Tuesday, June 6, 2023
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“World Tuberculosis day” ट्यूबरक्लोसिस डे के अवसर पर जानिए TB से जुड़े लक्षण, बचाव और बहुत कुछ।


पूरी दुनिया में 24 मार्च को ट्यूबरक्लोसिस डे मनाया जाता है। हिंदी शब्दावली के अनुसार इसे विश्व क्षय रोग के नाम से भी जाना जाता है। साल 1882 में 24 मार्च के दिन जर्मन फिजिशियन एवं माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबर्ट कोच ने टीबी के जीवाणु की खोज की थी। इस जानलेवा बीमारी के कारक बैक्टीरिया के पहचान करने की पुष्टि की थी। इसलिए इस घातक बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल इस दिन को याद किया जाता है। जिसके परिणामस्वरूप टीबी के निदान और इलाज में काफ़ी मदद मिली। वैसे तो हमारे देश में TB का इलाज मौजूद है लेकिन फिर भी घातक स्वास्थ्य स्थिति के कारण हर साल विकसित देशो में भी करीब 1.5 मिलियन लोग टीबी का शिकार होकर मर जाते हैं।


Tuberculosis day पर क्या होता है

24 मार्च का दिन, विश्व टीबी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) के तत्वाधान में पूरे विश्व में टीबी से संबंधित कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं। साथ ही कुछ शैक्षिक संस्थान में आज के दिन TB से बचने के उपाय और लक्षण की जानकारी दी जाती है। जिसका उद्देश्य इस वैश्विक बीमारी के प्रति लोगो को जागरूक करना और इसे खत्म करना है। साधारण भाषा में टीबी को हम क्षयरोग यानि तपेदिक के नाम से भी जानते हैं। विश्व टीबी दिवस को हर साल एक विशेष और अलग अलग थीम के साथ आयोजित किया जाता है और साल 2021 में  इस दिवस का थीम रखा गया था ‘द क्लॉक इज टिकिंग’(The clock is ticking)। टीबी दिवस के संदर्भ में इस थीम का अर्थ देखा जाए तो इसका मतलब यह है कि टीबी के खात्मे के लिए ग्लोबल लीडर्स द्वारा जताई गई प्रतिबद्धताओ पर काम करने के लिए दुनिया का समय बेहद तेजी से बीतता जा रहा है। 

“World Tuberculosis day” ट्यूबरक्लोसिस डे के अवसर पर जानिए TB से जुड़े लक्षण, बचाव और बहुत कुछ।

क्या है ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis)


TB यानी क्षयरोग एक संक्रामक बीमारी है।इकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नाम का बैक्टीरिया टीबी के कारण बनता है यह बीमारी हवा से फैलती है। इसलिए आमतौर पर लोगो को टीबी हो जाता है यह बीमारी किसी टीबी रोगी के संपर्क में आने से भी फैलती है। टीबी का कोई लक्षण पहले दिखाई नहीं देता, लेकिन संक्रमण जीवित होने पर वो बाद में सक्रिय हो सकता है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो पीड़ित मरीज के खांसने- छींकने के दौरान मुंह-नाक से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स के द्वारा अन्य स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकती है। TB केवल फेफड़ो को ही प्रभावित नही करता यह शरीर के दूसरे हिस्सो में भी हो सकता है। टीबी का इलाज सही समय पर सही इलाज मिलने से संभव है जबकि इलाज में लापरवाही जानलेवा भी साबित हो सकता है।

TB के प्रकार

 
टीबी के ज्यादातर मामले एंटीबायोटिक दवाओ से ठीक हो जाते हैं, लेकिन इसमें बहुत समय लग जाता है। आमतौर पर इसकी दवा 6 से 9 महीने तक चलती है। ट्यूबरक्लोसिस दो प्रकार के होते हैं। पहला होता है लेटेंट टीबी जिसमें लोग आमतौर पर बीमार नहीं पड़ते। इसमें शरीर में कीटाणु तो होते हैं, लेकिन आपका इम्यून सिस्टम इसे फैलने से बचा लेता है। ये संक्रामक नहीं होता और इसमें लक्षण साफतौर पर दिखाई नहीं देते। हालांकि शरीर में होने के कारण यह कभी भी एक्टिव हो सकता है। दूसरे तरह के टीबी को एक्टिव टीबी कहते हैं। इसमें कीटाणु बहुत जल्दी पूरे शरीर में फैलने लगते हैं, जिससे आप बीमार पड़ जाते हैं।


टीबी का कारण 

“World Tuberculosis day” ट्यूबरक्लोसिस डे के अवसर पर जानिए TB से जुड़े लक्षण, बचाव और बहुत कुछ।


TB भी फ्लू की तरह हवा के जरिए फैलने वाले बैक्टीरिया से होता है। यह एक संक्रामक बीमारी है और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से ही फैलती है। इसके अलावा HIV के मरीजो, अस्पताल में काम करने वाले लोगो और सिगरेट पीने वालो में इसका खतरा ज्यादा होता है।

टीबी के लक्षण


लेटेंट टीबी के कोई लक्षण नहीं होते हैं। स्किन या ब्लड टेस्ट के द्वारा इसका पता लगाता या सकता है। वहीं एक्टिव TB में 3 हफ्ते से ज्यादा तक कफ बना रह सकता है। छाती में दर्द, खांसी में खून आना, थकान, रात में पसीना आना, ठंड लगना, बुखार लगना, भूख ना लगना और वजन कम हो जाना इसके मुख्य लक्षण होते हैं। अगर आपको इनमें से कोई लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करके अपना टेस्ट करवाएं।

  • अगर किसी को 3 हफ्ते से ज्यादा समय तक खांसी आ रही हो 
  • खांसी में खून या थूक का आना।
  • बार बार बुखार लगना।
  • भूख में कमी होना।
  • छाती में दर्द महसूस होना।
  • हमेशा थकान का अनुभव होना।


अगर किसी व्यक्ति को ऐसे लक्षण दीखते हैं तो उन्हें जल्द से जल्द डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

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ट्यूबरक्लोसिस से बचने के उपाय

  • बच्चों को बीसीजी(BCG) का वैक्सीन लगवांए।
  • टीबी के मरीज के पास मास्क पहन कर जाएं।
  • टीबी के रोगी के पास श्वसन स्वच्छता बनाए रखी जानी चाहिए।
  • टीबी के बारे में शिक्षा और जागरूकता बीमारी को कुछ हद तक कम कर सकती है।

साल 2021 में टीबी के मरीजो का आंकड़ा

टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य साल 2025 तक पूरा होना कठिन है। क्योंकि टीबी के मरीजों के आंकड़े हर साल बढ़ते ही जा रहें हैं। साल 2017 में पूरे देश में 17 लाख 34 हजार 905 टीबी मरीज मिले थे। जबकि साल 2018 में यह संख्या बढ़कर 21 लाख 1 हजार 82 हो गई। वहीं साल 2019 में देश में चिन्हित मरीजों की संख्या 24 लाख 1 हजार 589 थी, लेकिन साल 2020 में टीबी मरीजों की संख्या काफी गिर गई। पिछले साल देश में 18 लाख 11 हजार 105 मरीज मिले थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार टीबी अभी भी दुनिया की सबसे घातक संक्रामक किलर डिज़ीज़ में से एक है। हर दिन, करीब 4 हज़ार लोग टीबी से अपनी जान गंवाते हैं और 28 हज़ार के करीब लोग इस रोकथाम और इलाज की जा सकने वाली बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। टीबी से निपटने की वैश्विक कोशिशो के कारण साल 2000 से करीब 63 मिलियन लोगो की जान बचाई जा सकी है।

हेल्दी इम्यून सिस्टम के द्वारा TB के बैक्टीरिया से लड़ा जा सकता है। 

लेकिन अगर आपको HIV, डायबिटीज, किडनी की बीमारी, सिर या गर्दन का कैंसर है या फिर आपका वजन बहुत कम है, तो आपको यह बीमारी आसानी से हो सकती है। इसके अलावा अर्थराइटिस, क्रोहन रोग और सोरायसिस की दवाएं लेने वालो में भी टीबी होने की संभावना अधिक ही होती है। इसका इलाज इस पर निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार का ट्यूबरक्लोसिस है। लेटेंट टीबी होने पर आपको ऐसी दवा दी जाएगी, जिसमें बैक्टीरिया एक्टिव ना हो पाएं। ये दवाएं 9 महीने तक लेनी होती हैं वहीं एक्टिव टीबी होने पर कुछ और दवाएं दी जा सकती हैं जिन्हें 6 से 12 महीने तक लेना होता है। अगर आपको इन्ही दवाओं के कारण टीबी हुआ है, तो इसका ट्रीटमेंट अलग होगा और इसमें 30 महीने तक दवा लेनी पड़ सकती है। टीबी की दवाएं लंबी चलती है, जिस कारण कुछ लोग इस कोर्स को पूरा नहीं करते, लेकिन इसे कभी भी आधी-अधूरी नहीं छोड़नी चाहिए। 

“World Tuberculosis day” ट्यूबरक्लोसिस डे के अवसर पर जानिए TB से जुड़े लक्षण, बचाव और बहुत कुछ।

ज्यादातर लोग अच्छा महसूस करने के बाद इसकी दवा लेना बंद कर देते हैं और जिस कारण फिर से बेक्टेरिया हमला कर देता है। जिन देशो में टीबी की बीमारी आम है, वहां बच्चों को बीसीजी(BCG) वैक्सीन लगवाई जाती है। अगर आपको लेटेंट इंफेक्शन है तो आप अपनी दवाएं लगातार लेते रहें, ताकि वो बैक्टीरिया एक्टिव और संक्रामक ना हो पाए। अगर आपको एक्टिव टीबी है तो लोगो के साथ आप अपना संपर्क कम कर दें। हंसते बोलते, या छींकते, खांसते समय अपने मुंह को ढक कर रखें, ट्रीटमेंट के पहले सप्ताह मास्क लगाकर रखें। ऐसी जगहो पर जाने से बचें जहां आसानी से टीबी फैल सकता है। 

Jhuma Ray
Jhuma Ray
नमस्कार! मेरा नाम Jhuma Ray है। Writting मेरी Hobby या शौक नही, बल्कि मेरा जुनून है । नए नए विषयों पर Research करना और बेहतर से बेहतर जानकारियां निकालकर, उन्हों शब्दों से सजाना मुझे पसंद है। कृपया, आप लोग मेरे Articles को पढ़े और कोई भी सवाल या सुझाव हो तो निसंकोच मुझसे संपर्क करें। मैं अपने Readers के साथ एक खास रिश्ता बनाना चाहती हूँ। आशा है, आप लोग इसमें मेरा पूरा साथ देंगे।
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