हर साल 8 मई के दिन विश्व रेड क्रॉस दिवस (World Red Cross Day) मनाया जाता है।अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट आंदोलन के सिद्धांतो को याद करने के लिए हर साल वैश्विक स्तर पर “विश्व रेड क्रॉस दिवस” मनाया जाता है। इस दिन लोग मानवतावादी संगठन और उनकी ओर से मानवता की सहायता के लिए उनके द्वारा किए गए अभूतपूर्व योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। आज कोरोना के दौर में रेड क्रॉस आंदोलन की अहमित और भी ज्यादा प्रासंगिक हो गई है। जिस प्रकार रेडक्रॉस संस्था ने अपने लंबे इतिहास में किसी एक देश के प्रति नहीं बल्कि मानवता के प्रति निष्ठा दिखाई है, आज कोरोना संक्रमण के दौर में उसी की सबसे ज्यादा जरूरत है।
रेड क्रॉस (Red Cross) क्या है
रेड क्रॉस एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा में स्थित हैं। रेड क्रॉस के संस्थापक यानी जनक हेनरी ड्यूनैंट(Henry Dunant) का जन्म साल 1828 में हुआ था। उन्होने साल 1901 में शांति का नेबेल पुरस्कार प्राप्त किया था। रेड क्रॉस का चिन्ह सफेद पट्टी पर लाल रंग के एक क्रॉस का निशान होता है। और इसका गलत उपयोग करने पर जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान हैं यहां तक की दोषी व्यक्ति की संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।
साल 1863 में स्थापित संगठन रेड क्रॉस मानव जीवन और स्वास्थ की सुरक्षा के मिशन के साथ स्थापित की गई थी। रेड क्रॉस एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो अपने सेवा के लिए जाना जाता है। इस संस्था को साल 1917, 1944 और 1963 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया है। यह संस्था युद्ध और किसी प्रकार विपत्ति के समय दुनियाभर के देशो की सरकारो के बीच समझौते का काम करती है यानि इसका मुख्य उद्देश्य मानव सेवा है।
रेड क्रॉस (Red Cross) दिवस की शुरुआत
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस सोसाइटी (IFRC) ने हर साल इस दिवस को मनाए जाने की मांग की थी। पहला रेडक्रॉस दिवस हेनरी ड्यूनेंट के जन्मदिवस के सालगिरह के अवसर पर 8 मई साल 1948 में मनाया गया था। जिसके बाद हर साल वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाने की शुरुआत हुई और आधिकारिक तौर पर यह दिवस साल 1984 में वर्ल्ड रेडक्रॉस और वर्ल्ड क्रिसेंट डे के रूप में मनाया जाने लगा।
भारत में रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना
दुनिया भर में लगभग इस संस्था से 210 देश जुड़े हुए हैं। पार्लियामेंट एक्ट के अनुसार साल 1920 में भारत में रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना की गई थी। भारत में रेड क्रॉस सोसाइटी की सात सौ से भी ज्यादा शाखाएँ मौजूद है। रेड क्रॉस सोसाइटी के सिद्धांतो को साल 1934 में 15वे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मान्यता मिली जिसके बाद इसे पूरी दुनिया में लागू किया गया।
रेड क्रॉस सोसाइटी का मुख्य उद्देश्य
रेड क्रॉस सोसाइटी का मुख्य उद्देश्य विपत्ति के समय होने वाले कठिनाइयो से लोगो को राहत दिलाना है। यह आपातकाल की स्थिति में मदद, प्राथमिक सहायता, हेल्थ और समाज सेवा, शरणार्थी की सेवा करने में मदद करता है। किसी भी समय किसी भी विपत्ति की परिस्थिति में सभी प्रकार के मानवीय गतिविधियो को प्रेरित करना है। प्रेरित करने के साथ इन गतिविधियो की शुरुआत करना और इसके प्रति प्रोत्साहित करना भी इनका उद्देश्य है।
दरअसल रेड क्रीसेंट आंदोलन के सिद्धांतो को मनाने के लिए वैश्विक स्तर पर हर साल यह दिवस मनाया जाता है। लोग इस दिन जरूरतमंद लोगो की मदद करने में उनके किए गए योगदान की श्रद्धांजलि देते हैं। यही नहीं यह संस्था ब्लड बैंक से लेकर विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य और समाज सेवा में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। पूरी दुनिया के लगभग 210 देश इस संस्था से जुड़े हुए हैं। रेड क्रॉस सोसाइटी के सात प्रमुख सिद्धांत है और वह है मानवता, एकता, सार्वभौमिकता, स्वतंत्रता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वैच्छिक इत्यादि।
रेडक्रॉस सोसाइटी की अहमियत
रेडक्रॉस सोसाइटी की अहमियत उसके इतिहास में छिपी है। दरअसल स्विटजरलैंड के कारोबारी हेनरी ड्यूनेंट ने साल 1859 में इटली में सॉल्फेरिनो का युद्ध देखा था। जिसमें बड़ी तादात में सैनिक मारे गए और कुछ बुरी तरह से घायल भी हुए। उस समय किसी भी सेना के पास घायल सैनिको की देखभाल करने के लिए चिकित्सकीय व्यवस्था नहीं थी। फिर ड्यूनेंट ने स्वंयसेवको का एक समूह बनाया जिसने युद्ध में घायल जवानो तक खाना और पानी पहुंचाया। यही नही समूह ने उनका इलाज करके उनके परिजनो को चिट्ठिया भी लिखीं।

इस घटना के करीब 3 साल बाद हेनरी ने अपना अनुभव एक किताब ‘ए मेमोरी ऑफ सॉल्फेरिनो’ के नाम से प्रकाशित कराया। इस पुस्तक में उन्होंने एक स्थायी अंतरराष्ट्रीय सोसायटी की स्थापना का सुझाव दिया। ऐसी सोसायटी जो युद्ध में घायल लोगो का इलाज कर सके। जो किसी भी देश के नागरिकता के आधार पर नहीं बल्कि मानवीय आधार पर लोगो के लिए काम करेगा और उनके इस सुझाव पर अगले ही साल अमल किया गया।
जिनेवा पब्लिक वेल्फेयर सोसायटी ने साल 1863 के फरवरी महीनें में एक कमेटी का गठन किया। जिसकी अनुशंसा पर साल 1863 के अक्टूबर में एक विश्व सम्मेलन किया गया इस सम्मेलन में 16 राष्ट्रो के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस सम्मेलन में कई प्रकार प्रस्तावो और सिद्धांतो को अपनाया गया था। जीसके बाद साल 1876 में कमेटी ने इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रास (ICRC) नाम को अपनाया। यह इंटरनेशनल कमिटी ऑफ रेड क्रॉस ही कई इंटरनेशनल सोसायटी का संचालन करती है।
प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में ICRC का नाम बेहद चर्चे मे रहा प्रथम विश्वयुद्ध के खत्म होने के बाद रेड क्रॉस संधि मनाने का प्रस्ताव लाया गया। इस युद्ध के दौरान और उसके बाद रेड क्रॉस ने 20 लाख युद्धबंदियो की जानकारी का रिकॉर्ड अपने पास जमा किया। युद्ध के बाद रेड क्रॉस में बहुत से बदलाव भी आए। आज साल 1934 में टोक्यो में 15 वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बहुत से संधि प्रस्तावो को मनाया गया। द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी का अलग रेड क्रॉस था, जिसने अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस कमिटी को कोई सहयोग नहीं किया था और वह लाखो युद्धबंदियो की जानकारी हासिल करने में नाकाम रही।
कोरोना के दौर में रेड क्रॉस की भूमिका
कोरोना महामारी के दौर में हम कह सकते हैं कि आज मानवता के लिए दुनिया को उसी तरह से एकजूट होना है जैसे की रेड क्रॉस सोसाइटी होती है। यानि कि इस कोरोना के दौर में चाहे मास्क लगाना हो या ग्लब्स पहनना हो या आक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता करानी हो रेड क्रॉस अभी भी कोरोना के खिलाफ उसी तरह अपनी सेवाएं दे रही है जैसे युद्ध में देती है। आज कोरोना के दौर को देखते हुए रेड क्रॉस का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है इस महामारी को हराने के लिए रेड क्रॉस युद्धस्तर पर काम कर रही है।
इस संस्था से जुड़े लोग कोरोना से बचाव के लिए पूरी दुनिया में जरुरतमंद लोगो की मदत कर रहे हैं। साथ ही यह लोग मास्क, सेनेटाइज, दस्ताने आदि बाटने का भी काम कर रहे हैं। यह संस्था ब्लड बैंक से लेकर विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य और समाज सेवा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मानव सेवा को मूल उद्देश्य मानकर चलने वाली यह संस्था आज कोरोना महामारी के आपदा की स्थिति में भी पीड़ितो की सहायता कर रही है। इस संकट की घड़ी में भी इस संस्था की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संस्था आज –
विभिन्न प्रकार के रहत की सामग्री के साथ क्वारंटीन सेंटर की सेवा दे रही है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इस सोसाइटी के लाखो स्वयंसेवी इस महामारी के दौर में समाज सेवा दे रहे हैं। गरीबो को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं, लोगो को परिवार से मिला रहे हैं। ब्लड बैंको के द्वारा खून की कमी को भी दूर कर रहे हैं।
इस पोस्ट में हमने आपको रेड क्रॉस से जुड़ी बहुत ही अच्छी और महत्वपूर्ण जानकारी दी है। हमें भी रेडक्रॉस और इसके सहयोगीयो का सम्मान करते हुए हर साल इस अवसर पर जितना हो सके एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। क्योंकि इंसानियत के नाते यह हमारा कर्तव्य बनता है साथ ही एक देश के अच्छे नागरिक होने के नाते भी हमारा फर्ज है कि हम देश के हर एक नए नागरिक का मुश्किल समय में मदद करें। उम्मीद है आपको रेड क्रॉस से जुड़ी यह जानकारी अच्छी लगी होगी अगर आपको यह पोस्ट अच्छा लगा तो इस पोस्ट को लाइक करें और ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।