हिंदू धर्म के महान पर्वो में हनुमान जयंती एक महान पर्व है जो कि चैत्र महीने के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था। हनुमान जी कलयुग के सबसे प्रभावशाली देवताओ में से एक माने जाते हैं। इस दिन हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि विधान से पूजाा की जाति है।
साथ ही इस दिन हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सभी भक्त लोग हनुमान जी का व्रत भी रखते हैं। हनुमान जयंती के दिन पूर्णिमा होने के कारण इस दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। इसीलिए हनुमान जयंती पर अच्छे योग बन रहे हैं जिस योग के दौरान मांगलिक कार्यों को किया जा सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हनुमान जयंती के दिन विशेष प्रकार के प्रयोगो को करके ग्रहो को भी शांत किया जाता है। इस अवसर पर विवाह, शिक्षा, कर्ज, और कोर्ट कचहरी से जुड़े मामलो के लिए भी खास माना जाता है। हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी के साथ भगवान श्री राम जी की भी विधि विधान से पूजा करके आशीर्वाद लेना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से हनुमानजी जल्दी प्रसन्न होते हैं, इस दिन रामचरितमानस, अयोध्याकांड, बाल कांड, किष्किंधा कांड, लंका कांड, सुंदर कांड, अरण्य कांड, उत्तर कांड का विशेष पाठ किया जाता है।
भगवान श्री हनुमान जी के जन्म के बारे में कहा जाता है कि विष्णु जी के राम अवतार लेने के बाद जब रावण को दिव्य शक्ति प्रदान हो गई तब रावण ने अपने मोक्ष प्राप्ति के लिए शिव जी से वरदान मांगा कि उन्हें मोक्ष प्रदान करने के लिए कोई उपाय बताएं। तब भगवान शिव जी ने राम के हाथो मोक्ष प्रदान करने के लिए एक लीला रची।
शिवजी की इस लीला के अनुसार उन्होंने हनुमान के रूप में जन्म लिया था ताकि रावण को मोक्ष दिला सके। इस काम में राम जी का साथ देने के लिए स्वयं भगवान शिव जी के अवतार हनुमान जी आए थे, जो कि हमेशा के लिए अमर हो गए और रावण के वरदान के साथ उसे मोक्ष भी दिलवाया।

आज 27 April संकटमोचन बजरंगबली हनुमान जी का जन्मोत्सव है। इस दिन हनुमान जी के साथ भगवान श्रीराम जी का भी विधि-विधान से पूजा कीया जाता है। इस साल कोरोना वायरस से बचाव के लिए ज्यादातर राज्यो के धार्मिक स्थल बंद हैं। ऐसे में भक्तो को अपने घर पर रहकर ही हनुमान जी की पूजा अर्चना करनी होगी। इस दिन लोग हनुमान जी की पूजा करने के साथ सभी लोगो को हनुमान जन्मोत्सव की बधाई दी जाति है।
हर साल चैत्र पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव के ग्यारहवे रूद्र अवतार केसरीनंदन हनुमानजी का जन्म दिन यानि जन्मोत्सव मनाया जाता है। रामभक्त भगवान श्री हनुमानजी का जन्म त्रेतायुग में चैत्र पूर्णिमा तिथि पर सुबह के समय हुआ था। हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली की विधिवत पूजा-आराधना करने के साथ चोला, तेल और सिंदूर चढ़ाने का भी विधान है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस दिन हनुमानजी की भक्तिभाव से पूजा करने पर अशुभ ग्रह भी शुभफल देते हैं। इस दिन हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और हनुमान बाहुक का पाठ करने से जन्म कुंडली में रहने वाले अकाल मृत्यु के योग नष्ट होते हैं। इनकी आराधना के फलस्वरूप सभी अशुभ ग्रह शुभ फल देने लगते हैं। इस अवसर पर सभी हनुमान भक्त अपने दोस्त, रिश्तेदार और प्रियजनो को शुभकामना संदेश भेजते हैं।
शास्त्रो के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव कृष्ण चतुर्दशी और चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इस साल चैत्र मास की शुक्ल पूर्णिमा 27 अप्रैल साल 2021 के दिन मंगलवार के दिन है। इस दिन हनुमान जी के साथ ही भगवान श्री राम जी की भी पूजा होती है। शास्त्रो में भगवान श्री राम जी हनुमान जी के आराध्य हैं। ऐसे में बजरंगबली भगवान श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भगवान श्री राम जी की भी पूजा की जाती है। इस दिन पूर्णिमा होने के कारण भगवान विष्णु जी की पूजा और सत्यनारायण की कथा सुनी जाती है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
हनुमान जयंती की पूजा विधि
हनुमान जी की पूजा करने के लिए सबसे पहले उत्तर पूर्व दिशा में एक चौकी लगाए और उस पर लाल कपड़ा बिछाए। उसमें हनुमान जी के साथ भगवान श्री राम जी का चित्र या मूर्ति की स्थापना करें। फिर हनुमान जी को और भगवान श्री राम जी को फूल अर्पित करें। आप हनुमान जी को लाल रंग के फूल चढ़ाए और भगवान श्री राम जी को पीले फूल अर्पित करें।
उसके बाद लड्डू के साथ तुलसी के दल अर्पित करें पहले भगवान श्री राम जी का मंत्र “राम रामाय नमः” का जाप करें और फिर हनुमान जी का मंत्र “ओम हं हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें। इसके अलावा हनुमान जी को और ज्यादा प्रसन्न करने के लिए तिल के तेल में नारंगी और सिंदूर को घोलकर भगवान को चढ़ाए। इस अवसर पर हनुमान जी को चमेली के खुशबू वाला तेल और लाल फूल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है।इस दिन हनुमान जी को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद का भी विशेष ध्यान रखें, यानी कि जो भी प्रसाद चढ़ाएं नहा धोकर शुद्ध होकर शुद्ध वस्तुओ से बनाएं।