र नर्स दिवस के तौर पर नामित किया गया था जिसे वार्षिक रूप से मनाया जाता था। साल 2003 तक नेशनल स्कूल नर्स दिवस हर साल राष्ट्रीय नर्स सप्ताह यानी 6 से 12 मई के बिच बुधवार के दिन मनाया जाता था। और अब हर साल 12 मई को दुनिया भर में वैश्विक स्तर पर इस दिन को मनाया जाता है।
नर्स अपनी जान की परवाह किए बगैर दूसरो के जीवन का ध्यान रखती है। आज कोरोना संक्रमण के दौर में को भी नाम से कोई भी देश अजूबा की नहीं है ऐसे में नर्सो जो हौसले को सलाम किया जाना चाहिए। क्योंकि इन नर्सो के हौसले ही है जो कोरोना संक्रमण के दौर में भी अपने ज्ञान,अनुभवव और मेहनत से हर एक कोरोना मरीज की देखभाल कर रही है। अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस हमे उन नर्सो के प्रति अपना आभार व्यक्त करने का अवसर देता है जो भारी महामारी के समय भी बीमारी के खिलाफ लड़ाई में मरीजो का साथ देती है।
एक नर्स के बिना स्वास्थ्य सेवा अधूरा है किसी भी रोगी की देखभाल करना कोई आसान काम नहीं होता। इसीलिए नर्सो को इसके लिए खास प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं अक्सर ऐसा होता है कि डॉक्टरो के आगे नर्सो को महत्व नहीं दिया जाता है। लेकिन किसी भी मरीज के स्वस्थ होने में नर्सो का जितना योगदान होता है उसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।
अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस का थीम
कोरोना संक्रमण के दौर को देखते हुए इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स ने इस साल 2021 में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का थीम रखा था “ए वॉइस टू लीड ए विजन फॉर हेल्थ केयर रखा है। जिसका मतलब यह है कि नेतृत्व के लिए एक आवाज: भविष्य के स्वास्थ्य के लिए दृष्टि इस विषय के आधार पर भविष्य में नर्सो का स्वास्थ्य सेवा में महत्व और नेतृत्व को लेकर काम किया जाएगा। इससे पहले साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का थीम रखा गया था “नर्स ए वॉइस टू लीड – नर्सिंग द वर्ल्ड टू हेल्थ”यानी के स्वास्थ्य चुनौतियो की एक विस्तृत श्रृंखला को संबोधित करने के लिए नर्स कैसे केंद्रीय है। यह नर्सो और जनता को बड़े दिन का जश्न मनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
अंतर्राष्ट्रीय नर्से दिवस मनाने का उद्देश्य
इस दिन का मुख्य उद्देश्य है नर्सो के काम को समझना समाज में ज्यादा लोगो को इस पेशे के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हे सम्मान देना। कई जगहो पर तो नर्सो के अद्भुत कार्यो के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार से सम्मानित किया जाता है। आज भी कोरोना महामारी के दौड़ में डॉक्टर नर्स की सिया सभी स्टाफ ने अपना सब कुछ झोंक दिया है।जिसमें डॉक्टरो के साथ नर्स भी बेहद अहम भूमिका निभा रही है एक मां बनकर, एक बहन बनकर हर समय वह मरीजों की सेवा कर रही है।
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि दुनिया भर के सभी नर्सो के प्रति सम्मान प्रदर्शन किया जाए। क्योंकि एक डॉक्टर भी नर्स के बिना अधूरा होता है डॉक्टर का काम केवल मरीजो को दवाई देने तक ही सीमित होता है। लेकिन एक नर्स डॉक्टर के सभी बातो को फॉलो करके काम करती है और पूरी निष्ठा से उसे निभाती है। दुनियाभर में नर्स कर्मचारियो के इसी कड़ी मेहनत को देखते हुए इस दिन विभिन्न देश और दुनिया की सभी अस्पतालो में नर्सो को उनके काम के लिए धन्यवाद दिया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय नर्से दिवस पर क्या होता है
इस दिन संगठन अलग-अलग विषय के साथ पूरी दुनिया में अलग-अलग थीम के साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ को शिक्षित करने और उनकी मदद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस को मनाती है। इस दिन नर्सो को प्रोत्साहन देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया जाता है उनका धन्यवाद ज्ञापन करके उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। एक मरीज के ठीक होने में डॉक्टर के बराबर ही नर्सो का भी योगदान होता है। क्योंकि जिस प्रकार डॉक्टर के इलाज ना करने पर मरीज की जान जा सकती है उसी प्रकार नर्सो के अच्छे से देखभाल ना करने पर भी मरीज जल्दी स्वस्थ नही हो पाते हैं।
अगर आज इतने कोरोना मरीज ठीक हो रहे हैं तो वह डॉक्टर और नर्सो के योगदान ही है जिस कारण आज कोरोना मरीज कोरोना को हराने में कामयाब हो रहे हैं। नर्से मरीजो को दिन-रात अपना समय देकर उनका ख्याल रखती है दवाई से लेकर खान-पान हर चीज में मरीज को अपना परिवार जानकर निस्वार्थ भाव से हर किसी का सेवा करती है। इस दिन नर्सिंग के क्षेत्र में अपना उल्लेखनीय योगदान देने वाली नर्सो को देश के राष्ट्रपति फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार से सम्मानित करते हैं।
नर्सो को सिस्टर कहे जाने का भी यही कारण है क्योंकि इनका काम इनके रिश्ते को बखूबी निभा देता है और इसीलिए इन्हें सिस्टर का उपनाम भी दीया जाता है। नर्से अपनी जान पर भी जोखिम डाल कर बिना किसी प्रकार भेदभाव किए मरीजो का सेवा करती है। नर्सो के अपनेपन का एहसास इसी से हो जाता है क्योंकि वह दिन रात अपना जानकर पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अनजाने मरीजो का ध्यान रखती है। इनके इन्हीं सराहनीय कामो के लिए हर साल वैश्विक स्तर पर दुनियाभर में इन्हे प्रेरित करने के लिए इन्हें गर्भ महसूस कराने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय नर्से दिवस की शुरुआत
सबसे पहले इस दिवस की शुरुआत साल 1965 में की गई थी तब से लेकर आज तक यह दिवस इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज के द्वारा हर साल अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। अपने देश भारत में इसकी शुरुआत साल 1973 में परिवार एवं कल्याण विभाग द्वारा की गई थी। इस दिन नर्सो के सराहनीय सेवा को सम्मान करने के लिए हर साल राष्ट्रपति के द्वारा पुरस्कार दिया जाता है। फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार में नर्सो को ₹50 हजार नगद, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है।क
फ्लोरेंस नाइटिंगेल कौन थी
फ्लोरेंस नाइटिंगेल को विश्व की पहली नर्स कहा जाता है। क्योंकि इन्होंने क्रीमियन युद्ध के दौरान लालटेन लेकर घायल ब्रिटिश सैनिको की देखभाल की थी। इसी कारण उन्हें लेडी विथ द लैंप भी कहा जाता है मरीज की जिंदगी बचाने में जितना योगदान डॉक्टर का होता है उन्होंने अपना पुरा योगदान दिया था। डॉक्टर के साथ उन्होंने एक नर्स का काम भी पूरा किया जो सम्मान आज नर्सो को दिया जाता है उस समय नर्सो को वह सम्मान नहीं दिया जाता था।
नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म साल 1820 के 12 मई के दिन ब्रिटेन में हुआ था इस दिन को मनाने के साथ उनको याद किया जाता है। फ्लोरेंस एक संभ्रांत परिवार से ताल्लुक रखती थी उनके पिता विलियम एडवर्ड नाइटिंगेल एक समृद्धि और जमींदार थे इसीलिए साल 1845 में जब उन्होंने गरीब असहाय लोगो की सेवा करने का प्रण लिया था तो उन्हें अपने परिवारिक के विरोध जाकर इस काम की शुरुआत करनी पड़ी। उनका परिवार नहीं चाहता था कि वह इस काम को करे लेकिन फिर इन्होंने जर्मनी में प्रोटेस्टेंट डेकोनेसिस संस्थान से नर्सिंग की पढ़ाई पूरी की।
“लेडी विद द लैंप” के नाम से प्रसिद्ध फ्लोरेंस नाइटिंगेल की सेवा,समर्पण त्याग के आगे भी पूरा विश्व नतमस्तक है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने साल 1860 में नर्सों के लिए नाइटिंगेल प्रशिक्षण स्कूल और टॉमस अस्पताल की स्थापना की थी। साल 1974 के जनवरी में फ्लोरेंस नाइटिंगेल की याद और सम्मान में 12 मई को यूएस में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव पारित हुआ।
हम सभी को डॉक्टरो के साथ ही नर्सो का भी सम्मान करना चाहिए। कुछ लोग इतने बदतमीज होते हैं कि वह नर्सों को सम्मान तो क्या उनसे अच्छे से बात भी नहीं करते जो बिल्कुल सही नहीं है। हमेंं हर दिन हर समय नर्सो को भी का सम्मान करना चाहिए। इस पोस्ट में हमने आपको अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस से जुड़ी सभी जानकारी दी है अगर आपको यह पोस्ट अच्छा लगा तो इस पोस्ट को लाइक करें और शेयर करें।