Wednesday, June 7, 2023
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चैत्र नवरात्रि व्रत 2021 जानिए इस पर्व के तिथि और माँ दुर्गा के स्वरुप के बारे में

होली के बाद अब नवरात्रि का पर्व आने वाला है, इस नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि का पर्व भी कहा जाता है। आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए चैत्र नवरात्रि के बारे में जानकारी लेकर आए हैं। चैत्र महीने के नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपो की पूजा की होती है और इस दौरान मैं विधि विधान से पूजा करने से माता  दुर्गा की विशेष कृपा दृष्टि बनती है।

मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना जाता है नवरात्रि में माता रानी की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख समृद्धि और शांति आती है। जीवन में नई खुशियां संकेत देने लगती है सभी मनोकामनाएं माता रानी पूर्ण करती है। आज के इस पोस्ट में हम आपको चैत्र नवरात्रि बारे में सभी जानकारी देने वाले हैं जैसे कि चैत्र महीने में नवरात्रि का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा। घट स्थापना से लेकर पूजा समाप्ति तक की विधि और मुहूर्त के बारे में इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं। तो आइए जानते हैं, की चैत्र नवरात्रि का पर्व कब आरंभ हो रहा है,

नवरात्रि का पर्व चैत्र मास में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र का महीना हिंदू नववर्ष का प्रथम महीना होता है। यह नवरात्रि का पर्व चैत्र मास में पड़ने के कारण इस नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि भी कहा जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार नवरात्रि के चार पर्व होते हैं। जिसमें से चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि को विशेष माना जाता है। 

नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपो की पूजा होती है। मां दुर्गा शक्ति का स्वरूप हैं जो जीवन में आने वाले बाधाओ को दूर करती है, मां दुर्गा अपने भक्त के किसी भी मनोकामना को पूरा करती है। नवरात्रि का पर्व प्रतिपदा की तिथि से नवमी तिथि तक चलता है। चैत्र नवरात्रि में नवरात्रि प्रारंभ, घटस्थापना, महाष्टमी, राम नवमी, नवरात्रि व्रत पारण सभी का विशेष महत्व होता है। 

इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 13 april मंगलवार के दिन हो रहा है और इस बार मां दुर्गा घोड़े की सवारी करके आ रही है। भागवतपुराण के अनुसार नवरात्रि में मां दुर्गा जब घोड़े की सवारी करके आती है तो इसका एक अलग ही संकेत होता है। ऐसा होने पर प्राकृतिक आपदाएं, सत्ता में उथल-पुथल जैसी कई विपदा आ सकती हैं।

चैत्र नवरात्रि कब प्रारंभ होगा

नवरात्रि का पर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से आरम्भ होकर नवमी तिथि तक चलता है। इस साल यह 13 अप्रैल से प्रारंभ होकर 22 अप्रैल को समापन होगा।

चैत्र नवरात्रि व्रत 2021 जानिए इस पर्व के तिथि और माँ दुर्गा के स्वरुप के बारे में
  • चैत्र नवरात्रि में घट स्थापना
  • पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि के पर्व का प्रारंभ 13 अप्रैल मंगलवार से होने जा रहा है। इस दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है, इसी दिन कलश स्थापना होगी।
  • माँ शौलपुत्री की पूजा 
  • घट स्थापना के दिन यानी नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
  • माँ  ब्रह्मचारिणी की पूजा
  • नवरात्रि पर्व के दूसरे दिन 14 अप्रैल बुधवार को मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाएगी.
  • माँ चंद्रघंटा की पूजा
  • नवरात्रि के तीसरे दिन यानि 15 अप्रैल गुरुवार के दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी।
  • माँ कुष्मांडा की पूजा
  • नवरात्रि के चौथे दिन यानी 16 अप्रैल शुक्रवार को कुष्मांडा माता की पूजा की जाएगी।
  • माँ स्कन्दमाता की पूजा
  •  नवरात्रि का पांचवे दिन 17 अप्रैल को पंचम तिथि की तिथि होती है इस दिन स्कन्दमाता की पूजा की जाति है।
  • माँ कात्यायनी की पूजा
  • नवरात्रि के छठे दिन 18 अप्रैल रविवार को मां कात्यायनी की पूजा की होगी।
  • माँ कालरात्रि की पूजा
  • पंचांग के अनुसार 19 अप्रैल सोमवार को सप्तमी की तिथि रहेगी, इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी।
  • माँ महागौरी की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि के अष्टमी तिथि 20 अप्रैल को है। इस दिन माता रानी के महागौरी रुप की पूजा की जाति है।
  • राम नवमी
  • चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि 21 अप्रैल बुधवार को है। चैत्र नवरात्रि के नवमी तिथि को राम नवमी भी कहते हैं। इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन भगवान राम की भी पूजा की जाती है।
  • चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण
  • चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण 22 अप्रैल गुरुवार को होगा, व्रतधारी को इस दिन विधि पूर्वक व्रत का पारण करना चाहिए।

नवरात्रि का महत्व

नवरात्रि उत्सव देवी अंबा का प्रतिनिधित्व करता है। जो जलवायु और सूरज के प्रभावो का महत्वपूर्ण संगम माना जाता है। ये दो समय माँ दुर्गा की पूजा के लिए एक पवित्र अवसर माना जाता है। इस त्योहार की तिथियां चंद्र कैलेंडर के अनुसार निर्धारित होती है। नवरात्रि का पर्व, माँ-दुर्गा के भक्ति और परमात्मा की शक्ति की पूजा करने का सबसे शुभ और अनोखा समय माना जाता है। यह पूजा वैदिक युग से पहले, प्रागैतिहासिक काल से चला आ रहा है। ऋषि के वैदिक युग के बाद से, नवरात्रि के दौरान की गई भक्ति प्रथाओं में से मुख्य रूप गायत्री साधना का है।

चैत्र महीने के नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपो की पूजा की होती है और इस दौरान मैं विधि विधान से पूजा करने से माता  दुर्गा की विशेष कृपा दृष्टि बनती है। मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना जाता है नवरात्रि में माता रानी की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख समृद्धि और शांति आती है। जीवन में नई खुशियां संकेत देने लगती है सभी मनोकामनाएं माता रानी पूर्ण करती है। आज के इस पोस्ट में हम आपको चैत्र नवरात्रि बारे में सभी जानकारी देने वाले हैं जैसे कि चैत्र महीने में नवरात्रि का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा। घट स्थापना से लेकर पूजा समाप्ति तक की विधि और मुहूर्त के बारे में इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं।

चैत्र नवरात्रि की तिथियां

  • चैत्र नवरात्रि का घटस्थापना मंगलवार 13 April 2021  घटस्थापना मुहूर्त सुबह 05:58 सेे 10:14 
  • तक रहेेेगा। आपको  04 घण्टे 16 मिनट इस अवधि के दौरान कलश स्थापना कर लेना ह
  • घटस्थापना अभिजित मुहूर्त सुबह 11:56 से 12:47 तक घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है।
  • प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ अप्रैल 12, April 2021 सुबह 08:00 बजे और यह प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी 13, April 2021 को सुबह 10:16 बजे। 
चैत्र नवरात्रि व्रत 2021 जानिए इस पर्व के तिथि और माँ दुर्गा के स्वरुप के बारे में

माँ दुर्गा के नौ स्वरूपो का अलग अलग मतलब होता है आइए जानते हैं देवी माता के नौ रूपो का क्या मतलब है।

  • शैलपुत्री – का मतलब होता है – पहाड़ों की पुत्री। 
  • ब्रह्मचारिणी – का मतलब होता है – ब्रह्मचारीणी।
  • चंद्रघंटा – का मतलब होता है – चाँद की तरह चमकने वाली माता।
  • कूष्माण्डा – का मतलब होता है – की पूरा जगत उनके पैरो में है।
  • स्कंदमाता – का मतलब होता है – कार्तिक स्वामी की माता।
  • कात्यायनी – का मतलब होता है – कात्यायन आश्रम में जन्म लेने के कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा।
  • कालरात्रि – का मतलब होता है – काल को नाश करने वाली माता।
  • महागौरी – का मतलब होता है – सफेद रंग वाली माता।
  • सिद्धिदात्री – का मतलब होता है – सर्व सिद्धि देने वाली माता।

नवरात्रि के समय केवल माता की पूजा ही नहीं बल्कि नौ देवियो की यात्रा भी की जाती है जोकि दुर्गा देवी के विभिन्न रूप व अवतार है। आइए जानते हैं नौ दुर्गा के कौन कौन से स्थल की यात्रा की जाती है। नवरात्रि में देवी के शक्तिपीठ और सिद्धपीठो पर भारी मेले लगते है। माता के सभी शक्तिपीठो का महत्व अलग-अलग है लेकिन माता का स्वरूप एक ही है। 

  1. माता वैष्णो देवी जम्मू कटरा
  2. माता चामुण्डा देवी हिमाचल प्रदेश
  3. माँ वज्रेश्वरी कांगड़ा वाली
  4. माँ ज्वालामुखी देवी हिमाचल प्रदेश
  5. माँ चिंतापुरनी उना
  6. माँ नयना देवी बिलासपुर
  7. माँ मनसा देवी पंचकुला
  8. माँ कालिका देवी कालका
  9. माँ शाकम्भरी देवी सहारनपुर

नवरात्रि भारत के विभिन्न भागो में अलग अलग प्रकार से मनायी जाती है। गुजरात में इस त्योहार को बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। गुजरात में नवरात्रि समारोह डांडिया और गरबा के रूप में मनाया जाता है  जो पूरी रात भर चलता है। डांडिया का अनुभव बड़ा ही रोमांचक होता है। देवी के सम्मान में भक्ति प्रदर्शन करने के लिए पहले गरबा, ‘आरती’ किया जाता है और उसके बाद डांडिया समारोह होता है। पश्चिम बंगाल के राज्यो में बंगालियों के मुख्य उत्सव में दुर्गा पूजा सबसे अलंकृत त्यौहार है। इस मशहूर उत्सव का जश्न दक्षिण, मैसूर के राजसी क्वार्टर को पूरे महीने प्रकाशित करके मनाया जाता है।

Jhuma Ray
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नमस्कार! मेरा नाम Jhuma Ray है। Writting मेरी Hobby या शौक नही, बल्कि मेरा जुनून है । नए नए विषयों पर Research करना और बेहतर से बेहतर जानकारियां निकालकर, उन्हों शब्दों से सजाना मुझे पसंद है। कृपया, आप लोग मेरे Articles को पढ़े और कोई भी सवाल या सुझाव हो तो निसंकोच मुझसे संपर्क करें। मैं अपने Readers के साथ एक खास रिश्ता बनाना चाहती हूँ। आशा है, आप लोग इसमें मेरा पूरा साथ देंगे।
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