यह दिन, सिविल सर्विस वाले नागरिको को समर्पित होता है अपनी प्रतिबद्धताओ और काम में उत्कृष्टता का नवीनीकरण करते हैं। आज के इस पोस्ट में हम आपको राष्ट्रीय नागरिक सेवा दिवस क्या है और यह कब और क्यों मनाया जाता है इस बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं।
इस दिन, ‘लोक प्रशासन में विशिष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार’ (Prime Minister’s Awards for Excellence in Public Administration) दीए जाते हैं। इस पुरस्कार स्कीम में, देश भर से बड़ी संख्या में जिले भाग लेते हैं और काफी बड़े पैमाने पर इसका आयोजन किया जाता है।
देश की सरकार के सार्वजनिक प्रशासन के लिए सिविल सेवा ही जिम्मेदार है। इसमें विधायी, न्यायपालिका और सैन्य कर्मी शामिल नहीं होते। सिविल सेवा के सदस्य किसी राजनीतिक सत्तारूढ़ पार्टी के लिए किसी प्रकार प्रतिज्ञा नहीं लेते लेकिन सत्तारूढ़ राजनीतिक दल की नीतियो के निष्पादक होते हैं।
सिविल सेवा (Civil Service) शब्द ब्रिटिश काल में आया था। जब कर्मचारी प्रशासनिक नौकरियो में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नागरिक शामिल थे जीन्हें ‘लोक सेवक’ के रूप में जाना जाता था।
इसकी नींव वॉरेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings) ने रखी थी आगे चलकर चार्ल्स कॉर्नवॉलिस (Charles Cornwallis) के द्वारा इसमें ज्यादा से ज्यादा सुधार किए गए। इसलिए उन्हें “भारत में नागरिक सेवाओ के पिता” (“Father of Civil Services in India”) के रूप में जाना जाता था।
भारतीय सिविल सेवा में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS), अखिल भारतीय सेवा, केंद्रीय सेवा समूह A और B की व्यापक सूची शामिल है।
21 अप्रैल के दिन लोग अपनी अनुकरणीय सेवाओ की याद में और सालो पहले उन्होंने जिन कामो को किया है उसे फिर से चिन्हित करने के लिए इस दिन को मनाते हैं। इसके अलावा, इस दिन वे आने वाले साल के लिए योजना बनाते हैं कि उन्हें अपने संबंधित विभागो के लिए कैसा काम करना है।
सिविल सेवा दिवस के उत्पत्ति
साल 1947 के 21 अप्रैल को सरदार वल्लभ भाई पटेल, गृह सदस्य और संसद ने अखिल भारतीय सेवाओ का उद्घाटन किया था। दिल्ली के मेटकाफ हाउस में अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा प्रशिक्षण स्कूल में परिवीक्षाधीन अधिकारियो को संबोधित करते हुए कहा की उन्होंने एक ऐसा भाषण दिया और सिविल सेवको को उनके पास्ट के अनुभवो को पीछे छोड़ते हुए राष्ट्रीय सेवा की सच्ची भूमिका को अपनाने का अधिकार दिया।

उन्होंने अपने भाषण में सिविल सेवको को ‘भारत का स्टील फ्रेम’ कहा इस प्रकार का पहला समारोह साल 2006 में 21 अप्रैल को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित किया गया था। इसलिए साल 2006 से इसे 21 अप्रैल को राष्ट्रीय नागरिक सेवा दिवस के रूप में मनाया। इस दिन लोक प्रशासन में विशिष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार भी दिए जाते हैं।
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस मनाने का उद्देश्य
- सिविल सेवा अधिकारियो के कार्य और प्रयासो को प्रेरित करना और उनकी सराहना करना।
- केंद्र सरकार इस अवसर का उपयोग सिविल सेवाओ के तहत विभिन्न विभागो के काम का मूल्यांकन करने के लिए करती है।
- केंद्र सरकार सबसे अच्छा काम करने वाले व्यक्तियो और समूहो को पुरस्कार देती है।
- इस दिन ज्यादातर केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियो को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा लोक प्रशासन के क्षेत्र में उनकी असाधारण सेवाओ के लिए सम्मानित किया जाता है।
- यह समारोह Department of the Administrative Reforms and Public grievances (DARPG) and Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions द्वारा आयोजित किया जाता है।
लाखों उम्मीदवार हर साल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं। इस बात को कभी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि सिविल सेवा वह स्तंभ है, जिस पर सरकार देश की नीतियो और कार्यक्रमो को सुचारू रूप से चलाती है। सिविल सेवको के योगदान को शब्दो में बयान नहीं किया जा सकता। इसलिए 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। ताकि देश के लिए उनके द्वारा किए गए अपार योगदान के लिए सिविल सेवको को प्रोत्साहित किया जा सके।
21 अप्रैल को क्यों मनाते हैं यह दिवस
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस मनाने का उद्देश्य यही है कि सिविल सेवा के अधिकारियो के काम और उनके प्रयासो को प्रेरित किया जा सके।
इस अवसर का उपयोग केंद्र सरकार सिविल सेवाओ के तहत विभिन्न विभागो के काम का मूल्यांकन करने के लिए करती है। इसीलिए ज्यादातर केंद्र और राज्य सरकारो के अधिकारियो को भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा लोक प्रशासन के क्षेत्र में उनकी असाधारण सेवाओ के लिए सम्मानित किया जाता है। लाखो उम्मीदवार हर साल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं
दरअसल सिविल सेवा वह संस्थान है जिस पर सरकार देश की नीतियो और कार्यक्रमो को सुचारू रूप से चलाती है।
सत्ता ने साल 1947 के 30 अप्रैल के दिन अखिल भारतीय सेवाओ का उद्घाटन किया था। दिल्ली के मेट्रो हाउस में अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा प्रशिक्षण स्कूल में परिविक्षाधीन अधिकारियो को संबोधित करते हुए सरदार वल्लभभाई पटेल ने एक प्रभावी भाषण दिया और सिविल सेवको को उनके भूतकाल के अनुभवो को पीछे छोड़ते हुए राष्ट्रीय सेवा की सचिव भूमिका को अपनाने का अधिकार प्रदान किया।