आज कोरोना वायरस संक्रमण के दूसरे लहर में जहां पूरी दुनिया कोरोना के कहर के साथ ही ऑक्सीजन संकट से जूझ रही है, ऐसे में दूसरी तरफ देश के वे लोग जो इस देश के लोगों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं उन्हें पकड़ना बेहद जरूरी हो गया है। आज जब लोग मरीजो की जान बचाने के लिए दवाई और ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहें हैं ऐसे में दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जो इन सब चीजो की कालाबाजारी में लगे हुए हैं। और ज्यादा पैसे कमाने के लिए जरूरतमंद लोगो की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। जहां आज एक तरफ मासूम लोग अपनी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। उनके परिवार के लोग ऑक्सीजन और दवाई के लिए चारो तरफ भाग रहे हैं लेकिन तब भी अपनो की जान नहीं बच रही। और वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग हैं जो इन सब चीजो से कालाबाजारी करने में पूरी तरह से जुटे हुए हैं।
दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलो के बीच 13 अप्रैल से 5 मई के अंदर दवाइ, ऑक्सीजन सिलिंडर और कई महत्वपूर्ण इंजेक्शन की जमाखोरी के कम से कम 303 मामले दर्ज किए गए हैं। साथ ही 144 कथित कालाबाजारी करने वालों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है और 451 रेमेडीजविर इंजेक्शन की शिशी, 242 ऑक्सीजन सिलेंडर और 28 5 ऑक्सीजन कंस्ट्रेशन के साथ दूसरे कई महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणो को भी जप्त किया है। लेकिन फिर भी इनकी अकल ठिकाने नहीं आ रही।
कोरोना के इस बढ़ते संक्रमण से लड़ने के लिए संक्रमित और गैर संक्रमित मरीजो को ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य आवश्यक दवाओ को पाने के लिए कई तरह की समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि ऐसे आपदा के समय में लाभ कमाने के लिए लोगो की कालाबाजारी ज्यादा बढ़ती जा रही है। इस बीच राजधानी लखनऊ से क्राइम ब्रांच और गुडंबा थाने के पुलिस टीम की ओर से देर रात को ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करने वाले दो दो अपराधियो को गिरफ्तार भी किया गया है। पुलिस ने इन अपराधियो के पास से भारी मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर जब्त किए। पुलिस ने बताया कि यह लोग मजबूरी का फायदा उठा कर मरीजो से मनचाहे ऊंचे दामो में ऑक्सीजन सिलेंडर बेच रहे हैं।
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने झारखंड और बिहार के समकक्षो से बात की ताकि वे मेडिकल के कालाबाजारी को पकड़ने के लिए राज्यों के कुछ हिस्सों में छापामारी के लिए वे मदद कर सके और छापामारी की भी जा रही है। जबकि दिल्ली पुलिस ने कई आरोपों के तहत असामाजिक तत्वों के खिलाफ धोखाधड़ी के 225 मामले दर्ज भी किए हैं। जिसमें जरूरी दवाओं की सप्लाई का वादा, नकली वेबसाइट बनाना और कालाबाजारी और जमाखोरी के 78 दूसरे मामले भी दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा अस्पतालो में हर ट्रिप पर ₹1 लाख रूपए तक के मरीजों को ऑवर चार्ज करने के लिए भी तीन एंबुलेंस को जब्त किया गया है। इस छापे के दौरान 2,822 चिकित्सा उपकरण जप्त किए गए।
दिल्ली पुलिस ने देश भर में खासतौर से नोएडा और गुरुग्राम में कालाबाजारी को पकड़ने के लिए एक बड़ी पहल की शुरुआत की है। उदाहरण के रेमिडिसिविर की एक शीशी कथित तौर पर गुरुग्राम में कालाबाजारी में ₹2,500 प्रति शीशी में बेची गई है। जबकि पिछले हफ्ते गंभीर मरीजो के इलाज के लिए उपयोग किया जाने वाला टॉसिलिजूमाब इंजेक्शन प्रति इंजेक्शन 7.5 लाख से करीब 10 लाख के बीच बेचा गया है। इस तरह से कालाबाजारी होने के कारण उन लोगो को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचा है।
जिन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर, रेगुलेटर और यहां तक की बुनियादी दवाओ की आवश्यकता होती है और वो भी तब जब देश भर में ऐसी महामारी की दूसरी लहर बरस पड़ी है। ऐसे में दिल्ली पुलिस इन कालाबाजारीयो का पता लगाने में पूरी तरह से जुटी हुई है। दिल्ली में धोखाधड़ी और कालाबाजारी के आरोप में 35 व्यक्तियो को गिरफ्तारी के साथ ही दक्षिण और पश्चिम क्षेत्र में ज्यादातर मामले दर्ज किए हैं।
गिरफ्तार किए गए लोगो में से एक ने पीड़ितो को बिना सोचे समझे 4 हजार से 6 हजार की लागत से कोरोना वैक्सीन की पेशकश करने के लिए कथित तौर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक फर्जी वेबसाइट भी बनाई है। और इससे नकली वेबसाइट में राष्ट्रीय प्रतीक के साथ ही असली वेबसाइट की तरह ही लेआउट और बनावट भी एक जैसी ही थी। रेमेडिसविर इंजेक्शन के लिए अग्रिम भुगतान की मांग करने और फिर वादे को पूरा न करने से संबंधित भी कई मामले सामने आए हैं।
देश में फैली इस कालाबाजारी को पकड़ने पुलिस पूरी तरह से जुटी हुई है गुडंबा थाने के प्रभावी फरीद अहमद ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करने वाले दो अपराधियो के पास से 46 बड़े और 41 छोटे ऑक्सीजन के सिलेंडर बरामद किए गए हैं। ऐसे लोग आपदा के इस दौर में भी जरूरतमंदो की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे ऊंचे दामों में उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर बेचने का काम कर रहे थे जो पकड़े गए।

इन दोनो कालाबाजारी करने वाले अपराधियो को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम ने बताया कि देर रात करीब 11:30 बजे लखनऊ स्थित गुडंबा थाने की पुलिस टीम और क्राइम ब्रांच की टीम थाना क्षेत्र में लॉकडाउन का पालन कराने के लिए गश्त पर थे। तभी क्षेत्र में बालाजी जीवन दायनी गैस एजेंसी चलाकर ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करने से संबंधित कुछ जानकारी मिली।
सूचना पाकर बताई गई एजेंसी पर क्राइम ब्रांच थाने की पुलिस ने पहुंचकर जांच की तो वहां से कालाबाजारी करने वाले विष्णुजीत(41) और विकास (25) नाम से 2 अपराधियो को भारी मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ गिरफ्तार किया गया। यह कालाबाजारी करने वाले शातिर जरूरतमंदों की मजबूरी का फायदा उठाकर ऊंचे दामों में उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर बेचने का काम करते हैं। साथ ही इन दोनो शातिरो के पास से ₹1 लाख से ज्यादा नकद भी बरामद हुई है। इन दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है इन पर कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप में संक्रमित और गैर संक्रमित लोगों से ऑक्सीजन सिलिंडर और अन्य आवश्यक वस्तुओ के लिए उन्हें कई समस्या से गुजरना पड़ रहा है। आपदा के समय भी लाभ कमाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब समस्या यह है कि क्या पुलिस की कार्रवाई करने और कुछ कालाबाजारी करने वाले अपराधियो को गिरफ्तार करने के बाद क्या इनकी अकल ठिकाने आएगी। पूरी दुनिया में जहां ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहा है वैसे में ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करने वालों को पकड़ने के लिए पुलिस ने करवाई तो स्टार्ट कर दी है लेकिन अब सवाल यह है कि देश के हर राज्य में फैले इन लोगो को पकड़ना बेहद मुश्किल लग रहा है। क्योंकि ये केवल एक या दो नहीं है बल्कि ऐसे अपराधी बहुत है जो लोगो की जरूरतो का फायदा उठा रहे हैं।