देश में कोरोना संक्रमण के मामले दिन प्रतिदिन रिकॉर्ड तोड़ते नजर आ रहे हैं और ऐसे में सरकार के अलावा निजी संस्थान के द्वारा किए गए योगदान को भी बहुत अहम माना जा रहा है।
देश में जहां चारो ओर कोरोना वायरस के कारण लोगों में हाहाकार मचा हुआ है ऐसे में सामने आया ऑक्सीजन की कमी का और महान समस्या। जिससे निपटने के लिए देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर वेंटीलेटर पर है। रोजाना ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना मरीज अपनी जान गवा रहे हैं।
कोरोना से बचने वाले मरीज भी ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनी जान गवा रहे हैं। ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ी संख्या में हो रही मौत को देखते हुए लोग अपने अपने तरीके से मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।
देश के अस्पतालो में ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए अब डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम(Paytm) और फिनटेक कंपनी Cred भी आगे आते नजर आए।
ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए पेटीएम(Paytm) अपने पेटीएम फाउंडेशन के द्वारा 10 करोड़ रूपए इकट्ठा करने के मकसद से फंडरेजिंग कर रहा है। साथ ही पेटीएम 3000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपकरणो का आयात करने की भी तैयारी में है।
ताकि जो कोरोना मरीज ऑक्सीजन की कमी से जान गवा रहे हैं, उनकी मदद की जा सके। पेटीएम ने “ऑक्सीजन फॉर इंडिया(OxygenforIndia)” के नाम से एक पहल की शुरुआत भी की है। कंपनी ने कहा है कि पेटीएम फाउंडेशन ने 1000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के आयात के लिए आर्डर भी दिया है जिसकी कीमत करीब ₹4 करोड़ रूपए है। साथ ही कंपनी चंदा वसूलने के द्वारा ₹10 करोड़ रूपए और जुटाने का लक्ष्य रखा है।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर अस्पताल, क्लीनिक और रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को देगी। वहीं CRED योजना की बात करें तो क्रेडिट कार्ड के भुगतान को सहूलियत देने वाली कंपनी क्रेड एप(CRED APP) ने देश के बड़े हेल्थ केयर फंड जुटाने वाले प्लेटफार्म मिलाप(Milap) के साथ साझेदारी की है।
कंपनी लोगो को अपने क्रेड प्वाइंट्स डोनेट करने के लिए प्रेरित कर रही है। क्रेड क्वीइंस डोनेट करने पर कंपनी जरूरतमंद मरीजो तक ऑक्सीजन पहुंचाएगी । क्रेड ने बताया कि हर बार यूजर्स की ओर से किए जाने वाले डोनेशन को मिलाप ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीद कर पूरे देश के अस्पतालो में पहुंचाने में उपयोग किया जाएगा।
पेटीएम ने कहा कि यह अपने प्लेटफार्म पर यूजर्स के द्वारा डोनेट किए गए हर रुपए के बराबर रुपए दान करेगी। जबकि CRED अपने यूजर्स को स्वास्थ्य संगठनो के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने के उनके क्रेड कॉइन डोनेट करने के लिए सक्षम बना रहा है।
पेटीएम ने कहा कि इसका उद्देश्य सरकारी और निजी अस्पतालो में कोरोना के देखभाल केंद्रो, गैर सरकारी संगठनों और रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के लिए 3000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का आयात करना है। “ऑक्सीजन फॉर इंडिया” इस पहल का हिस्सा है।
स्टार्टअप ने पहले ही 4 करोड़ रुपए लगाकर 1000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आयात करने का आर्डर दिया है। अब यूजर्स ने डेढ़ करोड़ रुपए तक का योगदान दिया है और पेटीएम फाउंडेशन ने उतनी ही राशि जोड़ते हुए उसे कुल 3 करोड़ रुपए कर दिया है।
कंपनी ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि “देश में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की पर्याप्त आपूर्ति नहीं है। यह देखते हुए फाउंडेशन ने इन उपकरणो को मंगाने के लिए एक्शन लिया है और इन्हें वैश्विक स्तर पर खोजने का फैसला किया।
ज्यादातर संख्या में जान बचाने के उद्देश्य से फाउंडेशन सोर्सिंग पार्टनर्स के साथ टाई-अप पर काम कर रहा है। ताकि नियत समय में समय के अंदर ही भारत में 30000 से भी ज्यादा ऑक्सीजन कौन स्ट्रेटर का आयात किया जा सके।
बेंगलुरु के CRED ने भी हेल्थ केयर संगठनो के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने के लिए फंड जुटाने की पहल शुरू की स्टार्टअप ने मेंबर्स को ऑक्सीजन से संबंधित उपकरणो को खरीदने और उनके CRED कॉइन को दान करने के लिए आमंत्रित किया।
CRED के कुणाल शाह ने ट्वीट करके कहा कि “यह कहना की हिम्मत बनाए रखें बहुत आसान है लेकिन ऐसा करना बहुत मुश्किल जब हम एक सामूहिक ताकत के रूप में एक साथ आएंगे तो हम इस संकट से उभर सकते हैं।
हमें वह सब करना है जो हम कर सकते हैं चाहे वह कितना भी छोटा प्रयास ही क्यों ना हो। हमें एक दूसरे के लिए राह आसान बनाने के लिए अपने प्रयासो को करते रहना है।
पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी विजय शंकर ने कहा कि मैं अन्य स्टार्ट अधिकारियो और कंपनियो से भी आग्रह करता हूं कि वह हमारे इस अभियान में हमारा हाथ बटाए और हमारे एक रुपए के योगदान में अपना एक रुपए का योगदान दें। ताकि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की आपूर्ति की संख्या को दोगुना किया जा सके और दुगने परिमाण में कोरोना मरीजो की जान बचाई जा सके।

ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए टाटा के बाद रिलाइंस कंपनी भी आगे आती नजर आई। रिलाइंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने जामनगर रिफाइनरी से विभिन्न राज्यो में (LMO)लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन कि सप्लाई में तेजी कर दी है। जामनगर तेल रिफाइनरी में रोजाना 1000 MT से ज्यादा मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहा है और जो कोरोना संक्रमण से बुरी तरह से प्रभावित राज्यो को फ्री में दी जा रही है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी खुद ही इस मामले की निगरानी कर रहे हैं। रिफाइनरी में ऑक्सीजन उत्पादन से लेकर उसकी लोडिंग, सप्लाई तक सभी पर मुकेश अंबानी नजर रखे हुए हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड न ने जामनगर रिफाइनरी के जरिए LMO के उत्पादन 1000 मीट्रिक टन बढ़ा दिया है। 1000 MT का मतलब यह है की इससे 1 लाख से ज्यादा लोगो की जरूरत को पूरा करने की क्षमता रखता है।
देश के हालात को देखते हुए रिलायंस आज अकेले भारत के करीब 11% मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहा है और हर दस में से 1 रोगी को ऑक्सीजन दी जा रही है। पिछले दिनो RIL की ओर से LMO का उत्पादन 700 मीट्रिक टन किया गया था।
जामनगर रिफाइनरी में ऑक्सीजन का उत्पादन
रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी में कच्चे तेल के उपयोग से डीजल, पेट्रोल, और जेट ईंधन जैसे उत्पाद बनाए जाते हैं। यहां मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पाद नहीं किया जाता था। लेकिन वर्तमान समय में कोरोना के बढ़ते मामलों से देश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत मच गई है।
जीसे देखते हुए रिलायंस ने अपने प्रोसेस में बदलाव कर मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया। रिलायंस ने मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन शून्य से 1000 MT तक बढ़ा दिया है। कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक रिलायंस इंडस्ट्री ही 55,000 मीट्रिक टन मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की फ्री सप्लाई कर चुका है।
देश में ऑक्सीजन के लिए ट्रांसपोर्टिंग की समस्या को देखते हुए रिलायंस ने 24 टैंकर्स को विदेश से एयरलिफ्ट किया है। भरत ने जिन देशो से एयरलिफ्ट किया है उनमें जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, सऊदी अरब और थाईलैंड भी शामिल है।